बड़ी गांड वाली आंटी का चोदन

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम दिनेश है, में दिल्ली में रहता हूँ, मेरी उम्र 32 साल है. आज में आपको अपनी एक सच्ची स्टोरी बता रहा हूँ. ये कहानी पढ़कर आप जरूर मजे करोगे. मेरे पड़ोस में रहने वाली आंटी का नाम नंदिता था और उसकी उम्र लगभग 42 साल की थी, उसका फिगर साईज 38-34-44 था. वो हमारी गली में किराए पर अपने पति और 2 बच्चो के साथ 2 बेडरूम फ्लेट में दूसरे फ्लोर पर रहती थी.

हमारा मकान ठीक उसके सामने है, जब से नंदिता किराए पर रहने आई तो में तो उसको देख-देखकर बैचेन हो गया था. मुझे उसके मोटे-मोटे चूतड़ बहुत पसंद थे, जब वो मॉर्निंग में अपने ऑफिस के लिए जाती थी तो उसके मोटे-मोटे भारी चूतड़ देखकर उसकी गांड मारने का मन करता था. जब वो चलती थी तो उसके भारी चूतड़ हिलते हुए बहुत सेक्सी लगते थे. मैंने उसके चूतड़ों के नाम की कई बार मुठ मारी है, में उसको देखकर सोचता था कि एक बार उसके मोटे चूतड़ चाटने और चूमने के लिए मिल जाए तो समझो जन्नत मिल गई.

फिर बड़ी हिम्मत करके मैंने उसे सेट करने के बारे में सोचकर उसके ऑफिस जाने के टाईम पर ही अपनी बाइक निकालकर में भी ऑफिस जाने की तैयारी करने लगता था. वो रोजाना ऑफिस जाते समय मुझे अपनी बाइक साफ करते हुए देखती थी. उसके ऑफिस जाने के 10 मिनट के बाद में भी ऑफिस जाता था. अब बाइक से जाते समय में उसे बस स्टेंड पर खड़ा हुआ देखता था, तो कभी-कभी उसकी भी नजर मुझ पर पड़ जाती थी.

एक दिन वो घर से निकली तो 5 मिनट के बाद में भी अपनी बाईक स्टार्ट करके चल दिया. फिर मैंने रास्ते में उसे देखा तो उसकी भी नजर मेरे पर पड़ गई. तब मैंने उससे कहा कि अगर आप बुरा ना माने तो में आपको छोड़ दूँ, आपको कहाँ तक जाना है? तो वो बोली कि में तो नॉएडा तक जाती हूँ. फिर तब मैंने कहा कि में आपको ड्रॉप कर देता हूँ, मेरा ऑफिस भी नॉएडा सेक्टर-18 में है, तो वो मेरी बाइक पर बैठ गई.

फिर रास्ते में मैंने उससे पूछा कि आप कहाँ सर्विस करती है? तो वो बोली कि में सेक्टर-6 में रिसेप्शन पर सर्विस करती हूँ. फिर उसने पूछा कि तुम कहाँ सर्विस करते हो? तो मैंने कहा सेक्टर-18 में मेरा अपना छोटा सा ऑफिस है और में लोगों के साथ स्टॉक मार्केट की डील करता हूँ, हम सब ब्रोकर है. तो तब वो बोली कि बहुत अच्छा. अब उस दिन में बहुत खुश था कि मैंने उसे लिफ्ट दी.

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इसके बाद मैंने कई बार उसे उसके ऑफिस तक ड्रॉप किया और अब मेरी हिम्मत इतनी बढ़ गई थी कि में उसे उसके ऑफिस से पिक भी करने लगा था. फिर एक दिन वो बोली कि तुम मुझे घर से काफ़ी पहले ही उतार दिया करो, क्योंकि कोई पड़ोसी देख लेगा तो गलत समझेगा.

अब में उसको ऑफिस से लाता, लेकिन में उसे घर से पहले ही उतार देता था. फिर मैंने सोचा कि अब बात कैसे आगे बढ़ाऊँ? और फिर एक दिन उसको ऑफिस से वापस लाते समय मैंने कहा कि कॉफ़ी पीने का मन कर रहा है, अगर आप कहे तो एक कप कॉफ़ी हो जाए. फिर वो बोली कि अगर तुम्हारा मन कर रहा है तो ठीक है. फिर हम लोग रेस्टोरेंट में कॉफ़ी पीने लगे और बातें करने लगे, तो बातों ही बातों में मैंने उससे कहा कि आप बहुत सुंदर है.

