भाई ने बहन को सच के दर्शन करवाए

ही रीडर्स, हाउ अरे योउ ऑल?

जैसा की मैने लास्ट पार्ट में बताया था, की मैं आपको इस पार्ट में रीज़न बतौँगा, की इतना गॅप क्यू आया स्टोरी पोस्ट करने में. तो ये रीज़न आपको इस स्टोरी के एंड में पता चलेगा. तो चलिए स्टोरी शुरू करते है.

मे: आक्च्युयली दी, मों ने जान-बूझ कर नॉक किया था. क्यूंकी उनको पता था की आप मुझसे चूड़ने को रेडी हो. इसलिए हमारी चुदाई ना हो पाए, इसकी वजह से मों ने नॉक किया, और आपको वाहा से ले गयी.

दी: क्या?

मे: हा दी, मों को हमारे अफेर के बारे में पहले से पता था. इसलिए तो उन्होने तुम्हारी शादी फटाफट करवा दी.

दी: एक मिनिट, तेरा कहने का मतलब है, की मों पहले से ही जानती थी, की हम दोनो के बीच क्या चल रहा था. पर, कब और कैसे? तुझे किसने बताया?

मे: खुद, मों ने.

दी: क्या? तू मुझे सब डीटेल में बता.

मे: आपको शादी के दिन छोड़ नही पाया, उसका बेहद अफ़सोस था मुझे. आपको जीजू का लंड पसंद आया की नही, तुमने फर्स्ट नाइट को एंजाय किया की नही, ये सभी सवाल मेरे दिमाग़ में घूम रहे थे. और आपने तो व्हातसपप पे मुझे रिप्लाइ देना ही बंद कर दिया था.

मे: तो मैने आपकी शादी से 1 वीक बाद आपको मिलने आने का प्लान बनाया. पापा ये सुन कर मान गये, पर मों ने माना किया, की दी की अभी नयी शादी हुई है, तो मैं उन्हे डिस्टर्ब ना करू.

मे: पर मेरी ज़िद देख कर पापा ने ग्रीन सिग्नल दे दिया. मैं खुश था, पर मों के चेहरे पर चिंता दिख रही थी.

मों: ठीक है, पर तेरी ट्रेन बुकिंग करने से पहले मुझे तेरी दी से बात करने दे. और पूछने दे के वो कही हनिमून का प्लान तो नही बना रहे.

पापा: हा, ये ठीक है. पर उसको ये मत बताना, की उसका भाई मिलने आ रहा है. उसको सर्प्राइज़ मिलेगा.

मों: ठीक है. मैं बाद में कॉल करके पूछती हू.

और पापा ऑफीस चले गये. मों ने गाते को लॉक किया, और मुझे अपने बेडरूम में आने का इशारा किया. मैं अंदर चला गया. अंदर जाते ही मों ने बेडरूम भी अंदर से लॉक किया.

मों: बता, माइज़ॉयर क्यू जाना चाहता है?

मे: ऑफ कोर्स, दी को मिलने, और किस लिए?

मों: सच बता?

मे: क्या सच?

मों: तू सिर्फ़ मिलने की सोच रहा है. या उसको मिल के तू उस दिन शादी वाला अधूरा काम पूरा करना चाहता है?

मे(फाटती आँखों से): क्या मतलब है तुम्हारा?

मों: मतलब ये की तू माइज़ॉयर जाके अपनी दी के साथ सेक्स करना चाहता है?

मेरी नज़रे नीची हो गयी.

मों: मुझे पता चलता है, की घर में क्या चल रहा होता है. मैने काई बार तुम्हे किस करते हुए देखा था. तुम दोनो जवान हो चुके थे. इसलिए तुमको दाँत-ते या धँकते, और तुम कोई ग़लत कदम ना उठाओ इसलिए मैने तेरी दी की जल्दी शादी करवाने का फैंसला किया.

मों: और साथ-साथ मैने तुम दोनो पे भी नज़र रखी हुई थी, की तुम दोनो अपनी लिमिट क्रॉस ना करो. और माइज़ॉयर का रिश्ता आते ही, हमने लड़का देखा, और अछा लगा. तो हा कर दी. तुम दोनो जितना डोर रहोगे, उतना ही सब के लिए अछा होगा.

मों: और शादी वाले दिन जब, मैने सब को नीचे आते हुए देखा, तो पता चला, की तेरी दी ने सब को कुछ देर के लिए बाहर भेज दिया है. तब मुझे लगा की तुम दोनो ये एक लास्ट चान्स लेना चाहते थे.

मों: तब मैं वाहा साइड की खिड़की से तुम्हारा सीन देख रही थी. और मैने रिघ्त मोमेंट को देख कर नॉक किया और तुम्हारा प्लान फैल कर दिया.

मे: रिघ्त मोमेंट मतलब?

मों: अगर मैं चाहती तो उपर आते ही सीधा नॉक कर सकती थी. पर मैने पहले अंदर का सीन देखा, जब तूने अनु को किस्सिंग वग़ैरा से गरम किया, तब तक मैने नॉक नही किया. पर जब तूने अनु को घोड़ी बना कर अपना ये (मेरे लंड की और इशारा करते हुए) बाहर निकाला, तब मैने नॉक करना सही समझा.

