दोस्तों आपने पिछली कहानी में पढ़ा था कि कैसी मैं और मेरी बड़ी दीदी के बीच घटनाएं घटित हुई थी और मैं उनके सेक्सी और दूध जैसे गोरे बदन का दीवाना हो गया था| मैं बुरी तरह से अपने दीदी के पीछे पड़ा हुआ था लेकिन दीदी पटने को तैयार नहीं थी| एक दिन अचानक मेरी किस्मत ने साथ दिया और मेरे चाचा जी की लड़की की शादी में रात के समय में, मैंने अपनी दीदी को किसी और लड़के के साथ नंगी पकड़ लिया| दोनों नंगे थे और एक दूसरे के जिस्म के मजे ले रही थी|
आशा है की कहानी को पढ़कर आपने बहुत मनोरंजन किया होगा|
अब आगे की कहानी इस प्रकार से है………
अब मैंने बिना देरी किए हुए तेजी से दौड़ कर उस लड़के को दबोच लिया| और इससे पहले दोनों कुछ समझ पाते उस लड़की को करारे करारे थप्पड़ जड़ दिए| इसके पश्चात मैंने एक जोरदार लात मारी और वह लड़का उछलकर मेरी दीदी की जांघों से दूर जाकर गिरा| मैंने सबसे पहले दोनों के कपड़े उठा लिए और फिर तुरंत दौड़कर उस लड़के का हाथ पकड़ लिया| मैंने उसे गाली देते हुए बोला कुत्ते तेरी इतनी हिम्मत, मैं तुझे जान से मार डालूंगा अभी| और उस लड़के को दो-तीन जबरदस्त थप्पड़ जड़ दिए| मैं उसे बुरी तरह से मार रहा था कि बड़ी दीदी नंगी ही बीच बचाव करने आ गई| दीदी के जिस्म पर एक भी कपड़ा नहीं था और वह मेरे सामने नंगी थी| वह हम दोनों के बीच में खड़ी हो गई| इसके पश्चात दीदी ने तुरंत मेरे पैर पकड़ लिए| और मुझे बताया कि वह इस लड़के से शादी करना चाहती है| और यह लड़का भी मुझसे शादी करना चाहता है| प्लीज ऐसे मत मारो यह तुम्हारा होने वाला जीजा है| मैंने उस की तरफ गुस्से से देखा और पूछा शादी करेगा क्या दीदी से| वह कुछ नहीं बोला और अपना सर नीचे कर लिया| कुछ देर तक खामोशी रही है फिर मैंने दोनों का हाथ पकड़ा और कहा कि चलो आज के आज तुम दोनों की भी शादी कर देते हैं| वैसे भी सब कुछ तैयार ही है| यह सब सुनकर दीदी तो कुछ नहीं बोली लेकिन उस लड़के की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई| उसके तो होश ही उड़ गए थे| वह गिड़गिड़ा कर मेरे पैरों में गिर गया और हम से माफी मांगने लगा कि वह तो पहले से ही शादीशुदा है उसने दीदी को धोखा दिया है| वह दूसरी शादी बिल्कुल नहीं कर सकता| इतना सुनते ही दीदी आग बबूला हो गई कि कुत्ते तूने मुझे धोखा दिया इतने दिनों से मेरे पीछे पड़ा है बोलता है कि शादी करूंगा और आज बोल रहा है कि वह शादीशुदा है| मैं तुझे जान से मार डालूंगी| बड़ी दीदी ने उसे बड़ी तेजी के साथ थप्पड़ जड़ दिए| और उसे पूरी तरह से मारने लगी| फिर हम दोनों भाई बहनों ने मिलकर उसने जमकर मार लगाई| वह हमसे बचकर जाने की भीख मांग रहा था| और उसने बोला कि अब उसका ट्रांसफर भी दूसरे शहर में हो चुका है तो वह दोबारा से उनकी जिंदगी में कभी लौटकर नहीं आएगा कभी अपनी शक्ल नहीं दिखाएगा| इसके पश्चात मैंने दोनों को उनके कपड़े दे दी है| जैसे ही दोनों ने कपड़े पहने तो मैंने दीदी से कहा कि मैं पहले इस कुत्ते को लेकर जाता हूं और घर से धक्के मार कर भगाता हूं| आप कुछ समय के पश्चात आना पहले मैं देख लेता हूं कि कहीं बाहर कोई है तो नहीं| दीदी को भी यह ठीक लगा| फिर मैं और