बहन चुदी एक बहन के पति और देवर से

पिछले कहानी में मैं संगीता आपको बता चुकी हू की कैसे शादी से पहले मेरे होने वाले पति ने मेरी चुदाई की. फिर उसके बाद मेरे पति ने उनकी बीवी यानी मुझे और उनकी साली साहिबा को एक साथ चोदा. और वही हमने एक साथ दो लड़कों से छुड़वाने की इक्चा ज़ाहिर की.

तो उसके बाद प्रट्यूश ने उनके छ्होटे भाई यानी मेरे देवर से बात की. उनका छ्होटा भाई विनीत 23 साल का है. उसने जस्ट पढ़ाई कंप्लीट की है, और वो दिखने में आवरेज सा है. प्रट्यूश ने हमारी सारी बातें विनीत को बताई, और उसे सेक्स के लिए माना लिया.

पहले हम सोच में पद गये की वो कैसे माना. पर बाद में पता चला की वो भी बहुत बड़ा चुड़क्कड़ था. कॉलेज में बहुत सारी लड़कियों की चुदाई कर चुका था वो. और भाभियों में तो उसका ख़ास इंटेरेस्ट था.

तो प्रट्यूश ने एक फ्रेंड का रूम अरेंज करवाया. वाहा देवर जी, प्रट्यूश जी, और मैं पहुँच गये. दीदी तो शहर गयी थी तो आने में अभी वक़्त था. पर हम अब और नही रुक सकते थे.

प्रट्यूश ने तो मुझे कमरे में धार दबोचा. देखते ही देखते मैं ब्रा और पनटी में आ गयी. प्रट्यूश ने विनीत को बुलाया. उसने विनीत को कहा, “आओ छ्होटे ज़रा भाभी की सेवा करो. देखो कुछ कमी ना रहे. आज दिखा दो हमारे खंडन के लंड में कितनी ताक़त है.”

विनीत ज़रा भी नही हिचकिचाया, और मेरे पास आके सीधे मुझे किस करने लगा. पहले तोड़ा अजीब लगा, पर बाद में मज़ा आने लगा. एक हाथ से बूब्स मसालने लगा, तो दूसरे हाथ से सीधे छूट सहलाने लगा.

हाथो की मस्तियाँ देख कर पता चल गया की विनीत ने आज तक बहुतो को अपने लंड का स्वाद चखाया था. देखते ही देखते विनीत ने अपने कपड़े उतारे, और चड्डी पर खड़ा हो गया. यहा पीछे से प्रट्यूश ने मेरी ब्रा उतरी, और मेरे बूब्स को नंगे कर दिया. मैने विनीत की चड्डी उतरी तो उसमे से तो प्रट्यूश जी से भी बड़ा लंड बाहर आया.

देवर जी दिखने में आवरेज थे, पर उनका लंड 9″ लंबा और 3.5″ मोटा था. बाहर से देखने में कोई सोच नही सकता था की अंदर लंड की ताक़त क्या होगी. अब समझ आ रहा था की कैसे देवर जी ने इतनी लड़कियों की छूट में चुदाई की होगी. आख़िर कों नही चुडवाएगा?

फिर मैं डॉगी बन गयी. आयेज से मैं देवर जी का लंड चूस रही थी, और पीछे से प्रट्यूश जी मेरी छूट और गांद चाट रहे थे. देवर जी ने मेरे बाल पकड़ कर खूब मूह चुदाई की. कुछ देर बाद पति देव ने मुझे लिटाया और कहा, “तुम्हारी बहुत इक्चा थी ना दो लंड लेने की, तो अब लेले. आज ऐसी चुदाई होगी की कभी भूल नही पावगी.”

देवर जी बेड पर बैठ गये, और मेरी छूट में लंड सेट करके कुछ धक्के लगाए. कुछ वक़्त बाद उनका महा जंबो लंड मेरी छूट फाड़ चुका था. फिर पीछे से पति देव आए और गांद पर तेल लगाने लगे. मैं कुछ समझ पौ उससे पहले उन्होने अपना लंड मेरी गांद में घुसेधना चाहा.

पहले दिक्कत हुई पर बाद में आधा लंड एक झटके में चला गया. मैं चिल्लाई तो देवर जी ने अपनी चड्डी मेरे मूह में घुसाई. यहा दोनो ने एक साथ मेरी छूट और गांद चुदाई करने लगे. दोनो भाई खूब पेलने लगे.

देवर: भाभी आप अब बस इसकी आदत कर लो. अब तो भैया के साथ मैं मुफ़्त में मिला हू. आपकी छूट की तो खैर नही.