वो धीरे से बोली कि तुम्हें ऐसे नहीं कहना चाहिए, में तुमसे उम्र में बढ़ी हूँ. फिर मैंने कहा कि तो क्या हुआ? दोस्ती में उम्र नहीं देखी जाती है, तो वो हंसने लगी. फिर एक दिन ऑफिस जाते समय मैंने उससे कहा की बुधवार को मेला लग रहा, में जाने की सोच रहा हूँ अगर आप भी चले तो मज़ा आ जाएगा. फिर पहले तो उसने मना किया और बोली कि में घर में नहीं बता सकती कि में फेयर में जा रही हूँ और ऑफिस से भी छुट्टी करनी पड़ेगी, लेकिन मेरे ज़िद करने पर वो तैयार हो गई.

फिर हम मेले में गये और वहाँ बोटिंग की और बहुत घूमे और दोपहर में लंच किया. फिर शाम को वापस घर आ गये. फिर इस तरह में उसके साथ चार बार घूमने गया, लेकिन वो अकेले में मिलने को तैयार नहीं हुई थी. फिर एक दिन वो बोली कि मेला लग रहा है कहो तो चलें. फिर मैंने बोला कि चलूँगा, लेकिन मुझसे अकेले में एक बार मिलना पड़ेगा तो वो बोली कि अकेले में मिलकर क्या करोगे?

में बोला कि दिल की बातें करेंगे और तुम्हें जी भरकर देखूंगा, तो वो तैयार हो गई. फिर हम लोग मॉर्निंग में 10 बजे ट्रेड फेयर पहुँच गये. फिर उसने ट्रेड फेयर से लेडीस पर्स खरीदा और फिर हम लोग वहाँ से चलकर सीधा होटल में चले गये और वहाँ 800 रुपए देकर एक रूम किराए पर ले लिया. तब वो बोली कि तुम मुझे यहाँ क्यों ले आए? तो में बोला कि अब 12 से 5 बजे तक का टाईम हमारा है, आराम करो, बातें करो, जो चाहे करो और फिर हम दोनों बातें करने लगे.

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फिर में अपना एक हाथ उसकी कमर पर रखकर लेट गया, तो वो कुछ नहीं बोली. फिर में उसके होंठो को किस करने लगा. तो वो बोली कि ये सब गलत है. फिर में बोला कि तुम मेरा दिल क्यों तोड़ना चाहती हो? में तुम्हें केवल एक बार प्यार करना चाहता हूँ, फिर कभी ज़िद नहीं करूँगा, तो वो तैयार हो गई. फिर मैंने उसके होंठो को चूसा, उसके गालों को चाटा और फिर उसके बूब्स को सहलाया और किस किया.

20 मिनट के बाद मैंने उसे पेट के बल लेट जाने को कहा और उसके पैरो को चूमना शुरू कर दिया और फिर उसकी जांघो को चूमा और चाटा और फिर उसके मोटे चूतड़ देखकर मैंने उसके चूतडों को दबाना, मसलना शुरू कर दिया और फिर उसके चूतड़ पर किस किया और खूब चाटा. फिर मैंने शहद की शीशी खोली और उसके कूल्हों पर शहद लगाकर 15 मिनट तक उसके चूतड़ चाटता रहा. फिर मैंने उसके कंधो, कमर, कूल्हों, पैरो को सॉफ्ट मसाज दिया. अब वो एकदम गर्म हो गई थी और उसके कूल्हों पर सॉफ्ट मसाज देने पर उसके मोटे-मोटे चूतड़ अपने आप कांप जाते थे.

फिर मैंने उसकी चूत के बाहर के लिप्स को किस किया और चाटा और फिर लिप्स को चाटा और फिर उसके दाने को धीरे से चाटा किया. फिर में 30 मिनट तक उसकी चूत के लिप्स और उसके दाने को सक और किस करता रहा. फिर मैंने उसकी चूत को जोर से सक किया और अपने एक हाथ से उसके निपल की सॉफ्ट मसाज की. फिर तभी वो बोली कि अब कर भी दो.

फिर मैंने अपने 7 इंच के लंड को उसकी चूत में डालकर धक्के देना शुरू कर दिया. अब वो कहराने लगी थी. फिर 2 मिनट के बाद वो बोली कि धीरे-धीरे करो. फिर 1 मिनट बाद में उससे बोला कि नंदिता मेरा निकलने वाला है. तो तब वो बोली कि निकाल दो, में भी निकाल रही हूँ. फिर में उसकी चूत में 3 मिनट के बाद झड़ गया और उसके बाद हम लोगों ने उस दिन 2 बार और सेक्स किया और खूब मजे लिए.



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