भाभी की चुदाई कॉंडम के बिना

पिछली कहानियों में आपने पढ़ा ही होगा की कैसे अब मैं और भाभी रोज़ चुदाई करने लगे थे. पर अब तक मैने जितनी कहानियाँ बताई है, उसमे हमने चुदाई करते वक़्त कॉंडम पहना हुआ था. अब मैं वो किस्सा बतौँगा, जिस दिन हमने पहली बार बिना कॉंडम के चुदाई करना शुरू किया.

तो मुझे यहा रुके 5 दिन हो गये थे, और आज मेरा आखरी दिन था भैया के घर पे. मेरी अगले दिन डोपेहेर की ट्रेन थी फिरसे मुंबई जाने के लिए. उस दिन सुबा भाभी थोड़ी मायूस लग रही थी. भैया के ऑफीस जाने के बाद मैने भाभी से बात की इस बारे में. भाभी ने तब कुछ नही कहा, और अपने बच्चे को तैयार करके स्कूल बस तक छ्चोढ़ के आ गयी.

घर आते ही भाभी बेडरूम में आ गयी, जहा मैं उनका इंतेज़ार कर रहा था. वो आ कर मुझसे लिपट पड़ी और रोने लगी. मैं ये देख कर हैरान हो गया. मैने घबराते हुए भाभी से पूछा-

मैं: क्या हुआ भाभी, आप रो क्यूँ रही हो? भैया ने कुछ कहा क्या आपको?

भाभी: नही, वो तो कल तुम चले जाओगे ये सोच कर मैं सुबा से ही उदास हू.

मैने उसके गाल पकड़े, और उसके माथे पर एक किस किया, और उसके आँसू पोंछ दिए. फिर मैं बोला-

मैं: अर्रे भाभी, उसमे क्या हुआ? मैं थोड़ी ना हमेशा के लिए डोर जेया रहा हू. आता रहूँगा ना मैं आपसे मिलने के लिए.

भाभी: क्या सही में तुम मेरे लिए इतनी डोर आओगे?

मैं: भला मैं मेरी इतनी प्यारी भाभी से मिलने इतना सफ़र तो कर ही सकता हू.

भाभी: तुमने तो मेरा मॅन हल्का कर दिया ये कह कर. मुझे लगा अब तुम कॉलेज जाओगे तो वाहा की लड़कियों के चक्कर में मुझे भूल जाओगे.

मैने भाभी को ज़ोर से नज़दीक खींचा, और उसके बब्ले मेरी छाती पे दबाते हुए ज़ोर से गांद पे एक थप्पड़ मारा और कहा-

मैं: भाभी कॉलेज की लड़कियों के पास ऐसी बड़ी मुलायम गांद नही है, जिसका मैं दीवाना बन जौ.

भाभी (हेस्ट हुए बोली): यार तुम्हारी बुरी आदत हो गयी है मुझे.

ये कह कर भाभी ने मेरी जीन्स के उपर से मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया. मैने भी फिरसे भाभी की गांद पे एक ज़ोरदार थप्पड़ मारा, और कस्स के उसकी गांद दबोचने लगा उसको स्मूच करते हुए.

कुछ देर ऐसे ही खड़े रह कर हम एक-दूसरे के शरीर पर हाथ फेरते रहे. फिर मैने भाभी की गांद कस्स के दबोच कर उसको उठाया, और उसको बेड पे लिटा कर उसके उपर चढ़ कर उसको चूमने लगा.

कुछ देर बाद मैं बेड पर लेट गया, और भाभी मेरे उपर चढ़ कर मेरा बदन चूमने लगी. मैं आँखें बंद करके मज़े ले रहा था.

अचानक से भाभी रुकी, तो मैने आँखें खोल कर देखा.

वो खड़ी हो गयी थी, और अपनी निघट्य के प्यज़ामे का नाडा खोल रही थी. मैने भी अपनी पंत खोलना शुरू कर दिया. भाभी ने पिजामा उतार कर बाजू में फेंक दिया, और पनटी उतार कर मेरे मूह पे फेंक दी. मैं उसकी पनटी की लंबी साँसे लेकर खुश्बू ले रहा था.

