भाई बहन की चुदाई में नौकरानी बनी रंडी

पिछली कहानी के दौरान मैं अपनी बी-सेक्षुयल सौतेली बेहन कविता को छोड़ रहा था. उस वक़्त एक ऑनलाइन मॉडेल मोनिका हमारी गंदगी को देख रही थी. कविता ने सच में सेक्स के तगड़े मज़े को और मज़ेदार और गंदा बना दिया था. लेकिन मुझे अभी संतुष्टि नही मिली थी.

मेरा सौतेला बाप काम से वापस आ चुका था. वो मेरे सौतेली बेहन कविता को अपने साथ शॉपिंग पर लेके जाना चाहता था. उसी वक़्त हमारी नौकरानी माधवी, घर का काम करने के लिए आ गयी थी. मैं अपनी वासना को संभालने के लिए उपर चला गया.

मेरा प्लान ये था, की मैं आराम से अपने रूम में बैठ कर, वो सारे प्लेसस रिप्ले करूँगा जहा-जहा कविता की जीभ पहुँची थी. और मैं सेक्सी गांद वाली कविता के वापस आने का इंतेज़ार करूँगा. लेकिन तभी दरवाज़ा खुला, और कविता गीले बालों के साथ अंदर आ गयी.

कविता (टवल गिरा कर घूम गयी): छोड़ो मुझे, मेरे जाने से पहले.

मेरे दिमाग़ में उसके लिए कोई सवाल नही था. मैने उसको दरवाज़े के साथ लगाया, और अपना लंड उसकी छूट में डाल दिया. मैने उसका मूह बंद किया, और उसकी गीली गांद को मेरी कमर के विरुढ़ उछलते महसूस किया. कविता ने मुझे कस्स के पकड़ लिया, और आहें भरने लगी.

मैं अपना माल उसके अंदर छ्चोढते हुए उसकी आँखों में देखना चाहता था, तो मैने उसको घुमा लिया. मैने उसको दीवार के साथ चिपकाया, और उसको डीप किस करने लगा.

कविता (फुसफुसते हुए): ओह गोद! यॅ छोड़ो मुझे!

मैं तेज़ी से अपना लंड उसके अंदर घुसेध रहा था, और मेरी दीवार हिलने लग गयी. तभी अचानक दरवाज़ा दोबारा से खुला, और हम दोनो पकड़े गये. मेरा लोड्‍ा कविता की टपकती छूट से बाहर. निकल गया. ये हमारी नौकरानी माधवी थी. कविता ने उसको हाथ पकड़ कर अंदर खीच लिया, और दरवाज़ा लगा दिया.

माधवी: तुम दोनो यहा क्या कर रहे हो?

कविता: शूट उप!

फिर कविता ने अचानक से माधवी को दीवार के साथ लगा दिया. उसके बाद कविता ने मेरे सख़्त लंड को पकड़ कर दोबारा अपनी छूट के अंदर डाल लिया. उसने आ भारी, और हमारी मैड को दीवार के साथ लगा रख था. कविता की चुदाई करते हुए मैने माधवी के साथ नज़रें मिलाई.

कविता नंगी ही हमारी मैड के पसीने भरे जिस्म पर लेट गयी, और आहें भारती रही. फिर उसने मैड की आँखों में देखा, और उसके होंठ चाट लिए. फिर कविता ने माधवी का फेस पकड़ा, और नीचे करने लगी.

माधवी का मूह पूरा खुल गया, और उसने कविता को वापस किस किया. कविता ने आहह भारी क्यूंकी मेरा लंड उसकी गहराई तक जेया रहा था. दोनो औरतें किस करती रही, और इससे पहले मेरे को कुछ समझ पाता, माधवी का ब्लाउस ढीला हो गया, और कविता उसके सेक्सी बूब्स को चाटने लगी.

माधवी: तुम गंदे बच्चो ( आह).