ये बोल के दोनो हस्स दिए और जाम कर पेलने लगे. करीब 20 मिनिट तक चुदाई का खेल चला.

थोड़ी ही देर में दीदी वाहा आई, और मेरी हालत देख कर समझ गयी की पति और देवर ने मिल के मेरी चुदाई का मज़ा लिया था. प्रट्यूश ने दीदी को भी अपनी हवस का शिकार बनाया, और मैं बेड पर उल्टी नंगी लेट कर सब देख रही थी.

दीदी को दोनो ने मिल के नंगा किया. उन्हे मेरे बगल में लिटा कर विनीत ने अपना लंड उनके मूह में दिया. तो प्रट्यूश जी ने छूट में लंड घुसेधा. दोनो ने 10-15 मिनिट तक चुदाई की. फिर हम सब कुछ देर आराम करने लगे.

कुछ देर बाद जब दोनो भाइयों का खड़ा हो गया, तब देवर जी मेरे उपर चढ़ गये, और प्रट्यूश जी दीदी के उपर चढ़ गे. यहा देवर ने भाभी को दबोचा, और वाहा जीजा ने साली को दबोचा. दोनो हम दोनो के बूब्स दबाने, चाटने, और निपल्स काटने लगे.

मैं और दीदी आ आ आह करते-करते उनके रंग में रंग गे थे. उन्होने फिर हमारे पैर फैलाए और नीचे छूट में उंगलियों से खेलने लगे. कुछ देर बाद दोनो ने अपने सिर हमारी छूट में डाले और छूट चाटने लगे. मैं भी देवर जी का सिर पकड़ कर अपनी छूट में दबाने लगी.

कुछ वक़्त बाद देवर जी मुझे मिशनरी पोज़िशन में लाए, और अपना जंबो लंड मेरे अंदर डाल दिया. मेरे दोनो हाथ पकड़ कर छाप-छाप करके चुदाई शुरू हुई. मेरी छूट में से पानी निकलना शुरू हो गया, और उनका लंड गीली छूट में चुदाई का मज़ा ले रहा था. वही जीजा जी ने साली को डॉगी बनाया और अपना थूक उनकी छूट पर लगाया, और उनकी गोरी नंगी गांद कमर से पकड़ कर अपना लंड छूट में डाल दिया.

साली की चुदाई कुट्टी बना के जीजा जी ने शुरू की. हमारी आवाज़ और चुदाई की पावन ध्वनि कमरे में गूँज रही थी. कुछ वक़्त बाद दोनो ने अपना लंड निकाला, और हमसे गांद चुदाई की इक्चा ज़ाहिर की. फिर देवर जी ने मुझे कुटिया बनाया, और अपना थूक मेरी गांद पर लगाया. पहले उंगलियों से अंदर-बाहर किया. वही दूसरी और जीजा जी ने साली को अपने उपर बैठने को बोला.

यहा देवर जी ने अपने मूह से मेरी गांद चाटनी शुरू की. क्या जन्नत जैसा महसूस हो रहा था क्या बतौ. थोड़ी ही देर में देवर जी ने अपना लंड मेरी गांद पर सेट करके धक्के लगाने शुरू किए. वही जीजा जी लेट गये और साली उनके उपर बैठ कर अपनी गांद में लंड घुस्वा चुकी थी.

दोनो की गांद चुदाई शुरू हुई. गांद मरवाने का अपना ही मज़ा है. दोनो एक साथ अपने लंड से बहुत आचे से छोड़ रहे थे. करीब 20-25 तक ज़ोर-ज़ोर से गांद ठुकाई हुई, और हमारे गांद में ही उनके कम निकल गये. हम सब ने अपने आप को सॉफ किया, और नंगे ही सो कर रात बिताई.

दूसरे दिन हम दोनो की छूट और गांद दोनो दर्द कर रहे थे, और हम ठीक से चल भी नही पा रही थी. दोनो भाई ये देख कर हस्स रहे थे, और उनके चेहरे पर एक अलग ही गर्व और खुशी थी.

कुछ दीनो बाद मेरी शादी प्रट्यूश से हो गयी. उसके बाद मेरी चुदाई में नये-नये मोड़ आए. कभी ससुर जी ने मुझे छोड़ा, तो कभी जेठ जी से छुड़वाना पड़ा. लेकिन परिवार में चुदाई का मज़ा ही कुछ अलग है. अगर आपको उपर कहानी पसंद आई हो, तो जवानिकजोश@आउटलुक.कॉम पर ज़रूर भेजे. आपकी ईद सेफ रहेगी, और अगले परिवारिक अड्वेंचरस एक्सपीरियेन्स के लिए बने रहे इस सीरीस में.

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