बेटे के मा को ग्रूप में चोदने की कहानी

चलो अब स्टोरी स्टार्ट करते है.

अम्मी: आहह उम्म्म्म बच्चो आराम से, मैं यही हू आह समेर बेटा ह.

मैं: अम्मी मेरे लोड्‍ा आपके मूह में जेया कर और बड़ा हो रहा है आहह. उम्म कितना मस्त चूस्टे हो आप.

सोहैल तो मम्मी की गांद मार रहा था, और समेर मम्मी की छूट छोड़ रहा था. तीनो अपने-अपने छेड़ में ज़ोर-ज़ोर से लगे हुए थे.

समेर: आहह खाला, मेरा होने वाला है अहह ह.

ये कहते हुए समेर अपना पानी अम्मी की छूट में छ्चोढ़ देता है.

अम्मी: ह समेर तूने मेरी छूट में ही सारा पानी निकाल दिया अहह.

सोहैल: आह फुफुआ क्या गांद है आपकी टाइट-टाइट अहह.

अम्मी: ह उफफफ्फ़ सोहैल बेटा ज़ोर-ज़ोर से मार गांद मेरी आह

सोहैल: ह फुफफ़ो हा ह तेज़-तेज़ धक्के लगौँगा.

मैं: अम्मी मेरा लोड्‍ा चूसो, सिर्फ़ बात मत करो.

अम्मी: हा बेटा, लेकिन ये धीरे-धीरे गांद मार रहा है मेरी उम्म्म.

सोहैल: आह फुफफ़ो, मेरा पानी निकल रहा है ह ह.

अम्मी: तेरा भी निकल गया आह.

मैं: अम्मी मैं हू ना अभी आपका लाड़ला बेटा. अपने इस 8 इंच लंबे लंड से आपको शांत करूँगा.

तभी सोहैल और समेर के घर से फोन आ जाता है.

वो दोनो: फ़ैज़न भाई, यार अम्मिया फोन कर रही है. हम जेया रहे है, तू आराम से छोड़. ठीक है भाई.

मैं: ओक भाइयों, मिलते है.

अम्मी: ठीक है बच्चो, संभाल कर जाना. हा बच्चू क्या कह रहा था, अब बोल?

मैं: बोल कर क्यूँ, करके बताता हू ना.

ये बोलते ही मैने अम्मी को गोद में उठा लिया, और हॉल से बेडरूम में ले गया. मैने ज़रा सी भी देर नही करके अपना लंड अम्मी की छूट में डाल दिया. अम्मी फिरसे चीख पड़ी, और मैं अम्मी को लीप-किस करने लगा, ताकि आवाज़ कम आए.

मैने लंड बाहर निकाला, और फिरसे अंदर डाल दिया. अम्मी आअहह…. हाईए… उहह…. हमम्म्म… करने लगी. किस करने से उनकी आवाज़ डब जाती थी.

अम्मी की गरम छूट में लंड डाल कर बड़ा मज़ा आ रहा था. जिस छूट से आप बाहर आए हो, उसकी गर्मी की तो बात ही कुछ और होती है. मैं अम्मी के अंदर लंड डाल के 2 मिनिट के लिए रुक गया, ताकि दर्द कम हो जाए.

उसके बाद अम्मी खुद ही अपनी गांद हिला-हिला के लंड अंदर लेने लगी. मैं समझ गया था, की अब अम्मी को मज़ा आने लग गया था. मैं अम्मी की छूट में शॉर्ट मारने लगा, और 10 मिनिट्स तक उनकी चुदाई करने के बाद मैने उनको घोड़ी बनने को बोला.

अम्मी जल्दी से डॉगी-स्टाइल में आ गयी, और मैने पीछे से लंड उनकी छूट में डाल दिया. मैं उनकी छूट में जल्दी-जल्दी शॉट मारने लगा.

अम्मी: आअहह… अया…. मेरे लाल, बहुत मज़ा आ रहा है आहह.

20 मिनिट की चुदाई करवाने के बाद अम्मी का काम हो चुका था. लेकिन मेरा पानी निकलना अभी बाकी था. मैं अम्मी को मज़े लेके छोड़ रहा था, और पुर रूम में पच-पच की आवाज़े आ रही थी.

