हेलो गाइस, मेरा नाम विक्रम साक्शेणा, आगे 21 यियर्ज़, और मैं अभी कॉलेज के सेकेंड एअर में हू. मैं बहुत ही बेवकूफ़ किसाम का इंसान हू. अक्सर मेरे फैंसले ग़लत होते है. ये कहानी मेरी छ्होटी बेहन ऋतु साक्शेणा की है. हम उत्तराखंड से बिलॉंग करते है.
ऋतु साक्शेणा अभी 1स्ट्रीट एअर में है. उसका रंग गोरा है. उसकी हाइट 5.2 फीट, ब्रा साइज़ 30ब, हिप्स साइज़ 26.2 इंचस, वेस्ट साइज़ 33 इंचस है. उसकी चुचिया देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए, इतने बड़े लगते है उसके बूब्स. मैं भी च्छूप-च्छूप कर उसकी चुचियो को देखा करता था.
कुछ दिन पहले की बात है हमारे रिलेटिव के यहा शादी थी. पर मेरी बेहन का एग्ज़ॅम था तो उसने माना कर दिया, और उसका ध्यान रखने के लिए पापा ने मुझे भी ले-जाने से माना कर दिया. हमारे पेरेंट्स 4 दिन के लिए आउट ऑफ स्टेशन चले गये.
हमारी कॉलोनी के सारे मर्द ऋतु को एक टक्क घूरते रहते है, जब भी वो रास्ते से गुज़रती है, और इसको बहुत सारे लड़कों ने प्रपोज़ भी किया. पर वो सब को माना करती है, क्यूंकी वो काफ़ी पढ़कू लड़की है, और वो पूरा ध्यान अपनी पढ़ाई पे देती है.
मैं और मेरी बेहन बहुत ज़्यादा फ्रॅंक है. हम आपस में सारी बातें शेर करते है. उसे मेरी दारू की लत के बारे में भी पता है, तो मैं उसके सामने भी पी लेता हू.
मेरे घर की च्चत पर एक छ्होटा रूम बना हुआ है, जहा सारा कबाड़ रहता था. तो मैने उस कबाड़ को साइड रख के अपने लिए थोड़ी स्पेस बना दी, जिससे मैं वाहा दारू पी सकता था. और वही कबार में अपनी बॉटल च्छूपा देता था.
सुबा का टाइम था. मेरी बेहन बातरूम में नहाने गयी थी, और मैं बोर हो रहा था. तो मैं च्चत पे स्टोर रूम में एक-दो पेग पीने आ गया. मैने स्टोररूम में पहला पेग पीना शुरू किया था. तभी मैने देखा की च्चत पे एक फुटबॉल आ गयी है. हमारा घर पार्क के बिल्लकुल पड़ोस में है, इसलिए काई बार वाहा खेल के दौरान बॉल आ जाती है.
मैं उनको कभी पसंद नही करता. क्यूंकी वो सब नीची जाती के है, जिनको बस सुबा से शाम बस सत्ता लगाना, नशा करना और खेलना है. इसलिए मैं उन्हे अपने घर में भी नही घुसने देता. पर वो भी ढीठ है, अपनी बॉल लेने के लिए वो हमारे पड़ोसी की च्चत पर जेया कर हमारी च्चत पर आ जाते है, और अपनी बॉल ले जाते है.
इस बार भी उसमे से एक कमलेश नाम का लड़का मेरी च्चत पे आया बॉल लेने के लिए. जैसे ही वो बॉल उठा के वापस जेया रहा था, वैसे ही उसकी नज़र कोने पे पड़ी और वो रुक गया.
उसके बाद वो मोबाइल निकाल कर उसने नीचे की तरफ कुछ करने लगा. मुझे समझ नही आया वो क्या कर रहा था. नैन तो आराम से स्टोर रूम में बैठ कर दारू पी रहा था, और अक जाली वाली विंडो से उसको देख रहा था.
