बेटे ने मनाई मा संग होली

नाइट के 2:30 बजे के बाद में अपने रूम में आ कर सो गया, और मम्मी भी खुद के बेडरूम में जेया कर सो गयी.

मॉर्निंग के 6 बजे टाय्लेट के लिए मेरी आँखें खुलती है. मैं उठ कर वॉशरूम जेया कर आता हू, और वापस बेड पर सोने लगता हू. अचानक मुझे हल्की-हल्की सी ठप-ठप, और बेड के चू-चू की आवाज़ आने लगती है.

मैं चुप-छाप से गेस्ट रूम में देखता हू तो वाहा सिर्फ़ आदि सिर सोए हुए होते है. फिर मैं मम्मी के बेडरूम की तरफ जाता हू तो देखता हू मम्मी के बेडरूम का डोर हल्का सा खुला होता है, जिसमे से अंदर का नज़ारा दिखता है. अंदर मम्मी बेड के किनारे पर घोड़ी बनी हुई होती है, और प्रिन्सिपल सिर खड़े-खड़े पीछे से मम्मी को छोड़ रहे होते है.

मुझे दर्र था कही आदि सिर जाग गये और मुझे देख लिया तो गड़बड़ हो जाएगी. इसलिए मैं वापस अपने बेडरूम में आ कर सो जाता हू. आज रंगो वाली होली होती है. 8 बजे मम्मी मेरे रूम में छाई लेकर आती है, और मुझे जागती है. मैं उठ कर मुम्मा को गले लगता हू, और होली विश करता हू.

मैं: मुम्मा सिर गये क्या?

मम्मी: कहा ध्रुव, मुझे नही लगता ये बिना होली खेले जाएँगे.

मैं: प्लीज़ मम्मी, इनको जाने के लिए बोलो ना. अगर कॉलोनी के लोग देखेंगे तो क्या सोचेंगे? और कितनी होली खेलेंगे? रात भर तो आप से होली खेली है.

मम्मी: क्या करू ध्रुव, वो तेरे बाहर जाने का वेट कर रहे है. ताकि मेरे साथ होली खेल सके.

मैं: ठीक है मुम्मा, मैं ही बाहर चला जाता हू. आप इनको जल्दी से फ्री करो.

और मैं फ्रेश हो कर कलर लेने मार्केट चला जाता हू. वैसे भी कॉलोनी के लोग 10-11 बजे होली खेलना स्टार्ट करते है. मैं सम्तिंग 9:30 पर घर आता हू. अंदर आ कर देखता हू मम्मी पूरी कलर में होती है, और फर्श पर फैले कलर को सॉफ करती है.

मैं: मम्मी सिर कहा है?

मम्मी: बस अभी-अभी गये है.

ओह थॅंक्स, चलो च्छुतकारा मिला.

मम्मी: बेटा तू ये थोड़ी सफाई कर दे. मैं नहाने जेया रही हू. और प्लीज़ एक कप छाई देदे, मारा बदन टूट रहा है.

मैं समझ गया मम्मी की क्या हालत हो रही होगी. मम्मी बातरूम में चली जाती है और मैं सफाई करके किचन में छाई बनाने. मम्मी जैसे ही किचन से आती है, मैं पाईं किल्लर की टॅबलेट और छाई दे कर कहता हू-

मैं: लो मम्मी, आप ये पाईं किल्लर ले लो, और तोड़ा रेस्ट कर लो. जब तक मैं ब्रेकफास्ट लाता हू.

मैं भी ब्रश करके मार्केट से समोसे लेके आता हू, और मम्मी के बेडरूम में जाता हू. मम्मी सूट सलवार में सो रही होती है. मैं मम्मी के पास लेट जाता हू, और होंठो को किस करने लगता हू, जिससे मम्मी जाग जाती है.

मैं: मम्मी अब कैसी है तबीयत?

मम्मी: हा पहले से बेटर है.

मैं: चलो मम्मी ब्रेकफास्ट कर लो. फिर कॉलोनी के लोग भी होली खेलने आएँगे.

