आप सभी को एक बार फिरसे नमस्कार. उमीद है की आपको मेरी कहानी का हर एपिसोड पसंद आ रहा होगा. पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की मेरी दीदी अपनी एंगेज्मेंट की शॉपिंग करने आज अकेले ही गयी थी, और मैने दीदी के पर्स में वाय्स रेकॉर्डर रख दिया था.
अब रात होते ही मैं उसमे से मेमोरी कार्ड निकाल के मोबाइल से सुनने लगा. दीदी घर से निकलते ही अपनी एक और दोस्त जिसको मैं जानता हू, रानी, उसके घर चली गयी. ये वाय्स में सॉफ उसका नामे सुन के पता चल गया. और रानी मेरे गाओं की है, तो उसकी आवाज़ भी मुझे पता है.
मैने पहचान लिया की वही रानी थी. फिर दोनो शॉपिंग के लिए निकल गयी. रास्ते में दीदी और रानी के बीच में बात होने लगती है.
दीदी: रानी मुझे पता है की तुमको कुछ खरीदना नही है. फिर तूने मार्केट आने के लिए कॉल क्यूँ की थी.
रानी: यार सुष्मिता, मेरा ब्फ मेरे बिना मररा जेया रहा है. बहुत दिन से हम दोनो कोई आइडिया खोज रहे थे. लेकिन मौका नही मिल पा रहा था.
दीदी: तो आज कैसे प्लान बन गया? और आज का क्या प्लान है?
रानी: यार मैं घर पे बोल दी की सुष्मिता दी की एंगेज्मेंट है, तो मुझे कुछ शॉपिंग करनी है. और फिर घर वाले आपके साथ आने के लिए मान गये.
दीदी: क्या प्लान है ब्रजेश के साथ में आज?
रानी: उसके दोस्त का रूम खाली है. वही पे जाना है.
दीदी: आज तो छूट की मसाज होगी तुम्हारी. रंडी बन के लेगी या रखैल, रानी?
रानी: दीदी आप भी तो आयुष की रंडी ही हो. जितना आप चुडवाई हो, आप तो सच की रंडी हो दीदी.
दीदी: देख तो इसके चेहरे पे कैसी खुशी झलक रही है रंडी सुनते ही. ब्रजेश ही तुझे शांत करेगा आज जेया ही रही है. बहुत दिन से मेरे से बोल रही थी ना की आग लगी है. आज दिन भर टाइम है, सारी गर्मी निकलवा लेना छूट की.
रानी: हा दीदी,;बहुत खुजली हो रही है. मैं कब से तड़प रही हू ब्रजेश का लेने के लिए.
ये बातें सुन करके मैं हैरान हो गया, की साला ये दोनो अपनी बातें शेर करती थी. यानी रानी दीदी मेरी दीदी के बारे में सब जानती थी, और मेरी दीदी भी रानी के बारे में.
रानी: क्यूँ रे सुष्मिता, केवल आयुष ही ले रहा है? या उसके दोस्तों का भी खा चुकी है?
दीदी: अर्रे नही रानी. आयुष ही छोड़ रहा है. उसके दोस्त सेयेल कमीने है. सब हमेशा चुदाई देखने के लिए आयुष के साथ आ जाते है. जब आयुष को में माना करती हू तो बोलता है ये 3 दोस्त मेरे अपने है, कोई फराक मत करो मेरे और इनमे. इसलिए में छुड़वा लेती हू, और उनके सामने भी पावं खोल देती हू.
अब दोनो बातें करते-करते टाउन पहुँच जाते है. फिर रानी दीदी का ब्फ बिके लेकर आता है, और दोनो को अपने रूम पे लेकर चला जाता है. रूम पर आने के बाद-
ब्रजेश: क्यूँ सुष्मिता, कैसी हो? और आयुष का क्या हाल-चाल है? दे रही हो या नही?
दीदी: आप भी ना ब्रजेश, वो मेरा ब्फ है. और ब्फ है तो लेगा ही.
ब्रजेश: देख करके लग रहा है काफ़ी ले रहा है. बड़ी जल्दी-जल्दी जवान हो रही हो.
दीदी: बस भी करो ब्रजेश.
फिर कुछ पूछ-पूछ की आवाज़ आने लगती है. शायद ब्रजेश रानी को किस कर रहा होगा.
दीदी: आबे कामीनो, मैं यही हू.
ब्रजेश: तो क्या हो गया दीदी? आप तो सब कुछ जानती हो. सब देखी भी हो. भूल गयी काई बार आपके सामने ही रानी को छोड़ा हू तो.
