दोस्तों भाभी सेक्स कहानी के पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की मैं और सुधा भाभी घूमने गये थे. फिर मूतने के लिए मैं उनको घर ले गया, और हमारे बीच रोमॅन्स शुरू हो गया. अब आयेज-
फिर मैने उसके बालों को दोबारा खींचा और उसके होंठ मेरे होंठो से मिला दिए. अब हम दोनो एक-दूसरे के होंठ ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगे. सुधा मेरा लंड उपर-नीचे करने लगी, और किस भी जारी रखा. कभी वो उसकी ज़ुबान मेरे मूह में देती, तो कभी मैं मेरी ज़ुबान उसके मूह में. हम दोनो पागलों की तरह एक-दूसरे के होंठ कुछ 4-5 मिनिट्स तक चूस्टे रहे.
उतने में सुधा की पूरी लिपस्टिक मैने सॉफ कर दी उसके होंठो से. फिर हमने एक-दूसरे के होंठ छ्चोढे, और एक-दूसरे को देखने लगे. उसके बाद मैं उठा, और सुधा को उठा के बेडरूम में ले गया. फिर खड़े-खड़े ही हम दोनो एक-दूसरे की बाहों में समा गये, और खड़े-खड़े ही उसने मुझे एक किस करी और बोली-
सुधा: आज तुम मुझे ऐसे छोड़ो जैसे तुमने चाची सास को छोड़ा था.
मौलिक: क्या, चाची सास ने तुम्हे सब बताया की कैसे मैने उसे छोड़ा था?
सुधा: हा उसने पूरी रात की कहानी मुझे वर्ड तो वर्ड बताई है. उसी दिन से मैं भी तुम्हारा तगड़ा लंड अपनी छूट में लेना चाहती थी. लेकिन कभी मौका नही मिला.
मौलिक: लेकिन उसने तुम्हे ये सब क्यूँ बताया?
सुधा: क्यूंकी वो मेरी बहुत अची दोस्त है. पुरानी दोस्त के नाते जब हम सहेली-सहेली एक-दूसरे के सुख-दुख की बातें कर रही थी. तभी उसने तुम्हारा ज़िकार करा, और मेरे फोर्स करने पर सारी कहानी बताई, की कैसे तुमने तुम्हारी बीवी को च्चत पे छोड़ा, और चाची सास ने देख लिया. फिर वो तुमसे चूड़ी और तुमने छोड़-छोड़ के उसको बीमार कर दिया. मुझे भी तुमसे ऐसे ही चूड़ना है.
मौलिक: तो ठीक है मेरी जान. आज तुझे भी छोड़-छोड़ के बीमार कर दूँगा.
और मैं उसे खड़े-खड़े ही फिरसे किस करने लगा, और दोनो हाथो से उसके डन बूब्स दबाने लगा. सुधा किस करने में पूरा साथ दे रही थी, और नीचे मेरी पंत को तोड़ा नीचे करके एक हाथ से मेरा लंड और दूसरे हाथ से मेरे गोते को सहला रही थी. अब बारी थी विद्या बालन की ड्यूप्लिकेट को नंगा करने की.
इस घड़ी का मैं इतने घंटो से इंतेज़ार कर रहा था, वो घड़ी बिल्कुल मेरे करीब थी. अब हमने किस तोड़ी, और मैने सुधा की आँखों में देख के उसकी सारी का पल्लू नीचे किया. फिर ब्लाउस के एक-एक करके हुक खोलने लगा. एक हुक खोला तो सुधा की सस्शह निकली. दूसरा हुक खोला तो सुधा के मूह से आहह निकली. एक-एक करके 4 हुक खोले. अब बचा सिर्फ़ एक.
सुधा के आधे से ज़्यादा बूब्स बाहर की तरफ आ गये थे, जिसको अब मैं दबाने लगा. मैं बूब्स के बीच की गहराई में जीब फेरने लगा. सुधा को तड़पते हुए मैने एक हुक को ऐसे ही रख दिया, और उसे और गरम करने के लिए अब उसकी छूट पे सारी के उपर से ही हाथ घुमाया.
तभी सुधा ने खुद अपना हाथ आयेज बढ़ा के, मेरा हाथ पकड़ कर अपनी छूट में दबाया, और आअहह सस्स्सह आहह मौलिक आह ऐसे ही करने लगी. उपर से मैं उसके बूब्स को चाटना बंद करके उसके होंठ को चूसने लगा. वो भी एक हाथ मेरी गार्डेन पे लाके, मुझे अपने अंदर समा लेने वाला पोज़ देते हुए चूमने लगी.
नीचे मैं उसकी छूट पे हाथ घुमाए जेया रहा था. अब सुधा ने खुद किस तोड़ी, और ज़ोर से साँस लेते हुए बोली-
सुधा: भोंसड़ी के जल्दी कर, तेरा लोड्ा मेरी बर में लेना है. जल्दी मुझे नंगी कर. अब रहा नही जेया रहा आअहह एम्म.
