भाभी सेक्स स्टोरी अब आयेज-
रोहिणी भाभी और मैं, हम दोनो ही चुदाई से बहुत तक गये थे रात को. तो सुबह तोड़ा लाते से उठे, और उठे भी क्या, रोहिणी भाभी का फोन बजने लगा तो उतना पद गया. वरना तो और सोते रहते. रोहिणी भाभी के स्टाफ का कॉल आ रहा था.
उसने बोल दिया के आज उनकी तबीयत सही नही लग रही थी, तो वो तोड़ा लाते आएगी पार्लर. फिर वो उठ कर वॉशरूम गयी, फ्रेश हुई, और खुद को सॉफ किया. उसके बाद किचन में गयी, और बर्तन सॉफ करने लग गयी. मैं भी उठा और फ्रेश हो कर किचन की तरफ चल दिया. किचन में जेया कर रोहिणी की साइड में खड़ा हो गया. नंगा ही था मैं.
रोहिणी: कुछ पहन लेते यार, नंगे ही घूम रहे हो घर में.
विवेक: तो क्या हुआ? तुम्हारे मेरे अलावा कोई है क्या घर में? और तुम तो कल मुझे नंगा देख ही चुकी हो, और मेरा लंड भी खा चुकी हो. फिर तुमसे क्या शरमाना मेरी रंडी भाभी?
रोहिणी भाभी ने अपने माथे पर हाथ मारते हुए कहा: उफ़फ्फ़ ये लड़का, ज़रा भी शरम नही है इसमे! जो मूह में आता है बक देता है.
विवेक: ज़्यादा नाटक करोगी तो अभी तुम्हारे भी कपड़े उतार कर फेंक दूँगा रंडी.
रोहिणी स्माइल करते हुए छाई और सॅंडविच बनाने लगी, और मैं उसको देख रहा था. फिर धीरे-धीरे मेरा लंड खड़ा होने लगा. मैने पीछे जेया कर रोहिणी की गर्दन से बाल हटाए और किस करने लगा.
रोहिणी: अर्रे बाबा ज़रा भी सबर नही है तुम्हे? मुझे नाश्ता तो बनाने दो विवेक.
मैं कुछ नही बोला, और उनके बूब्स पकड़ कर हल्के-हल्के मसालने लगा. फिर नेक चूस्टे हुए किस करने लगा. भाभी ने छाई का पानी रख गॅस कम कर दी, और उसे उबलने के लिए छ्चोढ़ दिया. वो सॅंडविच बनाने लगी, और मैं उन्हे किस कर रहा था नेक पर, शोल्डर्स पर, और उनके बूब्स हल्के-हल्के दबा रहा था. भाभी भी कब तक बर्दाश्त करती? वो भी गरम होने लगी, और उनकी साँसे भारी होने लगी.
रोहिणी (भारी सांसो के साथ): विवेक प्लीज़ तोड़ा सबर कर लो ना. नाश्ता रेडी करने दो यार. कल रात से तुमने भी तो कुछ नही खाया. एनर्जी तो चाहिए होगी ना तुम्हे भी बच्चे?
उसने बच्चे बोला तो पता नही क्यूँ लंड में झटका लगा, और मुझे जोश आ गया. मैने लंड पकड़ा, और सीधा छूट में दे मारा. छूट थोड़ी-थोड़ी गीली हो गयी, तो ज़्यादा प्राब्लम नही हुई.
रोहिणी: आहह मा, विवेक यार सबर करने को बोली थी. और तुमने लंड ही पेल दिया मेरे अंदर.
अब मैने अपने हाथ उनके शोल्डर्स के नीचे से ले जेया कर उनके बूब्स पकड़े, और तोड़ा झुका कर उन्हे छोड़ना शुरू कर दिया.
रोहिणी: आअहह अया हाए रे, मा ये लड़का, उफ़फ्फ़ कहाँ से इतनी एनर्जी लाते हो यार? कल रात से बिना कुछ खाए बस छूट बजा रहे हो. विवेक ऊओह मा हा हा फक एस.
विवेक: भाभी मुझे फिर से बच्चा बोलो ना प्लीज़.
