पिछले पार्ट में मेरा ब्फ मुझे पार्क लेकर गया, और मेरी टॉप उतार दी थी. फिर मैं शरम के मारे नीचे बैठ के हाथ से अपनी क्लीवेज को कवर करने की कोशिश कर रही थी.
मे: नही सब देख लेंगे जी.
आफताब: ठीक है, ऐसे ही पड़ी रह. मैं ये टॉप लेकर जेया रहा हू.
मे: ओक-ओक, मैं और नही डरँगी. मत जाओ मुझे अकेला छ्चोढ़ के.
आफताब: देख मेरा लंड खड़ा हो गया है.
मे: अछा, ठीक है अची बात है.
आफताब अपना लंड चुस्वते रहे, और झुक के मेरी बूब्स को ब्रा से बाहर कर दिए.
आफताब: दीप्ति मेरा निकालने वाला है.
मैं लंड निकाल के अपना हाथ बधाई, तो आफताब बोले: आबे हाथ में क्या करेगी? मूह खोल बे.
मे: नही बहुत गंदा टेस्ट होगा.
आफताब: मूह खोलेगी की नही?
मैं चुप-छाप मूह खोल दी. वो मेरे मूह के सामने तोड़ा हिलाए. फिर जब निकालने का टाइम आया तो डाइरेक्ट मूह में डाल दिए, और मेरे पीछे के हेर को पकड़ के पुश करते रहे. उनका पूरा लंड मेरे मूह में था, और उनका स्पर्म डाइरेक्ट मेरे गले में उतार रहा था. टेस्ट तो मुझे तब आचे से पता ही नही चला, और मैं सब स्पर्म निगल गयी.
ऐसे ही 10 सेकेंड के बाद मैं झटपताई लंड मूह से निकालने के लिए. वो फिर भी ज़ोर से दबाए रखे थे. मैं हाथ से उन्हे 2 बार मारी, और खुद को पीछे धकेल्टी रही. फिर लंड निकल गया.
आफताब: बहनचोड़ मज़ा आ गया आज मुझे.
मैं थोड़ी सी खाँसती रही.
फिर वो बोले: दीप्ति तू ना दीपत्र्ोआट अछा कर सकती है यार. ये 2न्ड टाइम था जो तू मेरा लंड मूह में ली, और इतना बड़ा लंड पूरा मूह में ले लिया था 1स्ट्रीट टाइम में ही. आज तो अंदर कुछ देर तक होल्ड भी किया तूने, वाह!
मे: अछा बाकी लड़कियाँ ये नही कर सकती क्या?
आफताब: ना, नही कर सकती. पॉर्न मैं देखा हू. बहुत कम लड़कियाँ होती है, जो पूरा लंड ले लेती है.
फिर मैं उन्हे बोली: ओक-ओक, अब चलिए घर (बूब्स को अंदर करते हुए)
आफताब: सुन ना, देख अंधेरा हो रहा है.
मे: तो?
आफताब: कोई नही देखेगा. तू एक बार नंगी हो जेया प्लीज़.
मुझे ये बात बहुत अजीब लगी, बुत ब्फ ऐसे प्यार से प्लीज़ बोल दिए, और मुझे यकीन भी हो गया था की हमे कोई नही देख रहा था.
फिर मैं बोली: अछा बाबा, सिर्फ़ तुम्हारे लिए, ओक?
आफताब: चल खोल.
मैने फिर अपनी ब्रा खोल दी. फिर जीन्स खोलते टाइम मुझे पता नही क्यूँ, बहुत दर्र लगा, और मैं आस-पास देखने लगी. फिर जीन्स भी खोल दी मैने.
आफताब: अब तेरी पनटी.
मैने अपनी पनटी खोल दी. मेरी चिकनी छूट उनको बहुत पसंद आ गयी.
आफताब: यार तेरी बूब्स तो है ही क़यामत. और तेरी छूट 1 नंबर है, हेर बिल्कुल है ही नही.