वह लड़का खेत से बाहर निकले और घर की तरफ चल दिए मैं उसे गालियां दे रहा था| मैं उसे उसकी कार के गेट तक ले गया और वह अपनी गाड़ी लेकर रफूचक्कर हो गया| उसके पश्चात जैसे ही मैं अपने घर की तरफ आया तो दीदी भी वहां पर आ चुकी थी| बड़ी दीदी अपना सर नीचे करते हुए घर के अंदर चली गई| घर के बाहर मंडप में शादी की तैयारी हो रही थी तो मैं भी वहां पर बैठ गया| लगभग 10 मिनट के पश्चात बड़ी दीदी भी मुझे दिखाई थी वह अपनी ड्रेस चेंज कर चुकी थी| इसके पश्चात सभी लड़कियों ने मिलकर दुल्हन को दूल्हा के पास मंडप में बिठा दिया| मैं भी मौका देखते हुए दीदी के पास पहुंच गया और उनसे अकेले में एक कोने में चलने का इशारा किया| मंडप से थोड़ी दूर पर हम दोनों एक कोने में अकेले बैठे थे बाकी सभी लोग थोड़ी दूर पर बैठे थे| मैंने बड़ी दीदी के चेहरे की तरफ देखा तो उन्होंने अपना चेहरा नीचे की तरफ कर लिया| बड़ी दीदी बहुत उदास लग रही थी शायद रेनू दीदी अंदर अंदर से रो रही थी| फिर बड़ी दीदी ने धीरे से मुझे थैंक यू बोला कि मैंने उनको बचा लिया है| लेकिन मैं तो अब अपनी दाल खिलाने बैठा था| मैंने धीरे से दीदी से बोला कि दीदी जब मैं आपको पसंद करता हूं तो आप मेरे साथ क्यों नहीं कर सकती आपको बाहर जाने की क्या जरूरत है| इससे केवल हमारे घर की बदनामी होगी| क्या मैं आपको पसंद नहीं हूं| क्या मैं आपको प्यार नहीं करता मैं आपको हद से ज्यादा प्यार करता हूं और आप यह अच्छी तरह से जानती हो| इस पर बड़ी दीदी धीमी आवाज में बोली कि छोटू तू तो बहुत हैंडसम और स्मार्ट है तेरी जैसी को तो हर लड़की पाना चाहती है| लेकिन मैं तेरी बहन हूं बड़ी बहन और तुझ से लगभग 7 वर्ष बड़ी थी| हम दोनों यह सब नहीं कर सकते यदि किसी को पता चल गया तो| तू ही सोच कोई क्या कहेगा कि भाई और बहन एक दूसरे से लगे हुए हैं| मैंने अभी तुरंत इसका जवाब दिया कि जब हम दोनों में से कोई इस बात को किसी को आगे बताए नहीं तो कोई कैसे जान पाएगी हम क्या कर रहे हैं| वैसे भी हम दोनों एक दूसरे को देख चुके हैं बिना किसी कपड़ों के| आपने मुझे नंगा देखा हुआ है मेरी लिंग को देखा हुआ है| और मैंने भी आपको नंगी देखा है| दीदी कोई बाहर का स्वाद को चख लें इससे तो अपने भाई को ही दे दो| मुझे आप बहुत पसंद है मुझे आपके साथ सेक्स करना है| आप मुझे सब कुछ करने देती हो सिवाय सेक्स क, प्लीज मुझे कर लेने दो| मुझे आपकी चुचियों बहुत पसंद है मुझे उन्हें बुरी तरह से मसल्ला है| मेरा इतना कहने के पश्चात दीदी ने धीरे-धीरे से मेरी आंखों में देखा| और हल्के से मुस्कुरा दी| में बार-बार जिद करने लगा तो दीदी धीरे से स्वर में बोली सिर्फ तरफ ऊपर से दबाने दूंगी आगे कुछ नहीं करने दूंगी|
