बहन-भाई, और वासना का ज़बरदस्त खेल

मैं और राशि दी एक-दूसरे के लिप्स को चूज़ जेया रहे थे. पहले तो हम बहुत ही सॉफ्ट्ली एक दूसरे के होंठ चूस रहे थे, बुत थोड़ी ही देर में राशि दी वाइल्ड होने लगी. मुझे कुछ समझ नही आ रहा था, की मेरी बेहन इतनी वाइल्ड क्यूँ हो रही थी.

उन्होने मेरे होंठो को काटना शुरू कर दिया. मैं मदहोश हो रहा था, और मेरे हाथ उनके बूब्स को और भी ज़ोर से कपड़ों के उपर से ही दबाए जेया रहे थे. हम दोनो के हाथ की प्रक्रिया सेम थी.

जहा मैं उनके बूब्स को उपर से प्रेस कर रहा था, वही वो भी मेरे लंड को पंत के उपर से ही दबोचे जेया रही था. मैं मेरा हाथ उनकी त-शर्ट में डालने लगा. उसी वक़्त उन्होने भी अपना हाथ मेरी पंत में डाल लिया. अब मैने उनके बूब्स को ब्रा से आज़ाद कर दिया, और उनकी ब्रा खोल कर निकाल दिया. तभी उन्होने भी मेरे लंड को बाहर निकाला और उसे आचे से मालिश देने लगी.

अब मेरे हाथो में उनके नंगी बूब्स और उनके हाथो में मेरा लंड क़ैद था. उफ़फ्फ़ फ्रेंड्स, उस एहसास को मैं शब्दों में नही बता सकता. ऐसा लग रहा था मानो मेरे लंड को किसी मखमल के रुमाल से लपेट दिया गया हो, और मेरे हाथ में मखमल के दो बड़े-बड़े बॉल्स हो.

मैं जब भी उनके उन मुलायम बूब्स को ज़ोर से प्रेस करता था, मेरा हाथ खुद ही फिसल जाता था. इस बात से आप अंदाज़ा लगा सकते है की वो कितने सॉफ्ट थे. मैं जब भी उनके बूब्स प्रेस करता, वो इस कदर तड़प उठती मानो कोई मछली पानी के बाहर साँस लेने की कोशिश कर रही हो. आरोही दी अब तक सो रही थी. उनको अंदाज़ा भी नही था की उनके पीठ पीछे हम क्या-क्या कर रहे थे.

अब मैं एक स्टेप और आयेज गया. मैने उनके बूब्स पर एक किस किया. मेरे किस करने की देर थी की उन्होने मेरा सिर अपने बूब्स पर ज़ोर से दबा लिया, और फिर मैं तो सातवे आसमान में चला गया. मैं भी पागलों की तरह उनके मुलायम और गद्दे-दार बूब्स को चूसने लगा. मैने अपने जीभ से उनके पिंक निपल पे हरकते की, जिससे उनकी सिसकियाँ निकालने लगी.

राशि दी: आअहह एस सक इट उम्म.

मैं उनके निपल्स को काटने लगा. एक-एक करके मैने उनके दोनो बूब्स को चूस-चूस कर उनका रस्स-पॅयन किया, और उनकी सिसकियाँ और भी ज़्यादा सेक्सी होती जेया रही थी. उनका हाथ अब मेरे लंड से हट चुका था, और मेरे सिर को ज़ोर से पकड़ा था. मेरा लंड अपनी आदत अनुसार तंन कर किसी गरम रोड की तरह हो गया था.

राशि शायद उस रोड की गर्माहट फील कर रही थी. तभी उन्होने वो किया जिसकी मुझे उमीद भी नही थी. वो मुझे लिटते हुए खुद मेरे उपर हो गयी, और फिर अपना मूह मेरे लंड के पास ले गयी. अंधेरे में मुझे कुछ दिख तो नही रहा था, पर उनकी गरम सांसो की गर्माहट मुझे फील हो रही थी.