मे: हा जी, मेरी छूट में हेर नही आए अभी तक ( माइनर से थे, जो की विज़िबल नही थे).
ऐसे ही तोड़ा और अंधेरा हो गया. बस थोड़ी सी लाइट थी. तब मेरे ब्फ मेरे साथ बहुत बुरा किए.
आफताब: तेरा फोन किधर है?
मे: मेरी जीन्स की पॉकेट में होगा.
आफताब: ई थिंक की तेरा फोन वाहा झाड़ियों में पड़ा है, देख ज़रा.
मैं जब पीछे मूडी, तब मेरे ब्फ मेरी ब्रा पनटी को अपनी पंत की पॉकेट में डाल दिए, और मेरी टॉप और जीन्स को उठा लिए, और बोले की-
आफताब: मिल गया यार तेरा फोन. तेरी जीन्स की पॉकेट में था. ये ले तेरी फोन पकड़.
मे: फोन को मेरी पॉकेट में ही डाल के रखो ना.
आफताब: तू पकड़ तो सही.
मैं अपना मोबाइल पकड़ी. फिर सडन्ली मेरे ब्फ दौड़ के भाग गये. तब मेरी पैरों तले से मानो ज़मीन ही खिसक गयी. मैं बहुत शॉक में पद गयी, और बहुत दर्र गयी. वो मेरे सारे कपड़े लेकर भाग गये. मैं वाहा से हॅट गयी, और पीछे वाली झाड़ियों के पीछे रह गयी. फिर मैने आफताब को कॉल की.
आफताब: हा रॅंड बोल?
मे: एक्सक्यूस मे, ये क्या बिहेवियर है जी? प्लीज़ आओ ना, मेरे कपड़े दे दो ना प्लीज़.
आफताब: तुझे जो बोलूँगा वो करना पड़ेगा, वरना कपड़े नही दूँगा.
मे: क्या मज़ाक है जी. प्लीज़ बे सीरीयस. अब ये कुछ ज़्यादा हो रही है जी.
आफताब: देख तुझे तो ये सब करना पड़ेगा रंडी.
मे: नही प्लीज़, और ये क्या हमेशा रंडी-रंडी बोलते हो? ई डिज़र्व सम रेस्पेक्ट.
आफताब: चल तुझे मैं डोर से देख रहा हू. तू उन झाड़ियों से निकल, और वॉकिंग ट्रॅक पे आजा ऐसे नंगी ही.
मे: प्लीज़ मेरी इज़्ज़त चली जाएगी जी. प्लीज़ ऐसा मत करो, प्लीज़.
आफताब: ठीक है, मैं घर जेया रहा हू.
मे: ओक-ओक जाती हू, जाती हू.
फिर मैं दर्र-दर्र के, च्छूप-च्छूप के वॉकिंग ट्रॅक के पास गयी
आफताब: शाबाश, अब साइड में जो बैठने की जगह बनाई गयी है, वाहा बैठ जेया.
फिर मैं वाहा बैठी, पैरों के उपर पैर रख के, ताकि छूट च्छूपी रहे, और दोनो हाथ से बूब्स को ढाकी रही.
आफताब: वेरी गुड मेरी रॅंड. अब ऐसे ही बैठी रह.
तब तक पूरी शाम हो गयी थी. 80% अंधेरा हो गया था. फिर मैं देखी की थोड़ी ही डोर से कोई चल के आ रहा था. मैं तुरंत बेंच से उठ के उसी बेंच के पीछे च्छूप गयी. वो आदमी के जाने के बाद मैं वापस आके बैठ गयी. ऐसे ही 5 मिनिट्स हो गये थे, ब्फ को मैं वापस कॉल की-
मे: क्या हुआ, आप तो बोले थे की नेक्स्ट क्या करना है बोलेंगे. बुत आप तो कॉल ही नही कर रहे.
आफताब: कुछ देर और रुक जेया.
