भाभी की चुदाई करी धोखे से

हेलो गाइस, तीस इस युवर फ्रेंड रोके वन्स अगेन वित आ न्यू स्टोरी. प्लीज़ दो नोट फर्गेट तो शेर युवर रिव्यू आंड कीप इन टच वित मे ओं रोकेपटेल69@याहू.कॉम.

जो कोई मुझे नही जानता, उसको पहले मेरा इंट्रो दे डू. मेरा नामे रोके पटेल है, और मैं आमेडबॅड, गुजरात से हू, और मेरी आगे 26 है. आज मैं आपको जिसकी स्टोरी सुनने जेया रहा हू, वो मेरे मौसा के लड़के की वाइफ है.

उनका नामे दिव्या है. वो लोग गुजरात में रहते थे, और मेरे साथ उन दोनो की काफ़ी आचे से बनती थी. क्यूंकी मेरी और मेरे मौसा के लड़के की आगे सेम थी. मेरी भाभी की आगे 25 थी, और उसका फिगर 34-32-36 था, और दिखने में मीडियम पर सेक्सी दिखती थी.

पहले तो मुझे उसके बारे में ऐसा विचार नही आया था. पर एक बार मेरे भाई का फोन आया की-

भाई: हमे आमेडबॅड घूमने के लिए और शॉपिंग करने के लिए आना है.

तो मैने सोचा: चलो मज़ा आएगा. भाभी भी साथ में आ रही है, तो थोड़ी मस्ती भी हो जाएगी.

फिर मैने बोला: ठीक है आ जाओ.

उसके बाद वो दोनो सुबह की बस से आमेडबॅड आए, और मैं उन दोनो को पिक करने बस स्टॅंड पहुँचा. तब मैने भाभी को देखा. ब्लॅक कलर की ड्रेस में क्या लग रही थी, और उसके भरे हुए बूब्स सॉफ दिख रहे थे. फिर मैं फटाफट उन दोनो को गाड़ी में बिता के घर लेके आया.

घर आके वो दोनो फ्रेश हो गये, और हम लोग माल में शॉपिंग करने गये. फिर जब माल में भाभी शॉपिंग कर रही थी, तब मैं और मेरा भाई डोर खड़े हो कर बात कर रहे थे. वो तोड़ा टेन्स्ड लग रहा था, तो मैने पूच लिया.

फिर वो बोला: यार हमे बच्चे नही हो रहे है, और डॉक्टर ने बोला की मेरे स्पर्म में कमी है. दिव्या तो मुझे कुछ नही बोलती, पर वो अंदर से बहुत दुखी है, और मैं कुछ कर नही पा रहा हू.

मैने उसको शांत करते हुए बोला: सब अछा हो जाएगा, तू फिकर मत कर.

उसने बोला: इसीलिए मैं आमेडबॅड आया हू.

तो मैने बोला: मैं समझा नही.

भाई: तुझे पता है मैं सबसे ज़्यादा ट्रस्ट तुम पे करता हू. और मेरे सभी सीक्रेट्स तुम्हे पता है.

मैं: हा वो तो है.

भाई: तो प्लीज़ मेरी हेल्प कर दे, और मैं दिव्या की फेस पर खुशी देखना चाहता हू.

मैं: मैं कैसे ये कर सकता हू, मैं कुछ समझा नही (मेरे मॅन में ये विचार आ गया था की कुछ तो नंगा नाच होने वाला था)?

भाई: यार तू दिव्या को मा बनने में हेल्प कर.

मैं (शॉक्ड होने का नाटक करते हुए): मैं कैसे?

भाई: हा तू प्लीज़ माना मत करना.

मैं (मॅन में लड्डू फुट-ते हुए): भाभी को पता है ये सब?

भाई: नही, उसको नही पता, पर तू फिकर मत कर. मैं सब हॅंडल कर लूँगा. रात को जब वो सो जाए, तब तू मेरे कमरे में आ जाना.

मैं: ठीक है, पर तू संभाल लेना अगर कुछ हुआ तो.

फिर रात को बाहर डिन्नर के बाद हम घर गये और मैने कहा: आज तो बहुत घूमना हो गया है. तो मैं तक गया हू.

फिर भाई ने भी बोला: हा हम भी जल्दी सो जाते है.

उसके बाद मैं अपने कमरे में जाके भाई के मेसेज का वेट कर रहा था. तकरीबन आधे घंटे बाद उसका मेसेज आया तो मैं फटाफट उनके कमरे में पहुँचा. मैने देखा की भाभी मूह के बाल सो गयी थी.

फिर भाई ने कहा: मैं बाहर जाता हू. अगर कुछ प्राब्लम हो तो बुला लेना.

