बहन की प्यासी सहेली की चुदाई

behen ki saheli ki chudaiहैल्लो दोस्तों, में और मेरी बहन सेक्स का मस्त आनंद लेते है और हम दोनों को जब भी कोई अच्छा मौका मिलता है, तो हम हमारा वो समय बिल्कुल भी खराब नहीं करते और हम दोनों कम से भी कम दिन में एक बार तो चुदाई जरुर करते है, चाहे वो मज़े दस मिनट के लिए ही क्यों ना हो, में अपनी बहन को उसके महीने की माहवारी के दिनों में भी चोदता, जिसकी वजह से उसकी चूत के खून से मेरा पूरा लंड लाल हो जाता था और हम दोनों दिनों दिन अब गंदे सेक्स करने लगे थे, कभी कभी वो मेरा लंड चूसते हुए मेरा मूत भी पी जाती और कभी में उसका पेशाब पी लिया करता हूँ, यह सब करने में हम दोनों को बहुत मस्त मज़ा आता। फिर जब भी हम अपने घर में अकेले होते, तो बस हमारा एक यही काम होता, जिसको हम करने लगते और एक बार चुदाई करते समय मेरी बहन ने मुझसे पूछा क्या तुझे कोई लड़की पसंद है? तो मैंने उसकी चूत में बड़ी तेज धक्का देते हुए कहा, हाँ मुझे बहुत सारी लड़कियाँ पसंद है, लेकिन एक लड़की मुझे बहुत ज्यादा अच्छी लगती है और वो सभी लड़कियों से बिल्कुल अलग हटकर है, वो मेरे मन की रानी है।

अब उसने मेरे मुहं से यह बात सुनकर मुझसे उस लड़की का नाम पता पूछा और पूछने लगी कि वो लड़की कौन है? तब मैंने उससे कहा कि अगर मैंने उसका नाम तुम्हारे सामने बोल दिया, तो तुम जानकर मुझसे गुस्सा हो जाओगी, इसलिए में बताना उचित नहीं समझता, तुम रहने दो, तुम जानकर वैसे भी क्या करोगी? अब मेरी बहन ने मुझसे गुस्सा ना करने का वादा करके मुझसे उसका नाम दोबारा पूछा और कहा कि तुम मुझे उस लड़की का नाम बताओ, में तुमसे कुछ भी नहीं कहूंगी, वो लड़की कौन है, बात जानकर मुझे बहुत ख़ुशी होगी प्लीज बताओ ना? तो मैंने उसके इतना पूछने पर “कृष्णा” नाम बता दिया। अब मेरी बहन ने वो नाम सुनकर एकदम चकित होकर मुझसे पूछा, क्या वो मेरी दोस्त कृष्णा तुम्हें पसंद है? फिर मैंने कहा कि हाँ वो मुझे बहुत पसंद है और अब वो यह सभी बातें सुनकर एकदम चकित होकर बड़ी शांत हो गयी। अब उसको कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। फिर मैंने उससे कहा कि मेरा मन है कि में एक बार उसको भी चोदकर उसकी जवानी के मज़े ले लूँ और अब मैंने अपनी बहन से पूछा क्या तुम उसके साथ चुदाई करने में मेरी मदद कर सकती हो? तो वो हंसने लगी और कहा कि हाँ में कोशिश जरुर कर सकती हूँ। उसके बाद तुम्हारी किस्मत है। अब मैंने उसको तेज धक्का देकर कहा हाँ ठीक है, लेकिन तुम थोड़ा जल्दी करना, क्योंकि मुझे अब उसकी भी ऐसी चुदाई करनी है। फिर वो बोली कि हाँ ठीक है मुझे पहले उसको प्यार से समझाते हुए बात बड़ेगी में देखती हूँ कि वो क्या जवाब देती है? मैंने कहा कि हाँ ठीक है, अभी बात करले आज घर में वैसे भी कोई नहीं है। फिर उसने बोला तू एक बार मुझे अच्छी तरह जमकर चुदाई के मज़े दे पहले। उसके बाद फिर में उससे बात करती हूँ।

