ब्फ का क़र्ज़ चुकाने के लिए गफ़ के लंड चूसने की स्टोरी

ही गाइस, इट’स इरम. वेलकम तो पार्ट 2. मेरे ब्फ ने जब मेरे घर आ कर मेरी गांद छोड़ी, तो हमने उस दिन बहुत एंजाय किया. इसी तरह वीक में 3-4 दिन मेरे घर आता, और हम सुबा से लेकर कॉलेज की ऑफ टाइमिंग तक सेक्स करते.

एक मंत गुज़रने के बाद जब उसने मेरी गांद छोड़-छोड़ के बड़ी कर दी, तो एक दिन मेरी बड़ी सिस जो मेरे साथ बहुत ज़्यादा फ्रॅंक थी, उन्होने मुझे बोला-

सिस: इरम, तुम लोग कितना सेक्स करते हो. तुम्हारा ब्फ तुम पर रहम नही खाता क्या?

इरम: आपी वो मुझे बहुत मज़ा देता है, और उसका लंड तो बहुत मोटा है और लंबा है. वो तो मेरी गांद से अपना लंड निकालता ही नही है. और अंदर ही डिसचार्ज हो कर लगा रहता है.

सिस: इसलिए मैं भी काहु, की तुम्हारी गांद क्यूँ इतनी फैल रही है. और बताओ, क्या-क्या करते हो? और कहा-कहा करते हो घर में.

इरम: मैं तो बस उसका लंड चाट-ती हू. जब वो डिसचार्ज करके निकालता है मैं फिर उसको मूह में लेकर रेडी करती हू. ताकि वो फिरसे मेरे उपर चढ़ सके. हम तो हर जगह करते है, सोफे पर, बेड पर, वॉशरूम टेबल, एट्सेटरा. हम बहुत एंजाय करते है. वो अछा लड़का है. मुझे अछा लगता है उसकी हर बात मानना, और उसको खुश करना.

सिस: अची बात है. बस तोड़ा ख़याल करो. तुम्हारी गांद फैलती जेया रही है. पर अची लग रही है.

इरम: थॅंक्स आपी.

इसी तरह दिन गुज़रते गये, और एक दिन आया जब मुझे शहज़ाद बहुत टेन्षन में लगा. वो मेरे पास बैठा रहा, पर उसने मेरे साथ कुछ नही किया. मैने ट्राइ किया की उसकी पंत उतार के उसका लंड चातु. पर वो टाइट नही था, जैसे शहज़ाद का खुद का माइंड ना हो करने का. फिर मैने उससे पूछा-

इरम: शहज़ाद क्या हुआ है? क्या परेशानी है? मुझे बताओ, जो भी प्राब्लम हुई, हम मिल के सब ठीक करेंगे.

शहज़ाद: कुछ नही, बस मेरा एक दोस्त था. इतना मतलब क्लोज़ तो नही था. पर मैं तुम्हारे बारे में उसके साथ सब शेर करता था. तुम्हारी गांद छोड़ना, किस करना, लंड चटवाना सब. वो हमारे बारे सब जानता था.

शहज़ाद: एक दिन मुझे कुछ पैसों की ज़रूरत थी. मैने उससे पैसे लेके एक बिज़्नेस में इनवेस्ट किए, और वो डूब गये. अब उसको पैसे देने है. मेरा बहुत नुकसान हुआ है. अब वो वेट नही कर रहा. मैं सोच रहा था की अगर तुम मेरी हेल्प कर दो, तो वो पैसे नही लेगा.

इरम: हा ज़रूर. मैं ज़रूर हेल्प करूँगी, पर कैसे? मैं क्या काहु उससे?

शहज़ाद: कहना नही है, कुछ करना है?

इरम: करना है, क्या करना है?

शहज़ाद: वो तुम्हारी तरफ बहुत ऑबसेस्ड है. और वो हमारे बारे में सब जानता है. अगर आप उसके साथ तोड़ा सा कर लो, बस उसका लंड चाट लो, तो वो सब भूल जाएगा. वरना उसने मेरे घर चले जाना है, और घर जेया कर बता देना है. मेरे लिया बहुत मुश्किल हो जानी है. शायद मैं तुमसे भी डोर हो जौ.

इरम: मेरे से डोर क्यूँ शहज़ाद?

शहज़ाद: अगर वो घर आएगा, तो वो पैसों के साथ-साथ तुम्हारा भी मेरे घर बताएगा. फिर मेरे घर वाले भी तुम्हे आक्सेप्ट नही करेंगे.

इरम: पर शहज़ाद मैं उसका लंड कैसे चातु. मैं तो सिर्फ़ तुम्हारी हू. मैने तुम्हारे अलावा किसी को नही सोचा.