करीब वो 15-20 मिनिट्स रुका और बड़ा खुश हो कर चला गया. मैने भी अपने 2 पेग ख़तम करे, और स्टोररूम से बाहर निकल कर सुबा के मौसम का मज़ा लेने लगा. तभी मुझे पार्क से बड़ी तेज़ अपनी बेहन ऋतु का नाम सुनाई दिया.
जब मैने अपनी च्चत से पार्क की तरफ देखा तो हमारे घर की दीवार के पास ही 4 लोग खड़े थे, जिसमे कमलेश भी था, और वो बाकी तीनो को कुछ बहुत खुश हो कर बता रहा था. तभी दूसरा लड़का रवि बोला-
रवि: क्या बात कर रहा है! तूने ऋतु को नंगा देखा?
ये सुनते ही मेरे पैरों तले से ज़मीन खिसक गयी. फिर मैने च्चत की तरफ देखा. मेरा बातरूम घर के लेवेल से उँचा उठा हुआ है, और उसका एग्ज़ॉस्ट उपर है. पर वाहा से कोई अंदर नही देख सकता.
लेकिन तभी मुझे याद आया की मेरे पापा ने मुझे एक काम बोला था की एग्ज़ॉस्ट के नीचे का पत्थर निकल गया है, उसे फिक्स कर दो. पर मैं अक नंबर का आलसी इंसान हू, और आज इसकी सज़ा मेरी बेहन को मिली.
तीसरा लड़का-
पिंटू: सेयेल अकेले-अकेले देख आया, हमे भी बता देता, हम भी आ जाते.
कमलेश: अर्रे चिंता मत कर. मैने सब कुछ अपने मोबाइल में रेकॉर्ड कर लिया है.
चौथा लड़का-
अब्दुल: दिखा-दिखा, जल्दी दिखा.
मुझे ये सब सुन कर समझ ही नही आ रहा था की क्या करू. कमलेश ने मोबाइल खोला और वीडियो चला दी. वो मेरे घर के पास नीचे खड़े थे, तो मुझे भी सॉफ नज़र आ रहा था. मोबाइल में वीडियो चली जिसमे मैने देखा की मेरी छ्होटी बेहन ऋतु ने सिर्फ़ पनटी पहन रखी थी, और उपर से वो पूरी नंगी थी.
उसके बड़े बड़े बूब्स आज सब के सामने नंगे थे. ऋतु अपने बूब्स पर साबुन लगा कर मसल रही थी. इतने बड़े और गोरे बूब्स देख कर वाहा चारों लड़को के लंड खड़े हो गये. और वो सब अपने लंड अपनी पंत से निकाल कर पार्क में ही हिलने लग गये.
ऋतु ने अब अपने पुर शरीर को आचे से साबुन लगा लिया था. अब उसने अपनी पनटी भी निकाल दी. वो अब अपनी छूट पर भी साबुन लगा रही थी. अब सब के सामने मेरी सग़ी बेहन ऋतु बिल्कुल नंगी थी. बातरूम में लाइट होने की वजह से ऋतु की छूट सॉफ-सॉफ दिख पा रही थी. उसकी छूट पर हल्के-हल्के बाल थे.
अब तो मेरा लंड भी खड़ा हो गया, और मैं उपर से पंत से अपने लंड को मसालने लगा. वो चारों अपने लंड को ज़ोर-ज़ोर से हिलने लग गये. अब ऋतु की गांद के तो सब पहले ही दीवाने थे, अब नंगी गांद को देख कर तो मज़ा ही आ गया. ऋतु ने साबुन को अपनी छूट पर रगड़ना शुरू किया.
यहा पर मैने लंड को तेज़ी से हिला कर सारे वीर्या की पिचकारी सीधे दीवार पर मार दी. और वो चारो अभी भी अपने लंड को हिला रहे थे. अब उन्होने भी एक-एक करके सारा वीर्या निकाल दिया, और मेरी बेहन ने भी अब शवर ओं कर दिया.