फिर मैंने उसके मुहं से यह बात सुनकर खुश होकर पूरी तरह जोश में आकर करीब आधे घंटे तक लगातार धक्के देकर चोदा और अपने वीर्य को उसकी चूत की गहराइयों में ही निकालकर कुछ देर थककर उसके साथ लिपटकर लेटे रहने के बाद हम दोनों ने अपने कपड़े पहन लिए और उसके बाद हम दोनों उस कमरे से बाहर निकलकर हॉल में चले गए। फिर मेरी बहन ने अपनी सहेली से फोन पर बात करना शुरू किया और तब मैंने फोन का लाउडस्पिकर चालू कर दिया और बातों ही बातों में मेरी बहन उससे खुलकर बातें करने लगी, वो बोली कि आजकल मेरा चुदाई करने का बहुत मन करता है और इसलिए मेरी चूत में किसी के लंड को लेने के नाम की बहुत खुजली होने लगी है। फिर कृष्णा ने कहा कि हाँ ऐसी ही खुजली तो उसको भी अब बहुत ज्यादा होने लगी है और वो भी किसी मस्त दमदार लंड से अपनी चूत की चुदाई करवाकर इसको शांत करना चाहती हूँ, में अपनी इस चूत से बड़ी परेशान हो चुकी हूँ ना जाने वो दिन कब आएगा? दोस्तों में उन दोनों की वो सभी बातें सुनते हुए खुश होकर हंसने लगा और मुझे खुश देखकर मेरी बहन भी हंसने लगी। फिर मेरी बहन ने उससे कहा कि अब हम कर भी क्या सकते है, हम कहीं बाहर जाकर अगर अपनी चुदाई भी तो किसी से नहीं करवा सकते, अगर किसी को पता चल गया था तो हमारी और हमारे घर वालों की इज़्ज़त इस काम की वजह से खराब हो जाएगी।

फिर यह बात सुनकर उसने भी झट से हाँ कह दिया, लेकिन अब वो और भी ज्यादा जोश भरी बातें करने लगी और उसी समय मेरी बहन ने कहा कि घर में सिर्फ़ एक भाई है, जिससे में अपनी चुदाई करवा सकती हूँ, लेकिन हमारे समाज में ऐसा नहीं चलता। अब यह बात सुनते ही में अपनी बहन के पास गया और मैंने उसको अपनी गोद में बैठाकर उसकी चूत पर में अपने हाथ को फेरने लगा। अब मेरे बहन की दोस्त ने कहा कि यार ये समाज भी बड़ी हरामी चीज़ है और यदि तू अपने भाई से अपनी चुदाई करवा भी लेती है, तो समाज को क्या और कैसे पता चलेगा यार? और फिर थोड़ा सा उदास स्वर में कहा कि तेरा तो फिर भी एक भाई है जिसके साथ तू अपनी चुदाई करवाने की बात सोच तो सकती है, लेकिन तू मेरे बारे में सोच में अपने घर में एकदम अकेली लड़की हूँ। फिर मेरी बहन ने उससे कहा हाँ फिर भी यार भाई को कैसे चुदाई के लिए तैयार करे? तो उसकी दोस्त ने कहा अगर मेरा तेरी तरह कोई भाई होता ना तो अभी तक तो में उससे अपनी चुदाई के मज़े भी ले चुकी होती, लेकिन अब क्या कर सकते है, क्योंकि मेरा तो कोई भाई है ही नहीं, तू कितनी किस्मत वाली है यार जो तेरे पास इतना अच्छा सुंदर गठीले गोरे बदन वाला बड़ा ही सेक्सी भाई है, तू मेरी इन बातों का बिल्कुल भी बुरा मत मानना, लेकिन में सच कहूँ तो तेरे भाई को देखकर ही मेरा उसके साथ चुदाई करवाने का मन होने लगता है।