मैं तो साला सुन के शॉक हो गया. मतलब मेरी संस्कारी बेहन ने अपनी लाइफ में क्या-क्या गुल खिलाए है. और अभी तक तो मुझे बस आयुष और उसके दोस्तों के सामने नंगे हो कर हुई चुदाई का ही पता था.
ये तो रानी की उसके ब्फ के साथ चुदाई में साथ भी रही थी. और वो भी काई बार. ये सोच कर मेरे मॅन में आया, फिर तो ब्रजेश जब रानी को छोड़ रहा होगा, तो मेरी दीदी देखी ही होगी. रानी और ब्रजेश दोनो को चुदाई करते हुए क्या नज़ारे होंगे यार. और उस समय मेरी दीदी क्या कर रही होगी, मुझे तो साला पता ही नही है.
दीदी: हा ब्रजेश भाई, मुझे पता है आप जब रानी को छोड़ते हो तो कैसे भूखे भेड़िए की तरह खा जाते हो मेरी बेहन को. तोड़ा आराम से ही खाया करो.
ब्रजेश: रानी को देख कर बर्दाश्त ही नही होता है सुष्मिता दीदी.
दीदी: ठीक है, तुम दोनो शुरू होने से पहले मुझे मार्केट में छ्चोढ़ दो, और फिर तुम लोग शुरू होना.
ब्रजेश बोलता है: ठीक है चलो.
वो रानी से बोल देता है: तब तक ये लाया हू, कुछ खाना है तो खा लो. मैं 10 मिनिट्स में मार्केट ड्रॉप करके आता हू.
अब ब्रजेश जो रानी का ब्फ था, और मेरी दीदी, दोनो बिके से निकल जाते है. बिके चालू होने के थोड़े ही देर में-
ब्रजेश: तोड़ा चिपक के बैठो ना सुष्मिता दीदी.
दीदी: नही यार मुझे ऐसी भीड़ में ये सब अछा नही लगता है.
ब्रजेश: मेरा लंड खड़ा हो गया है किस करते-करते, बहुत दर्द कर रहा है. तोड़ा आयेज आ कर कम से कम चुचि का फील तो दे साली कमीनी.
दीदी: इतना टाइट था लंड तो थोड़ी देर के लिए रानी की छूट में डाल लेना चाहिए था. उसकी गर्मी खा के तोड़ा मुरझा जाता.
ब्रजेश: रानी थी, वरना थोड़ी देर के लिए भी वॉशरूम में जाती तो सुष्मिता दीदी तुम्हारी छूट में ज़रूर तूस देता.
दीदी: कमीना साला मेरी छूट छ्चोढ़, अपनी डार्लिंग को ही छोड़. मेरी खुजली मिटाने के लिए मेरा ब्फ है.
ब्रजेश: सुष्मिता दीदी एक बार डेडॉ ना. कितना बार माँग चुका हू. एक बार छोड़ लेने दो.
दीदी: मेरी चुदाई का वीडियो तो देख ही चुका है. सब कुछ तो देख ही चुका है. अब क्या?
ब्रजेश: इसीलिए तो दीदी तेरी छूट जब से देखा हू, साला आयुष पे जलन होने लगी है. इतनी प्यारी छूट का मलिक है. मतलब जब उसका मॅन करे तुम्हारी छूट मिल जाती है उसको. साला कितना लकी इंसान है वो आयुष.
दीदी: तुम भी लकी हो बेटा, जो रानी की छूट छोड़ रहे हो. फिर मेरी सारी दोस्तों की छूट देख ही चुके हो.
ये क्या था साला, मैं सुन के शॉक्ड था. मतलब मेरी दीदी अपनी फ्रेंड्स के बारे में सब जानती थी, की कों किससे चुड़वति थी. और उनकी पिक्स या वीडियोस भी देखी थी. और ब्रजेश को भी दिखाई थी. फिर तो मेरी दीदी के बारे में भी उसकी सारी फ्रेंड्स जानती होंगी, की आयुष मेरी दीदी को छोड़ता था.
मैं कितना मासूम इंसान था यार. आज तक दीदी को इतना शरीफ मानता था, और ये तो मेरी दीदी मेरी सोच जहा तक पहुँच पाती थी, उससे भी चार कदम आयेज से उसकी सोच चालू होती थी चुदाई के मामले में.
दोस्तों अगर आपको ये कहानी पसंद आ तही है, तो आप मुझे एमाइल श्रीस्टीसिंघ1559@गमाल.कॉम पर मेसेज करे. आप अपनी चुदाई या अपने घर की कोई भी बात शेर कर सकते है. या कहानी कैसी लगी बता सकते है.
अब आयेज की कहानी अगले एपिसोड में.