मैंने बिना परवाह किए एक जोर का झटका और मार दिया और मेरा आधे से ज्यादा लंड उसकी चुत को चीरते हुए अन्दर चला गया।
वो चिल्लाए जा रही थी- आह छोड़ दो मुझे, मेरी चुत फट जाएगी। मैं और नहीं सह सकती मम्म्मा.. आहह उइई माँ..!
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मैं कुछ देर ऐसे ही उस पर लेटा रहा और उसके मम्मों को एक-एक करके चूसने लगा। जब वो कुछ शांत हुई, तो मैंने उतने ही लंड को ही चूत के अन्दर-बाहर करने लगा। कुछ देर बाद उसको भी अब दर्द कम होने लगा था, तो मैंने ये भांपते ही अपना पूरा लंड बाहर निकाला, जो उसके खून से लाल हो चुका था और जोर से धक्का देते हुए चूत में चांप दिया। इस बम पिलाट धक्के से मेरा पूरा लंड उसकी चुत में अन्दर तक घुस गया। वो इस एकदम से हुए प्रहार से सकपका गई और छटपटाने लगी।
मैं कुछ देर उसे किस करता रहा, फिर जब उसका दर्द कुछ कम हुआ.. तो वो अपनी कमर हिलाने लगी, तो मैं भी धक्के लगाने लगा।
वो मादक सीत्कार करने लगी- आह.. मजा आ रहा है जानू.. और जोर से चोदो मुझे.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… हहह.. हाय मैं मर गई..!
फिर कुछ देर बाद उसका शरीर अकड़ने लगा और जोर से चिल्लाती हुई झड़ गई।
मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी और उसे हचक कर चोदने लगा। कुछ देर बाद हम दोनों साथ में ही झड़ गए और ऐसे ही लेटे रहे। उसके बाद हम बाथरूम में गए, मैंने उसकी चुत को धोया और उसने मेरे लंड को साफ़ किया।
हम ये सब करते हुए वहीं फिर से गर्म हो गए और एक बार फिर चुदाई का सिलसिला चल पड़ा। पूरे बाथरूम में हमारी चुदाई की आवाजें गूंज रही थीं।
कुछ देर बाद मैं उसकी चुत में ही झड़ गया। इस दौरान वो कई बार झड़ चुकी थी। फिर हमने कपड़े पहने और हम किस करके वहाँ से निकल आए।
उसे चलने में दिक्कत हो रही थी, तो मैंने उसे दर्द निवारक दवा दिलवाई और अपने घर चल दिए।
उसके बाद हम दोनों को जब भी मौका मिला.. हम सेक्स कर लेते थे। एक महीने पहले उसकी शादी हो गई। सेक्स तो हम आज भी करते हैं, पर अब हमारे पास पहले जितना मौका नहीं होता है।
अब मैं नई चुत सर्च कर रहा हूँ, काश कोई मिले, तो ये लंड भी शांत हो जाए।
तो फ्रेंड्स ये थी मेरे दोस्त की बहन की चुत की चुदाई की स्टोरी, प्लीज मुझे मेल जरूर करें, मैं आपके मेल का इन्तजार करूँगा।