बहन ने भाई के लंड का साइज़ महसूस किया

अब तक आपने इस भाई-बेहन की सेक्स कहानी में पढ़ा कैसे मनु दीदी ने मुझे और मेरी गर्लफ्रेंड (टानू) को कॉलेज में किस करते देखा, और फिर कैसे दीदी ने मुझे जलाने के लिए मेरे सामने अपने बाय्फ्रेंड (समर्थ) के लंड का मज़ा लिया. आगे जानने के लिए कहानी पढ़ते रहे:-

आप सभी को पता है कैसे मुझे मनु दीदी से प्यार होने लगा था, और अब मुझे जानना था की क्या दीदी के दिल में भी मेरे लिए कुछ फीलिंग्स थी के नही. कुछ दिन बाद 24 डिसेंबर को मेरा जनमदिन था. मैं 21 साल का होने जेया रहा था. मैने प्लान बनाया की कैसे दीदी को मेरे बर्तडे वाले दिन अपने दिल की बात बतौँगा.

अगले दिन सनडे था. दीदी और मैं दोनो घर पे ही थे. डिसेंबर की सर्दी थी. सनडे के दिन मैं अपनी रज़ाई में लाते तक सो रहा था. सुबह के 9 बजे के करीब घर पे काफ़ी शोर हो रहा था. पापा ड्यूटी पे जेया रहे थे, और मम्मी किचन में खाना बना रही थी. शोर के कारण मेरी नींद खुल गयी सुबह.

जब उठा तो मेरा शहज़ादा मुझसे भी पहले उठ चुका था. मैं सुबह-सुबह सस्यू करने के लिए अपने खड़े लंड के साथ बातरूम जेया रहा था. मम्मी किचन से मुझे देख रही थी. तभी उनकी नज़र मेरे खड़े लंड पे पड़ी. मम्मी ने लंड को देख के मुझे बोला-

मम्मी: रुक जेया, मनु नहा रही है बातरूम में.

तभी दीदी भी नहा के बाहर निकली तो मैं बातरूम के बाहर खड़ा था. दीदी की नज़र सीधी मेरे लंड पे गयी. दूसरी तरफ मेरी नज़र उनके गीले बदन पे थी. दीदी ने ढीला टॉप और ढीला सा लोवर डाल रखा था.

किचन से मम्मी को भी टेन्षन हो रही थी, की कही मनु मेरे खड़े लंड को ना देख ले. अब उनको थोड़ी पता था की दीदी ने पहले भी बहुत बार देखा था. मम्मी ने दीदी को देखा तो दीदी की नज़र मेरे लंड पे थी. मम्मी ने जल्दी से ये सिचुयेशन संभालने के लिए दीदी को रूम में भेज दिया, और घर का काम करने लगी.

दिन में मैं अपने रूम में टानू से छत कर रहा था. तभी दीदी आई तो उन्हे पता चल गया की मैं गफ़ से बात कर रहा था. दीदी ने तोड़ा मूह बनाया, और मुझसे बात करने लगी

मनु: परसो तेरा बर्तडे है ना. तुझे क्या गिफ्ट छाईए इस साल?

मैं: मुझे इस बार गिफ्ट में आप चाहिए. मतलब आपका प्यार.

मनु: क्यूँ तेरी गफ़ है ना, उसको बोल प्यार करने के लिए. वैसे भी देखा था उस दिन कैसे तेरे लंड को मसल रही थी.

मैं: दीदी अब आप पुरानी बातें मत निकालो. आपने भी तो बदला ले लिया ना.

मनु: ठीक है पर मुझे तू एक बात बता. तूने उसके साथ सेक्स भी किया है क्या?

मैं: नही दीदी, उस दिन ही पहली बार कुछ हुआ था. वो भी आप ने आके सारा मज़ा खराब कर दिया.

मनु: अछा बेटा, रुक तुझे मैं बताती हू. आया बड़ा मज़े करने वाला.

दीदी मुझे पिल्लो से मारने लग गयी, और मैं भी लड़ने लग गया दीदी से. मैं भी जान-बूझ कर दीदी से मार खा रहा था. मैने दीदी से पिल्लो चीन लिया, और बेड से नीचे फेंक दिया. तो दीदी ने मेरे उपर रज़ाई डाल दी, और मेरे उपर मारने लगी.

मैने छ्छूटने ने के लिए रज़ाई हटाई, तभी दीदी को ग़लती से पुश कर दिया. दीदी पीछे की तरफ गिरने वाली थी, तो उन्होने मुझे बचने के लिए पकड़ने की कोशिश की. तो ग़लती से दीदी ने मेरा लंड पकड़ लिया. हम दोनो वही एक-दूं रुक गये.

दीदी के हाथ में मेरा लंड अभी भी था, और वो मेरे लंड को बार-बार देखे जेया रही थी. दीदी को होश आया और मेरा लंड एक-दूं से छ्चोढ़ दिया. फिर जल्दी से खड़ी हुई, अपने कपड़े ठीक करके इग्नोर करने लगी, जैसे कुछ हुआ ही ना हो.

मैं: कोई बात नही दीदी, ग़लती से हो गया. इसमे आपकी कोई ग़लती नही है. मैने भी तो ग़लती से आपको नंगा देख लिया था.