शहज़ाद: इरम तुम सिर्फ़ मेरी हो. पर इससे कुछ नही होगा. अगर ये नही किया, तो हम डोर हो जाएँगे. मुझे कोई प्राब्लम नही है. मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूँगा, ये सब होने के बाद भी. और डरने की बात नही है. मैं तुम्हारे पास होऊँगा.

इरम: ठीक है शहज़ाद, मैं आपके लिए करूँगी. बताओ कब करना है?

शहज़ाद: मैं उससे बात करता हू. और फिर आपको बतौँगा.

इरम: ओक ठीक है.

उसके बाद शहज़ाद घर चला गया. रात को उसने बताया की वो कल मुझे स्टॉप से पिक करेगा कार में, और उसके बाद उसके दोस्त (इरफ़ान) को पिक करेंगे. और फिर किसी सेफ जगह पर कार ले-जेया कर रोक देंगे.

इरम: तो कार में ही मुझे उसका लंड चाटना है?

शहज़ाद: हा.

और शहज़ाद ने मुझसे कहा की मैं उसको अची सर्विस डू. ताकि वो एंजाय करके खुश हो जाए. तो ही वो सब माफ़ करेगा.

मैने कहा: तुम फिकर मत करो. मैं बहुत आचे से करूँगी.

अगले दिन शहज़ाद ने मुझे पिक करके इरफ़ान के घर से उसको पिक किया. मैं और इरफ़ान पीछे बैठे थे, और शहज़ाद कार चला रहा था. पीछे बैठ के इरफ़ान मेरे बूब्स दबा रहा था, और मेरी बाकी बॉडी को टच कर रहा था, और शहज़ाद से हस्स-हस्स के बातें कर रहा था.

इरफ़ान: यार शहज़ाद, तेरी बच्ची तो कमाल की है.

शहज़ाद: हा यार, बस किस्मत है मेरी. पर टेन्षन ना ले, आज तू किस्मत वाला है.

इरम: आज के बाद तुम शहज़ाद को सारे पैसे माफ़ कर दोगे ना? और उसके घर भी कुछ नही बताओगे ना?

इरफ़ान: तुम फिकर मत करो. तुम मुझे खुश करो. फिर तुम लोग सेफ रहोगे.

इरम: हा इस इए तो मैं आई हू.

उसके बाद उसने मुझे किस किया, और और मैने भी किस में हिस्सा लिया. और हम तीनो एक-दूसरे की तरफ स्माइल करते हुए देखने लगे. कार के मिरर्स ब्लॅक थे. उसके बाद शहज़ाद ने एक सेफ जगह पर कार रोक दी. वो एक बंद गली थी, और वाहा कोई नही था. कार रुकते साथ ही शहज़ाद बोला-

शहज़ाद: चलो तुम लोग स्टार्ट करो, और इरम आचे से करना.

इरफ़ान ने मुझे किस किया, और मेरे कपड़े उतारने स्टार्ट कर दिए. अब मैं पूरी तरह नंगी हो गयी थी. उसने मेरे बूब्स को अपने मूह में लिया, और चूसने लगा. 2 मिनिट बाद वो सीधा हुआ, और अपनी शर्ट उतार दी.

मैं बता डू, इरफ़ान शहज़ाद से बड़े थे आगे में. वो स्टूडेंट लाइफ से गुज़र चुके थे. शर्ट उतारने के बाद इरफ़ान बोला-

इरफ़ान: पंत खोलो, और मेरे लंड को आज़ाद करो.

मैने उसकी पंत खोली, और उसका अंडरवेर नीचे किया. उसका लंड फुल टाइट बाहर को आया.

इरम: ऑम्ग! इतना बड़ा.

शहज़ाद और इरफ़ान हासणे लग गये. और मैं सोच में पद गयी थी, की इरफ़ान के लंड आ साइज़ शहज़ाद से बड़ा था, तकरीबन 9 इंच का, और अछा ख़ासा मोटा

भी था.

इरम: शहज़ाद ये तो आप वाले से भी बड़ा है.

शहज़ाद: जान वो मुझसे बड़ा भी तो है.

दिल-दिल में मैं खुश थी की मुझे तो उसको चाटना था लेना नही. और चाटना मुझे बहुत पसंद था उस वक़्त. मेरे मूह में पानी भर आया था. उसके बाद मैने उसका लंड अपने मूह में लिया, और चाटना शुरू कर दिया.

इरफ़ान के मूह से आहह आहह की आवाज़े निकल रही थी, और मैं उसके लंड को आचे से चाट रही थी, जैसे कोई लॉलिपोप हो. उसने मेरे सर के उपर हाथ रखा हुआ था, ताकि वो नीचे को प्रेस करके रखे.

इसी तरह 5 मिनिट चाटने के बाद शहज़ाद फ्रंट सीट से बॅक सीट पर आ गया. मैं मिड्ल में थी. शहज़ाद ने पीछे आ कर, मेरी एक टाँग को उठा कर दूसरी तंग के उपर रख दिया. ताकि वो अपना हाथ मेरी गांद तक ले-जेया सके.