मैं और भाभी अब पुर नंगे हो चुके थे. उसने मुझे फिरसे चूमना शुरू किया, और थोड़ी देर बाद मुझसे हल्की आवाज़ में कान में पूछा-

भाभी: कॉंडम कहा है?

मैं: वो तो ख़तम हो गये भाभी.

भाभी: चलो अछा है. अब अगर तुम चाहो तो हम बिना कॉंडम के भी कर सकते है (वो शरमाते हुए बोली).

मैं: फक! भाभी आज तो तुम मुझे असली मज़ा देने वाली हो. आज मुझे तुम्हारी छूट की गर्माहट और नामी आचे से महसूस होगी. बड़ा मज़ा आएगा.

मैने अब भाभी को 69 पोज़िशन में लिटाया, और भाभी की छूट चाटने लगा. वो भी मेरा लंड पकड़ कर चूमने-चाटने और चूसने लगी. कुछ देर तक उसकी छूट चाटने के बाद मैने भाभी से कहा-

मैं: भाभी बस अब और रहा नही जाता. पलट जाओ, और मुझे छोड़ने दो तुम्हारी ये गीली मुलायम छूट.

भाभी (हेस्ट हुए पलटी): आज तो मैं भी तड़प रही हू तुम्हारे लंड की गर्माहट मेरे अंदर महसूस करने के लिए.

मैने अपना लंड उसकी छूट पर 2-3 बार सहला कर गीला किया. फिर उसकी कमर कस्स के जाकड़ कर धीरे-धीरे लंड अंदर घुसने लगा. भाभी अब सिसकारियाँ लेने लगी, और मेरी छ्चाटी पर मूह दबा कर मुझे काटने लगी.

जैसे ही मेरा लंड पूरा अंदर घुसा, मैने ज़ोर से उसकी गांद पर एक थप्पड़ मारा, और उसको छोड़ना शुरू किया. शुरुवत मैने धीरे-धीरे की, और फिर स्पीड बढ़ते गया. कुछ देर बाद मैने उसको बेड पे लिटा दिया, और उसके उपर चढ़ के छोड़ना शुरू किया. वो भी टांगे फैला कर मुझे कस्स के हग करके मेरी गर्दन पे किस और बीते किए जेया रही थी.

उसकी छूट इतनी गीली, गरम और मुलायम हो गयी थी. मैं और ज़ोर से धक्के मारने लगा, और अपना लंड उनकी छूट की और गहराई तक घुसने लगा. कुछ देर तक ऐसे ही उसको छोड़ने के बाद मैने अपना लंड बाहर निकाला. फिर मैने लंड को उसके मूह में तूस दिया. भाभी ने अपना रस्स चूस लिया मेरे लंड पे से, और मैने फिरसे उसकी ठुकाई शुरू कर दी.

हुमको चुदाई करते हुए 20 मिनिट्स हो गये थे. इस बीच भाभी 2 बार झाड़ गयी थी, और अब मैं भी झड़ने वाला था.

मैने भाभी से कहा: मैं झड़ने वाला हू.

तो उसने मुझे हाथ और पैर दोनो से कस्स के हग कर लिया, और मेरे कान में सिसकारियाँ लेते हुए बोली-

भाभी: आज मेरे अंदर ही झाड़ जेया प्लीज़. बहुत वक़्त हो गया मुझे ये महसूस किए.

मैने ज़ोर से 4-5 शॉट लगाए, और भाभी की छूट में ही झाड़ गया. उसने मुझे कस्स के पकड़ लिया. फिर मेरे निपल पे काटा, और मेरी पीठ पे नाख़ून दबा कर खरॉच दिए. मैने भी झाड़ते वक़्त उसकी गर्दन पे काटा, और लाल निशान बना दिया.

हम दोनो चिल्लाते हुए झाड़ गये, और मैं कुछ सेकेंड्स तक उसके उपर ही लेता रहा. फिर मैं उसके बगल में लेट गया, और भाभी मुझसे लिपट कर कड्ड्ल करते हुए बात कर रही थी.

आयेज की स्टोरी नेक्स्ट पार्ट में. ये कहानी आप सब को कैसी लग रही है, फीडबॅक देके ज़रूर बताए.

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