ब्फ से चुद्ते-चुद्ते बाप से चुद गयी लड़की

दोस्तों मेरा नाम विपिन है. मैं 20 साल का हू, और कॉलेज में पढ़ता हू. इस कहानी में मैं अपनी बेहन और बाप की आँखों देखी चुदाई का नज़ारा आप सब के सामने पेश करने वाला हू. तो चलिए अब मैं कहानी शुरू करता हू.

सबसे पहले मेरी बेहन का इंट्रोडक्षन. मेरी बेहन का नाम ज्योति है. वो उसी कॉलेज में मास्टर्स कर रही है जिसमे मैं पढ़ता हू. ज्योति की हाइट 5’6″ है, और रंग गोरा है. बॉडी उसकी थोड़ी हेवी है, इसलिए वो प्रॉपर माल लगती है. फिगर उसका 36-30-38 है. वो ज़्यादातर कॉलेज में जीन्स और त-शर्ट पहनती है. इसलिए लड़कों को उसकी गांद और बूब्स का अछा नज़ारा मिल जाता है.

बाकी लड़के तो मेरी बेहन को हवस भारी नज़रों से देखते ही है. मैं भी उसको सोच-सोच कर बहुत बात मूठ मार चुका हू. लेकिन मुझे कभी उसकी सेक्सी छूट नसीब नही हुई. मेरी बेहन का कॉलेज में एक बाय्फ्रेंड भी है, जिसका मुझे बहुत देर से पता था.

अब पापा का इंट्रोडक्षन दे देता हू. मेरे पापा एक गवर्नमेंट ऑफीसर है. उनकी पर्सनॅलिटी अची है, और जिम जाके उन्होने बॉडी अची बनाई हुई है. इस उमर में भी वो काफ़ी तगड़े है. उनकी हाइट 5’10” है, और लंड का साइज़ 7.5 इंच है. लंड का साइज़ मुझे तब पता चला, जब मैने वही लंड अपनी बेहन की छूट में जाते देखा. मेरी मा की कुछ साल पहले डेत हो चुकी है.

तो हुआ यू की मेरी बेहन को अपने बाय्फ्रेंड के साथ टाइम स्पेंड करना था. सीधे-सीधे बोलू तो चुदाई करनी थी. इसलिए उसने कॉलेज बंक करके अपने बाय्फ्रेंड को घर पे बुलाया था. मुझे ये इसलिए पता था क्यूंकी बेहन के बाय्फ्रेंड का फ्रेंड मेरा भी फ्रेंड था.

मुझे पता तो चल ही गया था की वो क्या करने वाले थे. तो मैने सोचा क्यूँ ना मैं भी अपनी बेहन की चुदाई का नज़ारा देख कर मज़ा लू. तो मैं भी कॉलेज बंक करके उनके पीछे-पीछे घर में घुस गया. क्यूंकी पापा शाम को ड्यूटी से आते है, तो सब कुछ सेफ था उन दोनो के लिए.

फिर मेरी बेहन अपने ब्फ को अपने रूम में ले गयी, और मैं रूम के बाहर जाके खड़ा हो गया. घर में कोई था नही, तो उन्होने दरवाज़ा लॉक नही किया. इससे मुझे अंदर का नज़ारा सॉफ दिख रहा था.

ज्योति और उसका बाय्फ्रेंड दोनो बाहों में बाहें डाल कर एक-दूसरे के होंठ चूस रहे थे. उसका ब्फ उसकी गांद दबा रहा था. ज्योति की मोटी गांद डाबते देख कर मेरा भी लंड खड़ा हो गया. फिर उसने मेरी बेहन की त-शर्ट उतरी, और उसकी गर्दन और क्लीवेज चूमने लगा.

क्या कमाल लग रही थी मेरी बेहन ब्रा में. उसके बाद उसका बाय्फ्रेंड बेड पर टांगे नीचे करके बैठ गया, और मेरी बेहन को अपनी एक जाँघ पर बिता लिया. उसने मेरी बेहन की ब्रा उतार दी, और ज़ोर-ज़ोर से उसके निपल्स चूसने लगा. क्या सेक्सी निपल्स थे मेरी बेहन के, लाइट ब्राउन रंग के.

