भाभी हुई मेरी हवस की शिकार

ही दोस्तों, मेरा नाम शिवम है. मैं मॅढिया प्रदेश से बिलॉंग करता हू. मेरी आगे 30 की है, और ये मेरी पहली सेक्स कहानी है, जो मैं आपके साथ शेर करने आया हू. ये कहानी तब की है जब मैं 25 साल का था.

मेरी हाइट 5’3″ है, और लंड का साइज़ 6 इंच के बराबर है. आत्लेटिक बॉडी है. नॉर्मली मैं जिम करता हू, और मॉर्निंग वॉक करता हू. घर पर मेरे पास जिम एक्विपमेंट है, क्यूंकी मेरे पास टाइम कम होता है. मैं जॉब भी करता हू, तो ज़्यादा टाइम नही निकाल पाता हू इस कारण. मैने ऑनलाइन ही जिम का समान अपने घर पर मंगवा रखा है, अपने आप को फिट रखने के लिए. अब आयेज बढ़ते है.

मेरी भाभी का नाम सुनीता है, और मेरे घर में सब जॉइंट में रहते है. मेरे 2 बड़े भाई है, और दोनो की शादी हो चुकी है. मेरे दोनो बड़े भाई बाहर जॉब करते है, और मेरी दोनो भाभियाँ हमारे ही साथ घर पर रहती है. उनके 2-2 बच्चे है.

मेरा बड़ा भाई 10 सालों से बाहर जॉब करता है, और भाभी हमारे पास रहती है, तो भाभी कभी-कभी खुद को अकेला फील करती है. काई बार तो मैने उन्हे दुखी सा देखा है, क्यूंकी भैया बाहर रहते है, और भाभी को टाइम भी नही मिलता उनसे मिलने का. बस फोन पे बात होती रहती है कभी-कभी.

सॉरी मैं मेरी भाभी के बारे में बताता हू. जैसा की मेरी भाभी का नाम सुनीता है. मेरी भाभी ज़्यादा गोरी तो नही है, पर आवरेज रंग है. उनका फिगर 32-30-34 है. दिखने में तो एक-दूं कड़क लगती है, और हमेशा ही सारी पहनती है. रात को सोते वक़्त मॅक्सी पहनती है.

उनके बूब्स 32द के होंगे. देखने में मस्त लगती है, की जो भी देखे सोचे काश एक बार ये मेरे साथ सो जाए तो रात भर इसको छोड़ू. और इतना छोड़ू, की छूट का भोंसड़ा बन जाए. भाभी हमेशा ही फोन पे भैया से बात करती है शाम को. बस बात करके सो जाती है.

बात उस दिन की है, जब वो सो रही थी. मैं बातरूम करने उनके रूम की साइड में बातरूम में गया था. क्यूंकी रात का समय था, तो मुझे ज़ोर से सस्यू लगी थी, की मैने सोचा की भाभी के ही रूम की साइड वाले बातरूम में चला जौ, नही तो निकल जाएगा. मैं उनके रूम में गया, और उनके बातरूम की तरफ चला गया सस्यू करने.

सस्यू करने के बाद मेरी नज़र बातरूम में तंगी उनकी चड्डी पे गयी. वो चड्डी मैने देखी तो उसमे सफेद-सफेद कुछ लगा हुआ था. फिर मैने वो चड्डी हाथ लगा के देखी, और स्मेल करके भी. उस चड्डी में से अलग ही तरह की खुश्बू आ रही थी. मैं तो मदहोश हुआ जेया रहा था. उसको मैं बार-बार सूंघ रहा था.

बार-बार चड्डी सूंघ भी रहा था, और भाभी को बातरूम में देख भी रहा था. सोते हुए उनकी सारी हल्की सी उनके बूब्स पे से हटती हुई थी, तो उनका लेफ्ट वाला बूब उपर आ रहा था, और फूला हुआ दिखाई दे रहा था. मैं अभी भी बातरूम में से उनको देख कर चड्डी सूंघ रहा था.