मैं: अम्मी, मेरा भी होने वाला है.

अम्मी: कोई बात नही बेटा, निकाल दा सारा माल मेरी छूट में.

5 मिनिट बाद मेरा पानी निकल गया, और मैं लंड अम्मी की छूट से निकाल के उसके साथ लेट गया. 10 मिनिट के बाद मैने अम्मी को लंड चूसने को कहा, और वो फिरसे मेरा लंड चूसने लगी.

मैं अम्मी का मूह छोड़ने लग गया, और सर पकड़ के अपना लंड अंदर-बाहर करने लगा. 15 मिनिट के बाद मैं उनके मूह में ही झाड़ गया, और उनका मूह अपने पानी से भर दिया.

अम्मी ने सारा पानी पी लिया और बोली: आहह बेटा, आज तो तूने मुझे चुदाई का असली सुख दिया है. तेरा बहुत-बहुत शुक्रिया.

मैं: अम्मी अब तो आपको हर रोज़ छोड़ूँगा. लेकिन आपको मेरे साथ पिक्निक ट्रिप पर चलना होगा, और खाला और फुफफ़ो को भी मानना होगा.

अम्मी: तेरा इरादा क्या है? क्या तू उन्हे भी छोड़ना चाहता है?

मैं: हा अम्मी, जिस तरह भाइयों ने आपकी चुदाई करी, वैसे मैं भी उनकी अम्मी की चुदाई करूँगा. तो आपको उन्हे राज़ी करना होगा, ओक ना?

अम्मी: हा बेटा क्यूँ नही, ज़रूर.

नेक्स्ट दे

मैने अपने भाइयों को फोन करले बोला: भाइयों पिक्निक पर चलते है. सब अपनी-अपनी अम्मियों को राज़े कर लो. फिर उन्हे पिक्निक पर छोड़ेंगे

सोहैल: हा भाई क्यूँ नही, ज़रूर. मैं अभी अम्मी और अब्बू को बोलता हू.

समेर: हा भाई, मैं भी बोलता हू, और तुझे 2 मिनिट में बताता हू.

मैं: वैसे मैने अम्मी को बोल दिया था. उन्होने तुम्हारी अम्मियों से बात कर ली होगी. वो मान जाएँगी और तुम्हारे अब्बू भी तुम्हारी अम्मी की बात मान जाएँगे.

फिर सनडे का घूमने का प्लान पक्का, ओक ना?

समेर: हा भाई डन.

सोहैल: हा भाई, मेरी तरफ से भी ओक है.

फिर मैं बेड से उठ के किचन की तरफ जाता हू. अम्मी किचन में टाइट सलवार-कमीज़ वाइट कलर की पहन कर खड़ी हुई थी. एक-दूं मस्त माल लग रही थी.

मैं अपने सारे कपड़े खोल कर पीछे से जेया कर अम्मी की गांद से चिपक गया, और अपना 8 इंच लंड अम्मी की गांद मैं घुसेड दिया. अम्मी अचानक से हुए हमले से शॉक हो गयी, और उनकी आ निकल गयी

अम्मी: आह बेटा, क्या कर रहे हो?

मैं: अम्मी मस्त माल लग रही हो आप तो.

और गांद पर ज़ोर से स्लॅप मारा.

मैं: आपकी गांद मस्त दिख रही है. जान ही निकाल दी आपने तो आ.

अम्मी: आह बेटा, इतनी ज़ोर क्यूँ मार दी?

मैं: अम्मी अब वेट नही होती. जल्दी से सलवार खोल दो. आपकी छूट मारने का मॅन कर रहा है.

और मैने गालों पर किस कर दी ये बोलते ही.

अम्मी: हा बेटा, क्यूँ नही.

ये बोलते ही अम्मी ने सलवार का नाडा खोल दिया.

अम्मी की गांद एक-दूं गोरी और मस्त लग रही थी.

नेक्स्ट पार्ट मैं बतौँगा, की इसके बाद क्या हुआ. स्टोरी पढ़ने के लिए आपका शुक्रिया.

यह कहानी भी पड़े  बेहन की थ्रीसम चुदाई की कहानी


error: Content is protected !!