अब अपनी बहन की सहेली के मुहं से यह बात सुनते ही में एक बार फिर से हंसने लगा और अपनी गोद में बैठी बहन के बूब्स और उसकी चूत को मसलने सहलाने लगा। फिर उसी समय मेरी बहन ने उससे कहा कि अगर तेरा मन है तो तू अपनी किस्मत को आजमाकर देख ले, हो सकता है कि शायद मेरा भाई तुझे चोद दे, यह सब मेरे भाई के ऊपर है, लेकिन आगे होकर कोशिश तुझे ही करनी होगी। अब उसने खुश होकर कहा कि मज़ा आ जाएगा, अगर एक बार ऐसा हो गया तो में उसके साथ जमकर अपनी चुदाई के मज़े लेकर अपनी प्यासी चूत को शांत कर सकती हूँ। अब मेरी बहन ने उससे बोला तू अपनी किस्मत को आजमाकर देख ले ना, तुझे किसने मना किया है? तभी उसने कहा कि मुझे बड़ी शरम आती है। अब मेरी बहन ने उससे कहा एक तो तुझे अपनी चुदाई भी करवानी है और तुझे यह काम करते हुए शरम भी आती है वाह रे चल तू एक काम कर कल तू मेरे घर आ। फिर हम दोनों बैठकर अच्छी तरह इस विषय पर आगे बात करेंगे। फिर उसने कहा कि हाँ ठीक है में कल दोपहर के समय तेरे घर आ जाती हूँ और फिर उन दोनों ने फोन रख दिया और उन दोनों की वो बातें सुनकर में एकदम गरम हो गया। मैंने अपनी बहन को गोद में उठाकर बेड पर लेटा दिया और उसके बाद मैंने तुरंत ही उसकी पेंट और पेंटी दोनों को ही एक साथ उतारकर में उसकी चुदाई करने लगा और कुछ देर उसकी मस्त मज़ेदार चुदाई करने के बाद हम दोनों ने कल का विचार बनाना शुरू किया। फिर कुछ देर बाद दरवाजे पर लगी घंटी बज गयी, जिसकी वजह से हमारा उस समय प्लान नहीं बन सका और वो अधूरा ही रह गया, उसी रात को हम दोनों एक ही साथ सोए और दोबारा कल का प्लान बना रहे थे।

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फिर मेरी बहन ने मुझसे कहा कि कल दोपहर को मम्मी के चले जाने के बाद मेरी वो दोस्त आ जाएगी, उस समय तू भी घर में ही रहना और वो आएगी तो में उससे इसी विषय के बारे में बात करूँगी और में उससे कहूंगी कि वो तुम्हें थोड़ा सा गरम करे और तुम भी उसको गरम करना, जिसकी वजह से वो गरम हो जाएगी और उसके थोड़ी देर के बाद में उससे कहूंगी कि मुझे एक जरूरी काम से बाहर जाना है और में उससे झूठ बोलकर कि में बस अभी दस मिनट में आती हूँ और में चली जाउंगी। उसके बाद तुम उसके साथ जो भी तुम्हें करना है कर लेना। दोस्तों मुझे अपनी बहन का यह प्लान बहुत अच्छा लगा। तभी मैंने उससे कहा कि में उस रूम में एक माईक लगा दूँगा, जिसकी वजह से तुम दोनों की सभी बातें में दूसरे कमरे में बड़े आराम से सुन लूँगा और मुझे पूरा सब कुछ पता हो जाएगा। फिर उसने कहा कि हाँ ठीक है। उसके बाद मैंने खुश होकर उसके बूब्स और चूत को चूसा और उसके बाद ना जाने कब में खुश होता हुआ सो गया। फिर दूसरे में सुबह से ही बड़ा खुश था और मुझे देखकर मेरी बहन के चेहरे पर भी ख़ुशी थी, दोपहर के समय मेरी बहन की वो सहेली आ गई, उसने घंटी बजाई और मैंने जाकर दरवाजा खोल दिया।