रोहिणी: श बच्चे, बहुत आचे से पेल रहे हो भाभी को. छोड़ो मेरे बच्चे, छोड़ो मुझे.
मुझे उनके मूह से बच्चे सुन कर बहुत जोश चढ़ रहा था, और मैं फुल अंदर तक स्ट्रोक्स पेल रहा था. हर झटके पर भाभी की आहह निकल रही थी, और किचन में पाट-पाट की आवाज़ गूँज रही थी. 5 मिनिट की चुदाई के बाद भाभी जब झड़ने को हुई, तो मैने लंड बाहर निकाल लिया.
रोहिणी: आअहह, वॉट थे फक! विवेक रुके क्यूँ यार? मैं झड़ने वाली हू. प्लीज़ डालो वापस और छोड़ो मुझे. मेरा पानी निकालो यार.
मैने उन्हे घुमाया, और उनके होंठ चूसने लगा. वो मेरा लंड पकड़ कर अपनी छूट पर सेट करने लगी, और अंदर डालने को इशारा करने लगी. मैने दो ब्रेड स्लाइस उठाए, और नीचे बैठ गया. मूह छूट पर लगाया, और लापर-लापर बाहर-बाहर चाटने लगा किसी कुत्ते की तरह.
भाभी को गुदगुदी होने लगी, और उन्होने मेरा मूह दबा दिया अपनी छूट पर. फिर मैने छूट में जीभ डाली, और चारों तरफ घुमा-घुमा कर छूट चूसनी शुरू कर दी. 2-4 मिनिट ही बर्दाश्त हुआ भाभी से, और वो झड़ने लगी.
मैने फ़ौरन एक ब्रेड छूट पर लगा दी, और उनके पानी से भिगो दी. फिर दूसरी भी भिगो ली. भाभी शॉक में थी, की कर क्या रहा है ये? फिर मैं उठा, और उनको वो ब्रेड स्लाइस दी.
विवेक: भाभी मेरे लिए इन्ही दोनो ब्रेड का सॅंडविच बनाना. मुझे भाभी छूट रस्स स्पेशल सॅंडविच खाना है.
रोहिणी: उफ़फ्फ़ विवेक, तुम किसी दिन मुझे शरम से मार डालोगे. क्या-क्या खुराफात चलती है तुम्हारे दिमाग़ में?
फिर भाभी ने छाई का पानी जो उबाल कर आधा हो गया था, उसे एक कॅटल में कर लिया, और रूम की तरफ जाने लगी.
विवेक: अभी कहाँ चल दी भाभी? अभी किचन सेक्स पूरा नही हुआ है. अपनी छूट ठंडी कर ली. मेरा लोड्ा कों शांत करेगा? चलो इधर आओ, और स्लॅब पर बैठो.
भाभी ने वैसा ही किया, और स्लॅब पर बैठ गयी. फिर मुझे फ्रिड्ज से दूध का पॅकेट लाने को बोला. मैने उनके बूब्स पकड़े तो शरमाने लगी.
रोहिणी: छ्चोढो ना, बताया तो था कल ही अब दूध नही आता इनमे से.
विवेक: क्या यार भाभी आपको दूध आता तो आज आपके ही दूध की छाई पीटा.
रोहिणी: धात बदमाश! बेशरम कहीं का.
अब जाओ दूध लाओ, वरना छाई ठंडी हो जाएगी. मैं दूध का पॅकेट लाया, और भाभी को देने वाला था. तभी दिमाग़ में फिरसे खुराफात जागी. पॅकेट का एक कोना तोड़ा सा कट किया, और कप उठाया. फिर भाभी के निपल को कप में अंदर किया, और पॅकेट का दूध भाभी के बूब्स पर गिराया, और वहाँ से बहता हुआ निपल्स पर जाते हुए कप में गिरने लगा.
विवेक: भाभी अब आपका दूध निकल रहा है. चलो अब आपके दूध की छाई पीते है.
रोहिणी स्माइल करते हुए मेरे माथे पर हल्के से मार्टी है.
रोहिणी: बिल्कुल नही सुधरोगे तुम.
विवेक: पहले आचे से बिगड़ने तो दो यार.