अब सारा साबुन धीरे-धीरे नीचे आ गया, और अब मेरी बेहन बिल्कुल क़यामत लग रही थी. उसके बाल गांद तक पहुँच रहे थे, और उसकी स्किन बिल्कुल दूध जैसी सफेद बिल्कुल ग्लो कर रही थी. शवर के बाद वो बातरूम से बाहर चली गयी.
मूठ मारने के बाद मेरा दिमाग़ ठिकाने पे आया की मैने आज तक अपनी बेहन को हवस भारी नज़र से नही देखा था. पर आज उसे नंगा देख कर मैने मूठ मार दी. फिर मैने सोचा भले ही इनके पास मेरी बेहन की नंगी वीडियो थी. पर वीडियो देख कर मूठ मारने के अलावा ये क्या ही कर लेंगे. बस ये लोग इस वीडियो को फैला ना दे.
ये चारों लड़के हुमारी कॉलोनी के पीछे बनी बस्ती में रहते थे, और कॉलोनी में सॉफ-सफाई करने और नाली सॉफ करने आते थे, और बाकी टाइम पार्क में खेलते रहते है.
पिंटू: क्या माल थी बीसी मज़ा आ गया.
कमलेश: हा यार, सोचा नही था कॉलोनी की सबसे बड़ी माल को नंगा देखने को मिलेगा.
रवि: मोबाइल में नंगा देख कर मज़ा आ गया, काश असलियत में एक बार मिल जाती.
मैं च्चत के उपर से सब सुन रहा था, और मैने मॅन में सोचा इतना मिल गया उतना ही बहुत है. बेहन तो तुम्हे कभी नही मिलने वाली.
अब्दुल: अर्रे तो क्या, सच में भी मिल जाएगी. इस वीडियो के ज़रिए हमे उसको छोड़ने को मिलेगा.
कमलेश: आबे ये पूरी कॉलोनी के लोग बहुत अमीर है. उसने अपने बाप को बताया ना, तो हम सब ग़रीबों का सफ़ाया कर देंगे.
रवि: पर यार ऐसे माल को जाने नही दे सकते है. ऐसी माल तो पैसों में भी नही मिलेगी.
पिंटू: आबे तो क्या करे, इसको तो पूरा मोहल्ला छोड़ना चाहता है. पर हम किस्मत वालो को ये मोका मिला है.
अब्दुल: अर्रे तुम सब मेरे पे छ्चोढ़ दो. मैं सारा इंतेज़ाम कर दूँगा.
इन चारों की बातें सुन के मेरा लंड दोबारा खड़ा हो गया की कैसे ये लोग मेरी बेहन को छोड़ेंगे और क्या मेरी बेहन इन लोगों की बात मानेगी.
पिंटू: तो क्या प्लान है?
अब्दुल: जो करना है जल्दी करना पड़ेगा, क्यूंकी अभी बस वो विक्रम है घर पे. बाकी सारे लोग आउट ऑफ स्टेशन है.
कमलेश: मतलब बस वो चूतिया है क्या घर पे? उसको तो हम सम्हल लेंगे, और उसकी बेहन को छोड़ लेंगे.
पिंटू: हा ये ठीक है.
अब्दुल: नही ऐसी चीज़ें बाहर आ सकती है, तो दिक्कत हो जाएगी.
मैं मॅन ही मॅन बहुत एग्ज़ाइटेड हो रहा था. पर मुझे पूरा भरोसा था की मेरी बेहन अपने साथ ऐसा कुछ नही होने देगी.
मेरा मॅन तो करा की ये सब रोक डू, पर मैं वो वीडियो वापस नही ला सकता था, क्यूंकी मैं बहुत कमज़ोर लड़का हू, और वो सब हटते-काटते है. इसलिए मैने सारा मामला अपनी बेहन पर छ्चोढ़ दिया. क्यूंकी वो भी नीची जाती वालो को बिल्कुल पसंद नही करती, और जब भी वो लोग नाली सॉफ करने या कोई छ्होटा-मोटा काम करने आते है, तो मेरी बेहन उनसे तुरंत दूरी बना लेती है.
तो बे कंटिन्यूड…