फिर मैं फोन कट की. 2 मिनिट्स बाद सडन्ली मेरी साइड में जो पोले था, उसकी लाइट ओं हो गयी. अब मैं पूरी विज़िबल हो गयी. मैं तुरंत उठ कर वापस उन झाड़ियों की तरफ भागी. बेंच के सामने से कुछ लड़के लोग मुझे देख लिए थे.
आफताब का कॉल आया: शाबाश रंडी, यही मैं तेरे से एक्सपेक्ट कर रहा था. बुत तेरे सामने कुछ लड़के थे ना, वो लोग देख लिए है बे.
मे: श नो.
आफताब: सुन-सुन टेन्षन मत ले, तुझे लंड बहुत पसंद है ना?
मे: क्या घटिया सवाल पूच रहे हो आप.
आफताब: तू चाहे तो उन लोगों का लंड चूस सकती है डियर. मज़ा आएगा, सोच न्यू लंड, न्यू टेस्ट.
मे: मगर ये अची बात नही है जी. और तो और इतनी लाइट में मैं उन लोगों के पास नही जेया सकती.
आफताब: कम बहुत टेस्टी लगता है ना तुझे? तूने अभी ही तो पिया ना मेरा.
मे: मगर मैं ऐसी लड़की नही हू जी, और तो और अगर वो लोग छोड़ देंगे तो?
आफताब: छोड़ने वाली सिचुयेशन अगर आई तो मैं आ कर तुझे बचा लूँगा.
मे: बुत… ओक… नो नो नो, नही मैं इतनी लाइट्स में उन लोगों के पास नही जेया सकती.
तभी मेरे ही पास वो सब लड़के आ कर खड़े हो गये थे. मैं बहुत दर्र गयी, और फोन भी कट हो गया. मैं नीचे बैठ कर खुद को च्छुपाने लगी.
बॉय 1: वाउ, क्या माल है ये.
बॉय 2: हे सेक्सी.
3र्ड बॉय: ये तो वो है.
बॉय 1: क्या वो?
3र्ड बॉय: वही जो सेक्स करती है पैसे ले कर.
बॉय 1: अछा.
मैं सिर नीचे करके शरीर को च्छूपा कर बैठी रही. बॉय 2 ने मेरा हाथ पकड़ कर खींचने की कोशिश की.
बॉय 1: भाई लोग, मुझे ये कुछ ठीक नही लग रहा. कुछ तो गड़बड़ है.
बॉय 3: कुछ गड़बड़ नही. हे सेक्सी गर्ल.
फिर मैने अपने अंदर हिम्मत जुटाई, और सर उपर करके बोली-
मे: हे ( सब दिखने में उमर में मुझसे छ्होटे लग रहे थे)
बॉय 1: वाउ, तुम बहुत ब्यूटिफुल हो.
3र्ड बॉय: फक करोगी?
बॉय 2 हाथ नीचे करके साइड से मेरी बूब को दबाने लगा.
मे: प्लीज़ लीव मे (गुस्से से बोली).
वो लोग जेया रहे थे. तब मैं सोची की अगर इन लोगों का नही चूसूंगई तो शायद ब्फ नाराज़ हो जाएँगे.
मे: एक्सक्यूस मे, रूको सब.
फिर मैं खड़ी हुई. वो सब तो हाइट में भी मेरे कंधे तक आ रहे थे ( मी हाइट इस 5’7″)
बॉय 3: वाउ, वॉट आ ब्यूटी.
सब देखे जेया रहे थे. अंधेरा और हल्की सी लाइट थी वाहा
मे: वॉंट तो टच मे? चूना चाहते हो मुझे?
सब एक साथ बोले: हा.
दो लड़के फिर मेरे बूब्स को चूसने लगे. 1 नीचे बैठ कर छूट को हाथ से टच कर रहा रहा था.
बॉय 3: वाउ तेरी छूट में हेर है ही नही. तेरी आगे शायद हमारे जितनी होगी. बस हाइट तेरी ज़्यादा लग रही है
मे: ओह हेलो, तेरी मेरी क्या कर रहे हो. ज़रा तमीज़ से, मैं तुमसे बड़ी हू.
