बेटे ने देखी मा-बाप की चुदाई

हेलो दोस्तों, उमीद करता हू सब लोग ठीक होंगे.

तो ये मेरे फॅमिली सेक्स स्टोरी का 4त पार्ट है, और अगर आपने पहले के पार्ट्स नही पढ़े है, तो वो ज़रूर पढ़ना. अब आयेज बताता हू की हुआ क्या.

जैसा की आपने पढ़ा होगा, मैने मम्मी-पापा को लिव सेक्स करते देखा उनके बेडरूम में, जब पापा की आँखों पे आइ मास्क लगा हुआ था. फिर उसके बाद आइ मास्क उतरने से पहले मैं अपने कमरे में चला गया था, और हम सब सो गये थे. अब आयेज-

तो हमारे घर में माहौल तो ऐसा मस्त मिज़ाज ही था. फिर कुछ दीनो में हमे एक रिलेटिव की डेस्टिनेशन वेड्डिंग अटेंड करने के लिए गोआ जाना पड़ा. रहने के लिए उन्होने लोकेशन के पास ही एक मस्त होटेल बुक किया था सारे गेस्ट्स के रहने के लिए. और हम तीनो ही चले गये थे अटेंड करने.

हम होटेल पहुँचे, और फिर रेस्ट करके हमने वेड्डिंग के लिए कपड़े पहने. मस्त रेडी हो कर हम चले गये. उसके बाद जैसे ही हम होटेल रूम में रिटर्न पहुँचे, तब होती है आयेज की कहानी शुरू.

हेलो दोस्तों, उमीद करता हू सब लोग ठीक होंगे.

तो ये मेरे फॅमिली सेक्स स्टोरी का 4त पार्ट है, और अगर आपने पहले के पार्ट्स नही पढ़े है, तो वो ज़रूर पढ़ना. अब आयेज बताता हू की हुआ क्या.

जैसा की आपने पढ़ा होगा, मैने मम्मी-पापा को लिव सेक्स करते देखा उनके बेडरूम में, जब पापा की आँखों पे आइ मास्क लगा हुआ था. फिर उसके बाद आइ मास्क उतरने से पहले मैं अपने कमरे में चला गया था, और हम सब सो गये थे. अब आयेज-

तो हमारे घर में माहौल तो ऐसा मस्त मिज़ाज ही था. फिर कुछ दीनो में हमे एक रिलेटिव की डेस्टिनेशन वेड्डिंग अटेंड करने के लिए गोआ जाना पड़ा. रहने के लिए उन्होने लोकेशन के पास ही एक मस्त होटेल बुक किया था सारे गेस्ट्स के रहने के लिए. और हम तीनो ही चले गये थे अटेंड करने.

हम होटेल पहुँचे, और फिर रेस्ट करके हमने वेड्डिंग के लिए कपड़े पहने. मस्त रेडी हो कर हम चले गये. उसके बाद जैसे ही हम होटेल रूम में रिटर्न पहुँचे, तब होती है आयेज की कहानी शुरू.

श्रुति: ये देखो, लड़कियों को देखने की उमर में लॅडीस देख रहा है.

पापा: अछा मैं तो तक गया हू. अभी मस्त टब में नहा कर फिर सो जाते है.

श्रुति: हा, यहाँ टब में नहाने का तो एक्सपीरियेन्स ही अलग होगा.

राहुल: मम्मी पहले मैं नाहोँगा.

श्रुति: अछा ठीक है बेटा. तू नहा ले. लेकिन मैं वॉशरूम जेया कर आती हू.

इतना कहते ही पापा और मैं ब्लेज़र और शर्ट उतारने लगे. इतने में मम्मी वॉशरूम जेया कर फिर बाहर आई, तो मैं पॅंट्स में ही बातरूम में चला गया. फिर टब में गरम पानी और शॅमपू भर के नहाने लगा.

अब बताता हू बाहर का सीन. तो मम्मी तो सारी में ही बैठी थी, और पापा बस पॅंट्स में.

श्रुति: जान? क्विकी करे? राहुल जब तक नहा रहा है.