11 बाज रहे होते है. मम्मी की आँखों में नींद का नशा होता है, जिससे मम्मी सेक्सी सेक्सी लग रही होती है. अचानक से बेल बजती है. मैं बाहर जेया कर देखता हू, तो अंकल लोग होते है. मैं उनके तिलक लगा कर पैर छूटा हू, और वो भी मेरे गालों पर गुलाल लगते है, और मैं अंदर आ जाता हू.

मम्मी: ये तो बेईमानी हुई ना. मैं तो अपने बेटे से होली खेलने के लिए नहा धो कर रेडी हुई थी. और जनाब होली भी खेल आए.

मैं मुम्मा को सॉरी बोल कर मूह धो कर आता हू, और फटाफट मम्मी के साथ ब्रेकफास्ट करता हू. मुम्मा किचन में जाती है, तो मैं तुरंत कलर लेकर पीछे से गालों पर कलर लगता हू.

मम्मी: ध्रुव, क्या कर रहा है? रुक तो जेया.

मैं (कलर लगता हुआ): हॅपी होली मुम्मा.

मम्मी किचन में प्लेट रखती है, और तोड़ा सा कलर मेरे गालों पर लगा कर “हॅपी होली ध्रुव” कहती है. मैं मम्मी को बाहों में कस्स कर पकड़ लेता हू, और मम्मी के होंठो को चूसने लगता हू. मम्मी भी मेरा साथ देने लगती है. 2 मिनिट बाद हम अलग होते है, और मैं मम्मी को छोड़ने के लिए बोलता हू.

मम्मी: प्लीज़ ध्रुव, अभी नही. मेरी हालत सेक्स की नही है, रात को देखते है.

मैं: ठीक है मम्मी, लेकिन मुझे आपको रंग लगाना है. प्लीज़ माना मत करना.

मम्मी: लगा तो लिया, अब और क्या?

मैं: आपने बोला था की आपकी पूरी बॉडी पर मेरा हक़ है. अभी सिर्फ़ फेस पर ही लगाया है.

मम्मी: चल ठीक है, तुझे जो करना है जल्दी कर, कोई आ जाएगा.

मैं तुरंत मम्मी के सूट सलवार खोलने लगता हू.

मम्मी: ये क्या कर रहा है?

मैं ( सूट सलवार खोलते हुए): तभी तो आचे से कलर लगेगा.

मम्मी मेरे सामने रेड ब्रा पनटी में आ जाती है. जैसे ही ब्रा का हुक खोलने लगता हू, मम्मी माना करते हुए कहती है-

मम्मी: बेटा इसको रहने दे, उपर से ही लगा ले.

मैं खूब सारा कलर पाउडर लेकर दोनो हाथो को ब्रा के अंदर डाल कर कलर से मम्मी के बूब्स मसालने लगता हू.

मम्मी: आहह ध्रुव, आराम से.

दोबारा से गुलाल लेकर मम्मी की पनटी में हाथ डाल कर कुल्हों पर मसालने लगता हू. इस तरह पूरी बॉडी पर गुलाल लगता हू. इतने में बेल बजती है. मम्मी तुरंत कपड़े पहनती है, और मैं गाते पर जाता हू.

बाहर कॉलोनी की लॅडीस का ग्रूप होता है. ये मैं तुरंत आ कर मुम्मा को बताता हू, तो मम्मा गुलाल लेकर उनके साथ निकल जाती है. मैं भी बिके लेकर फ्रेंड्स के पास होली खेलने चला जाता हू.

मैं फ्रेंड्स के साथ होली खेलता हू, और एक बियर पी लेता हू, जिससे हल्का-हल्का सा नशा होने लगता है. आते वक़्त एक सिगरेट फूंकता हू, और तोड़ा पक्का कलर ले लेता हू. इस वक़्त दोपहर के 1:30 बाज रहे होते है.

घर आ कर देखता हू लॉक लगा होता है. वैसे लॉक की एक के मेरे पास भी होती है. मैं मम्मी को फोन मिलता हू.

मम्मी: 5 मिनिट में आ रही हू.

मैं तुरंत लॉक खोलता हू, और एक बाल्टी में कलर मिलता हू, और गाते के पास च्छूप जाता हू. जैसे ही मम्मी गाते खोल कर रूम में जाने लगती है, मैं तुरंत पूरी बाल्टी मम्मी के उपर डाल देता हू, और मम्मी भीग जाती है.