ऐसी सिसकारिया लेते-लेते मेरे लंड को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगी. फिर मैने उस पर रहम खा कर उसके ब्लाउस का लास्ट हुक खोल दिया. अंदर उसने ऑरेंज कलर की ब्रा पहनी थी, जिसे देख कर मैं उस पर टूट पड़ा, और दोनो हाथो से ज़ोर-ज़ोर से ब्रा के उपर से उसके बूब्स दबाने लगा.
अब उसने भी मेरी शर्ट के बोट्तों खोले, और मुझे पूरा नंगा कर दिया. फिर मेरी च्चती पे अपना मूह रख के मेरे निपल चूसने लगी. मुझे भी जोश चढ़ गया. मैं अभी भी उसकी छूट पे हाथ घुमाए जेया रहा था, और वो उपर-नीचे हो कर मेरा हाथ अपनी छूट पर महसूस कर रही थी.
अब मुझसे रहा नही गया, और मैने उसकी सारी और पेटिकोट का नाडा खोल के दोनो को एक साथ नीचे उतार दिए. ऊहह मी गोद, क्या अप्सरा लग रही थी सुधा भाभी यार, मैं बता नही सकता. फिर मैने उसका हाथ पकड़ के उसे बेड पे लिटा दिया, और मैं वहीं बेड के बाजू में खड़े रह कर उसे घूर्ने लगा तब वो हासणे लगी.
वो हवस भारी निगाहों से मुझे देखने लगी. उसे पता था मुझे ब्रा पनटी पहने हुए बिस्तर पर नंगी औरत को देखना बहुत पसंद है. फिर सुधा ने एक पैर सीधा किया, और एक को तोड़ा मोड़ के रखा. उसने दोनो हाथ अपने सर के उपर रख दिए.
जैसे टाइटॅनिक मोविए में कटे विंसलते ने न्यूड पिक्चर बनाने के लिए पोज़ दिया था, बिल्कुल वैसे ही पोज़ में सुधा लेती थी अपनी ऑरेंज कलर की ब्रा पनटी के सेट में. अब मैं बता तो नही सकता, पर आप अंदाज़ा लगा लो की बिल्कुल विद्या बालन बिस्तर में ब्रा और पनटी में लेती हुई हो, और सेक्सी पोज़ दे रही हो. बस विद्या बालन थोड़ी सावली है, और सुधा बिल्कुल गोरी-चित्ति. फिर सुधा मुझे देख के बोली-
सुधा: मुझे पता है तुझे ऐसे नंगी औरत देखना अछा लगता है. चाची सास ने बताया था. जी भर के देख ले मुझे. फिर आचे से अपना लोड्ा मेरी बर में घुसा, जो कब से तड़प रही है तेरे लोड के लिए.
अब मैं धीरे-धीरे उसके पास गया, और उसके उपर चढ़ गया. उसने भी अपनी बाहें फैला के मुझे अपने सीने से लगाया. फिर हम दोनो किस करने लगे, एक-दूसरे के होंठ चूसने लगे. नीचे से मैं अपने लंड का प्रेशर उसकी छूट पर लगाए जेया रहा था, और वो भी नीचे से मुझे अपने उपर दबाए जेया रही थी, और किस भी किए जेया रही थी.
कुछ 2-3 मिनिट किस करने के बाद मैने किस तोड़ी, और उसके उपर से हॅट गया. फिर उसको उल्टा लिटाया. अब मेरे सामने उसकी 38″ की मस्त उभरी हुई गांद थी. फिर मैने उसकी पनटी को पकड़ा, और नीचे खींचने लगा. उसने भी अपनी गांद थोड़ी उपर करके मेरी मदद करी पनटी उतारने में. फिर उसकी मस्त गांद को अपने दोनो हाथो से दबाने लगा और चाटने लगा.
वो अपनी गांद उपर की तरफ उठा-उठा के सिसकारियाँ भर रही थी, और आहह आआअहह एम्म्म करने लगी. कुछ देर गांद चाटने और दबाने के बाद मैने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया, और उसे पीछे से पूरी नंगी कर दिया. फिर उसके उपर चढ़ के उसकी गांद के च्छेद के पास अपना बड़ा सा टोपा रख के तोड़ा दबाव बनाया, जिससे सुधा मचल उठी और सस्शह आअहह मौलिक आअहह मौलिक बोलने लगी.
लेकिन मैने लोड्ा गांद में घुसाया नही, सिर्फ़ गांद के च्छेद पे रखा था. मैं उसकी पीठ पे थोड़े-थोड़े नाख़ून घिसने लगा, और उसकी पीठ पे धीरे-धीरे काटने लगा. मैं कभी बीते करता, कभी चाट-ता, तो कभी चुम्मा लेता, जिससे वो उछाल-उछाल के चिल्लाने लगी, और ज़ोर-ज़ोर से हानफते हुए झाड़ गयी. फिर वो मंद-मंद मुस्कुराते हुए ढीली पद गयी.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अंतर्वसना सेक्स कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा. अपनी कीमती फीडबॅक मुझे मौलिक6जे2@रेडिफ़्फ़्माल.कॉम पर दे.