पापा: वो अभी बाहर निकल जाएगा.

श्रुति: पता है. इसलिए तो क्विकी बोला (पापा के लंड के उपर हाथ रखते हुए).

पापा: लेकिन वो बाहर निकल गया, और हम कर रहे होंगे तो?

श्रुति: वो पहले आवाज़ लगाएगा अंदर से. और एक मिनिट रूको.

फिर मम्मी ने हमारी जो एक बाग थी, जिसमे मेरे कपड़े थे, वो कहीं च्छूपा दी.

पापा: मतलब?

श्रुति: वो आप समझ जाओगे.

इतना कहते ही मम्मी बेड की एक साइड पर आ गयी, और बेड पे हाथ रख के झुक कर. उन्होने अपनी सारी उठा ली, और अंदर वाइट कलर की पनटी पहनी थी, वो नीचे घुटनो तक कर दी. इतने में पापा ने भी पंत और अंडरवेर बस नीचे कर दिए, और लंड सीधा मम्मी की छूट में डाला. फिर मम्मी की गांद पकड़ कर पीछे से छोड़ने लगे.

इतने में जब मैं नहा रहा था, तो मेरी नज़र टवल्ज़ पर पड़ी, जो सारे गीले थे, और नीचे पड़े थे. तो मैने आवाज़ लगाई.

राहुल: मम्मी, कोई टवल दो ना. यहाँ जो है सारे गीले है, और नीचे पड़े है.

श्रुति: तेरा इतना जल्दी नहा के हो गया?

राहुल: नही अभी तो टाइम है, वो तो बस मेरी नज़र गयी.

श्रुति: मैं नही उठ रही बेटा अब. बहुत ताकि हू. बाहर आ कर खुद लेले. (पापा को देखते हुए) आप क्यूँ रुक गये? उसे टाइम है, सुना ना आपने.

राहुल: लेकिन मम्मी मैं तो फ्रेश कपड़े भी नही लाया अंदर.

श्रुति: हा तो बाहर आ कर ले लेना तेरे बाग से. उसी में टवल भी है एक, वो उसे कर लेना.

राहुल: लेकिन बाहर कैसे अओ?

श्रुति: शरम आएगी तुझे?

राहुल: मतलब? ऐसे कैसे अओ?

श्रुति: हा तो अंदर ही बैठा रह बेटा. मैं या पापा नही उठने वाले. वरना बाहर आ कर खुद लेले.

इतने में पापा ने धीरे-धीरे छोड़ना जारी रखा.

श्रुति: आप क्यूँ टेन्षन ले रहे हो? वो शर्मीला है. नही आएगा ऐसे ही बाहर.

फिर पापा ने मम्मी को पीछे से ही छोड़ना शुरू रखा. इतने में मैने हिम्मत करके गीले बदन के साथ ही बातरूम का डोर ओपन किया, और बाहर आया.

तो दोस्तों डोर का लोकेशन ऐसा था की जैसे मैने ओपन किया, मम्मी मेरी तरफ फेस करके झुकी हुई थी, और पापा उनके पीछे. और मैं सीधा उनके सामने. तो जैसे ही मैं डोर ओपन करके बाहर आया, तो मम्मी और पापा खुद को ठीक करने लगे.

पापा ने अपनी अंडरवेर और पॅंट्स उपर कर ली. मम्मी सारी नीचे करके अपनी पनटी को ठीक से पहनते हुए बेड पर बैठ गयी.

श्रुति: वो दरअसल बेटा तेरे पापा को तोड़ा प्यार ज़्यादा आ रहा था मम्मी पी.

पापा: क्या तुम भी, मेरे नाम पे बिल फाड़ रही हो!

श्रुति: हा तो ठीक है ना. अब ये छ्होटा थोड़ी है. सब तो जानता है.

इतने में मैं बिना कपड़ों के ही बाहर आया और अपना बाग ढूँढने लगा, जो मुझे मिल नही रही थी. मम्मी पापा मुझे देख कर नॉर्मली बिहेव कर रहे थे, और आपस में बातें कर रहे थे.