सब मेरी बात सुन कर तोड़ा रुक गये.
मे: वॉट?
वो लोग वापस सब शुरू हो गये. बॉय 3 जो छूट में 1 उंगली डाल के उंगली कर रहा था, तब उसने थूक से मेरी छूट को पूरा गीला कर दिया था. सडन्ली उसने एक उंगली मेरी गांद में डाल दी. मेरे मूह से अहह निकल गयी.
मे: वॉट अरे योउ डूयिंग? पीछे क्यूँ डाल रहे हो?
बॉय 3: मज़ा आ गया. तू भले ही हम सब से बड़ी है, लेकिन तुझसे कों तमीज़ से बात करेगा?
फिर वो बॉय 3 अपना लंड निकाल के मेरी छूट की और बढ़ रहा था. बुत हाइट कम होने की वजह से डाल नही पा रहा था.
बॉय 3: हे सेक्स गर्ल, नीचे बैठ ना, लंड डालूँगा.
मे: ऊ हेलो, क्या है? लंड नही डालने का ओक. मूह में ज़्यादा से ज़्यादा ले लूँगी. उससे ज़्यादा कुछ नही.
सब एक-दूं से रुक गये और बोले: सॅकी तुम हम लोगों का मूह में लॉगी?
मैं भी सोचने लगी और बोली: हा, तो क्या हुआ?
सब बोले: हम लोग सुने थे की लड़कियों को मूह में लेना पसंद नही.
फिर मैं नीचे बैठी, और सब का एक-एक करके चूसने लगी. जल्दी-जल्दी ही सब का निकल गया. बॉय 1 और बॉय 3 का स्पर्म पूरा पानी-पानी था. बुत मैं वो भी पी गयी. बॉय 2 का तोड़ा सा गाढ़ा स्पर्म था, जो की पीए रही थी. पता नही क्यूँ, बुत और पीने को मॅन ही नही किया, तो थूक दी मैं.
फिर सब अपनी पंत की ज़िप बंद किए, और बाग उठा के अपना चले गये. फिर वो बॉय 3 वापस आया, और बोला-
बॉय 3: ओह दीदी, सस्यू लग रहा है. पियोगी क्या?
मे: शूट उप.
वो दर्र के मारे भाग गया. फिर ब्फ आए, और मेरे सारे कपड़े दिए. मैं उनपे बहुत गुस्सा थी, और मैने कुछ भी बात नही की. मैने चुप-छाप कपड़े पहने, और उनके साथ निकल गयी बिके पे. ब्फ भी कुछ बोल नही रहे थे. फिर बिके के पीछे बैठे-बैठे मैं वही सारी बातें सोचती रही. मॅन ही मॅन में तोड़ा सा अछा लगने लगा मुझे. फिर मैं बोली-
मे: क्या हुआ, आप चुप हो?
ब्फ: तू भी तो चुप है.
मे: तो मैं लड़की हू, इस सब में हम लोग बहुत शरमाते है.
ब्फ हेस्ट हुए बोले की: शरम, वो तो आज मैं देख लिया पब्लिक प्लेस पे, वो भी पूरी नंगी. शरम की बात कर रही है, चल रंडी.
मे: आपको पता है वो लड़के मुझे छोड़ना चाहते थे, और तो और मुझे अपना पेशाब भी पिलाना चाहता था.
ब्फ: हा हा हा हा, तेरी चुदाई नही हुई ना उन लड़को से, इसलिए तू थोड़ी सी गुस्से वाले मूड में है.
मे: चुदाई सिर्फ़ एक से ही होती है, वो भी जीवनसाथी के साथ. मतलब सिर्फ़ तुमसे चुड़ूँगी, उन लड़को से नही.
सडन्ली ब्फ बिके को कोई अंधेरी जगह ले गये.