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फिर हमने एक दूसरे को देखकर मुस्कुराकर एक दूसरे का स्वागत किया। उसके बाद उसने मुझसे मेरी बहन के बारे में पूछा कि वो कहाँ है? तो मैंने हंसते हुए उसको जवाब देखकर कहा कि वो अपने रूम में है, तब वो भी उसी रूम में जाने लगी। उस समय में पीछे से उसकी मटकती हुई गांड को घूरने लगा, जो दिखने में बड़ी ही आकर्षक आकार में बहुत बड़ी गोलमटोल थी। दोस्तों मैंने उस रूम में उसके आने से पहले ही एक माईक लगा दिया था और में पास वाले कमरे में बैठकर हेड फोन से उन दोनों की वो बातें सुनने लगा। अब मेरी बहन ने अपनी सहेली से कहा अगर तुझे मेरे भाई के साथ चुदाई के मज़े चाहिए तो तू यह काम कर ले, मुझे बिल्कुल भी बुरा नहीं लगेगा और मुझे इस बात की ख़ुशी होगी कि तुझे कम से कम अपने मन की संतुष्टि अपनी चुदाई की इस खुजली वाली परेशानी से कम से कम मुक्ति तो मिलेगी। अब वो कहने लगी कि में यह सभी बातें उसको कैसे कहूँ, वो मेरे मन की बात को कैसे समझेगा, में ऐसा क्या करूं? तो मेरी बहन ने उससे कहा कि तू उसको थोड़ा सा अपने अंग का प्रदर्शन करके गरम कर उसको अपनी तरफ आकर्षित कर हो सकता है कि शायद वो गरम हो जाए और वो अपने आप को तेरी चुदाई करने से रोक ना सके, वो तुझे चोद जिसकी वजह से तुझे उसको कुछ बोलना ही नहीं पड़ेगा, बस तुझे उसके साथ दिखाने का थोड़ा सा नाटक ही करना पड़ेगा। अब उसने मेरी बहन से पूछा कि में कैसे उसको गरम करूं, मुझे तो वो सब भी करना नहीं आता? तो बहन ने उससे बोला कि जैसे तू उसके सामने अपनी चूत, गांड, बूब्स पर अपने हाथ रख उसके सामने अपने इस गोरे हॉट सेक्सी बदन का थोड़ा सा अंग प्रदर्शन कर, जिसकी वजह से वो अपने होश खोकर तेरी चुदाई का यह काम जरुर खत्म करे। दोस्तों में उन दोनों की यह बातें सुनकर बहुत गरम हो गया और फिर कुछ देर बाद मेरी बहन ने उससे कहा कि उसको किसी काम से नीचे जाना है और वो बस दस मिनट में ही वापस आ जाएगी और उससे कहा कि यह इतना अच्छा मौका उसको दोबारा नहीं मिलने वाला, क्योंकि अब तुम दोनों ही पूरे घर में अकेले हो और बात उससे कहने के बाद वो झट से उठकर खड़ी हो गयी।

फिर में अपने कमरे से बाहर निकलकर हॉल में आकर बैठ गया और कुछ देर बाद भी मेरी बहन की वो दोस्त अभी भी उसी रूम में बैठी थी। अब मेरी बहन कमरे से बाहर आई और उसने जाते हुए मुझे मेरे उस काम के लिए शुभकामनाएँ देने के बाद उसने मुझसे धीमे स्वर में कहा कि वो अपने दूसरे दोस्त के पास जा रही है, वो करीब दो घंटे के बाद वापस आ जाएगी और मुझसे यह बात बोलकर वो चली गयी। फिर मैंने उठकर दरवाजा अंदर से बंद किया और अब में बेड पर आकर बैठकर उसके बाहर आकर मुझे गरम करने के बारे में सोच ही रहा था कि उसी समय वो बाहर आ गई और उसने मेरे सामने मुझे दिखाते हुए अपनी गांड पर थोड़ा सा हाथ घुमाया और मेरी तरफ देखकर मुस्कुराई और फिर वो किचन में चली गयी। फिर जब वो किचन से बाहर आई तो मैंने देखा कि उसने अपनी चूत पर अपने एक हाथ को रखा हुआ था, वो अपनी चूत को मेरे सामने सहला रही थी और में अपनी आखें फाड़ फाड़कर उसकी चूत की तरफ देख रहा था। अब उसने मुझसे पूछा कि बाथरूम कहाँ है, उसको बड़ी ज़ोर से पेशाब आ रहा है और उसका वो हाथ तब तक भी चूत के ऊपर ही रखा हुआ था। फिर मैंने उसको अपने साथ ही बाथरूम तक लेकर गया और उसको बाथरूम बता दिया और वो झट से बाथरूम के अंदर चली गयी और जाते समय वो मेरी तरफ मुस्कुरा रही थी।

