पति ने गरम किया, तो मा गयी बेटे के पास

हेलो दोस्तों, मेरा नाम सुजाता है. मेरी आगे 44 है, और मैं देहरादून की रहने वाली हू. मेरी फॅमिली में बस 3 लोग है, मैं, मेरे हज़्बेंड, और मेरा बेटा.

मेरे हज़्बेंड का नाम भावेश है, और वो 52 साल के है. मेरे बेटे का नाम अमन है, और उसकी आगे 19 है.

मैं दिखने में आवरेज इंडियन हाउस वाइफ जैसी हू, जैसे आप सब की मम्मी भी दिखती होगी, थोड़ी सी मोटी, प्लस साइज़ चब्बी, मोटे बूब्स 36ड्ड, तोड़ा सा पेट बाहर और गोल-मटोल सी गांद. अक्सर इस उमर में हम औरतें मोटी हो जाती है.

आज मैं आप सब को एक बात बताने जेया रही हू. वैसे तो ये बात किसी को बताने लायक नही है, क्यूंकी समाज में इसकी इजाज़त नही है. मगर कहते है ना औरत के पेट में कोई बात पचती नही है. तो मैं ये बात आप सब के सामने शेर करने जेया रही हू.

बात सर्दियों के टाइम की है. जो लोग उत्तराखंड से है वो जानते है डेक-जान में यहा कितनी ठंड होती है, तो ये बात जान-2024 की है. जब यहा ठंड पीक में थी. मैं, मेरे हज़्बेंड, और बेटा हम तीनो मुस्सूरीए घूमने जेया रहे थे. क्यूंकी मेरे हज़्बेंड को सर्दियों में मुस्सूरीए जाना बहुत पसंद है. मगर मुझसे ठंड बर्दाश्त नही होती. पर उनकी वजह से जाना पढ़ता है.

तो हुआ यू की हम घर से तोड़ा लाते निकले, और रात के वक़्त जाते समय जंगल के अकेले रास्ते में हमारी गाड़ी खराब हो गयी. आस-पास काफ़ी अंधेरा था, और ठंड भी काफ़ी थी. मेरे हज़्बेंड गाड़ी से बाहर निकले और किसी से लिफ्ट माँग कर मेकॅनिक शॉप तक जाने का वेट करने लगे. कुछ ही देर में उन्हे एक लिफ्ट मिली, और वो चले गये. मैं गाड़ी की पीछे सीट में ठंड से तहितुर रही थी. तभी मेरे बेटे ने कहा-

अमन: मम्मी ज़्यादा ठंड लग रही है क्या? बाग से जॅकेट निकाल लो.

सुजाता: बेटा मैने ऑलरेडी बहुत कपड़े पहने है. तुझे पता है ना, मुझे कितनी ठंड लगती है. बिना हीटर के मेरी हालत क्या हो जाती है. तेरे पापा को ही शौंक है ठंड में घूमने का.

अमन: मम्मी, पापा बस आते ही होंगे. थोड़ी देर और वेट कर लो.

मुझे ठंड काफ़ी तेज़ लग रही थी, तो मेरे बेटे ने बाग से कंबल निकाला, और पीछे मेरी सीट में आ कर मुझपे ओढ़ दिया और कहा-

अमन: मम्मी ज़्यादा ठंड लग रही है क्या?

सुजाता: हा बेटा, यहा बहुत ज़्यादा ठंड है.

मेरा बेटा मेरे हाथ मलने लगा, ताकि मुझे तोड़ा वॉर्म फील हो, और फिर उसने मुझे हग कर दिया. हम दोनो कंबल के अंदर पीछे वाली सीट में थे.

अमन: मम्मी थोड़ी ठंड कम हुई क्या?

सुजाता: हा बेटा, तोड़ा सा कम ठंडा लग रहा है.

मेरे बेटे ने ऐसे ही ठंड में मुझे हग करके रखा, और धीरे-धीरे मेरा बेटा मुझे और टाइट हग करने लगा. मेरे मोटे बूब्स उसकी चेस्ट से दबने लगे. मेरा बेटे मुझे टाइट हग किए हुए था. तभी मेरे हज़्बेंड मेकॅनिक लेकर पहुँचे और उन्होने कहा-

भावेश: क्या हुआ? ज़्यादा ठंड लग रही है क्या?

सुजाता: हा!

भावेश: चलो कुछ ही देर की बात है. मेकॅनिक गाड़ी ठीक कर देगा.

मेकॅनिक ने थोड़ी ही देर में गाड़ी ठीक की, और हम मुस्सूरीए पहुँच गये. हमने होटेल में 2 रूम बुक किए थे. फिर हमने समान रूम में रखा, और तोड़ा बाहर घूमे, और डिन्नर करके अपने रूम में सोने आ गये. मैं निघट्य पहन कर अपने हज़्बेंड के पास आई. उन्होने कहा-

भावेश: कसम से जैसे-जैसे तुम्हारी आगे बढ़ रही है, तुम और भी मस्त हो रही हो.

सुजाता: अछा तभी मुस्सूरीए लेकर आए हो, की ठंड में तुम आराम से मुझसे चिपके रहो!

भावेश: बस चिपकू नही, तुम्हे आचे से छोड़ू. बेबी अब पास आओ, वही खड़ी मत रहो.

सुजाता: बाकी चीज़े बाद में. पहले होटेल वालो से हीटर तो माँगो. मुझे ठंड लग रही है.