मे: ये कहा लाए आप?
ब्फ: तुझे छोड़ना जो है.
मे: नो-नो, ई नो की आप मुझे फिरसे नंगी कर दोगे.
ब्फ: अल्लाह कसम अब नही करूँगा, तू बस जीन्स नीचे कर.
मे: ओक.
ब्फ एक कॉंडम अपने लंड में लगाए, और मुझे अपनी बिके सपोर्ट लेकर झुकने को बोले. फिर वो मेरी छूट को चाटने लगे.
ब्फ: क्या छूट है बे तेरी.
मे: थॅंक योउ जी.
ब्फ: युवर वेलकम रंडी.
मे: ई’म नोट रंडी, ओक.
ब्फ: हा आज तो दिख गया मुझे सब, उन 3 लड़कों के साथ जो कर रही थी.
मे: अब बकवास बंद भी करोगे या नही?
सडन्ली ब्फ छूट में आधा लंड डाल दिए. मैं ज़ोर से ही चिल्ला रही थी. फिर तुरंत ब्फ मेरे मूह में हाथ रख दिए.
ब्फ: साली अब भी बहुत टाइट है बे तेरी.
मे: प्लीज़ धीरे-धीरे करो, आब्वियस्ली टाइट ही होगी ना. रोज़-रोज़ थोड़ी चुड्ती हू मैं.
ब्फ धीरे-धीरे करते-करते, स्पीड बढ़ने लगे. फिर आख़िर में 15 मिनिट्स की चुदाई के बाद वो झाड़ गये.
ब्फ: ले पीजा सारा स्पर्म.
मे: जी सॅकी में उल्टी आती है जी.
ब्फ: पी बोला ना.
मैं नीचे बैठ के उस कॉंडम से स्पर्म निकाल के मूह में ली. फिर मूह बनाते हुए मुश्किल से पी गयी.
ब्फ: आँखें बंद कर ना एक बार.
मे: नो-नो तुम मेरी टॉप उतार दोगे.
ब्फ: हाथ उपर करोगी तो ही उतारूँगा ना. तेरे हाथ तो नीचे है. तो मैं नही उतारूँगा.
मे: ओक.
ब्फ: मूह खोल ना एक चॉक्लेट दूँगा.
मैं बस सोची की शायद तोड़ा सा ब्लोवजोब देंगे. फिर सडन्ली गरम-गरम कुछ मूह के अंदर गिरा. आँखें खोली तो देखा ब्फ पेशाब कर रहे थे मेरे उपर. मैं तुरंत उठ गयी.
(सच बोलू तो पेशाब मूह के अंदर से तोड़ा सा पी ली थी. सॅकी में पेशाब का टेस्ट एक-दूं घटिया होती है)
मे: ये क्या है जी, ई हटे योउ.
मैं वाहा से चली गयी. ब्फ गाड़ी लेकर पीछे-पीछे आए.
ब्फ: सॉरी सॉरी सॉरी सॉरी यार, और कभी ऐसा नही करूँगा. चल अब सीधा तेरे घर छ्चोढ़ देता हू, चल.
मे: नो, नेवेर, बाइ.
ब्फ: अर्रे यार, रोड में लोग तेरे को नोच डालेंगे.
मैं चुप-छाप से जेया कर गाड़ी में बैठी, और ब्फ मुझे मेरे घर छ्चोढ़ दिए. मैं उन्हे कुछ भी नही बोली, और चुप-छाप रूम चली गयी. फिर डाइरेक्ट बातरूम में घुसी, और नहाने लगी. फिर मैं वापस ब्फ को ब्लॉक कर दी.
तो गाइस ये थी मेरी आज की स्टोरी. ये सब मेरी लाइफ की रियल स्टोरी है. आयेज भी मेरी लाइफ की बहुत सी बातें है, जो की मैं आप सब को शेर करूँगी. तब तक बाइ. फॉर कॉंटॅक्ट मैल मे अट
थॅंक योउ एवेरिवन.