फिर दो मिनट के बाद वो बाहर आ गई। तब उसने जानबूझ कर मेरे सामने चाबी को नीचे गिरा दिया और फिर वो उस चाबी को उठाने के लिए मेरे सामने झुक गई, जिसकी वजह से मुझे उसकी गोरी उभरती हुई छाती साफ साफ नजर आने लगी थी और में बड़ा ही चकित होकर उसके बूब्स को घूर घूरकर देख रहा था। फिर वो सीधी होकर किचन में जा रही थी, उसी समय मैंने बिना देर किए उसको पीछे से पकड़कर बहुत ज़ोर से अपनी बाहों में भरकर पीछे गर्दन पर चूमना शुरू किया। फिर कुछ देर बाद उसको मैंने अपनी तरफ घुमाया और उसको पीछे ले जाते हुए सामने वाली दीवार के सहारे खड़ा करके में उसके होंठो पर चूमने लगा था और उसके होंठो को चूमने चाटने के साथ साथ में उसके बूब्स को भी दबा रहा था, ऐसा करने में मुझे बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था, क्योंकि उसके बूब्स आकार में बड़े होने के साथ साथ बहुत ही मुलायम था, वो ऐसा अहसास मज़ा था, जिसको में किसी भी शब्दों में लिखकर नहीं बता सकता। फिर कुछ देर यह सब करके उसको गरम करने के बाद में उसको अपनी गोद में उठाकर अपने रूम में लेकर मैंने उसको बेड पर लेटा दिया। फिर मैंने बिना देर किए तुरंत ही अपनी टी-शर्ट और पेंट को खोल दिया और उसके बाद में उसकी शर्ट को खोलने लगा, जैसे ही मैंने उसकी शर्ट को खोला मुझे नजर आया कि उसने एक बड़ी ही सेक्सी गुलाबी रंग की आकर्षक ब्रा पहनी हुई थी। मैंने उसकी ब्रा को भी तुंरत ही उतार दिया और उसके बाद उसकी जींस उसी के साथ पेंटी को भी खोलकर मैंने उसको पूरा नंगा कर दिया।

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फिर मैंने उसके बाद अपनी अंडरवियर को भी खोल दिया, जैसे ही मैंने उसकी पेंटी को खोला तो उसके तुंरत ही नीचे बैठकर मेरे लंड को अपने हाथों में भरकर झट से पूरा का पूरा लंड अपने मुहं में ले लिया। उसके बाद वो पागलों की तरह मेरे लंड को चूसने लगी और उसके ऐसा करने की वजह से मुझे बहुत मस्त मज़ा आ रहा था और वो ख़ुशी से झूम उठी, वो किसी अनुभवी रंडी की तरह मेरा लंड चूसने में बहुत व्यस्त नजर आ रही थी और थोड़ी देर तक लंड को बड़े मज़े से चूसने लगी। अब तक में बहुत जोश में आकर पूरी तरह से गरम हो चुका था और अब मेरा झड़ने का समय पास आ चुका था और उसके चूसते हुए ही मैंने अपने लंड का सारा वीर्य उसके मुहं में छोड़ दिया, जिसको उसने अपनी जीभ से चाट चाटकर साफ कर दिया, वो बड़ी खुश नजर आ रही थी। अब में उसके ऊपर लेटकर उसके बूब्स को चूस रहा था और साथ ही उसकी चूत को भी अपने एक हाथ से छूकर सहला रहा था। फिर कुछ देर बूब्स को चूसने के बाद में अब उसकी नाभि को चाट रहा था, जो बड़ी गहरी गरम भी बहुत थी, यह काम करने में मुझे बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था और उसका जोश भी धीरे धीरे बढ़ता जा रहा था। फिर मैंने उसकी चूत में अपनी एक उंगली को डालकर अंदर बाहर करने लगा और वो जोश में आकर आहह ऊफ्फ्फ्फ़ की आवाज़ करने लगी। फिर थोड़ी देर बाद उसने मुझसे बोला कि तुम अब अपना लंड इसके अंदर डाल दो और अब तुम मेरी चुदाई करो। फिर मैंने उसके मुहं से यह बात सुनकर खुश होकर तुरंत ही अलमारी से एक कंडोम निकाला और उसको अपने लंड पर लगाकर मैंने अब लंड को उसकी गीली कामुक चुदाई के लिए तरस रही चूत में अपने एक ही जोरदार धक्के के साथ पूरा अंदर डालकर मैंने अब उसको चोदना शुरू किया और मेरे हर एक धक्के से उसके मुहं से सिर्फ़ दर्द की वजह से आह्ह्ह्हह ऊउईईईईई माँ मर गई प्लीज धीरे करो, ऊउफ़्फ़्फ़ क्या तुम आज मुझे मार ही डालोगे, मुझे बड़ा तेज दर्द हो रहा है, अब बस भी करो बहुत हुआ आईईईइ माँ में मर गई, बचाओ मुझे की आवाज़ आ रही थी, लेकिन फिर भी मैंने उसके दर्द उन आवाजों की तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया और में अपने काम में लगा रहा, उसको मैंने करीब आधे घंटे तक लगातार तेज गति के धक्के देकर चोदा।