भावेश: बेबी ये सब बाद में. पहले प्यार करने दो.

मेरे हज़्बेंड बेड से उठे, और मुझे खींच कर बेड में ले गये, और बेड में लिटा दिया. फिर वो मुझे किस करने लगे.

सुजाता: उम्म्म्म… बेबी कितने दीनो बाद आज तुम इतने जोश में लग रहे हो.

मेरे हज़्बेंड ने जल्दी से मेरी निघट्य उतरी, और मेरे मोटे बूब्स चूसने लगे.

भावेश: अहह सुजाता, तेरे दूध कितने मुलायम है यार!

मेरे हज़्बेंड ने अपनी उंगलियाँ मेरी छूट में डाल दी, और अंदर-बाहर करने लगे.

सुजाता: आअहह आअहह उम्म्म अहह.

मैने अपना हाथ अपने हज़्बेंड के पाजामे के अंदर डाला, और उनका लंड पकड़ कर हिलने लगी. वो भी और तेज़ी से मेरी छूट में उंगली करने लगे. मैने उनका लंड बाहर निकाला, और चूसने लगी. चूस्टे-चूस्टे ही वो झाड़ गये.

सुजाता: क्या यार तुम्हारा तो अभी निकल गया. एक तो इतने महीने बाद हम सेक्स कर रहे थे. उपर से बस मेरी आग जगा कर जल्दी झाड़ गये.

भावेश: बेबी अभी तो पूरी रात बाकी है. कुछ देर में फिरसे खड़ा हो जाएगा. तब तुम्हारी आचे से चुदाई करूँगा.

सुजाता: ह्म देखती हू कब तक खड़ा होता है ये.

कुछ देर हम ऐसे ही बेते रहे, और तभी उन्हे किसी का फोन आया. वो कुछ देर बात करने के बाद मेरे पास आए, और कहा-

भावेश: बेबी मुझे अर्जेंट वापस जाना होगा. मेरे एक ज़रूरी क्लाइंट का अर्जेंट काम है. मैं कल सुबह वापस आ जौंगा.

मेरे हज़्बेंड रात को मेरी प्यास जगा कर वाहा से चले गये. खैर मुझे तो आदत थी. इस उमर में आदमियों से वैसे भी कुछ हो नही पाता. मगर औरत सबसे ज़्यादा इसी उमर में सेक्स की भूखी होती है. पर उसको सब कुछ कंट्रोल करना पड़ता है.

मेरे हज़्बेंड के जाने के बाद मैने कपड़े डाले और अपने बेटे के रूम में गयी. वो लॅपटॉप में मोविए देख रहा था. मैने कहा-

सुजाता: बेटा तेरे पापा तो देहरादून चले गये है काम से. कल वापस आएँगे. मुझे अकेले सोने में अजीब लग रहा है. दोनो तेरे ही रूम में सो जाते है.

अमन: हा मम्मी, आप यही सो जाओ.

मैं बेटे के पास गयी, और उससे कहा

सुजाता: बेटा! जेया कर हीटर लेकर आजा. मुझे ठंड बहुत लग रही है.

मेरा बेटा बिस्तर से उठा, और बाहर चले गया. मैने उसका लॅपटॉप हाथ में लिया, और मोविए पॉज़ की, और यौतूबे में टीमेपस्स करने लगी. पर ग़लती से मैने उसकी नेट हिस्टरी देख ली, जिसमे वो थोड़ी देर पहले पॉर्न देख रहा था.

इस उमर में ये सब नॉर्मल है, मगर ज़्यादातर उसकी पॉर्न मिलफ से रिलेटेड थी, जिसमे जवान लड़का किसी बड़ी उमर की औरत जिसके मोटे बूब्स और मोटी गांद हो उसे छोड़ रहा था. फिर मैं नीचे-नीचे गयी, तो वो बहुत सारी मा बेटे की चुदाई कहानिया पढ़ रहा था. मैं ये सब देख कर शॉक हो गयी.

अब मेरी क्यूरीयासिटी और बढ़ी. मैने उसके लॅपटॉप की गॅलरी चेक की, तो मेरी आँखें फटी की फटी रह गयी. उसने मेरी आई से नंगी फोटोस बना कर सवे की हुई थी. अपने आप को अपने बेटे के लॅपटॉप में नंगा देख कर मैं शॉक हो गयी. मैने और चेक किया तो उसने मेरी काई फोटोस में डिक ट्रिब्यूट और कम ट्रिब्यूट्स वीडियोस भी बना कर सवे किए थे, जिसमे वो अपना सारा कम मेरी फोटोस में गिराया हुआ था.

उसका लंड देख कर मेरी आँखें फटी रह गयी. इतना लंबा और मोटा लंड अफ. अपने बाप से लंबा और मोटा लंड था मेरे बेटे का, और उसने मेरी स्पाइ पिक्स मेरी घर की काम करने वाली च्छूप-च्छूप कर फोटोस ले रखी थी. मेरी तो पैरों तले ज़मीन खिसक गयी, क्यूंकी मैं तो अपने बेटे को बहुत मासूम समझती थी.

मैने उसका लॅपटॉप वैसे ही रखा और साइड बैठ गयी. अब मैं सोच रही थी की मैं इस चीज़ पर कैसे रिक्ट करू? तभी मेरा बेटा आया.

इसके आयेज क्या हुआ, वो नेक्स्ट स्टोरी में पता चलेगा. फीडबॅक के लिए सुजतासिंघ0036@गमाल.कॉम पर मैल करे.

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