भाभी के नाम बहाई माल की नादिया

हेलो दोस्तों मेरा नाम अली है, और मैने बहुत मौके का वेट करने के बाद अपनी भाभी के साथ सेक्स किया. मेरा डिक का साइज़ 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. मेरी एक भाभी है, जो की बहुत खूबसूरत है. 34सी उनका ब्रेस्ट साइज़ है, आंड हिप्स 46″ की है. तो स्टोरी स्टार्ट करता हू.

मैं जॉब के सिलसिले में अपना घर छ्चोढ़ कर अपने भाई के साथ रहने लगा. सिटी का नाम डिस्क्लोस नही करूँगा. मैं उस वक़्त जॉब सर्च कर रहा था. नॉर्मली हमारा रीलेशन बहुत अछा था. सब बहुत अछा जेया रहा था. मेरी उमेर उस वक़्त 19 हुई थी और मैं पॉर्न अडिक्ट भी था, और लंड हर टाइम खड़ा रहता था.

मैं बहाने-बहाने से अपनी भाभी को देखता था, जब वो काम कर रही होती थी. बस एक झलक का इंतेज़ार रहता था की तोड़ा कुछ दिख जाए तो मूठ मार लू. खुद से कुछ करने की हिम्मत नही हुई, क्यूंकी रिश्ता भी ऐसा था.

मैं किसी ना किसी बहाने से उनके वॉशरूम जाता क्यूंकी वाहा पे उनके वॉश होने वाले कपड़ो में उनकी ब्रा और सलवार रखी होती. उस वक़्त मुझे पता चला भाभी अंडरवेर नही पहनती. मैं उनकी ब्रा उठता, और उसको अपने लंड पे फेरता, और उनकी सलवार की छूट और गांद वाली साइड सूंग कर मूठ मारता.

कभी-कभी जब बर्दाश्त नही होता, तो ब्रा में ही माल निकाल दिया करता. बहुत सालों तक यही चलता रहा. जब वो मेरे रूम मैं सफाई करने आती तो उनकी शर्ट उपर होती पीछे से, और उनकी गांद के अंदर सलवार फ़ासस जाती थी. जब उनकी गांद मेरी साइड होती, तो मैं अपने ट्राउज़र के अंदर हाथ डाल कर लंड हिलता.

यही मेरे लिए बहुत था, क्यूंकी मैने बहुत मौके ढूँढे, लेकिन मुझे कभी उनका नंगा जिस्म नही दिखा उस वक़्त तक. फिर एक दिन ये हुआ के कचरे के पास मुझे एक ओल्ड कपड़ो का शॉप मिला.

मैने पूछा: भाभी ये क्या है?

उन्होने कहा: ये पुराने कपड़े है फेंकने के लिए.

तो मैने कहा: ओक मैं घर के बाहर रख देता हू. स्वीपर ले जाएगा.

मैं समझा भाभी के पुराने कपड़े होंगे. मेरा लंड खड़ा हुआ, और जब बाहर कपड़े रखने गया, तो मैने शॉप चेक किया. उसमे से भाभी की पुरानी ब्रा निकली वाइट कलर की. वो विदाउट फोम और थोड़ी सी फाटती थी. मेरा लंड खड़ा हो गया. मैने वो ब्रा उठा के फोल्ड करके जेब में डाल ली. और बाकी नॉर्मल कपड़े थे, उन्हे बाहर रख के अंदर आ गया.

भाभी ने कहा: रख दिए?

मैने कहा: जी बाहर रख दिए स्वीपर ले जाएगा.

उसके बाद मैं रात होने की वेट करता रहा. जब सब अपने रूम में चले गये, तो मैने मोबाइल में पॉर्न लगाया, और भाभी की ब्रा अपने लंड पे रख के मूठ मारने लगा. ये काफ़ी टाइम तक चलता रहा. भाभी की ब्रा वाइट से येल्लो हो गयी मूठ की वजह से. मैं हमेशा उसी में मूठ निकालता, और उसको अपने कपबोर्ड मैं च्छूपा के रख देता.

फिर एक दफ़ा मैं जब भाभी के रूम मैं गया, तो भाभी उल्टी सो रही थी, और गांद से शर्ट उठी हुई थी. उनकी गांद की हल्की सी लाइन दिख रही थी, और गोरी वाइट कमर देख कर मुझसे रहा नही गया. भाभी गहरी नींद में थी. मैने अपना लंड निकाला और आहिस्ता-आहिस्ता सहलाता रहा.

माल फ़ौरन निकालने वाला था. मैं उनकी सलवार की साइड पे निकाल कर बाहर चला गया. उनको बिल्कुल भी पता नही चला. फिर एक दफ़ा उनकी सलवार बातरूम में लटकी हुई थी. थोड़ी सी फाटती हुई थी. मैने हाथ से थोड़ी ज़्यादा फाड़ दी, और इंतेज़ार करता रहा कब वो उसे पहनेंगी.

2-3 दिन बाद उन्होने उसको पहना और बाहर काम करने आई. फिर जैसे ही झाड़ू लगाने के लिए शर्ट उपर करके बैठी, 3 सालों में पहली बार उसकी गांद की फुल लाइन मुझे दिखी. मैं आउट ऑफ कंट्रोल हो गया. इतने में भाभी ने मेरी तरफ देखा और बोली-

भाभी: तुम उठ गये?

मैं बोला: जी भाभी, बस अभी आँख खुली.

चादर के अंदर लंड खड़ा था, लेकिन मैने छुपाया हुआ था. एक दिन भाई ने मुझे अपना मोबाइल दिया कुछ ठीक करने. तो मैने उनका व्हातसपप ओं किया की शायद भाभी की कोई न्यूड पिक मिल जाए मुझे. बुत उसमे कुछ भी नही था. लेकिन डॉक. के नाम से एक छत थी.

