बातरूम मे बहन को जमकर चोदा

में रुका और प्रीति को अपने लंड के उपर आराम से झड़ने दिया. मुझे उसकी छूट से रस बहता हुआ मेरी जांघों तक फील हो रहा था. करीब करीब उसकी छूट 7-8 झटके खा कर झाड़ गयी मेरे लंड पे.

अब आयेज की कहानी…

प्रीति दीवार से चिपक गयी थी और ज़ोर ज़ोर साँसें ले रही थी. मैने उसकी गर्दन पर चूमा और शवर ओं कर दिया. मेरा लंड अभी तक प्रीति की छूट में था और में प्रीति के कंधों को और उसकी पूरी पीठ को चूम रहा था और चाट रहा था.

5 मीं तक नहा के मैने प्रीति को टवल से सॉफ किया और खुद को भी. अब प्रीति थोड़ी नॉर्मल हो चुकी थी.

प्रीति: उउफ़फ्फ़ क्या मस्त छोड़ते हो तुम.

मई: (प्रीति के मूह पे हाथ रखते हुआ) डार्लिंग चुदाई अभी ख़तम नही हुई है, और अपने लंड की तरफ इशारा किया.

प्रीति ने मेरे लंड की तरफ देखा और उसकी आँखों में चमक सी आ गयी. फिर मैने प्रीति को अपनी गोड में उठाया और बाहर ला कर बिस्तर पे पटक दिया.

अब प्रीति के उपर आ गया और 69 पोज़ में प्रीति की टाँगें फैला के उसके उपर लेट गया. मैने अपने होंठ प्रीति की इन्नर थाइस पर रख दिए और चूमने और चूसने लगा. प्रीति ने टाइम ना गावते हाए मेरे लंड का टोपे को अपनी होंठो में दबा लिया और चूसने लगी.

मुझे तो जैसे जन्नत मिल गयी हो. में धीरे धीरे प्रीति के होंठो में अपने लंड के धक्के लगाने लगा. अब मैने प्रीति की छूट पे अपने होंठ रख के उसकी चूत को चाटने लगा.

प्रीति का मूह मज़े में खुला का खुला ही रह गया. मैने एक दम से अपना लंड प्रीति के गले तक उतार दिया. प्रीति की आँखों में आँसू आ गये और वो ज़ोर से खाँसी आने लगी.

5 मीं तक मैने प्रीति की छूट को चूसा और प्रीति ने मेरे लंड पे अपने होंठो का कमाल दिखाया. फिर में बिस्तर पे सीधा होके लेता गया. तो प्रीति उठी और मेरे उपर चाड गयी. वो मेरे लंड पे बैठी थी जिस से मेरा लंड उसकी छूट पे रग़ाद खा रहा था.

उसकी छूट फिर से गीली हो चुकी थी मेरे लंड पे पानी रिस रिस कर बह रहा था उसकी छूट का. एक दम से प्रीति झुकी और मेरे होंठो को अपने होंठो में दबा के स्मूच करने लगी.

उसकी चुचियाँ मेरी चेस्ट से मसल रही थी और वो अपनी कमर को धीरे ढेरे झतके देके के अपनी गीली रसीली छूट को मेरे लंड से रगड़ने लगी.

में अपना हाथ प्रीति की बालों में घूमने लगा और अपने होंठो में प्रीति के होंठ लेके ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा था. प्रीति के नीचे वेल होंटो को अपने दोनो होंठो में दबा लिया और चूसने लगा.

5 मीं की लगातार होंठ छुसाई के बाद हम अलग हुआ और ज़ोर ज़ोर से हाफने लगे. फिर प्रीति ने अपने हाथ से मेरा लंड अपनी छूट के दरवाजे पे रख और धीरे धीरे मेरे लंड पे बैठने लगी.

मेरा लंड धीरे धीरे करके प्रीति की रसीली छूट में घुस रहा था और ँझे असीम आनंद की प्राप्ति हो रही थी. प्रीति ने अपने हाथ मेरे चेस्ट पे रखे और अपनी कमर हिला हिला कर मेरा लंड पूरा अपनी छूट में जड़ तक लेने लगी.

अब वो मेरी चेस्ट पे हाथो को घुमा रही थी. और नीचे अपनी कमर आयेज पीछे करके मेरे लंड को अपनी चूत माइयन ले रही थी. में आँखें बंद करके प्रीति की इस हरकत के मज़े ले रहा था.

प्रीति के मूह से भी सिसकारियाँ निकल रही थी और वो अपनी कमर को आयेज पीछे करके खुद ही चुड रही थी मेरे लंड से. अब वो तोड़ा झुकी और मेरे होंठो को अपने में लेके चूसने लगी. और अपनी कमर को आयेज पीछे करके अपनी चूत से मेरे लंड को चोद रही थी.