मम्मी: अर्रे ध्रुव, तुम भी ना. कोई देख लेगा तो क्या कहेगा?

मैं (मुस्कुराता हुआ): सॉरी मुम्मा.

पानी से मम्मी के सूट सलवार चिपक जाते है, जिससे मम्मी का सुडौल बदन दिखने लगता है. मम्मी अंदर चली जाती है. मैं तोड़ा सा कलर हाथो में ले कर गीला करता हू, और अंदर जाता हू. मम्मी पानी पी कर वॉशरूम में जेया रही होती है, और जैसे ही वॉशरूम के अंदर घुसती है, मैं पीछे से पकड़ के उनके गालों पर रंग मसालने लगता हू.

मम्मी: अर्रे बेटा, क्या कर रहा है? रुक जेया, मुझे टाय्लेट तो कर लेने दे, और कितना लगाएगा?

मैं: आज होली है, और जब तक मेरा मॅन करेगा, मैं लगौँगा.

मम्मी: चल बाहर जेया, मुझे टाय्लेट करना है.

मैं: मैने कब माना किया, कर लो.

मम्मी मेरे सामने ही सलवार और पनटी खोल कर टाय्लेट करने लगती है. मैं तुरंत हाथो में कलर लेकर कुछ बूँद पानी की डाल कर दोनो हाथो को मलने लगता हू. मम्मी जैसे ही टाय्लेट करके सलवार पहनने लगती है, मैं तुरंत मम्मी को दबोच कर कुल्हों और जांघों पर कलर लगाने लगता हू.

मम्मी: रुक ध्रुव, पहले मेरी बात तो सुन.

मैं: क्या हुआ मुम्मा?

मम्मी: तुमने ड्रिंक की है.

मैं: सॉरी मुम्मा, वो होली पर दोस्तों ने पीला दी.

मम्मी (मुस्कुराते हुए): अछा, अकेले-अकेले एंजाय कर रहे हो?

मैं (शॉक्ड होते हुए) मुम्मा आप भी.

मम्मी: कभी-कभी, साल में एक या दो बार.

मैं मुम्मा को बाहों में भरता हुआ: ई लोवे योउ मुम्मा.

और उनके सूट को फाड़ देता हू. मम्मी सिर्फ़ ब्रा पनटी में रहती है. अब मैं मम्मी की बॉडी पर कलर लगाने लगता हू. एक हाथ पनटी में डाल कर छूट के दाने को मसालने लगता हू. मम्मी भी गरम हो जाती है, और मेरे होंठो को चूसने लगती है.

थोड़ी देर बाद हम दोनो नंगे हो जाते है, और मैं मम्मी को घोड़ी बनाने के लिए बोलता हू. मम्मी सींक को पकड़ कर खड़े-खड़े झुक जाती है. पीछे से देखता हू मम्मी की छूट का तो होल बना होता है. मुझे तोड़ा गुस्सा आता है.

मैं: मम्मी आपकी छूट तो पूरी खुली पड़ी है.

मम्मी: कोई बात नही बेटा, तू गांद में घुसा दे.

मैं तोड़ा थूक मम्मी की गांद और लंड पर लगता हू, और लंड को मम्मी की गांद के च्छेद पर रख कर एक ज़ोरदार शॉट मारता हू. लंड एक ही झटके में मम्मी की गांद में चला जाता है. फिर मम्मी की चीख निकल पड़ती है.

अब मैं मम्मी की गांद की चुदाई स्टार्ट कर देता हू, और शवर ओं कर देता हू. पानी की बौछार में मम्मी गांद मरवाते हुए आहह आहह आहह श की आवाज़े निकालने लगती है.

मैं (मम्मी की गांद मारते हुए): मुम्मा आज ड्रिंक करे रात को प्लीज़.

मम्मी: आह आह ठीक है. आहह, प्लीज़ तोड़ा धीरे, दर्द हो रहा है.

जैसे ही मम्मी हा बोलती है, मुझे जोश आ जाता है. मैं तेज़-तेज़ झटके मारने लगता हू. 15-20 झटकों में मम्मी की गांद को भर देता हू. अब मैं और मम्मी मिल कर रूम्स की सफाई करते है और साथ-साथ नहा धो कर सो जाते है.

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