मुझे क्यूरीयासिटी हुई. मैने छत ओपन की, तो उसमे ये बात चल रही थी की लंड का साइज़ बड़ा करने की क्रीम और गोली. जब मैने पूरी छत पढ़ी तो मुझे पता चला की भाई के लंड का साइज़ 3 इंच था. मैं पढ़ के चौंक गया, की ऐसा-कैसे हो सकता था.

क्यूंकी भाई दिखने में तो फिट था, और ये कैसे. और मैं दुबला-पतला था, लेकिन मेरा साइज़ तो बड़ा था. खैर मैने फिर उनका मोबाइल वापस किया ये बोलते हुए-

मैं: आपकी सेट्टिंग में प्राब्लम थी. मैने ठीक कर दी है.

फिर मैं पूरी रात सोचता रहा, की भाभी का पूरा होता होगा क्या भाई से. क्यूंकी मैने कभी भी उनको किसी ग़लत नीयत से अपनी तरफ देखते हुए नही देखा था. एक दिन हम सब बैठ कर लडो खेल रहे थे. काफ़ी देर लेग फोल्ड करने की वजह से सुन हो गयी थी.

मेरे सामने मेरी भाभी बैठी थी, आंड सर्दियाँ थी. फिर मैने ब्लंकेट के अंदर से जैसे ही टाँग सीधी करी, वो भाभी के पैर पे लग गयी. मैने सॉरी किया तो उन्होने कहा-

भाभी: कोई बात नही, मेरी टाँग भी दुख रही है.

उन्होने अपनी टांगे जैसे ही सीधी करी. मेरी टाँग उनकी छूट के बीच में थी. लेकिन वो टच नही हो रही थी. अब मुझमे इतनी हिम्मत नही थी, की मैं कुछ करो. बस लडो ही खेल रहे थे. इतने में उनका 2 दफ़ा 6 आ गया. जैसे ही वो खुशी से हिली, मेरा अंगूठा उनकी छूट पे टच हो गया. लेकिन दोनो में से किसी ने रेस्पॉन्स नही दिया, और नॉर्मल रहे.

अगेन जब ये हुआ तो मैने टाँग हटा ली, क्यूंकी मुझे दर्र लग रहा था. ना कभी पहले सेक्स किया था, ना ही कभी भाभी की तरफ से कोई इशारा हुआ, बस मूठ ही मारता था. उस रात 3 दफ़ा माल निकाला भाभी की छूट का सोच कर.

बहुत कोशिश करी, जब वो नहाने जाती थी, की तोड़ा कुछ दिख जाए. लेकिन उस वक़्त तक कुछ भी दिखा. बस कभी झुकती तो बूब्स दिख जाते, या गांद काम करते वक़्त. एक दिन भाई घर से बाहर था, और बच्चे सो गये थे.

उन्होने कहा: अकेले मोबाइल में लगे हुए हो, आओ मोविए देखे.

मैं उठ कर उनके रूम में चला गया. फिर मैं बैठा, और मेरे बराबर में वो बैठ गयी. हम नॉर्मली मोविए देखने लगे बजरंगी भाईजान. उनके पास चिप्स थे. मेरे पास पॉपकॉर्न. ऐसे ही नॉर्मली बैठे थे. बहुत क्लोज़ भी नही थे.

मैने नॉर्मली पॉपकॉर्न का शॉप अपने पेट पे रखा हुआ था, और हम खा रहे थे. कभी वो पॉपकॉर्न खाती, कभी मैं चिप्स खाता. मुझे फील हुआ जब वो मेरे पॉपकॉर्न खाने के लिए शॉप में हाथ डालती थी, तो हथेली के अंदर से मेरे पेट पे भी टच होता था.

मैने आहिस्ता-आहिस्ता करके शॉप अपने डिक की साइड ले गया, और वाहा उसे सेट कर दिया. अब जब भाभी हाथ डाले हल्का-हल्का मेरे लंड पे टच हो, और ये उनको नही पता, क्यूंकी मैं फील कर रहा था वो नही. इतने में पॉपकॉर्न कम होते गये, और लंड खड़ा था.

अब उनको अंदर तक हाथ डालना पद रहा था पॉपकॉर्न के लिए. मैने खाने छ्चोढ़ दिए, क्यूंकी मैं खाता तो जल्दी ख़तम होते. वो खुद खा रही थी, और मुझे मज़ा आ रहा था. मैने चिप्स खाए. हाथ अंदर दबा के चिप्स निकले तो मेरा हाथ टच हुआ उनके जिस्म पे.

उन्होने शॉप छूट से तोड़ा उपर रखा था, जहा बाल होते है. मैं जितना कर सकता था मैने किया. हाथ लगाया चिप्स लेने के बहाने से, और हल्का-हल्का टच करता रहा, और ध्यान रखा कही उनको फील ना हो जाए.

इतने में पता नही चला मोविए के बीच में वो सो गयी. दुपट्टा हॅट गया, और मैं उनकी ब्लॅक ब्रा देख रहा था, और ब्रेस्ट की लाइन भी. मैने लंड निकाला और मूठ मारना शुरू कर दिया. उनकी गांद मेरी साइड थी. मैने डोर से ही उनकी शर्ट के उपर ही माल निकाल दिया, और मोविए देखता रहा.

बाकी स्टोरी नेक्स्ट पार्ट में. ट्रू स्टोरी है, इसलिए पूरी लिख रहा हू. ये बस एक ही सेक्स स्टोरी है मेरे पास जो रियल है. बाकी अगर आप लोगों का फीडबॅक अछा रहा, तो नेक्स्ट पार्ट में कंप्लीट करूँगा.

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