रात दीदी मोनिका के साथ सुहग्रात मानने के बाद सुबह लाते ही उठा था. दीदी छाई लेकर आ गयी थी. दीदी ने मेरे बालों पर हाथ फेरते हुए मुझे जगा दिया. वो स्माइल दे रही थी.
मोनिका: जाग मेरे शेर. छाई पी ले.
अमित: कैसी हो दीदी?
मोनिका: एक-दूं मस्त हू. रात तूने बहुत मेहनत की मेरे लिए. थॅंक्स छ्होटे, बहुत मज़ा आया मुझे. तेरा स्टॅमिना बहुत है, और तेरा टूल भी. अभी तक मेरी गीली पड़ी है.
अमित: मुझे भी बहुत मज़ा आया दीदी. तुम घोड़ी बनी, तब तो पूछो ही मत.
मोनिका: बस ऐसे ही तुम मेरे उपर रोज़ रात को चढ़ कर छोड़ा करो. बस किसी को पता ना चले. मुझे बस तुझसे ही मर्वानी है.
अमित: ह्म. मों कहा है?
मोनिका: मों अपने यार को छाई देने गयी है, जैसे मैं तेरे लिए आई हू. रात तूने मेरे बूब पर काई जगह निशान लगा दिए. गाल पर आराम से चूसा कर यार.
अमित: ह्म, छाई बहुत अची बनाई है.
मोनिका: मैं नीचे जेया रही हू. तू आजा, मों ने ब्रा नही पहनी है आज. काफ़ी सारे मुममे दिख रहे है. लगता है मों ने काफ़ी देर तक चुस्वाए है. उनके देख कर लगता है की दादा जी खूब पेले है. काफ़ी खुश लग रही है मों.
वो स्माइल देती हुई चली गयी. नीचे गया तो मों के मुममे देखने को मिल गये. दीदी सच कह रही थी. मों की दरार दिख रही थी. मों काफ़ी खुश लग रही थी. दोपहर को मैं और दीदी उपर रूम में सोने के लिए चले गये. मैने दीदी को पकड़ लिया, और कुछ देर तक लिप्स चूज़. दीदी भी खूब साथ दे रही थी.
मुझे दीदी को चूस कर मज़ा आया. दीदी के बूब पर भी हाथ फेरा. दीदी ने बूब के उपर निशान दिखाए. सच में दीदी के बूब्स पर निशान पड़े थे. दिन की लाइट में दीदी के बूब बहुत मस्त दिख रहे थे.
मोनिका: चलो यार अब सो जाओ.
रात को खाना खा कर मैं घूमने चला गया. दीदी ने मों की हेल्प की. रात को करीब 9:30 तक मैं और दीदी रूम पर आ गये. दीदी मेरे लिए दूध ले आई थी. हम दोनो थोड़ी देर बात करते रहे.
अमित: दीदी तू नहा कर सीधी नंगी ही आ जाना. आते ही तेरी चुदाई होगी. बिना कपड़ों के आओगी तो मज़ा आएगा.
मोनिका: फिर तो अभी वेट करना होगा.
अमित: यार तुम को भाई से छुड़वा कर अजीब सा फील नही हुआ?
मोनिका: बहुत मज़ा आया भाई. मेरी एक सहेली अपने भाई से मरवती थी. उसकी बात सुन-सुन कर मेरा भी मॅन हुआ की तुमसे करू.
अमित: फिर क्या सोचा तुमने?
मोनिका: तेरा खड़ा हुआ लंड देख कर मेरा भी मॅन करने लगा. मों चुड रही तब तेरा लंड एक-दूं तंन गया था, तो मैं समझ गयी की तू भी मुझे पेल देगा.
अमित: ह्म यार तेरे बूब देख कर मेरा भी मॅन करता था. बुत मों के मुममे देख कर मेरा बहुत बार खड़ा होता था.
मोनिका: मुझे तो लगता है की दादा जी लंबे टाइम से ही मों को छोड़ रहे है. पापा का खड़ा नही होता होगा. तभी मों झगड़ा करके पापा को बाहर सिटी में भेज देती है.
अमित: ह्म तभी तो. मुझे तो लगता है की मों को प्रेग्नेंट ही दादा ने किया है. वो हमारे दादा जी ना हो कर पिता जी लगते है.
मोनिका: ह्म, तू तो एक-दूं दादा जी, मतलब अपने पापा पर गया है. तू बड़ा होगा तो तेरा टूल दादा जी से भी लंबा हो जाएगा.
अमित: आज मों की चुदाई देखने जाओगी क्या?
मोनिका: आज तो बस 10 बजते ही मैं नीचे और तुम उपर. आज कल से भी ज़्यादा मज़ा आने वाला है.
अमित: एक बार लाइट ऑफ कर दे. मों उपर नही आएगी.
मोनिका: अर्रे वो तो सीधी दादा जी के पास जाएगी भाई. मों को दादा जी के लोड का चस्का लगा हुआ है.
रात को 10 बजे मैं नहा कर आ गया. मैने सिर्फ़ टवल लपेट रखा था. मोनिका मेरे बाद नहाने चली गयी. 15 मिनिट बाद मोनिका रूम में नंगी ही आई, तो मेरी आँख फटी की फटी रह गयी.
दीदी की गोरी-गोरी छूट देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. दीदी एक-दूं गोरी थी. काले बाल और स्माइल देती हुई हेरोयिन जैसी लग रही थी. दीदी के मुममे और पिंक चुचि दीदी को माल बना रहे थे.
अमित: ऑश वाउ दीदी, ऑश क्या लग रही हो एक-दूं रापचिक माल हो यार. आज पहली बार ढंग से तुमको नंगी देख रहा हू.
मोनिका: इतनी तारीफ दीदी की?