पहले उन्होने किसी कुटिया की तरह अपनी जीभ निकली,बौर मेरे लंड को चाटना शुरू कर दिया. उन्होने अपने गीली जीभ से मेरे लंड को पूरा गीला कर दिया. फिर आई चूसने की बारी. अब उन्होने एक ही बार में मेरा पूरा 7 इंच वाला लंड अपने मूह में समा लिया.

वो किसी भूखे आशिक़ की तरह मेरे लंड को चूसने लगी. उनकी तेज़ी ऐसी थी मानो मैं उनके मूह को छोड़ रहा हू. मेरे लंड को वो किसी पोर्नस्तर की तरह चूज़ जेया रही थी. कभी मूह में ले कर, तो कभी मूह के बाहर निकाल कर जीभ से, कभी मेरे लंड को अपने मूह पर मार्टी, तो कभी उस पर थूक लगा कर उसे आचे से चूस्टी.

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, और मेरा लंड अब अपने पीक मोमेंट पे आ गया. मैने उनके सिर को ज़ोर से पकड़ा, और अपना लंड उनके मूह में गले तक घुसा दिया. तभी मेरा लंड किसी भारी हुई पिचकारी की तरह बौछार करने लगा. मेरे लंड का सारा रस्स उनके मूह में ही रह गया, जिसे उन्होने पूरा का पूरा घोत लिया.

वो अभी भी नही रुकी. उन्होने मेरे लंड के उपर की स्किन हटाई, और अपनी जीभ से लंड सॉफ करने लगी. अफ फ्रेंड्स, ऐसा लग रहा था मैं किसी प्रोफेशनल से अपना लंड चुस्वा रहा था. पर अब बारी मेरी थी. हम भाई बेहन वासना की चरम सीमा पे पहुचने को उत्सुक थे, की तभी आरोही दी ने एक करवट ली, और हम कुछ देर के लिए रुक से गये.

राशि दी ने जल्दी से मुझे साइड किया और अपनी त-शर्ट नीचे की, और दूसरी तरफ मूह करके लेट गयी. मैने भी जल्दी से अपना हाल ठीक किया और लेट गया. मेरे मॅन में अचानक से काई सवाल उठने लगे, जिनका जवाब सिर्फ़ राशि दी के पास था.

उनमे से एक सवाल था की मैने जो अभी किया क्या मैं वो राशि दी के साथ कंटिन्यू रख सकता था. मैं उनकी तरफ मुड़ा, तो वो इस तरह से लेती थी की उनकी गांद मेरी और थी. मैने अपना हाथ उनकी गांद पर रखा और सोने का नाटक करने लगा. अब मैं उनके रिक्षन का वेट करने लगा.

मुझे मेरे सवाल का जवाब दी ने कुछ इस तरह दिया, की उन्होने मेरा हाथ पकड़ कर उसे अपनी त-शर्ट के अंदर कर लिया, और अपनी गांद वाले हिस्से को मेरे लंड वाले हिस्से पे रगड़ते हुए मेरे करीब आ गयी. मैने भी जवाब में अपना हाथ उनकी बूब्स पे रखा (उनकी ब्रा मैने निकाल दी थी जो पहनना वो भूल गयी थी) और हम इसी पोज़िशन में सो गये.

अब मैं कल का वेट कर रहा था जब मेरी मों, पापा और आरोही दी शादी में जाने वाले थे, और मैं और राशि दी घर पे अकेले होंगे. मुझे मेरे सारे क्वेस्चन्स के आन्सर मिल जाएगे.

तो मिलते है आपसे कहानी के अगले भाग में. आपका प्यार और सपोर्ट यू ही मिलता रहे मुझे ताकि मैं अपनी कहानी पूरी कर साकु. अपना प्यार आप मुझे भेज सकते है और कुछ सजेशन्स भी. मुझे मैल करे आर्यन्मे987@गमाल.कॉम पर.

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