नमस्कार दोस्तों, मैं आकाश अपनी स्टोरी का दूसरा पार्ट लिखने जेया रहा हू. उमीद है आपने इसका पिछला पार्ट ज़रूर पढ़ा होगा. अब मैं देर ना करते हुए स्टोरी पर आता हू.
होली की शाम को हम तीनो ने खाना खाया. फिर हम सब एक-दूसरे को छेड़ने लगे. इतने में पद्मा भाभी ने मेरा मोबाइल चीन लिया, और देखने लगी. पूजा भाभी भी उनके बगल में बैठ कर मोबाइल ओं करने लगी. मैं उनसे अपना मोबाइल लेने की कोशिश कर रहा था, क्यूंकी उसमे फेंडओं डॉमिनेशन की वीडियोस पड़ी हुई थी.
दोनो भाभियाँ बड़े गौर से एक वीडियो देखने लगी, जिसमे दो लॅडीस एक लड़के से गांद और छूट चत्वती है, और उसके मूह में मूट देती है. मुझे शरम आ रही थी. फिर दोनो भाभियों ने मेरी तरफ देखा, और पूछा, “क्या ऐसा भी होता है सेक्स में”?
मैने कहा: हा भाभी, विदेश में लोगों को ये बहुत पसंद है.
फिर दोनो भाभियाँ बोली: तुझे भी ऐसी वीडियोस पसंद है, लगता है इसका शौंक है?
मैं शर्मा रहा था डर्टी सेक्स के लिए. फिर भाभियों ने डर्टी सेक्स के लिए मुझसे कहा-
भाभियाँ: अगर तू हमारे साथ ऐसा सेक्स नही करेगा तो हम तुझसे सेक्स नही करेंगे.
मैने कहा: आप लोग जो कहेंगी वैसा ही होगा.
तो फिर दोनो भाभियाँ तैयार हो गयी. फिर हमने खाना खाया, और मैने ड्रिंक की एक बॉटल निकली. मैने भाभियों को पीने के लिए कहा. पहले तो वो माना करने लगी, लेकिन फिर मान गयी. फिर दो-दो पेग पीने के बाद हम तीनो नशे में हो गये. भाभियों का ये पहली बार था. तो वो आउट ऑफ कंट्रोल होने लगी.
थोड़ी देर बाद भाभियों ने मेरे पुर कपड़े ुअतर दिए. फिर मैने उन दोनो के. अब हम तीनो नंगे थे. दोनो भाभियों मुझे ज़मीन पर लिटा दिया और मुझे बोला-
भाभियाँ: पुर लॉक्कडोवन् में तू हम दोनो का प्यारा गुलाम है. तुझे बहुत पसंद है ना फेंडओं? अब देख हम दोनो मिल कर तुझसे क्या-क्या करवाते है.
मैं भी नशे में बोला: अर्रे भाभी जो भी कहोगी मैं सब कुछ करूँगा. बस मुझे आप दोनो की गांद चाहिए. मुझे भोजपुरी भाभियों की गांद बहुत पसंद है.
फिर पूजा भाभी और पद्मा भाभी दोनो ने गॅस का चूरन खा लिया और कहा: तुझे हम दोनो की गांद बहुत पसंद है ना. चल पहले हमारी गांद की सेवा कर.
फिर पद्मा भाभी मेरे मूह पर गांद रख कर बैठ गयी, और चाटने के लिए कहा. मैं ज़ोर-ज़ोर से जीभ निकल कर चाटने लगा. चूरन ने कमाल दिखना शुरू कर दिया. पद्मा भाभी की गांद से पाद निकालने लगे. मुझे पाद की स्मेल से और जोश आ जाता. फिर मैं और ज़ोर से जीभ से ही पद्मा भाभी की गांद चाटने लगता.
फिर भाभी पीछे हो कर छूट चटवाने लगी. भाभी एक मिनिट बाद खूब झड़ी. मैं उनका पूरा पानी पी गया. फिर पद्मा भाभी आयेज जेया कर लंड चूसने लगी. इतने में पूजा भाभी मूह पर गांद रख कर बैठ गयी. मैं ज़ोर-ज़ोर से जीभ से उनकी गांद छोड़ने लगा.