अमित: ऑश रात तो ढंग से देख नही पाया. ऑश मोनिका दीदी तू बहुत मस्त माल हो. क्या बूब्स है तेरे? बेहन की लोदी, आज मों की कसम तेरी सारी रात छूट मारूँगा.
मेरा टवल भी उतार दिया. दीदी मेरे लंड को देखते ही बोली-
मोनिका: ऑश वाउ, बहुत बड़ा है. मैं भी अब ढंग से देख रही हू भाई. तू सच में मेरी वात लगा देगा.
मैने दीदी को पकड़ लिया. मेरे हाथ दीदी की कमर पर थे. दीदी ने अपनी गोरी बाहें मेरे कंधो पर रख दी. मैने झट से दीदी के लीप लॉक कर दिए. मैं मोनिका को खड़ी-खड़ी ही चूसने लगा. मैने एक मिनिट चूसने के बाद छूट पर हाथ फेरा तो दीदी की अया निकालने लगी.
अमित: बेड पर चल मेरी रानी.
मोनिका: भाई आराम से करना. सारी रात तेरे पास रहूंगी, फुल मज़ा चाहिए. आज सुहग्रात पर भाई आचे से दीदी को पेलना.
मैने फिरसे दीदी के बूब दबाए.
अमित: ऑश तेरे मुममे बिल्कुल मों के जैसे है. मों के मुममे चूसने में बहुत मज़ा आएगा.
मोनिका: तू मेरे मुममे चूस-चूस कर बड़े कर देगा. रात ही पता चल गया की तू लंबी रेस का घोड़ा है.
अमित: ऑश दीदी लेट जेया बेड पर. तेरे मुममे चूसूंगा पहले.
मोनिका: ह्म जो करना है वो कर लो. बेहन भाई का प्यार ऐसे ही चलता रहना चाहिए. भाई मेरी शादी होने तक तू जितना मर्ज़ी छोड़ ले इस बेहन को.
अमित: यार छोड़ूँगा ही. तू मेरी बेहन है. दादा जी भी अपनी बेटी निम्मी बुआ को शादी से पहले 5 साल तक छोड़े थे.
मोनिका: ऑश यार वाउ. दादा जी ने तो अपनी बेटी को भी नही छ्चोढा.
अमित: ह्म दादा जी ने निम्मी को प्रेग्नेंट भी किया था. अब निम्मी बुआ आएगी तो दादा जी निम्मी को रात में छोड़ेंगे.
मोनिका: ऑश वाउ यार, ये हो क्या रहा है इस घर में? मतलब दादा जी दादी, मों, बुआ सब को छोड़ते है? सुन कर छूट गीली होने लगी है.
अमित: यार अगला निशाना तेरे पर ही है. मों तुझको पत्ता कर दादा जी को देगी.
मोनिका: ऑश भाई क्या बोल रहा है तू? यार मेरे लिए तो तू ही सही है. दादा जी तो छूट फाड़ देंगे मेरी.
अमित: कोई बात नही, दादा जी बोल रहे थे की बहू तू अमित से छुड़वाने के लिए तैयार हो जेया. अमित तुम दोनो मों बेटी के लिए सही रहेगा.
मोनिका: ऑश भाई लगता है पूरी फॅमिली ही आपस में चुड जाएगी.
अमित: क्या दिक्कत है अगर मैं और दादा जी मों और तुम दोनो को अदला-बदली करके छोड़े? तुमको भी मज़ा आएगा. दादा जी तेरी छूट मारेंगे और मैं तेरे मूह में डालूँगा.
मोनिका: अर्रे भाई बस कर यार. अभी तो तू मुझे ही छोड़. मुझे भाई का लोड्ा छूट में चाहिए. बाकी तुम मों और मुझे साथ में छोड़ो कोई प्राब्लम नही है. बुत दादा जी को एक बार रहने दो.
अमित: ह्म सही बोली दीदी. तेरी छूट के लिए भाई का लंड सही है.
मैने दीदी के बूब्स चूसने शुरू किए. मेरा हाथ दीदी की छूट पर था.
मोनिका: ऑश भाई ऊओ बेबी बहुत मस्ती चढ़ गयी. तू अपनी दीदी को बहुत प्यार से पेलेगा. ऑश आअहह मज़ा आ रहा है भाई. भाई आज बेहन की छूट पानी छ्चोढ़ देगी.
अमित: उउउन्न्ह उउउंमाआ आआहह मेरी जान.
मोनिका: मैने तो सोच लिया की भाई शादी के बाद भी तू ही मुझे छोड़ेगा. और प्रेग्नेंट भी तू ही करेगा. ताकि तेरे जैसे बेटा-बेटी हो.
मैं दीदी के लिप्स और गाल चूसने लगा. दीदी हस्स-हस्स कर मस्ती से चुस्वा रही थी.
मोनिका: आअहह भाई ओह बहुत मस्त कर दिया तूने आ आ.
मोनिका बेड पर लेती हुई थी. मैं दीदी की छूट चाटने लगा. जीभ लगते ही दीदी की आहह निकालने लगी.
मोनिका: ऑश भाई ऑश छूट चटनी किससे सीखी है? ऊहह मज़ा आ रहा है मुझे. मितू आज सारी रात मुझे आचे से छोड़ना. सारी रात छूट चूड़नी चाहिए.
मैं जीभ घुमा रहा था. कुछ देर बाद दीदी बोली: अब बहुत हो गया. श भाई, मेरी जान निकालेगा तू. मेरा पानी निकल आएगा. एक बार प्लीज़ छोड़ दे. तेरा लंड चूसने दे भाई.
दोस्तों आज की कहानी बस यही तक. स्टोरी अची लगे तो बताना अंिटदेलही701@गमाल.कॉम पर.