उसने कविता के जिस्म को जाकड़ लिया, और ज़ोर से किस करने लगी. मैं बस आने वाला था, तो मैं कविता के अंदर गहराई में झड़ना चाहता था. मैने अपनी सेक्सी स्टेप-सिस्टर की छूट की गहराई में अपना माल निकाला, और अपने बेड पर गिर पड़ा. मेरी साँस फूली हुई थी. कविता माधवी को मेरे करीब ले आई, और माधवी ने मेरे फंफंते लंड के टोपे को छाता.

कविता: हा, दिन की शुरुआत लंड की सफाई से करो.

माधवी (कामुक होके चाट-ते हुए): ये बहुत ग़लत है.

कविता (माधवी के निपल पकड़ कर मसालते हुए): लेकिन तुम अभी भी उसका लंड चूस रही हो.

कविता ने माधवी के सर को नीचे की तरफ दबाया जब तक की मेरा लंड उसके गले तक नही पहुँच गया. उसने माधवी को नंगे होने को कहा और मुझे किस किया. तभी हमारे पेरेंट्स कविता को नीचे बुलाने लगे. कविता चली गयी. तभी उन्होने माधवी को बुलाया, और वो दरवाज़ा की तरफ दौड़ी.

माधवी ( नीचे पेरेंट्स को बोली): कविता ने मुझे कहा की मैं उसके रूम से शुरुआत करू. मैं ऐसा ही करूँगी.

फिर वो सब चले गये. मैं दरवाज़े तक गया, और उसको ज़ोर से बंद कर दिया. माधवी ने मेरी आँखों में देखा, और मैने उसको खींच कर कस्स के गले लगा लिया. उसने भी मुझे कस्स के पकड़ लिया, और मैने उसकी पसीने वाली गर्दन से लेके उसके कान तक छाता.

फिर मैने उसकी स्कर्ट निकाल दी, और उसको अपने बेड पर फेंक दिया. उसने अपनी टांगे खोल दी, और अपनी गीली छूट में मेरे लंड डालने का इंतेज़ार करने लगी.

माधवी: आपको यकीन है ना?

मैं उसकी तरफ बढ़ा, और उसने बिना कोई विरोध किए मुझे किस किया. फिर मैने उसकी क्लिट पर अपनी उंगली लगाई, जिससे उसकी आ निकल गयी. माधवी ने मेरी उंगलियाँ पकड़ी, और जल्दी से अपने अंदर डाल ली. मैं उसके छूतदों को मेरी उंगलियों को रगड़ते हुए महसूस कर रहा था, उसकी जीभ चूस्टे हुए.

मे: मैं तुम्हे छोड़ूँगा.

माधवी: ठीक है, छोड़ लो.

मे: मैं अपना माल तुम्हारे अंदर डालने वाला हू.

माधवी: जल्दी करो.

मे: मुझे लगता है की मैं अपना पूरा टाइम लूँगा तुम्हारे साथ. मैं चाहता हू की हम कुछ करे.

माधवी कन्फ्यूज़ हो गयी. फिर मैने अपना लॅपटॉप खोला और डस्क्गिर्ल्स.लिव वेबसाइट पर मोनिका को मेसेज किया. उसने कहा वो 10 मिनिट में हमे जाय्न करेगी.

इस बीच मैने माधवी की छूट चाटनी शुरू की. उसमे से उसके पसीने और पानी की मिक्स स्मेल आ रही थी जो मेरे लंड को और सख़्त कर रही थी. उसकी छूट गरम थी, और फड़फदा रही थी. मैं छूट में लंड डालने के लिए इंतेज़ार नही कर पा रहा था. तभी मोनिका ऑनलाइन आ गयी.

माधवी: ये कों है?

मोनिका: मैं खेल में इनकी साथी हू. ये मुझे तुम्हारी ही तरह उसे करते है.

मशावी का फेस स्क्रीन की तरफ था. मैं उसके पीछे गया, और उसकी स्वादिष्ट गर्दन चाटने लगा. मेरा हाथ उसकी छूट को रगड़ने लग गया. मैने मोनिका को नंगी होने की बोला, और वो जल्दी से नंगी हो गयी.

