हेलो दोस्तों मैं सोनू. जैसा की मैने पिछले पार्ट में बताया था की मम्मी बड़े पापा और दादा जी से चुड्ती है, जिससे मैं बहुत गुस्से में रहता हू. अब आयेज.
मैं मॅन में सोच लिया था कल सुबा मम्मी को सबक सीखौँगा, क्यूंकी अब मम्मी मेरे हाथ से निकल रही थी. अगर मैं देरी करूँगा तो मम्मी पूरी तरह से मेरे हाथ से निकल जाएगी. फिर मैं रूम में जाके सो जाता हू.
अगले दिन सुबा मैं उठता हू तो देखता हू मम्मी नहा धो के मिरर के सामने बैठ के तैयार होते रहती है. फिर मैं बातरूम में जाता हू, और हाथ मूह धो कर फ्रेश होके बाहर आता हू. तो मम्मी अभी भी मिरर के सामने बैठी तैयार होती रहती है. वो मेरे को देख के च्चेड़ते हुए बोलती है.
मम्मी: तेरे को पता है कल रात मैं जेठ जी के पास गयी, और जेठ जी मेरे को मस्त छोड़े. और फिर बाद में ससुर जी मेरे को छोड़े. ससुर जी तो मेरी ज़बरदस्त चुदाई किए. मेरे को तो मज़ा ही आ गया.
मैं कुछ नही बोला और सीधा अपना समान पॅक करने लगा. मम्मी मेरे को समान पॅक करते देख कर शॉक हो गयी, और बोली-
मम्मी: तू अपना समान पॅक क्यूँ कर रहा है?
सोनू: मैं जेया रहा हू यहा से. आप रहो यही अपने जेठ जी, और अपने ससुर जी के पास.
मम्मी तुरंत रोने लग गयी और बोली-
मम्मी: मत जा मेरे को छ्चोढ़ के.
सोनू: क्यूँ ना जौ? कल रात क्या हुआ है सब देखा हू मैं. कैसे तू बड़े पापा से चूड़ी, और दादा जी से चूड़ी. कल रात मैं तेरे को बोला था की मेरे पास आना. तो तू मेरे पास क्यूँ नही आई. और बड़े पापा के पास क्यूँ गयी? पिछले एक हफ्ते से मैं तेरे को नही छोड़ा हू. कितना तड़प रहा हू तेरे को छोड़ने के लिए, तेरे को पता भी है.
सोनू: और तू है की बड़े पापा से एक हफ्ते से चुड रही है, और कल रात हमारे पास मौका था, लेकिन तू मेरे से नही चूड़ी. उपर बड़े पापा के पास गयी उससे चूड़ने के लिए, और फिर दादा जी से भी चूड़ी.
मम्मी रो रही थी, और कुछ नही बोल रही थी. मैं बोला-
सोनू: अब बोल ना चुप क्यूँ है?
मम्मी रोते हुए: मेरे को माफ़ कर दे सोनू. मैं नही जानती थी की तू मेरे लिए इतना तड़प रहा है.
सोनू: अछा नही जानती थी. या फिर तेरे को बड़े पापा से चूड़ने में ज़्यादा मज़ा आ रहा है?
मम्मी: नही बेटा सोनू, ऐसा नही है. मेरे को तो तेरे से चूड़ना पसंद है, और मेरी प्यास भी तू ही बुझा पाता है.
सोनू: झूठ बोल रही हो आप.
मम्मी: सोनू बेटा मेरा विश्वास कर, नैन सच बोल रही हू.
सोनू: नही है मेरे को तेरे उपर विश्वास. अब आचे से सुन ले, तू अब से यही रह और चुड अपने जेठ जी और ससुर जी से. मैं तेरे को हमेशा के लिए छ्चोढ़ के जेया रहा हू. और अब कभी तेरे पास वापस नही अवँगा.
मम्मी: ये तू क्या बोल रहा है?
सोनू: हा, क्यूंकी तेरे को मेरी परवाह नही है. तेरे को सिर्फ़ अपने मज़े से मतलब है.
फिर मम्मी उठी, और रोते हुए मेरे से लिपट गयी और बोली-
मम्मी: ऐसा मत कर सोनू. मैं तेरे बिना कैसे जियूंगी? मेरे को माफ़ कर दे. सब मेरी ग़लती है. मैं ऐसा कभी नही करूँगी, लेकिन मेरे को छ्चोढ़ के मत जेया
सोनू: हॅट, जाने दे मेरे को.
फिर मम्मी नीचे बैठ के मेरे पैर पकड़ ली, और रोते हुए बोली-
मम्मी: नही, मैं तेरे को नही जाने दूँगी. बेटा प्लीज़ मेरे को माफ़ कर दे. अब से तू जैसा बोलेगा मैं वैसा ही करूँगी. तेरी गुलाम बन के रहूंगी, लेकिन मेरे को छ्चोढ़ के मत जेया.