मनु: ह्म सॉरी.

मैं: कोई सॉरी नही, वैसे भी इतना सब हो गया, ये तो ग़लती से हुआ है ( फिर दीदी तोड़ा नॉर्मल हुई )

मनु: हा अब समझ आ रहा है की क्यूँ वो तेरे लंड के पीछे पागल हो रही थी.

फिर हम दोनो एक-दूसरे को देख के हासणे लगे.

मैं: बस-बस इतना भी कुछ ख़ास नही है. दीदी आप बुरा ना मानो तो एक बात पूचु?

मनु: हा पूच जो पूछना है. अब तो सब कुछ ओपन हो ही गया है.

मैं: आपने उस दिन अपने ब्फ का लंड पकड़ा, और आज मेरा, आपको किसका लंड अछा लगा?

मनु: हुपप! कैसे सवाल कर रहा है तू अपनी बेहन से? शरम कर ले थोड़ी ( दीदी अंदर ही अंदर मुस्कुरा रही थी).

मैं: आपसे अब कैसी शरम? आप बताओ जो पूछा है.

मनु: अछा बताती हू. मुझे तेरा लंड ज़्यादा पसंद आया.

समर्थ का लंड तेरे वाले जितना ही था, पर तेरा ज़्यादा मोटा है. उसका तोड़ा सॉफ्ट लंड है, पर तेरा लंड तो एक-दूं टाइट आइरन रोड जैसा हार्ड है. एक-दूं मस्त ( दीदी तारीफ करते-करते ये भो9एल गयी की वो अपने खुद के भाई के लंड की तारीफ कर रही थी).

मनु: टानू के तो पुर मज़े है. इतना बढ़िया लंड से सेक्स करने को मिल रहा है उसे

मैं: अर्रे दीदी रुक जाओ. कोई सेक्स नही कर रही है. वर्जिन हू मैं अभी भी. फ्रेशर पार्टी वाले दिन ही पहली बार पकड़ा था उसने, पर एक बात है. वो तब से चूड़ने के लिए बोल रही है मुझसे.

सेक्स की बात सुन के दीदी थोड़ी उदास हो गयी. उनके चेहरे से ये सॉफ पता चल रहा था.

मनु: ओक जाओ करो सेक्स, मेरा तो ब्रेक उप करा दिया. अब खुद सेक्स कर रहा है.

मैं: नही दीदी, मैं जिससे प्यार करूँगा, उसको ही अपनी वर्जिनिटी दूँगा. छ्चोढो ये सब आप. मुझे गिफ्ट क्या दोगे ये बताओ?

मनु: मिल जाएगा तेरे को तेरा गिफ्ट, उसकी टेन्षन मत ले. तू हर साल मुझसे गिफ्ट लेता है, पर कभी मेरे बर्तडे पे मुझे गिफ्ट नही देता. इस साल तेरे बर्तडे पे मुझे भी कुछ चाहिए.

मैं: क्या गिफ्ट चाहिए? आपके लिए तो मेरी जान हाज़िर है.

मनु: बदला ( और फिर दीदी ज़ोर से हासणे लग गयी).

मैं: कैसा बदला, मैं कुछ समझा नही? ले तो लिया आपने बदला. अब क्या रहता है?

मनु: परसो बर्तडे वाले दिन पता चल जाएगा, वेट कर.

मुझे अब यकीन होने लगा था की कही ना कही मनु दीदी भी मुझे पसंद करती थी. उनकी मेरे लंड की तारीफ करना, मेरे और टानू के सेक्स की बात सुन उनका उदास होना ये दिखा रहा था की दीदी भी मुझसे प्यार करती थी. बस अब कन्फर्म करना रहता था की मैं सही था या नही.

हमारा बाकी का दिन भी ऐसे ही बातों में निकल गया, और फिर मंडे को हम कॉलेज गये. नेक्स्ट दे मेरा बर्तडे आने वाला था. मैं भी बहुत एग्ज़ाइटेड था, और मुझसे ज़्यादा दीदी एग्ज़ाइटेड थी. कॉलेज ख़तम करके हम दोनो घर आए. घर आके हमने खाना खाया, और आराम किया. शाम को मैं दोस्तों से मिलने चला गया.

घर आया तो मम्मी डिन्नर बना रही थी, और दीदी मेरा ही वेट कर रही थी. दीदी अब ज़्यादा ही खुश रहने लगी थी. मुझे देख के वो और ज़्यादा खुश हो जाती थी. मम्मी ने बताया की आज पापा नही आएँगे, क्यूंकी उनकी नाइट शिफ्ट थी. डिन्नर करके मैं अपने रूम में चला गया. मेरे बर्तडे को बस 2 ही घंटे बचे थे. रात के 10 बाज चुके थे. तभी दीदी भी मम्मी की मदद करके रूम में आ जाती है.

रात को क्या हुआ, और मेरे जनमदिन के दिन हमने क्या-क्या किया. इस कहानी के अगले पार्ट में पढ़े. कहानी पढ़ने के बाद अपना फीडबॅक ज़रूर दे, और कॉमेंट सेक्षन में अपनी विचार बताए. तो बे कंटिन्यूड…

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