मुझे पता नही अचानक क्या हो गया था. मैं मदहोश हुआ जेया रहा था. फिर भाभी ने करवट बदल ली, और मेरा मॅन उठ गया. मैं अब वो चड्डी लेकर अपने रूम में आ गया. वो चड्डी मैं 2 बजे तक सूंघटा रहा, और मेरा लंड हिलता रहा भाभी की चड्डी सूंघ-सूंघ कर.

रात के 2 बाज गये थे चड्डी सूंघ कर हिलाते हुए. फिर अचानक ही मेरा इतना ज़ोरो का पानी निकला, की आधी चड्डी मेरी खराब हो गयी. मेरा बिस्तर भी कुछ गंदा हो गया. क्यूंकी कम निकालने के बाद तोड़ा तो बुरा लगता ही है, की क्या कर लिया ये मैने. ऐसे ही मुझे भी लगा.

फिर मैं उठा, और भाभी की चड्डी को वापस उनके बातरूम में रख आया. आते-आते मेरा ध्यान भाभी पे गया, और मेरा लंड पे हाथ चला गया. मैं लंड को मसालने लगा उनको देख कर. उनकी गांद मुझे दिखाई दे रही थी सारी के अंदर से.

क्या गांद थी यार, मॅन तो कर रहा था की उनके पीछे जौ, और उनकी गांद से मेरा लंड सत्ता के सो जाओ. पर कंट्रोल किया की अगर ऐसा किया तो भाभी जाग जाएँगी और सभी को घर में उठा देंगी. तो मैं सोने चला गया.

अगली सुबह भाभी किचन में नाश्ता बना रही थी, और मैं पीछे जा रहा था पानी पीने. मैने देखा की भाभी की गांद बाहर निकली हुई थी, और भाभी सारी को तोड़ा हटा रही थी अपने बूब्स से, क्यूंकी उनको गर्मी लग रही थी.

मेरी तो नज़र ही नही हॅट रही थी उनके उपर से. मैने जल्दी पानी पिया, और चला गया. देखते-देखते मैं उनकी गांद देख रहा था, जो मुझे अची लगने लगी थी.

फिर मैं रूम में गया, और सोचने लगा की काश भाभी को मैं एक बार छोड़ लू, और अपने लंड से उनकी गांद मारु. शायद भैया इतनी डोर है तो उनका भी मॅन करता होगा की कोई उनकी छूट छोड़े और गांद मारे.

तो मैने भी अपना प्लान बनाना शुरू किया. भाभी ने नाश्ता बना कर सभी को दिया. मेरी छ्होटी भाभी ने नाश्ते की प्लेट सभी को दी. उनका फिगर भी मस्त 34-32-36 है, पर वो कहानी अगली बार. तो फिर सब ने नाश्ता किया और मैं किचन में गया प्लेट रखने. भाभी अभी भी वहीं खड़ी थी.

मैने प्लेट रखी, और उनको देखने लगा. उन्होने इस बार मुझे तोड़ा देखते हुए देख लिया था, और कहने लगी-

भाभी: अपनी प्लेट रखो, और जाओ.

शायद वो समझ गयी थी की मैं उनको ही देख रहा था. सुबह मैं जॉब पर चला गया, और उनके बारे में सोचने लगा की भाभी को छोड़ना तो चाहता था, पर शुरू कैसे करता. काम में भी मॅन नही लग रहा था, और मज़ा भी नही आ रहा था. तो ऑफीस से हाफ दे किया, और घर चला गया.

हाफ दे लेकर घर पहुचा तो देखा घर पर कोई नही था. पता नही सब कहाँ चले गये थे. बच्चे तो स्कूल गये होंगे, छ्होटी भाभी भी नही दिखी, तो बड़ी भाभी के रूम की तरफ जाने लगा. जाते ही जो देखा, वो मैं समझ नही सका. मेरी आँखें फटी की फटी रह गयी.

मेरी भाभी गाते लगा कर उनकी सारी के अंदर हाथ डाल कर उनकी छूट में उंगली कर रही थी. वो आवाज़ कर रही रही थी ऑश आअहह, ऑश, अया की. मेरा तो हाथ सीधे मेरे लंड पे चला गया, और मैं लंड रगड़ने लगा भाभी को ऐसे देख कर. भाभी आवाज़े किए जेया रही थी.