चूरन उन्होने भी खाया था. फिर उन्होने गांद ज़ोर से मूह में दबा दी, और ज़ोर से पाडी. पाद कर वो हासणे लगी, और पद्मा भाभी से कहने लगी-
पूजा भाभी: दीदी क्या देवर मिला है हम लोगों को?
मैं बोला: मुझे भी क्या भोजपुरी भाभियाँ मिली है सेक्सी गांद वाली.
फिर मैने पूजा भाभी की छूट काफ़ी देर तक छाती, और वो झाड़ गयी. मैं उनकी छूट का सारा पानी पी गया. फिर वो दोनो मेरा लंड बारी-बारी से चूसने लगी. थोड़ी देर बाद मैं भी झाड़ गया. फिर हम तीनो वही पर सो गये.
सुबह 5 बजे हम तीनो एक साथ उठे. उनका नशा अभी तक नही उतरा था. वो दोनो मुझे पकड़ कर टाय्लेट ले गयी. टाय्लेट बहुत छ्होटा था. हम तीनो वही एक-दूसरे से चिपक कर खड़े थे.
मैने कहा: भाभी मुझे प्यास लगी है. मैं पानी पी कर आता हू.
वो दोनो बोली: तू गुलाम है हम दोनो का. नीचे बैठ, तुझे पानी पाइलेट है.
मैं बैठ गया. पूजा भाभी अपनी छूट मेरे मूह में रख कर खड़ी हो गयी, और मूतने लगी. थोड़ी देर बाद पद्मा भाभी ने भी वैसा ही किया. फिर मैं बारी-बारी से दोनो भाभियों की छूट चाटने लगा, और दोनो का पानी पी गया.
उसके बाद मैने पूजा भाभी को पकड़ लिया, और उनकी गांद खोल कर ज़ोर-ज़ोर से जीभ से चाटने लगा. फिर मैं खड़ा हुआ और एक ही झटके में पूजा भाभी की गांद में पूरा लंड डाल दिया.
वो ज़ोर से चिल्लाने लगी: आह मार डाला इस जानवर के लंड ने.
काफ़ी देर छोड़ने के बाद मैं उनकी गांद में ही झाड़ गया. फिर मैं बैठ कर पद्मा भाभी की गांद चाटने लगा. बहुत टेस्टी लग रही थी. मैं लगातार उनकी गांद चाट रहा था. फिर उन्होने ज़ोर से मेरा सर पकड़ लिया, और गांद का च्छेद मूह से सता दिया. फिर एक ज़ोरदार पाद छ्चोढा. उसके बाद मैं उठा, और एक ही झटके में पूरा लंड उनकी गांद में उतार दिया.
वो भी चिल्लाने लगी: हाए दैया, मार डाला. आहह मॅर गयी.
थोड़ी देर छोड़ने के बाद मैं उनकी गांद में ही झाड़ गया. फिर हम तीनो टाय्लेट से बाहर आ गये. बातरूम में हम तीनो ने एक साथ नाहया. फिर मैने पूजा भाभी और पद्मा भाभी को वही ज़मीन पर लिटा दिया.
उसके बाद बारी-बारी से दोनो की खूब चुदाई करी. फिर नहा कर हम तीनो ने बैठ कर खाना खाया. काफ़ी तक जाने के कारण हम तीनो सो गये.
अगली सुबह हम तीनो उठ गये. मैं नहा कर तैयार हो गया. फिर किचन में गया तो देखा दोनो भाभियाँ खाना बना रही थी.
मैने पूछा: क्या हुआ भाभी, अभी तक आप लोगों का खाना नही बन पाया है.
पद्मा भाभी बोली: सुबह-सुबह मेरा सर खाने आ गये तुम.
पूजा भाभी बोली: रूको दीदी, अभी इसका इलाज करती हू.
फिर पूजा भाभी ने प्यार से सर पकड़ कर अपनी छूट में दबा लिया, और कहा: लो दीदी इसका मूह बंद कर दिया.
फिर हम तीनो ज़ोर से हासणे लगे. पूरा लॉक्कडोवन् कब ख़तम हो गया हमे पता ही नही चला. उसके बाद भी हमने काई बार चुदाई की. तो दोस्तों कैसी लगी ये स्टोरी [email protected] पर कॉमेंट ज़रूर करे.