स्वाति भाभी का गंगबांग चुदाई की

मेरा नाम स्वाति हे और मैं 25 साल की हाउसवाइफ हूँ. मेरी शादी को एक साल हो चूका हे पर मेरे पति अभी तक मुझे दिन रात चोदते हे. एक भी रात ऐसी नहीं होती हे जब वो मेरी चूत न बजाये!
मेरी कोलोनी के सारे लड़के मेरी सेक्सी फिगर के दीवाने हे. और जब भी मैं अकेले निकलती हूँ तो सब फ्लर्ट करते हे मेरे साथ. मैं हमेशा बहोत छोटा ब्लाउज पहनती हूँ और साडी भी काफी लो वेस्ट पहनती हूँ. ब्लाउज बेकलेस होता हे और इतना डीप की क्लीवेज दिखे अच्छे से. मुझे अच्छा लगता हे जब लड़के मुझे देख के ललचाते हे.
एक दिन ऐसे ही मैं अकेले वाल्क पर निकली कोलोनी में. मेरे घर के पास में तिन लड़के रहते हे किराए पर जो कोलेज में पढ़ाई करने आये हे यहाँ. रोहन, अक्षय और विजय नाम हे उन्के. उन लोगों ने मुझे देखा तो आ गए बातें करने के लिए.
रोहन: अरे भाभी आप तो बहुत दिनों के बाद में दिखी आज. वैसे आजकल लगता हे काफी बीजी हो आओ?
मैं: नहीं बीजी तो नहीं हूँ. पर ऐसे ही आजकल उन्के ऑफिस की रोज कोई न कोई पार्टी होती हे तो मैं उसी में बीजी रहती हूँ थोड़ी.
अक्षय: भैया नहीं नजर आ रहे हे आज.
मैं: आज उन्हें कुछ काम से बहार जाना पड़ा. काल शाम तक ही लौटेंगे वापस वो घर पर.
रोहन: आप तो बोर हो जाओगी भैया के बगेर भाभी जी.
मैं: हां यार पर क्या करूँ अब. बोर तो होना ही हे मुझे तुम्हारे भैया के बिना.
तभी अचानक रोहन ने कहा, अगर आप का मन हो तो आज अपन लोग मिल के पार्टी करते हे. आप और हम तीनो!
अक्षय और विजय भी जोर देने लगे तो मैंने उनसे कहा की ठीक हे शाम को मेरे पर ही आ जाओ तुम तीनो. पार्टी करेंगे हम चारो मिल के.
वो तीनो एकदम खुश हो गया और मैंने भी सोचा की अच्छा ही हे की अकेले बोर होती उस से अच्छा हे की इन तीनो के साथ पार्टी ही कर लूँ रात में. मैं घर लौट आई और पार्टी की तैयारी में लग गई तभी से. मैंने खाना ऑर्डर कर दिया सब के लिए और जा के रेडी होने लगी.

मैंने नहा के एक पिंक कलर की साडी पहनी जिसका ब्लाउज बहोत ही छोटा था. बेकलेस होने की वजह से मेरी पूरी पीठ खुली थी और मेरी पतली कमर भी पूरी तरह दिख रही थी. मेरा क्लीवेज भी दिख रहा था. लगभग 9 बजे घंटी बजी और वो तीनो आ गए. वो तीनो अन्दर आ के बैठे और मेरी तारीफ़ करने लगे.
रोहन: वाऊ भाभी जी आज तो आप कमाल की लग रही हो.
विजय: भाभी तो रोज ही हॉट लगती हे मेरे को.
मैंने हंस पड़ी और तीनो के लिए पानी ले के आई. पानी सर्व करते समय मेरा पल्लू बार बार सरक रहा था. उन तीनो के तो पसीने छुट रहे थे. सब को भूख भी लगी थी तो हम सब खाना खाने बैठ गए. खाने के टेबल पर तीनो वापस मेरे साथ फ्लर्ट करने लगे.