राहुल: मम्मी, कहाँ है बाग?

श्रुति: यहीं-कहीं होगा. तू लेकर तो आया था ना रूम में? वरना ऐसे ही सोना पड़ेगा तुझे (हहे).

पापा: अर्रे क्यूँ मज़ाक कर रही हो? ठंड लग जाएगी उसे. राहुल, बेड के नीचे देख.

राहुल: मम्मी आप भी ना.

इतना कहते ही नैने बाग निकली. फिर टवल निकाला. खुद को पोंछने के बाद मैने मेरे शॉर्ट्स और त-शर्ट पहन लिए. इतने में ठंड की वजह से मुझे तोड़ा-तोड़ा बोनेर होने लगा था, जो हम तीनो जानते थे. लेकिन हमने उस बारे में बात नही की.

पापा: चलो अब मैं जाता हू नहाने. और फिर सो जाते है.

श्रुति: अपना काम तो पूरा कर लीजिए.

पापा: श.

श्रुति: अर्रे क्या श.

राहुल: ओके मम्मी-पापा. ये तोड़ा ऑक्वर्ड हो रहा है. ई’ल्ल दो वन थिंग, मैं नीचे रौंद मार के आता हू. योउ गाइस कॅन कंटिन्यू (नॉटी स्माइल देते हुए).

श्रुति: उसकी ज़रूरत नही है बेटा. (पापा से) आप नहाने ही जेया रहे है ना? चलो मैं भी आती ही.

पापा तोड़ा ऑक्वर्ड्ली मुझे देख रहे थे.

श्रुति: हा तो क्या हो गया? वैसे भी ऐसे टब में नहाने का मौका पता नही कब मिले. हैईना राहुल?

राहुल: हा पापा, गो अहेड.

पापा: तुम दोनो बिल्कुल पागल हो. अछा चलो.

फिर पापा ने अपनी पंत उतरी और अंडरवेर में ही बातरूम में चले गये. मम्मी इस समय बाहर ही थी, और मेरे सामने उन्होने अपनी सारी का पल्लू हटाया. फिर अपना पिंक कलर का स्लीव्ले ब्लाउस खोलने लगी. अंदर मम्मी ने रेड कलर की ब्रा पहनी थी, जो शायद नयी थी. उसके बाद वो पेटिकोट और ब्रा में अंदर चली गयी मुझे आँख मारते हुए.

मैं फिर बेड पे लेता हुआ था, और आपको अंदर का सीन बताता हू. फिर मम्मी ने अंदर ही पेटिकोट पनटी और ब्रा पापा के सामने उतारे, और दोनो ही साथ में टब में नहाने लगे. वो सेक्स तो नही कर रहे थे, बस एक-दूसरे को प्यार कर रहे थे, और किस्सस और फोरप्ले ही चल रहा था. देखा जाए तो एक रोमॅंटिक डटे ही चल रही थी मम्मी-पापा की.

टब में उपर पूरा सोप बबल था, और दोनो अंदर ही एक-दूसरे को किस कर रहे थे. इतने में मुझे ख़याल आया की अंदर टवल तो थे नही, तो दोनो बाहर कैसे आएँगे? तो मैने एक फ्रेश टवल बाग से निकाला, और बातरूम के डोर पे नॉक किया.

श्रुति: खुला है बेटा.

मैने तोड़ा सा डोर ओपन किया, तो मम्मी पापा के आयेज बैठी हुई थी, और पापा ने मम्मी को हग किया हुआ था.

पापा: क्या हुआ राहुल? थोड़ी तो प्राइवसी दे मम्मी-पापा को.

राहुल: वो पापा मैं तो फ्रेश टवल्ज़ देने के लिए नॉक किया.

श्रुति: हा तो अंदर आ कर रख दे.

फिर मैं डोर के पास ही रख कर बाहर जाने लगा.

श्रुति: वहाँ रखेगा तो इतना उठ के कों जाएगा बेटा? यहाँ रख ना, टब के पास.

इतना सुनते ही मैं टब के पास जैसे ही रख रहा था, तो मम्मी पापा दोनो ने मेरे उपर पानी उड़ाना शुरू किया.

