भाभी को सिड्यूस करने की कोशिश

जैसा की आप सब को पता है, सेक्स कहानी पढ़ने के अलावा मुझे लिखने के भी शौंक है. और मैं सिर्फ़ सॅकी सेक्स कहानिया ही लिखती हू. इसलिए एक और सॅकी कहानी लेके आपके लिए आई हू. किसी और की नही, बल्कि अपनी दोस्त रोशनी और उसके देवर कालू की.

उसका देवर अब 36 साल का हो चुका था. लेकिन बदमाशी और खूबसूरत लड़कियों को चूसने के अलावा उसको और कुछ पसंद नही था. जब रोशनी की शादी हुई, तब उसको अपने देवर कालू की बदमाशी और हरामी-पन्न के बारे में पता लगा. फिर वो उसके पीछे पद गया, और सांड़ जैसा कालू मेरी खूबसूरत दोस्त रोशनी के जिस्म का दीवाना हो गया. और उसको दिन-रात छोड़-छोड़ कर अपना बना लिया.

लेकिन वो यहीं पर नही रुका. उसके बाद कालू की नज़र मेरे पर पड़ी, और फिर उसने मुझे भी दिन रात मसल कर रग़ाद कर मेरी भी जान निकाल दी. पर अभी आप मेरी दोस्त की कहानी सुनिए, जो कालू ने भी मुझे खुद बताई थी.

मेरा नाम कालू है. दिखने में तो मैं एक-दूं सांड़ जैसा हू. उमर 36 साल है. पहले मैं काफ़ी बदमाश था. बदमाशी के अलावा मुझे मस्त भाभियों को छोड़ना बहुत पसंद था. बदमाशी तो अब बंद कर दी है, पर छूट मारना अभी तक जारी है. यहाँ पर सब के किससे सुन कर मुझे लगा की मुझे भी अपने कुछ किससे बताने चाहिए.

तो एक-एक करके मैं तुम्हे अपने हरामी-पन्न के किससे बताता हू. मेरी बदमाशी की वजह से मुझे घर में ज़्यादा पसंद नही करते थे. मेरा बड़ा भाई और मेरे मा-बाप के साथ मैं घर में रहता, और बाहर बदमाशी करके घर में आके खूब मुर्गा खाता और दारू पीटा था.

गरम खून होने की वजह से मेरे लंड में भी आग लगी रहती थी. महँगी रंडियों और अपनी गर्लफ्रेंड की छूट मार-मार कर मैने सूजा दी थी. मेरी गर्लफ्रेंड की शादी हो चुकी थी, पर अभी भी उसको दबा कर छोड़ता था. वो स्कूल में टीचर थी. स्कूल जाने से पहले वो रोज़ मेरे से मिल कर जाती थी.

पर इन सब से ज़्यादा मुझे पसंद थी अपनी भाभी रोशनी, मेरे बड़े भाई की बीवी. दिखने में एक-दूं गोरी, दूध से भरे मोटे काससे हुए चुचे, मुलायम गोरा गोरा पेट आअहह. और पीछे से एक-दूं चिकनी कमर और गोल गांद. मेरी भाभी एक-दूं चिकनी माल थी. जिसको मैं पहले दिन से छोड़ना चाहता था. मेरी मॅन तो था की भाभी को अपने साथ भगा कर ले जौ, और दिन-रात अपने काले मोटे लंड से पटक कर छोड़ू.

घर वाले और भैया तो पहले ही मेरे खिलाफ थे. पर भाभी उतना मेरे खिलाफ नही थी. वो मेरे से हस्सी मज़ाक कर लिया करती थी. शायद उनको कहीं ना कहीं मेरा हरामी-पन्न और सांड़ जैसा शरीर पसंद था. पर भैया और मेरे मा-बाप के होते हुए वो उतना खुल के बात नही करती थी.

भैया की शादी के बाद ना-जाने मैने कितनी बार भाभी का पल्लू में, मुलायम पेट, और ब्लाउस में दूध से भरे चुचे देख मूठ मारी होगी. इतनी चिकनी गोरी मादक बीवी होने के बाद भी मेरे भाई ने अभी तक कोई बच्चा पैदा नही करा था. अब मैं यहीं चाहता था की भाभी को छोड़ कर उनके इस मुलायम पेट में अपना बच्चा डाल डू, और फिर भाभी को भगा कर ले जौ.

सुबह उठ कर देखा तो 10 बजे थे, और भाभी नाश्ता बना रही थी. भैया ऑफीस जेया चुके थे. मैं रसोई में गया, और साइड से भाभी की कमर देखने लगा.

रोशनी: क्या हुआ देवर जी, आज मम्मी पापा ने आपको गालियाँ नही दी?

मैं: क्या भाभी, आप भी मज़े ले रही हो. काश मेरी भी आपके जैसी सुंदर बीवी होती तो गालियाँ नही खानी पड़ती.

रोशनी: अछा जी.

मैं: और क्या भाभी.

भाभी ने देखा की मैं उसकी चिकनी कमर साइड से देख रहा था. पर वो कुछ बोली नही.

मैं (मॅन ही मॅन): उउंम भाभी, तुम्हारी कमर को कक्चा चबा जौंगा.

रोशनी: क्या हुआ देवर जी?

मैं: कुछ नही भाभी. वो तुम्हारी कमर पर कुछ लगा था.

रोशनी: अछा, कहाँ पर?

तभी भाभी ने अपना पूरा पल्लू साइड कर दिया, और अपने मुलायम गोरे पेट को दिखा कर मसालने लगी.

रोशनी: कहाँ पर देवर जी?