मे: पर उस टाइम क्यूँ?

मों: क्यूंकी, अनु भी करीबन मेरी जैसी ही है. हमे रिस्क लेने वाले लड़के पसंद है. उस दिन अनु रेडी थी, मौका भी था. ज़रूरत थी तो तुझे अनु को पकड़ लेने की, जब वो गाते की तरफ बढ़ रही थी.

मों: अगर तूने उस शाम अनु के अंदर अपना इनसर्ट कर दिया होता, तो वो तेरी ज़रूर हो जाती. पर मुझे पता था, की अगर तू चान्स पे डॅन्स नही करेगा, तो अनु तुझे माफ़ नही करेगी, और वैसा ही हुआ.

मों: तो अब तू अनु के ख़याल को भूल जेया, और उसको अपनी ग्रहअस्ती में सेट होने दे. और तू अपनी पढ़ाई पे कॉन्सेंट्रेट कर.

(और मेरे कंधो पे हाथ रखते हुए, मेरे सिर को उपर किया और कहा)

मों: बेटा, बीती बातों को भूल जेया. अभी तेरे सामने जो चीज़े है, उसपे ध्यान दे.

(और मों स्माइल करने लगी)

मे: ओक मों. (और मैं मों के बेडरूम को ओपन करके वाहा से चला गया)

जब ये पूरी बात मैने दी को बताई तो वो पूरी तरह शॉक्ड हो गयी थी.

दी: ओह मी गोद. इतना बड़ा खेल मों ने खेला? और हमे पता भी नही चला.

मे: मैं भी ऐसे ही शॉक्ड था फर्स्ट टाइम.

दी: मुझे मों से ये उम्मीद नही थी. अगर उसको हमे रोकना होता, तो पहले ही रोक देती. पर मेरी जल्दबाज़ी में शादी, और शादी के दिन हमे अपना काम पूरा ना करने देना. ये सब तो मैं सोच भी नही सकती. मैं इसके लिए मों को कभी माफ़ नही करूँगी.

मे: ऐसा नही बोलो अनु, वो हमारी मों है. उसने जो भी किया होगा सोच समझ कर किया होगा. वैसे भी मुझे यहा भेजने का आइडिया भी मों का ही था?

दी: वॉट?

मे: लास्ट वीक मों ने मुझसे कहा था की उन्हे तेरी फिकर हो रही है. तो मैं तुझसे मिल अओ. इसलिए मैं आ गया, और अब हम यहा पे है.

दी: तो तुझे अचानक मों ने लास्ट वीक में ये बोला?

मे: आक्च्युयली, पिछले कुछ हफ़्तो से मों का बिहेवियर मुझे चेंज लगा. पहले वो मुझे इतना भाव नही देती थी. पर कुछ दीनो से वो मेरा अछा ख़याल रखने लगी है.

दी: एग्ज़ॅक्ट्ली, कब से, कुछ डटे याद है?

मे: नही दी. पर शायद लास्ट मंत मों का बर्तडे था, उसी दिन से.

(ये सुन कर दी की आँखों में चमक सी दौड़ गयी)

दी: ह्म, चलो जो भी हुआ, अछा ही हुआ. मों की वजह से हमारा काम अधूरा रह गया था. वही फिर मों की वजह से शुरू हो गया.

मे: हा दी. हमे मिल कर मों को तांकष बोलना चाहिए. तो चलिए ना घर चलते है कुछ दिन. वाहा तुम मेरी 1स्ट्रीट विश भी पूरी कर डोगी.

दी: ह्म, ठीक है.

मे: और जीजू?

दी: वो तुम मुझपे छ्चोढ़ दो. और तुम जेया कर ट्रेन की बुकिंग करवा लो, आज रात की.

मे: ओक दी.

स्टोरी लाते पोस्ट करने का रीज़न, ये हमारे अपने घर पहुँच कर बाद में हुआ इन्सिडेंट है.

आक्च्युयली, हुआ यू, की मैं जब ड्के की साइट ओपन करता, और दी मुझे देखती तो मैं अपना मोबाइल च्छूपा देता. पर एक दिन मैं सोफे पे लेता हुआ था, और मुझे अंदर से दी की आवाज़ आई-

दी: भाई तुझे मों च्चत(टेरेस) पे कपड़े लेने बुला रही है.

तो मैं उपर गया, और मेरा मोबाइल चार्जिंग में रखा हुआ था. मैने पवर बटन दबाया, पर वो शायद प्रेस नही हुआ था. और उस टाइम मैं इस स्टोरी के आप सब रीडर्स के कॉमेंट्स पढ़ रहा था.

तो दी जब वाहा से गुज़री, उसने मोबाइल की स्क्रीन को ओं पाया, और ड्के की साइट ओपन थी ब्राउज़र में. दी ने तोड़ा रेड किया और वो समझ गयी, की ये उसकी स्टोरी है.