फिर मैने ठीक है कहा और वो बाहर चला गया, और मैने रूम बंद कर दिया. मैं लोवर निकाल के बेड के उपर चढ़ गया, और भाभी एक निघट्य में सोई हुई थी. उसकी निघट्य पैर तक उपर उठी हुई थी, और रात के अंधेरे में उसके दूध जैसे वाइट पैर चमक रहे थे.

उसकी गंद बाहर की तरफ निकली हुई थी. ये देख के मेरा लंड एक-दूं खड़ा हो गया, और सलामी देने लगा. फिर मैं पीछे से भाभी को हग किया और मेरा लंड उसकी गांद के बीच में सेट किया. उसके बाद एक हाथ से मैं उसके भरे हुए बूब को दबाने लगा.

भाभी नींद में थी, तो पहले तो उसने कुछ रिक्ट नही किया. इससे मेरी स्पीड बढ़ती गयी, और मैने दूसरे हाथ से निघट्य उपर करके उसकी गांद के बीच में लंड रख दिया. मैं सर्प्राइज़ था की भाभी ने पनटी नही पहनी थी, और उसके गरम बदन को जैसे मेरा लंड टच किया, मेरे शरीर में एक कपकपि छ्छा गयी.

अब मुझे महसूस हुआ की भाभी की नींद हल्की सी खुल रही थी. पर मैं बूब्स को दबाता रहा, और लंड से प्रेशर बनाए रखा. अब भाभी की नींद पूरी तरह खुल गयी थी, और वो बोली-

भाभी: क्या आप भी, कहीं पे भी स्टार्ट ही जाते हो.

तब मैं समझ गया की वो मुझे भैया समझ रही थी. फिर मैं पूरा उसके उपर आ गया, और पीछे से उसकी गर्दन पे किस कर रहा था. भाभी के बदन की स्मेल से मैं मदहोश हो रहा था. मैने अपने लंड को पीछे से धक्का दिया, और वो छूट के पास टच हो रहा था.

मैं महसूस कर रहा था छूट पे हल्के से बाल थे, और थोड़ी गीली हो गयी थी. वो मोन कर रही थी धीरे-धीरे, और मैं उसकी छूट पे लंड रग़ाद रहा था. थोड़ी देर के बाद
वो बोली-

भाभी: प्लीज़ अब रहा नही जेया रहा है. अंदर डालो ना.

मैं: ह्म.

और मैं ज़ोर से रगड़ने लगा. मुझे उसको तड़प्ते देखने में मज़ा आ रहा था.

भाभी: क्यूँ तड़पा रहे हो अहह? प्लीज़ डालो ना.

फिर उसने अपने हाथ से लंड पकड़ के छूट के अंदर रखा और बोली: आज आपका लंड इतना बड़ा कैसे हो गया है?

फिर मैं कुछ ना बोलते हुए धक्का लगाया और पूरा लंड एक बार में फिसल के छूट में घुस गया.

भाभी: अहह, कितना बड़ा हो गया है तेरा लंड. मेरी छूट फाड़ दी (और ज़ोर से चीखी).

बाहर मेरा भाई को पता चल गया की अंदर चुदाई का खेल शुरू हो गया था, और मैं कुछ ना सुनते हुए पूरी तेज़ स्पीड में छोड़ना स्टार्ट किया.

भाभी: आह, तोड़ा धीरे करो. मैं कहाँ भागी जेया रही हू.

फिर थोड़ी देर बाद उसको भी मज़ा आने लगा. मेरा लंड आचे से अंदर-बाहर हो रहा था.

भाभी: आहह, और छोड़ो, और छोड़ो मेरे राजा. आ एस.

मैं: आहा दिव्या.

उसको इतना मज़ा आ रहा था, की उसको और कुछ सुनाई नही दे रहा था. वो गांद पीछे करके धक्के दे रही थी.

भाभी: एस आहह इतना अछा तूने कभी नही छोड़ा अहह ओह.

मैं और तेज़ स्पीड से छोड़ने लगा, और करीब 15 मिनिट की चुदाई के बाद मैं ज़ोर से उसकी चुड में झाड़ गया. मैने सारा माल उसकी छूट में भर दिया, और ज़ोर से मूह से निकल गया, “अहह दिव्या, ले मेरी जान.”

और वो समझ गयी की आवाज़ कोई और लग रही थी. फिर उसने पीछे मूड के देखा और हल्की रोशनी में मेरा चेहरा देख के चिल्लाई-

भाभी: रोके तू!

फॉर थे नेक्स्ट पार्ट स्टे ट्यूंड वित मे. और अपनी फीडबॅक शेर करना मत भूलना ओन्ली ओं [email protected]

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