मोनिका अपनी छूट कॅमरा के सामने ले आई, और फिंगरिंग करने लगी. मैने अपनी उंगलियाँ माधवी की छूट में घुसेध दी, और वो किसी रंडी की तरह आहें भरने लगी.

मोनिका: छोड़ो इसको बेबी! मैं तुमको देखते हुए झड़ना चाहती हू.

माधवी: वाह क्या बात है!

मैने माधवी को घोड़ी बना दिया, और अपना हाथ उसकी पीठ पर फेरने लगा. अपने नाख़ून इस्तेमाल करके मैं उसकी पीठ की चाँदी खरोंछने लगा. उसने अपने चूतड़ पीछे की तरफ ढकेले. मैं अपने लंड से उसकी छूट की बाहरी दीवारों को रगड़ने लगा. इससे उसकी छूट और पानी छ्चोढने लगी. फिर अपना लंड धीरे-धीरे उसकी छूट में डालते हुए मैने उसका फेस घुमा कर उसको किस किया. इस मज़े से मैं पागल हो रहा था.

माधवी और मोनिका दोनो ने नज़ारे को देखते हुए एक ही धुन में आ भारी. मैने अपनी नौकरानी के चूतड़ पकड़े, और ठुकाई करने लगा. उसके पसीने से भरे चूतड़ मेरे टट्टो से लग कर ठप-ठप की आवाज़ कर रहे थे. माधवी बेड पर लेट गयी, और मोन करते हुए मुझे ज़ोर से छोड़ने के लिए कहने लगी.

माधवी: और ज़ोर से आह! और ज़ोर से!

मोनिका: एस, मास्टर! और ज़ोर से छोड़ो!

मैने उसके जिस्म को जाकड़ लिया, और ज़ोर से छोड़ने लगा. मेरा जिस्म मेरी नौकरानी के जिस्म के उपर था, और मेरी कमर लगातार आयेज-पीछे होके उसको छोड़ रही थी. मेरा पसीना उसके उपर तपाक रहा था, और मैं उसको रंडी की तरह छोड़ रहा था. मोनिका हमारी चुदाई देखते हुए ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला रही थी. हमारे भीगे हुए जिस्म देख कर मोनिका अपनी छूट ज़ोर से रग़ाद रही थी.

मोनिका: ओह गोद! तुम लोग पसीने से भीगे पड़े हो. मैं अपना माल तुम लोगों पर निकालना चाहती हू. मेरा निकल रहा है आह!

उसने कॅमरा पर अपना माल निकाल दिया. इससे मेरे लंड में और सख्ती आ गयी, और मैं और ज़ोर लगा कर छोड़ने लगा. माधवी चिल्लाने लगी, क्यूंकी वो मेरे भारी शरीर के नीचे पीस रही थी. अब मेरे जिस्म में कंपन पैदा होने लगा था, और मैं अपना चिपचिपा माल उसकी भूखी छूट के अंदर निकाल रहा था. फिर मैं तक कर उसके उपर गिर पड़ा. वो घूम गयी, और हम प्यार करने लगे. माधवी हल्के से हस्सी, और फिर मेरे उपर आ गयी.

मोनिका: ये बहुत सेक्सी था. कमाल था कमाल!

माधवी: हा ये था ( तेज़ सांसो के साथ). अब मुझे सफाई करनी शुरू करनी चाहिए, और शुरुआत आपसे होगी मास्टर.

मे: फिरसे बुलाना मुझे इस नाम से.

माधवी: आइए आपका लंड सॉफ कर डू, मास्टर..

मोनिका: फक! ये बहुत हॉट है. अब मुझे दूसरी कॉल पर जाना है. दोबारा ज़रूर याद करना.

माधवी ने मेरे जिस्म से पसीना छाता, और फिर कामुक तरीके से मेरे लंड को चूसने लगी. फिर वो मेरे उपर लेट गयी, और लंड अभी भी सख़्त था. कविता ने मुझे टेक्स्ट किया की वो लोग लाते हो जाएँगे, और मैं माधवी के साथ अपना पूरा टाइम लू. फिर मैने अपनी गंदगी से भारी नौकरानी को बाहों में लेके सो गया.

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