फिर मैने वो दोनो ब्रेड स्लाइस लिए, और सॅंडविच तैयार किया. एक बीते ली, और लंबी साँस लेकर बोला-
विवेक: उम्म्म मुआः क्या टेस्ट है मेरे इस भाभी के छूट रस्स स्पेशल सॅंडविच का यार. वाह मज़ा आ गया.
रोहिणी भाभी हासणे लगी: बस करो यार, और कितना शर्मिंदा करोगे मुझे.
तुम सच में बहुत नॉटी हो यार. मैने छाई का सीप लिया, तो दूध ठंडा होने की वजह से वो भी ठंडी हो गयी थी. फिर मैने भाभी को पास खींचा और होंठो पर एक चुम्मा दिया. भाभी ने भी एक सॅंडविच बना लिया, और वो भी खाने लगी. फिर मैने अपने सॅंडविच से उन्हे एक बीते दी.
विवेक: कैसा लगा भाभी अपने छूट रस्स का सॅंडविच?
रोहिणी: यार प्लीज़ ये बार-बार छूट रस्स छूट लंड मत बोलो ना. मुझे शरम आती है विवेक.
विवेक: वाह भाभी वाह, कल रात से उछाल-उछाल कर लंड ले रही हो छूट में, मूह में, और अब शरम आ रही है?
रोहिणी: अर्रे सेक्स करना इस अदर थिंग. बुत ऐसे बार-बार बोलो मत ना. मुझे कभी ऐसे बोलने की, सुनने की, आदत नही है यार.
विवेक: आदत तो आपको मुझसे चूड़ने की भी नही थी भाभी. पर हो जाएगी, और मुझसे चूड़ने की एक ही कंडीशन है ‘बेशर्मी’.
हम दोनो ने नाश्ता ख़तम किया.
रोहिणी: अब चले बेडरूम में मुझे तैयार हो कर पार्लर भी जाना है. लाते हो गयी हू पहले ही.
विवेक: अभी तो और लाते होना है. नीचे देखो ज़रा इसको कों शांत करेगा?
रोहिणी: यार अब छ्चोढ़ भी दो. तुम तो छूट के दुश्मन बन गये हो. आज ही छोड़ना है क्या सारा? शाम को वापस अवँगी तब छोड़ लेना ना विवेक. अभी जाने दो प्लीज़.
विवेक: सारा? अर्रे पर अभी तो छोड़ा ही कहाँ है भाभी? अभी तो बस आपको गरम किया है, छोड़ूँगा तो अब.
ये कहते हुए उन्हे स्लॅब के कॉर्नर पर खींचा, और उनके पैर फैला कर बीच में आया. फिर लंड पकड़ा, और छूट पर रखा. उसके बाद दूध का पॅकेट लिया, और छूट में एक धार मार दी पॅकेट से दूध की. फिर एक झटके में पूरा लंड उतार दिया छूट में.
रोहिणी: आ उउउइ मा री जानवर एम्म.
फिर भाभी की गर्दन पकड़ी, और उनके होंठो को चूसने लगा. तोड़ा दूध उनके फेस पर डाला, और चूसने लगा. फिर होंठो पर डाला, और होंठो से पी लिया. उसके बाद उनके कंधे, उनके बूब्स, उनके पेट, हर जगह दूध गिरा दिया, और माल दिया.
अब भाभी की फुल बॉडी दूध से चिपचिपी हो गयी थी. मैने उन्हे जगह-जगह किस करना स्टार्ट किया.
रोहिणी: ऑश विवेक, फक मे. प्लीज़ फक मे. शो मे युवर अनिमल विवेक. एम्म शुरू करो ना प्लीज़ छोड़ो मुझे.
भाभी मुझे हग करके मुझसे लिपट गयी, और कमर आयेज-पीछे करने लग गयी. मैने उनकी कमर पकड़ी, और पेलना शुरू कर दिया. दूध की वजह से लंड और छूट भी चिपचिपे हो गये थे, तो बहुत जल्दी गरम हो गये चुदाई की घिसन से. पूरी किचन में बस भाभी की आ आ एम्म गूँज रही थी.
रोहिणी: फास्टर, फास्टर, हार्डर विवेक फक मे हार्डर. आअहह एस, मा छोड़ो, छोड़ो मेरी छूट को. मिटा दो मेरी प्यास विवेक.