अक्षय: भाभी आप के आगे तो खाना भी फीका लग रहा हे. भैया तो भूखे ही रह जाते होंगे रोज क्यूंकि आप से नजर ही दूर नहीं होती होगी उनकी तो.
रोहन: अरे पागल भैया तो खाना ख़तम होने की वेट में रहते होंगे की जल्दी से भाभी को ले के बेडरूम में जा सके!
वो तीनो हंसने लगे और मैं शर्मा के मुस्कुरा रही थी. खाना ख़तम होते ही हम लोग ड्रिंक्स करने लगे. और साथ में तास खेलने लगे. खेलते वक्त वो तीनो किसी न किसी बहाने से कभी मेरा हाथ पकड़ते थे तो कभी मेरी कमरे के ऊपर हाथ जो घिस लेते थे. मैं भी व्हिस्की पी रही थी वो सोचा की थोड़ी बहोत मस्ती तो चलती हे इस एज के लडको के साथ में.
फिर विजय ने म्यूजिक चलाया और मुझे अपने साथ डांस करने को कहा. मैं तुरंत मान गई और वो मेरी कमर पर हाथ रख के धीरे धीरे नाचने लगा. डांस करते हुए वो अपने हाथ से मेरी पीठ और कमर को सहला रहा था. मैं भी नशे में थी और उसके हाथ का मेरे बदन पर ऐसे चलना मुझे अच्छा लग रहा था.

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वो बोला: अगर मैं होता भैया की जगह तो एक दिन तो क्या एक घंटे के लिए भी आप से दूर नहीं होता.
मैंने हसंते हुए कहा, अच्छा उतनी हॉट लगती हूँ मैं तुम को?
वो बोला, सच कहूँ तो बता नहीं सकता उतनी हॉट हो आप भाभी.

इतने में रोहन मेरे पीछे खड़ा हुआ और धीरे से अपने हाथ मेरे पेट के ऊपर रख के डांस करने लगा. अब मैं उन दोनों के बिच में थी और हम तीनो डांस कर रहे थे. मैं भी नशे में मस्त थी और सच कहूँ तो मुझे भी ये सब करना अच्छा लग रहा था.
रोहन: भाभी आप बुरा ना मानो तो क्या मैं आप की पतली और सेक्सी कमर के ऊपर उंगलियाँ फेर सकता हूँ.
मैं उसके गालों को सहलाते हुए कहा, उसमे बुरा मानने की क्या बात हे रोहन, करो कोई प्रॉब्लम नहीं हे.
उतने में अक्षय बोला: भाभी को ये सब बुरा नहीं लगता तभी तो सूरज के साथ!
इतना कह के वो हंसने लगा और बाकी के दिनों भी हंस पड़े. मैं हैरान हो गई की सूरज की बात इन तिनो को कैसे पता चली. उम्र में सूरज मेरे से 4 5 साल छोटा हे और मेरा उसके साथ सीक्रेट अफेयर हे. मेरे पति के ऑफिस जाने के बाद मैं उसे अपने घर में बुला के उसके साथ दोपहर में सेक्स करती हूँ. मैं तो ऐसे समझती थी की मेरी और सूरज की बात किसी को भी पता नहीं हे.
मैं घबरा के पूछा, क्या सूरज ने तुम तीनो को कुछ बताया हे?
रोहन ने कहा, हां भाभी हम सब एक ही कोलेज में पढ़ते हे. पर आप चिंता मत करो जरा भी. हम लोग किसी को भी ये सब नहीं बताएँगे.
मैंने राहत की साँस ली और वो तीनो डांस करते मेरे एकदम करीब आ गए. डांस करते वक्त मेरा पल्लू बार बार सरक रहा था और वो तीनो जैसे की पागल ही हो रहे थे.
तभी अक्षय ने कहा: भाभी आप जरा तो अपना फिगर अच्छे से दिखाओ, पल्लू को हटा ही दो बिच में से अब तो आप.
इस से पहले की मैं कुछ बोलती उसने मेरी साडी उतार दी. अब मेरी पूरी कमर और क्लीवेज उन्हें दिख रही थी. रोहन बोला: भाभी आप सूरज को तो रोज खुश करती हो अपने सेक्सी और सिल्की बदन से. आज जरा सा हमारे लिए भी कुछ करों ना. नंगी हो के थोडा नाचो ना. अपना फिगर हमें भी दिखाओ जरा आज.
मुझे ये सब एकदम अजीब सा लग रहा था. एक तरफ ख़ुशी थी की तिन लड़के मुझे नंगा करने को बेताब से थे और डर भी लग रहा था की किसी को पता ना चल जाए. पर मैं मना करती तो वो लोग सूरज वाली बात सब को बता देते और मेरी बदनामी होती.

मैंने कहा, रोहन तुम खुद ही क्यूँ नहीं कर देते ये काम.?