में प्रीति के चेहरे पर हवस सॉफ देख सकता था. फिर मैने प्रीति के दोनो हाथो को पकड़ा और कमर के पीछे करके लॉक कर लिया. जिससे प्रीति के चुचे मेरी चेस्ट पे डब गये और प्रीति मेरे उपर गिर गयी.

अब कंट्रोल मेरे पास था. मैने प्रीति की छूट में नीचे से ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने शुरू कर दिया. अब प्रीति के मूह से सिसकारियाँ भी ज़ोर ज़ोर से निकालने लगी थी और प्रीति की छूट मे से फॅक फॅक छाप छाप की साउंड आ रहा था.

प्रीति: आहह आहह हान्ं छोड़ दो अपनी इस रांड़ बहें को अया बहुत मज़्ज़ा आ रहा है असे हे आअहह आआहह उउउफ़फ्फ़…

प्रीति के मूह से ऐसी बातें सुन के मेरे अंदर का जानवर और जाग रहा था. मैने फिर प्रीति के एक निपल को अपने मूह में भर लिया और जीभ से उसे रगड़ने लगा और नीचे से में उसकी छूट में जोरदार धक्के मार मार के उसकी छूट छोड़ रहा था.

प्रीति ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ भर रही थी, और मदहोश आवाज़ में मेरे नाम लेके माओं कर रही थी.

फिर प्रीति एक बार फिर से बोली, में झड़ने वाली हू म्‍म्म्मम आहह फुक्कककक…

मई: आहह प्रीति में भी झड़ने वाला हू आहह फुक्कक म्‍म्म्मम… *ज़ोर ज़ोर से प्रीति की छूट में धक्के लगाने लगा.*

प्रीति ने एक बार फिरसे अपने हाथ चुडवाए. और मेरे दोनो हाथो को मेरे सिर के उपर बेड पे अपने हाथो से दबा दिया.

अब सीन ये था की प्रीति ने अपने दोनो हाथो से मेरे हाथ बेड पे लॉक कर रखे थे मेरे सिर के उपर. और उसके चुचे मेरे होंठो के सामने झूल रहे थे. में कभी उसके लेफ्ट वेल निपल को होंठो में भर के चूसने लगता तो कभी रिघ्त वेल निपल को.

अब प्रीति मेरे हाथो को लॉक करके अपनी छूट को मेरे लंड पे पताकने लगी थी. वो अब ज़ोर ज़ोर से अपनी छूट को छोड़ रही थी मेरे लंड से. प्रीति के छूट ज़ोर ज़ोर से पताकने के कारण से ठप ठप ठप ठप साउंड आ रहा था और मे यूयेसेस साउंड का आनंद ले रहा था

प्रीति: आअहह में झड़ने वाली हू आहह फुक्कक एस्स ओह मी गोदडड़ एम्म आहह एस्स…

मई: आहह प्रीति श फुक्ककक में भी झड़ने वाला हू आहह एससस्स ओह मी गोदडड़ और तेज तेज पताको अपनी छूट को मेरे लंड पे आहह एसस्स्स्स्स्सस्स…

प्रीति ज़ोर ज़ोर से अपनी छूट को मेरे लंड पे पताकने लगी और करीब 15-20 जोरदार धक्को के बाद प्रीति की छूट झड़ने लगी.

प्रीति: आहह में झड्द रही हू श फुक्कक एस्स ओह मी गोद्ड़द्ड आहह एसस्सस्स ओह मी गोदडड़…

उसकी छूट के गरम गरम पानी से मेरे लंड भी झड़ने लगा.

मई: आहह फुक्कक प्रीति में भी झड्द र्हा हू आहह एस्स ओह शित्त्तत्त ओह फुक्कककक…

प्रीति की छूट मेरे लंड पे झटके खा खा के झाड़ गयी. और मेरे लंड ने प्रीति की चूत में झटके दे दे के सारा रस उसकी चूत में ही उतार दिया.

अब वो मेरी चेस्ट पे गिर गयी. मेरे लंड का जूस उसकी चूत से रिस रिस कर मेरे लंड पे ही निकल रहा था. और हम दोनो एक दूसरे की बाहों में समा गये.

अभी यही तक आगे की कहानी मे पढ़े कैसे हम दोनो ने आंटी के पीठ पीछे मस्ती की और एक दूसरे की भूख को शांत किया.

अगर कहानी अची लग रही है तो आप लोग मुझे त्यरनतसिंघ@गमाल.कॉम पे अपना फीडबॅक ज़रूर दे. ताकि मुझे आगे की कहानी जल्दी लाने की मोटिवेशन मिले, थॅंकआइयू.

यह कहानी भी पड़े  औरत पर अपने पति के क़र्ज़ का बोझ पड़ गया


error: Content is protected !!