फिर मम्मी मेरे को बिस्तर में बिता देती है, और मेरे पैरों को पकड़ के रोते हुए बोलती है-
मम्मी: मैं जेठ जी और ससुर जी से नही चुड़ूँगी. पर मेरे को छ्चोढ़ के मत जेया. मैं तेरे से बहुत प्यार करती हू. तू ही मेरा सहारा है. तू मेरे को छ्चोढ़ के चला जाएगा, तो मैं कैसे जियूंगी.
फिर मम्मी रोते हुए मेरी च्चती में सर रख लेती है, और बोलती है-
मम्मी: बेटा मेरे को छ्चोढ़ के मत जेया प्लीज़.
सोनू: ठीक है मैं आपको छ्चोढ़ के नही जेया रहा हू. लेकिन मैं आपको इतनी जल्दी माफ़ नही करूँगा.
मम्मी: मत करना मेरे को इतनी जल्दी माफ़. मैं रोज़ तेरे से माफी माँगूंगी, जब तक तू मेरे को माफ़ ना कर दे. तब तक मैं तेरे से माफी माँगूंगी.
सोनू: और मेरे से पूछे बिना आप किसी से नही चूड़ोगी, बड़े पापा और दादा जी से भी नही.
मम्मी: तू जैसा बोलेगा मैं वैसे ही करूँगी. मैं तेरे बोले बिना किसी से नही चुड़ूँगी.
मेरा पहला प्लान काम कर गया था. पर मम्मी को अभी और सबक सीखना बाकी था. फिर मैं मम्मी के सर को तोड़ा सहलाता हू, और मम्मी का आँसू भी पोंछता हू. फिर बोला-
सोनू: देखो मम्मी, आपको मैं चुदाई करने की आज़ादी दिया. आपको बड़े पापा से चूड़ने के लिए भी मैं माना नही किया. लेकिन आप इन सब में इतना खो गयी, की मेरे उपर ध्यान देना ही बंद कर दी, जो की मेरे को बहुत बुरा लगा. इसीलिए मैं इतना ज़्यादा गुस्सा हो गया.
मम्मी: हा बेटा ये सब मेरी ग़लती है. मेरे को तेरे उपर ध्यान देना चाहिए था. लेकिन आयेज से ऐसा कभी नही होगा.
सोनू: हा पर मैं आपको इतनी जल्दी माफ़ नही करूँगा. क्यूंकी आप मेरे उपर ध्यान नही दे रही थी. इस बात का मेरे को बहुत बुरा लगा है.
मम्मी: सॉरी बेटा, आयेज से ऐसे नही करूँगी, और तेरे को मानने के लिए मेरे को जो करना पड़ेगा मैं करूँगी, और तेरे को माना कर रहूंगी. बस तू मेरे को छ्चोढ़ के मत जाना.
सोनू: अभी तो नही जेया रहा हू, लेकिन आप मेरा ख़याल नही रखी तो मैं ज़रूर आपको छ्चोढ़ के चला जौंगा.
मम्मी: मैं तेरा पूरा ख़याल रखूँगी. सारी ग़लती मेरी है बेटा. मेरे को सबसे पहले तेरा ध्यान रखना चाहिए. पता नही इस एक हफ्ते में मेरे को क्या हो गया. मैं जेठ जी पर ज़्यादा ध्यान देने लगी. पर अब से ऐसा नही होगा. मैं तेरा पूरा ध्यान रखूँगी.
सोनू: हा रखना ही होगा. देखो मम्मी बड़े पापा और दादा जी को आपसे कोई प्यार नही है. वो लोग सिर्फ़ अपनी हवस बुझाने के लिए आपका इस्तेमाल कर रहे है. लेकिन मैं आपसे प्यार करता हू, तो आपको मेरे उपर ध्यान देना चाहिए. मेरा ख़याल रखना चाहिए, ना की बड़े पापा और दादा जी के उपर.
मम्मी: हा बेटा तू सही बोल रहा है, और मैं अब से जेठ जी और ससुर जी से नही चुड़ूँगी, और मैं तेरे को खूब प्यार दूँगी. तेरा पूरा ख़याल रखूँगी, बस तू मेरे को छ्चोढ़ के मत जाना.
सोनू: अगर मेरा ध्यान रखोगी तो नही जौंगा.
मम्मी: मैं तेरे को ऐसा कोई मौका नही दूँगी, जिससे तू गुस्सा हो.
सोनू: ठीक है.
फिर मम्मी मेरी छ्चाटी को चूमती है, और मेरे होंठो को चूमती है, और सोने लगती है. मैं बोला-
सोनू: आपको नींद आ रही है क्या?
मम्मी: हा मैं रात भर सोई नही हू.
सोनू: ठीक है, सो जाओ.