इरम: रूको शहज़ाद.

मैने इरफ़ान का लंड मूह से बाहर निकाला, और डॉगी बन गयी. डॉगी बन के मैने लंड दोबारा मूह में डाला, और ज़ोर-ज़ोर से चाटने लगी. शहज़ाद पीछे से मेरी गांद के अंदर अपनी फिंगर्स डाल के अंदर-बाहर कर रहा था.

आप लोग इमॅजिन भी नही कर सकते की मैने इस चीज़ को बहुत एंजाय किया. तकरीबन आधा घंटा गुज़रने के बाद इरफ़ान ने मेरा सर पकड़ के पीछे किया, और एक-दूं से उसका सारा लंड मेरे मूह से निकल गया. उधर शहज़ाद ने भी अपनी फिंगर्स बाहर निकाल ली.

इरफ़ान: ऐसे कितनी देर तक करते रहेंगे यार शहज़ाद?

शहज़ाद: क्या हुआ, तुझे मज़ा नही आ रहा क्या?

इरम: मैं आचे से तो कर रही हू.

इरफ़ान: नही-नही आपको नही कह रहा. आप तो बहुत आचे से कर रही हो.

इरफ़ान ने शहज़ाद की तरफ देखा और बोला-

इरफ़ान: शहज़ाद बाहर आ यार.

फिर इरफ़ान ने पंत बंद की, शर्ट पहनी, और बाहर निकल गया कार से. और शहज़ाद भी सामने जाके बातें करने लगे. और मैं अंदर नंगी बैठी थी. मेरे मूह पर थूक लगा हुआ था, और गांद गीली थी. वो दोनो बातें कर रहे थे, और मेरी तरफ देख रहे थे. थोड़ी देर के बाद शहज़ाद कार के अंदर आया और बोला-

शहज़ाद: सुनो जान, हमे तोड़ा सा करना होगा. इरफ़ान ने कहा है की अगर तुम ये करती हो, तो वो मुझे ना सिर्फ़ पैसे माफ़ करेगा बल्कि और पैसे भी देगा.

इरम: सच में? और क्या करना होगा?

शहज़ाद: वो तुम्हे छोड़ना चाहता है.

इरम: क्या मतलब शहज़ाद, की वो मुझे छोड़ना चाहता है? बात तो बस उसका लंड चाटने की हुई थी. मैं उसका आचे से चाट रही हू, और छत लेती हू. वो मेरे फेस पर डिसचार्ज हो जाए, पर मैं नही छोड़ने दूँगी खुद को.

शहज़ाद: इरम वो नही मान रहा इतने से.

इरम: ओक, उसको बोलो वो मेरे मूह के अंदर डिसचार्ज हो जाए. मैं उसका स्पर्म पी लूँगी. मुझे पसंद है स्पर्म पीना. अब तो वो मान जाएगा.

शहज़ाद: इरम उसने नही मानना. प्लीज़ मेरे लिए उसके साथ कर लो. मुझे अछा लगेगा जब वो तुम्हे छोड़ेगा.

इरम: शहज़ाद उसका लंड बड़ा है तुमसे. मेरी गांद फटत जाएगी. आयेज मेरी गांद तुमने छोड़-छोड़ के फूला दी है. सिस भी कह रही थी की गांद में ना डलवओ, और फुददी में मैने अभी तक डलवाया नही. वो जब तुम मेरे हज़्बेंड बनॉगे, तब तुमसे डलवाना है. तुम्हारे लिए खुद को बचा रही हू.

शहज़ाद: इरम मैं तुमसे ज़रूर निकाह करूँगा, चाहे तुम्हे जीतने मर्ज़ी लोग छोड़ ले. मुझे तुम हर हाल में मंज़ूर हो. और मुझे पसंद है तुम्हे किसी और के साथ देखना.

इरम: पक्का तुम्हे अछा लगेगा?

शहज़ाद: हा मेरी जान.

इरम: कितने पे करेगा वो?

शहज़ाद: 5000 एक बार डिसचार्ज करने पे.

इरम: ओक शहज़ाद, बुत उसको कहना स्टार्ट स्लोली करे. बाद में रफ करे, और डिसचार्ज मेरी गांद के अंदर हो.

शहज़ाद: ओक जान, थॅंक्स.

फिर शहज़ाद कार से बाहर गया, और जाके इरफ़ान को बताया.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. सो गाइस कैसा लगा मेरी स्टोरी का दूसरा पार्ट? अगर आप लोग चाहते है मैं तीसरा पार्ट लिखू, तो मुझे एमाइल करे, और ये मेरी रियल स्टोरी है फेक नेम्स के साथ, पर रियल है. थॅंक्स आ लॉट.










यह कहानी भी पड़े  मज़ा आने वाला है


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