अंदर ये सब चल रहा था, की तभी मुझे घर का मैं दरवाज़ा खुलने की आवाज़ आई. जब मैने दरवाज़े की तरफ देखा, तो पापा घर आ चुके थे. उनको देख कर मैं जल्दी से च्छूप गया. पापा ने अंदर आके देखा की दीदी का कॉलेज बाग टेबल पर पड़ा था. ये देख कर वो दीदी के रूम की तरफ चल पड़े.

जब वो रूम के अंदर गये, तो मैने वापस अपनी पोज़िशन लेली. अंदर दीदी सिर्फ़ पनटी में अपने बाय्फ्रेंड के साथ बेड पर थी. पापा को देखते ही वो दोनो दर्र गये, और दीदी खुद को ढकने लगी. पापा ने उस लड़के को एक थप्पड़ मारा, और उसके कपड़े देके उसको भेज दिया. अब दीदी पनटी में बैठी चादर से खुद को धक रही थी. उसकी आँखों में आँसू थे फिर वो बोली-

ज्योति: सॉरी पापा, वो.

पापा: कोई बात नही बेटा, इस उमर में ऐसा हो जाता है. लेकिन किसी बाहर वाले पर ट्रस्ट नही कर सकते. मैं जानता हू तुम जवान हो गयी हो, और तुम्हारी काई ज़रूरते है. अगर तुम चाहो तो…

ये बोल कर पापा ने बेहन की जाँघ पर अपना हाथ रख कर जाँघ दबा दी. उनके ऐसा करते ही दीदी हैरान हो गयी और बोली-

ज्योति: पापा ये क्या कर रहे हो आप?

पापा: वही जो तुम उसके साथ करने जेया रही थी.

ज्योति: लेकिन ये ग़लत है.

पापा: कुछ ग़लत नही है बेटा.

ये बोलते ही पापा दीदी के करीब आए, और उसके होंठो पर अपने होंठ चिपका दिए. इससे पहले दीदी कुछ सोचती, पापा ने किस करते हुए दीदी को बेड पर लिटा दिया, और खुद उपर आ गये. दीदी पापा के नीचे डाबब गयी.

पापा दीदी के होंठ चूस्टे हुए पनटी में हाथ डाल कर उसकी छूट सहलाने लगे. कुछ मिनिट बाद दीदी भी पापा का साथ देने लगी. अब पापा ने दीदी के होंठ छ्चोढे, और उसके बूब्स चूसने लगे. दीदी भी पापा को अपनी आगोश में लेके अपने बूब्स चुस्वा रही थी, और आ आ कर रही थी.

फिर पापा नीचे आए, और दीदी की कमर चूमते हुए उनकी पनटी उतार दी. अब दीदी की चिकनी छूट पापा के सामने थी. छूट देखते ही पापा उसको चाटने लगे, और दीदी पागल होने लगी. पापा कुत्ते की तरह छूट चाट रहे थे. अब दीदी चूड़ने के लिए बेकरार हो रही थी.

फिर पापा ने अपने कपड़े उतारे, और उनका काला साँप दीदी के सामने फुकारने लगा. दीदी पापा के साँप को देख कर खुश हो गयी. पापा ने लंड दीदी की छूट पर रगड़ा, और धक्का देके अंदर कर दिया. दीदी ने चीखें मारनी शुरू की, और पापा ढाका-धक दीदी को छोड़ने लगे.

कुछ देर बाद दीदी की चीखें कामुक आहों में बदल गयी. अब वो गांद उठा-उठा कर पापा का लंड छूट में ले रही थी. फिर पापा ने दीदी को अपने उपर किया, और दीदी उनके लंड पर चढ़ कर उछालने लगी. दीदी के बूब्स हवा में उछाल रहे थे. तकरीबन आधे घंटे बाप पापा का होने वाला था, तो उन्होने दीदी को बोला.

दीदी जल्दी से उनके लंड से उतरी, और लंड को मूह में लेके चूसने लगी. 1-2 मिनिट में पापा ने अपने माल की पिचकारी दीदी के मूह में छ्चोढ़ दी, और दीदी सारा माल पी गयी.

उस दिन के बाद मैने बहुत बार दीदी को पापा के लंड पर चढ़ते देखा. लेकिन मेरा लंड अभी भी प्यासा है.

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