मैं (मॅन ही मॅन): आ बहनचोड़, क्या दूध जैसा सफेद मुलायम पेट है भाभी का. इसकी नाभि को कक्चा चबा जौंगा बहनचोड़.

मेरे से रहा नही गया. तभी मैने भाभी की कमर पर चुटकी काट ली.

रोशनी: आउच!

मैं: भाभी मैं तो ऐसे ही मज़े ले रहा था.

रोशनी: देवर जी बड़े बदमाश हो तुम. चलो भागो यहाँ से.

मैं: बदमाश तो मैं हू भाभी. तभी तो मोहल्ले में तुम्हे कोई हाथ नही लगता. वरना सब तुम्हारे जैसी सुंदर भाभी के पीछे पद जाते.

रोशनी मुस्कुराने लगी.

रोशनी: वो तो मैं जानती हू.

मैं: भाभी अपना पल्लू एक बार और हटाओ ना.

रोशनी ने तोड़ा गुस्से और तोड़ा शरमाते हुए मुझे देखा. शायद वो मेरी आँखें देख कर समझ गयी थी.

रोशनी: बहुत मस्ती चढ़ रही है देवर जी तुम्हे.

मैं: जब तुम्हारे जैसी इतनी सुंदर भाभी हो तो क्या करे?

मैं: हटाओ ना भाभी, पल्लू.

रोशनी: अछा, बतौ अभी! चलो भागो बदमाश.

भाभी मज़ाक में मारने लगी. तभी मैने भाभी की चिकनी कमर पर दोबारा चुटकी काट ली.

रोशनी: आह, मानोगे नही तुम.

भाभी की आँख थोड़ी सी बंद हुई. फिर वो तोड़ा हासणे लगी.

मैं: भाभी, भैया को तो माना नही करती होगी तुम?

रोशनी: वो तो मेरे पति है ना.

मैं: मैं तो देवर हू तुम्हारा.

रोशनी: हा, बहुत बदमाश देवर हो.

मैं: आप भी तो बहुत सेक्सी भाभी हो.

रोशनी तोड़ा सा मुस्कुरा दी. फिर नाटक करते हुए बोली-

रोशनी: अछा ऐसे बोलते हो अपनी भाभी को?

मैं: क्यू! भाभी, आप सेक्सी नही हो क्या?

रोशनी तोड़ा शर्मा कर मुस्कुराने लगी. फिर मेरा लंड उनकी चिकनी कमर देख कर और खड़ा होने लगा. मेरा हरामी-पन्न बढ़ने लगा. मुझे भाभी के पल्लू के अंदर च्छूपा हुआ गोरा मुलायम पेट देखना था, और वो नाभि, जिसको मैं काट कर चूसना चाहता था.

वैसे चूसना तो मैं भाभी के दूध से भरे निपल्स भी चाहता था. पर पहले भाभी का वो मुलायम पेट उम्म्म. अपनी सेक्सी तारीफ सुन्न कर भाभी तोड़ा शर्मा गयी थी. तो मुझे और मज़ा आने लगा.

मैं: भाभी, एक बार हटाओ ना पल्लू. क्यूँ तडपा रही हो?

रोशनी (शरमाते हुए): क्या देवर जी, आप तो पीछे ही पद गये.

मैं: भाभी अभी तो पीछे पड़ा हू. वरना मैं तुम्हे तो.

रोशनी: अछा, वरना क्या करते? बताओ.

मैं: छ्चोड़ो भाभी रहने दो.

रोशनी: नही बताओ मुझे.

मैं: वरना भाभी तुम्हे पकड़ कर खुद ही तुम्हारा पल्लू हटा देता, और फिर.

रोशनी (शरमाते हुए): अछा. और फिर क्या करते?.

मैं: और फिर तुम्हारे इस मुलायम पेट को कस्स के चूम लेता.

रोशनी (शरमाते हुए): अछा, इतनी हिम्मत. किसी ने देख लिया ना, तो तुम्हारी खैर नही.

मैं: अछा तो आप सब को बता डोगी?

रोशनी: मैने ऐसा कब बोला?

तभी मैने एक-दूं से भाभी के पल्लू में हाथ घुसा कर उनका मुलायम पेट हल्का सा पकड़ कर नोच दिया आ.

भाभी एक-दूं से शर्मा कर पीछे हो गयी.

रोशनी: आह आउच!

तभी रसोई के बाहर मम्मी घूम रही थी, वो अंदर आ गयी.

मम्मी: क्या हुआ बहू?

रोशनी: क..कुछ नही मम्मी जी. वो उंगली में कुछ लग गया था.

मम्मी ने मुझे देखा, और गुस्से में बोल पड़ी-

मम्मी: तू क्या कर रहा है यहाँ? चल बाहर जेया. दिन भर तुझे बदमाशी करनी है बस, और सांड़ की तरह घर में खाना तूसना है.

मैं भाभी को देखता हुआ बाहर आ गया.

मूमी: बहू इसने कुछ करा तो नही?

रोशनी: नही मम्मी जी, कुछ नही करा. देवर जी तो बस ऐसे ही खड़े थे.

मम्मी: ह्म. ये बड़ा बिगड़ा हुआ है बहू. ज़रा संभाल कर. बहुत हरामी हो गया है ये. इसका भाई दिन भर काम करता है ऑफीस जाके, और ये हरामी बदमाशी करता है बस.

रोशनी शर्मा कर चुप रही. फिर मम्मी के जाने के बाद अपना मुलायम पेट देखने लगी, जिसको मैने अभी नोच लिया था. भाभी ने अपना पेट देखा, और मुस्कुराने लगी.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. भाभी सेक्स स्टोरी पर अपनी फीडबॅक ज़रूर दे.

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