फिर उसके बाद जब में झड़कर शांत हुआ, तब जाकर मैंने उसकी चूत से अपने लंड को बाहर निकाला, जो धीरे धीरे छोटा होता चला गया और अब में उसके पास ही लेट गया और मैंने उससे पूछा क्यों मज़ा आ गया ना तुझे मेरे साथ अपनी चुदाई करवाने में? तो उसने भी हाँ कहा बोली मुझे अपनी इस पहली चुदाई इस सेक्स अनुभव में तुम्हारे साथ बड़ा मस्त मज़ा आया और मुझसे यह सभी बातें करने के बाद वो मेरे ऊपर लेटकर मुझे चूमने मेरी छाती को सहलाने लगी और कुछ देर बाद मेरे ऊपर आकर मेरे लंड को अपनी चूत में डालकर वो खुद ही उछलने लगी, जब वो उछल रही थी, तब में उसके बूब्स को दबा रहा था। फिर मैंने कुछ देर बाद घड़ी की तरफ देखा तो अब मेरी मम्मी के वापस आने का समय होने वाला था, इसके बारे में मैंने उससे कहा, तब वो मेरे ऊपर से हटकर खड़ी हो गयी। फिर हम दोनों बाथरूम के तरफ गये और अपने को साफ करने लगे, लेकिन मुझे अब उसकी एक बार फिर से चुदाई करने का मन कर रहा था, इसलिए मैंने तुरंत ही उसको वहीं बाथरूम में लेटा दिया। उसके बाद उसके दोनों पैरों को पूरा खोलकर अपने लंड को चूत की गहराई में पहुंचाकर मैंने उसकी चुदाई करना शुरू किया और मैंने उसको बाथरूम में करीब बीस मिनट चुदाई के मज़े दिये। उसके बाद जब में झड़ने वाला था और तभी मैंने तुरंत ही अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकालकर अपने वीर्य को लंड को हाथ में लेकर मुठ मारते हुए पूरा नीचे फर्श पर निकाल दिया। फिर उसके बाद हम दोनों ने ठंडा होकर अपने अपने बदन को साफ किया और उसके बाद कपड़े पहन लिए और हम बाहर आ गए। उस समय मैंने उससे कहा कि अब उसको अपने घर चले जाना चाहिए, क्योंकि अब मेरी मम्मी आने वाली है, वो तुम्हें अकेले में मेरे साथ देखेगी तो उनको हम दोनों पर शक हो जाएगा।

फिर वो कहने लगी कि हाँ ठीक है और अब हम दोनों दरवाजे के पास खड़े हो गये और एक दूसरे को बाहों में भरकर हमने चूमना शुरू किया। उसके बाद मैंने उससे उसका मोबाईल नंबर माँगा। फिर उसने मुझे अपने फोन का नंबर तुरंत दे दिया और उसने भी मेरा फोन नंबर ले लिया और उसके बाद वो मुझसे बाय कहती हुई हंसकर अपने घर चली गयी। दोस्तों यह थी मेरी कहानी, लेकिन यह अभी अधूरी है, में बहुत जल्दी आप सभी को इसके आगे क्या क्या हुआ और हम तीनों ने मिलकर कैसे चुदाई की, वो मज़े लिए जरुर अपनी अगली कहानी इस कहानी के दूसरे हिस्से में बताऊंगा ।।



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