फिर मम्मी मेरे से चिपक के मेरी छ्चाटी में सर रख के सो जाती है. थोड़ी देर बाद मैं मम्मी को उठा के बिस्तर में सुला देता हू, और रूम से बाहर चला जाता हू. मम्मी को सबक सीखने में मैं कामयाब हो गया रहता हू. लेकिन अभी मम्मी को और सबक सीखना बाकी रहता है, जो की मैं बड़ी मम्मी और चाची के ज़रिए सीखौँगा.
मैं नीचे जाके देखता हू तो सभी मेहमान लोग बात-चीत करते बैठे रहते है. रेणु चाची भी काम में लगी रहती है. फिर मैं घर से निकल जाता हू, और घर के पीछे की तरफ चला जाता हू. घर का पीछे वाला इलाक़ा बहुत बड़ा रहता है, और उधर कोई भी नही था, तो मैं सिगरेट पीते हुए घूमने लगता हू.
घर के पीछे वाला इलाक़ा भी बड़े पापा के घर का ही हिस्सा रहता है. क्यूंकी बड़े पापा का घर बहुत बड़ी ज़मीन में बना हुआ रहता है. मैं घूमते हुए तोड़ा ज़्यादा आयेज आ गया रहता हू. तभी मैं देखता हू झाड़ी के पीछे एक वेल (कुआ) रहता है, और बड़ी मम्मी वही पर नंगी बैठ के नहाते रहती है.
मैं चुप-छाप बड़ी मम्मी को नहाते हुए देखता हू. एक तो बड़ी मम्मी ऐसे ही खूबसूरत है, और उपर से उनका भीगा हुआ बदन और भी ज़्यादा खूबसूरत लग रहा होता है.
बड़ी मम्मी पूरी नंगी रहती है. उनके खुले हुए भीगे बाल, उनके बड़े-बड़े दूध, गुलाबी निपल, मुलायम पेट, एक-दूं चिकनी और सॉफ गुलाबी छूट, मोटी-मोटी जांघें, और फैले हुए बड़े चूतड़. बड़ी मम्मी भीगी हुई और भी ज़्यादा मादक लग रही होती है.
उनका दूध और चूतड़ मेरी मम्मी और मौसी से भी ज़्यादा बड़ा रहता है. बड़ी मम्मी को नंगी नहाते हुए देख कर मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका रहता है, और मैं अपने आप को रोक नही पाता हू. फिर मैं सीधा बड़ी मम्मी के पास जाके उनको बोलता हू.
सोनू: बड़ी मम्मी, आप यहा?
बड़ी मम्मी मुझे देखते ही घबरा जाती है, और अपने दूध को अपने हाथो से ढकने का कोशिश करती है. वो अपनी जांघों को मोड़ के अपनी छूट को धक लेती है, और बोलती है-
रंजीता: सोनू तू यहा क्या कर रहा है?
सोनू: बड़ी मम्मी, मैं तो यहा घूम रहा था. तभी आपको यहा पर नहाते हुए देखा तो रुक गया. वैसे बड़ी मम्मी घर में तो बातरूम है, तो आप यहा क्यूँ नहा रही हो?
रंजीता: यहा पर कोई आता नही है, तो मैं कभी-कभी यहा पर नहा लेती हू
सोनू: अछा ऐसा है, ठीक है.
रंजीता: हा चल अब तू जेया यहा से. मेरे को नहाने दे.
सोनू: बड़ी मम्मी मेरे को भी नहला दो ना.
रंजीता: चल हॅट पागल! अब तू बच्चा नही है, बड़ा हो गया है. मैं तेरे को नही नहला सकती हू.
सोनू: लेकिन मेरा नहाने का मॅन है.
रंजीता: नही-नही, ये नही हो सकता है. तू जेया यहा से.
मैं तोड़ा उदास हो कर बोला-
सोनू: क्या बड़ी मम्मी, मैं सालों बाद यहा आया हू. मेरे को लगा था आप मेरा आचे से ध्यान रखोगी. लेकिन आप तो मेरे को भगा रही हो. अब मैं आपके घर कभी नही अवँगा. आप मेरे को बिल्कुल भी प्यार नही करती हो.
रंजीता: बेटा सोनू, ऐसा नही है. मैं तो तेरे को बहुत प्यार करती हू. पर मैं तेरे को ऐसे नहला नही सकती. अब तू बड़ा हो गया है.
सोनू: ठीक है बड़ी मम्मी. दिख गया आप मेरे को कितना प्यार करती हो. अब मैं कभी आपके घर नही अवँगा, मैं जेया रहा हू.
रंजीता: अछा बाबा ठीक है. रुक, आजा मैं नहलाती हू तेरे को. लेकिन तू ये बात किसी को नही बोलेगा.
सोनू: हा नही बोलूँगा.
रंजीता: ठीक है.
बड़ी मम्मी मेरी बातों के जाल में फ़ासस गयी रहती है. अब बड़ी मम्मी को मैं छोड़ पाता हू या नही, ये मैं अगले पार्ट में बतौँगा. कहानी पढ़ कर फीडबॅक ज़रूर दे.