वो ऑश ओह मेरी छूट ऑश मेरी छूट करके छूट में उंगली करे जेया रही थी. मैं भी मेरा लंड रगड़ने लगा ये देख कर. फिर एक-दूं से भाभी शांत हुई. शायद उनका पानी निकल चुका था. मेरा लंड अभी भी खड़ा था उनको देख कर. फिर उन्होने अपना हाथ निकाला अपने पेटिकोट से, और उसे सूंघने लगी. फिर हाथ धो कर आ गयी.

मैं भी जल्दी अपना लंड अपनी पंत में डाल कर नीचे आने लगा. फिर अपने कमरे में आ कर लंड निकाल कर हिलने लगा. भाभी का वो सीन याद करके मेरा लंड बहुत कड़क हो चुका था, एक-दूं पत्थर की तरह. फिर एक-दूं से मेरे लंड ने फव्वारा छ्चोढा और इतना सारा पानी निकला, की मेरी पंत तक खराब हो गयी.

फिर मैने पंत बदली, और उठ के कमरे से बाहर आ गया. भाभी भी नीचे आ गयी थी. उनको देखा मैने, वो थोड़ी रिलॅक्स लग रही थी. और लगेंगी भी क्यूँ नही? अपनी छूट में खुद उंगली डाल के अंदर-बाहर करके जो आई थी.

मैं अब रात का इंतेज़ार करने लगा, की रात हो जाए तो मैं रात को भाभी के रूम में जौ, और उनके बातरूम में उनकी चड्डी सूंघने को मिले.

फिर रात हो गयी और मैं भाभी के रूम में गया. मैं उनके बातरूम में गया. भाभी चड्डी वहीं रखती थी रोज़ नहाने के बाद. वो चड्डी अंदर ही टाँग देती थी सूखने के लिए. मुझे उनकी गांद का और छूट का नशा छा रहा था. मैने फिर चड्डी उठाई, और सूंघने लगा. साथ में मैने लंड हिलना चालू कर दिया, और उनको भी देखता बीच-बीच में वहीं से.

अचानक भाभी भी उठी सस्यू करने. मैं वहीं बातरूम में अपना लंड हिला रहा था, उनकी चड्डी सूंघ कर, दीवार की तरफ मूह करके. भाभी ने गाते खोला बाहर से, और मैं अंदर अपना लंड हिला रहा था. मेरे हाथ में उनकी चड्डी थी. ये देख कर वो एक-दूं से मुझ पर चिल्लाई-

भाभी: शिवम, यहाँ क्या कर रहे हो!?

मैं एक-दूं मुड़ा, और मेरी साँस ही रुक गयी की भाभी ने मुझे उनकी चड्डी सूंघते हुए देख लिया. मेरा लंड सलामी देते हुए खड़ा था. मेरी गांद फाटती पड़ी थी, की अब क्या होगा?

भाभी मूह दूसरी तरफ करके बोली: निकलो यहाँ से अभी.

मैं तुरत वहाँ चड्डी पटक के, अपना लंड अंदर करके बाहर निकल आया, और नीचे भाग गया अपने रूम में. अपने कमरे में आ कर मुझे बहुत गिल्ट फील हुआ की ये क्या हो गया. मुझे भाभी ने देख लिया था उनकी चड्डी सूंघते हुए. अब क्या वो किसी को बताएँगी? मैं सब को क्या कहूँगा? मेरी जान जेया रही थी. रात भर सोच के नींद भी नही आई.

फिर सुबह हुई, और सब उठे. मैं भी लाते उठा, क्यूंकी मेरी गांद फटत रही थी की कैसे बाहर जौ. बाहर गया तो भाभी मुझे देख कर पता नही कैसे रिक्ट करेंगी?

अब अगले पार्ट में बतौँगा दोस्तों की आगे क्या हुआ. प्लीज़ सपोर्ट कीजिएगा, आयेज की सेक्स कहानी बहुत हॉर्नी और चुदाई भारी होने वाली है. मिलता हू जल्दी दोस्तो अगले पार्ट में.

यह कहानी भी पड़े  बुड्ढे काका से लड़की ने अपनी सील तुडवाय

error: Content is protected !!