विवेक: भाभी बहुत ग़ज़ब माल हो यार. अब सही माल हाथ लगा है मेरे. छ्चोड़ूँगा नही आपको. मेरा लंड खुश है आपकी छूट लेकर भाभी. ऐसी भारी और गड्राई जवानी कहर ढा रही है आप पर.
रोहिणी: इस जवानी की आग की वजह से ही तो फ़ासस गयी रे कमीने मैं. तेरा लंड मेरी मा छोड़ रहा है विवेक. एम्म आअहह ऐसे ही पेलो मुझे. हाए कितना तदपि हू, ऐसी चुदाई को. मेरे राजा बस छोड़ते रहो अपनी भाभी की छूट. हाए रे, मैं झड़ी आहह.
भाभी झाड़ गयी मगर मेरा लंड अभी इतनी जल्दी हार नही मानने वाला था. मैने भाभी को गोद में उठाया, और दीवार से लगा कर फुल स्पीड में अंदर तक पेलना शुरू किया.
रोहिणी: अया आअहह माआ हाए रे कुत्ते, धीरे छोड़ आहह. मा मॅर गयी, बहुत हार्ड पेल रहे हो विवेक.
मैने भाभी की एक बात ना सुनी, और बस छोड़ने में लगा रहा. 5-7 मिनिट गोद में उठा के छोड़ा. फिर उतार कर पलट दिया, और पीछे से पेल दिया.
रोहिणी: अया कुत्ते संभालने का टाइम भी नही देता है. छोड़, छोड़, आअहह.
विवेक: भाभी शाम को आते हुए लूब्रिकॅंट लेते आना, वरना गांद में बहुत दर्द होगा.
रोहिणी: क्यूँ, अया क्यूँ? गांद में क्यूँ दर्द होगा?
विवेक: जब छूट में लंड बर्दाश्त नही कर पाती हो भाभी. तो गांद तो फटत ही जाएगी ना. फिर मुझे मत कहना की बोला नही.
रोहिणी: हाए दैया, तो शाम को गांद मारोगे क्या? नही-नही, छूट ही मारो. तुम तो जानवर कही के.
मैने भाभी को कंधो से दबा कर दीवार से चिपकाया, और बस पेलने लगा पूरी ताक़त के साथ. 10 मिनिट की चुदाई के बाद मैं झड़ने को हुआ.
विवेक: भाभी मेरा माल निकालने को है. तैयार हो जेया मेरी रंडी.
रोहिणी: विवेक कल रात से अंदर ही निकाल रहे हो. देखना कहीं सच में प्रेग्नेंट ना हो जौ मैं.
विवेक: भाभी तुझे प्रेग्नेंट ही तो करना है. तेरा दूध पीना है मुझे मेरी सेक्सी भाभी.
रोहिणी: ठीक है बाबा, मेरे बोलने से कों सा तुम मान जाओगे? डालो अंदर ही, पर फिर जो भी होगा झेलना पड़ेगा.
फिर 2-3 मिनिट की चुदाई के बाद हम दोनो ही झाड़ गये, और वहीं चिपके खड़े अपनी साँसे रीगेन करने लगे. उसके बाद मैं भाभी को पलट कर उन्हे किस करने लगा.
रोहिणी: हटो भी अब विवेक. मुझे जाने दो. तुम्हारा बस चले तो तुम सारा दिन बस छोड़ते ही रहो मुझे.
विवेक: सो तो है भाभी, तू साली माल ही ऐसी है की मॅन नही भर रहा तेरी लेने के बाद भी.
रोहिणी: अछा बस-बस बहुत हुआ लेना देना. अब तुम भी रेडी हो कर ऑफीस का काम करो, और मैं जाती हू पार्लर. शाम में मिलूंगी अब.
विवेक: शाम तक ना रहा जाए तो चली आना. आज तुम्हारे फ्लॅट पर ही रुकुंगा मैं, और इंतेज़ार करूँगा तुम्हारी गांद का.
रोहिणी भाभी स्माइल करते हुए बातरूम गयी. फिर रेडी हो कर पार्लर निकल गयी. मैने भी फिर ऑफीस का काम जल्दी निपटाया, और सो गया.