इतना कह के मैंने समाईल करते हुए उसको आँख मारी. वो मेरे करीब आ गया और मेरे कपडे खोल दिए. अब मैं सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी और विजय ने मुझे पीछे से पकड़ा और मेरी ब्रा को खोल के फेंक दिया. मैं भी मस्त हो गई थी और नाचते हुए अपनी पेंटी को मैंने उतार के रोहन के मुहं पर फेंका. उसने पेंटी को ले के उसके ऊपर किस कर ली. अब मैं पूरी नंगी हो के उन तीनो के लिएय नाच रही थी और मेरी चूत बेकाबू हो रही थी. वो तीनो भी एकदम नंगे हो गए नाचते हुए.

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अक्षय: भाभी जो सूरज करता हे वो हमें भी करने दो आज के लिए. मैं आप को ऐसे ही चोदुंगा की आप भैया का लंड भूल जायेंगी.

तभी रोहन ने कहा: नहीं भाभी को तो मैं पहले चोदुंगा. ऐसे उनकी चूत बजाऊंगा की चल नहीं सकेंगी.

विजय ने कहा, भाभी पहले मैं आप की चूचियां पियूँगा और फिर आप की चूत को चोदुंगा.

तीनो की बातों से मैं पागल हो रही थी. और मेरी चूत भी चुदने के लिए बेताब थी. मैंने हँसते हुए कहा, बस अब लड़ाई मत करो तुम लोग. तीनो साथ में मिल के अपनी भाभी के मजे लो!

ये कह के मैं सोफे पर लेट गई और रोहन और विजय मेरी चूचियां चूसने लगे. अक्षय निचे मेरी चूत को चाट रहा था. मैं जोश से पागल होने लगी और वो तीनो मेरी चूची और चूत के मजे लेने लगे. आधे घंटे के बाद रोहन ने मुझे गोद में उठाया और बोला चलो अब बेडरूम में चल के भाभी को बारी बारी से चोदेंगे.

उन्होंने मुझे बेड पर लिटाया और अक्षय और विजय ने मेरी चूचियां चूसते हुए और रोहन ने तभी चूत में लंड डाला. उसने बड़े ही प्यार से मेरी चूत में अपना लंड रख के धक्का दे दिया था. मैं तो ख़ुशी से झुमने लगी थी. उसने आधे घंटे तक मेरी चूत चोदी और फिर झड गया. अक्षय को उसने आने के लिए कहा. अब अक्षय ने मुझे चोदना चालू कर दिया. और रोहन और विजय मेरी चुचियों से खेल रहे थे. अक्षय चोदते वक्त मेरे होंठो को चूमता रहा. इतना मजा आ रहा था की आप को बता नहीं सकती.

और फिर विजय की बारी आई. विजय ने एक झटके में अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया और मेरी तो चीख ही निकल गई. वो मस्ती से मुझे चोद रहा था की मैं मस्ती में आके जोर जोर से गांड को हिलाने लगी थी. जब मैं थक गई तो विजय ने बोला: मेरी प्यारी भाभी की चूत को अब मैं चूमुंगा जिस से दर्द कम हो जाए.

मैंने कहा: सच में आप तो बहुत ही मजा आ गया. सच में पार्टी तो ऐसी ही होनी चाहिए!

हम चारों हंसने लगे और विजय मेरी चूत को चाटने लगा. काफी देर मस्ती करने के बाद रोहन ने कहा, अब तुम दोनों घर जाओ क्यूंकि आज रात को सब से कम मौका मुझे मिला हे. आज तो रात भर मैं अपनी प्यारी सी भाभी को खुश रखूँगा.

विजय और अक्षय चले गए और रोहन और मैं रात भर एक दुसरे से नंगे ही लिपटे रहे. मैंने उसका लंड चूसा और वो मेरी चूचीं चूसते हुए सो गया. सुबह उठते ही उसने मुझे एक बार फिर से घंटा भर चोदा.

जब वो जाने लगा तो मैंने उसे कहा, रोहन आते रहा करो!

वो बोला, अब तो कभी मैं, कभी विजय तो कभी अक्षय आते हीर रहेंगे आप के वहाँ. या फिर आप को हम अपने कमरे पर बुला लेंगे.
उस दिन के बाद हर एक दिन एक की बारी होने लगी दोपहर को मेरे साथ में. एक दिन सुरज, फिर अक्षय, रोहन और विजय मुझे चोदते हे. कभी मेरा मन होता तो मैं चारों को साथ में बुला के भी उनका लंड ले लेती हूँ!!



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