दी के पास ज़्यादा टाइम नही था. इसलिए उसने अपने फोन से ड्के की वेबसाइट, स्टोरी, टाइटल वग़ैरा की फोटोस अपने फोन में लेकर मेरा फोन वापस रख दिया.

फिर बाद में दी ने सब एपिसोड्स को इतमीनान से पढ़ा होगा. और आप सब के कॉमेंट्स भी. इसलिए दी मुझसे ठीक से बात नही करती थी. मैने बहुत बार उसको अप्रोच किया, पर वो मुझे अवाय्ड कर रही थी. कुछ दिन बाद, जब मों माल गयी हुई थी, तब मैने दी को आख़िर पकड़ ही लिया,

मे: क्या हुआ दी, मुझसे बात तो करो?

दी: नही करनी कोई बात तुझसे.

मे: क्यूँ, क्या हुआ? मुझसे कोई ग़लती हो गयी क्या?

दी: ग़लती उसको कहते है, जो अंजाने में हो. तू जो जान-बूझ के करता है, वो ग़लती नही.

मे: मतलब?

दी: मतलब को छ्चोढ़. तू एक बात बता. तेरी नज़रो में मैं क्या हू?

मे: मेरी बड़ी सिस्टर.

दी: और हमारा ये नया रिश्ता. वो क्या है तेरे लिए?

मे: वो हमारा प्यार है, एक-दूसरे के लिए.

दी: और ये प्यार घर की चार दीवारी में ही अछा लगता है ना?

मे: हा दी. ये तो घर के अंदर की बात है.

दी: तो भोंसड़ी के, इसको पूरी दुनिया को क्यूँ बता रहा है? (और दी ने अपने मोबाइल में ड्के की साइट का फोटो दिखाया)

दी: अब ये मत कहना, की ये तूने नही लिखा, और ये हमारी स्टोरी नही है. (दी का चेहरा पूरा लाल हो चुका था)

मे: मैं माना नही करूँगा. पर पहले तुम मेरी बात तो सुनो.

दी: अब क्या रह गया है सुनने को, हा? तुम लड़कों को तो बस छूट मारने से ही मतलब है. मैने और भी स्टोरीस पढ़ी है, कोई अपनी भाभी की, कोई पड़ोसन की, कोई साली की, कोई मामी की, कोई अपनी बेहन की ले रहा है.

और तो और अपनी मों को भी नही छ्चोढा तुम लोगों ने. और उसके बाद बड़े मज़े से अपनी पूरी कहानी दुनिया को सुनते है, की कैसे उन्होने अपनी मों को छोड़ा.

मे: ह्म.

दी: तूने जो स्टोरीस उपलोआड की है, उसके कॉमेंट्स तूने देखे? सब कहते है की काश उनकी सिस्टर भी मेरी तरह होती. कोई तो मुझे ही छोड़ना चाहता है, वॉट थे फक!

मे (मुस्कुराते हुए): तुम्हे चूड़ना है क्या, किसी और से?

दी: मार खाएगा तू मेरे हाथो से. (दी अभी भी गुस्सा लग रही थी)

मे: दी, अभी आप गुस्से में हो. जब तोड़ा शांत हो जाओ, तब मैं आपको समझौँगा, और तब शायद आप समझ जाओ.

दी कुछ नही बोली, वो अभी भी गुस्से में ही बैठी थी.

मे (रूम से बाहर जाते हुए): अब बस कुछ ही दिन बाकी है आपकी रिटर्न ट्रेन में. और ये टाइम मैं आपके साथ प्यार करके बिताना चाहता हू, ना की झगड़ा करके. तो चाय्स आपकी है.

मे: बंगलोरे में तो जीजू ऑफीस होते थे दिन भर. इसलिए हमे टाइम मिलता था लोवे करने को. पर यहा, तुमको पता है की हमे ये मों से च्छूप के करना है. और जब अभी मों मार्केट गयी हुई है, ऐसे मौके का फ़ायदा उठाने की बजाए, हम बेकार की बातों में टाइम वेस्ट कर रहे है.

और मैं वाहा से चला गया. दी भी कुछ दिन के बाद वापस चली गयी. वो इस ड्के की स्टोरी वाली चीज़ को दिमाग़ से नही निकाल पाई. मुझे पता था की दी शायद टाइम तो टाइम चेक करती होगी, की मैने नयी स्टोरी डाली या नही.

इसी वजह से मेरी स्टोरी डालने में इतना गॅप हो गया. फिर कुछ महीनो बाद एक दिन अचानक दी का मुझे व्हातसपप पे मेसेज आया-

दी: जो तूने शुरू किया है, उसको पूरा कर ले. तू अपनी स्टोरी को ख़तम कर, पर जल्दी निपटा इसको. मैं और तेरे जीजू नेक्स्ट वीक आ रहे है वाहा.

इसलिए मैने स्टोरी डालना रेज़्यूमे किया, और ये पार्ट्स आपके सामने है.

तो फ्रेंड्स कैसा लगा ये पार्ट ज़रूर बताईएएगा, कॉमेंट्स करके. मिलते है नेक्स्ट पार्ट में जल्द ही.

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