राहुल: स्टॉप इट. मैं तो नहा लिया ना. अब फिर से कपड़े गीले कर दिए.

श्रुति: हा तो अकेले-अकेले नाहया ना? हमारे साथ थोड़ी.

राहुल: कम ओं मुम्मा, अब आप दोनो को प्राइवसी नही चाहिए?

श्रुति: ई डॉन’त थिंक सो. कम ओं, जाय्न उस बेटा.

मैं चुप-छाप पापा को देख रहा था. उनका रिक्षन जानने की कोशिश कर रहा था.

पापा: ई डॉन’त माइंड. युवर मम्मी वांट्स उस तो बाते टुगेदर.

राहुल: सीरियस्ली?

श्रुति: ह्म-ह्म. हमने काफ़ी सोचा, आंड वी थिंक इट’स ओके बेटा.

राहुल: सीरियस्ली मों? मतलब मैं आप दोनो के टब में नाहौ? आस इन कपड़ों के साथ?

पापा: योउ थिंक हम दोनो कपड़ों के साथ नहा रहे है?

इतने में मम्मी पापा एक-दूसरे को किस करने लगे, नज़र मेरी तरफ रखते हुए. मैने सोचा की ठीक ही था. तो मैने अपना शॉर्ट्स और त-शर्ट उतरा, और टब में चला गया.

फिर हम काफ़ी देर तक बातें करते रहे शादी के बारे में, और मस्ती करते रहे. मैं उस वक़्त उनके सामने फेस करके बैठा हुआ था. लेकिन हमारी टाँगें एक-दूसरे से टच हो रही थी. सच बतौ तो सोप की झाग से मुझे तो कुछ नज़र ही नही आया था.

इतने में पापा ने मम्मी की नेक पे प्यार से किस किया, और मम्मी हल्के-हल्के मोनिंग कर रही थी. फिर मम्मी ने अपना हाथ मेरी तरफ बढ़ाया, और मुझे अपने पास बुलाया. अब मम्मी पापा के आयेज बैठी थी, और मैं मम्मी के आयेज. पापा मम्मी को हग कर रहे थे, और मम्मी के हाथ मेरी चेस्ट और पेट पे.

श्रुति: लेट’स रिलॅक्स नाउ.

हमने काफ़ी देर बस आँखें बंद करके वैसे ही बैठे रहे.

पापा: अब चले? 1 घंटे से ज़्यादा हो गया होगा.

श्रुति: हा चलो. सोना भी तो है.

राहुल: हा मम्मी, काफ़ी नींद आ रही है.

श्रुति: हा तो तू पहले जेया बाहर. और तू टवल उसे कर ले, तो यहीं रख देना. और बाहर जेया कर कपड़े पहें ले.

राहुल: आप नही आ रहे बाहर?

पापा: तेरे सामने थोड़ी आएँगे बेटा.

उसके बाद मैने ठीक वैसे ही टवल बातरूम में ही छ्चोढ़ दिया, और बाहर जेया कर कपड़े पहन कर बेड पे लेट गया. इतने में मम्मी पापा एक ही टवल से खुद को रॅप करते हुए बाहर आए, और पापा ने मम्मी को पीछी से हग किया हुआ था.

मम्मी के बाल मस्त गीले थे, और उनकी वाइट बॉडी मस्त ग्लो कर रही थी. गले में उनका मंगलसूत्रा दिख रहा था, और शोल्डर्स पुर गोरे.

फिर दोनो सामने बाग की तरफ गये, और बिना कुछ रिवील किए दोनो ने कपड़े पहने, और बेड पर आ गये.

बेड काफ़ी बड़ा था जिस पर हम तीनो आसानी से आ गये थे, और मम्मी बीच में सोई थी. हम इतने थके थे की आँख कब लग गयी समझ ही नही आया.

तो दोस्तों आपको यहा तक की कहानी कैसी लगी? मुझे कॉमेंट्स करके और नीचे दी गयी मैल पे मेरी फॅमिली सेक्स स्टोरी की फीडबॅक ज़रूर देना.

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