दोस्तों अब आपसे क्या छुपाना आपको तो सब कुछ मालूम है दीदी के मुंह से इतना सुनते ही मेरी खुशी का ठिकाना ही नहीं था| मेरे इतने दिनों की मेहनत करने के बाद यह पहली बार था जब दीदी ने मुझसे हां कहा था| शायद इसका कारण उनका वह मित्रता था जो उनकी भरी जवानी में आग लगा कर उनको प्यासा छोड़ गया था| भले ही शुरु में मुझे यह सब बुरा लगा था लेकिन यह मौका मेरे लिए किसी लॉटरी की तरह ही निकला| मैंने तुरंत ही दीदी से हां कह दिया| इसके पश्चात हम दोनों एक दूसरे को देख कर धीरे-धीरे मुस्कुरा रहे थे हम दोनों के बीच लगभग 2 मिनट तक आगे कुछ भी बातचीत नहीं हुई| अब मैंने दोबारा दीदी से निवेदन किया कि दीदी मुझे अभी करना है अभी आपकी प्यारी-प्यारी, गोल मटोल चूचियां मसलनी है| इसके पश्चात बड़ी दीदी ने धीमे स्वर में मुझसे कहा कि मैं अभी छत पर जाती हूं कुछ समय के पश्चात तुम मेरे पीछे-पीछे आ जाना| मैंने तुरंत बड़ी दीदी को रोकते हुए कहा कि दीदी घर में बहुत भीड़ भाड़ और रिश्तेदार हैं छत पर बहुत रिक्स होगा| फिर दीदी ने चारों तरफ अपनी निगाह से देखा और धीमे स्वर में मुझसे कहा कि तो फिर क्या करें छोटे भाई| मैंने तुरंत रेनू दीदी को जवाब देते हुए कहा कि दीदी घर के पीछे ठीक रहेगा कोहरा भी बहुत है और घर के पीछे कोई होगा भी नहीं| यह सुनते ही तुरंत बड़ी दीदी बोली कि भाई बहुत ठंड पड़ रही है हाड़ कपा देने वाली ठंड है| इसका जवाब देते हुए मैंने रेनू दीदी को कहा कि बड़ी दीदी एक रजाई और गद्दा ले लेते हैं जिससे हम दोनों को ठंड भी नहीं लगेगी और हमारा काम भी हो जाएगा| रेनू दीदी ने जवाब देते हुए कहा कि रजाई और गद्दे को रहने दे मैं ऐसे ही चलती हूं रजाई और गद्दे हमें तो तो कुछ और ही करेगा|
मैंने मन ही मन सोचा कि कहीं मौका हाथ से ना निकल जाए और मैंने तुरंत दीदी को हां कह दिया कि चलो ऐसे ही चलते हैं| इसके पश्चात दीदी ने मुझसे कहा कि मैं अपने कपड़े चेंज करके आती हूं इन कपड़ों में दाग लग जाएगा तो सीधा सीधा दिखेगा| तब तक तू पीछे पहुंच जा मैं अभी 5 मिनट में अपने कपड़े चेंज करके आती हूं तो घर के पीछे कच्चे रास्ते पर पहुंच जा, मैंने भी इसका जवाब देते हुए तुरंत कहां की बड़ी दीदी जाओ जल्दी जाओ और अपने छोटे भाई के लिए दुल्हन की तरह सज कर आओ मैं आपका पीछे बैठ कर इंतजार करूंगा| बड़ी दीदी उठकर घर के अंदर कपड़े चेंज करने चली गई| अब मेरे पास लगभग 5 से 10 मिनट का समय था जिसके अंदर मुझे सब कुछ तैयारी करनी थी| बड़ी दीदी के घर के अंदर जाते ही मैं भी पीछे-पीछे घर के अंदर पहुंच गया और चुपके से अपने बेडरूम में जा पहुंचा| अपने बेडरूम से मैंने एक छोटी तेल की शीशी और एक वैसलीन की डिब्बी ले ली| इसके पश्चात मैंने अपने खेत की ट्यूबवेल की चाबी भी अपनी जेब में रखली| अब मैं धीरे से चुपके चुपके घर से बाहर निकला| मैंने टेंट से एक रजाई और गद्दा भी उठा लिया| इसके पश्चात में सभी से नजर बचाते हुए अपने घर के पीछे खेत की तरफ निकल गया| घर से हमारी ट्यूबवेल की दूरी लगभग 100 मीटर थी| मैं घर और ट्यूबवेल के बीच के कच्चे रास्ते पर दीदी का इंतजार करने लगा|
लगभग 5 मिनट के पश्चात मुझे कच्चे रास्ते पर घर की तरफ से धुंधली धुंधली परछाइयां नजर आने लगी| कुछ ही समय में परछाई मेरे पास आ गई और यह मेरी रेनू दीदी, जो सिर्फ मेरे लिए आई थी| बड़ी दीदी ने ब्लैक कलर का सूट सलवार और एक ब्लैक कलर की जैकेट पहनी हुई थी| मेरी भी सारे कपड़े ब्लैक रंग के थे| हम दोनों अंधेरी में आसानी से ओझल हो सकते थे| रेनू दीदी मेरे हाथों में रजाई और गद्दा देख कर चौक गई और तुरंत मुझसे बोली कि इनको क्यों लेकर आया है इनकी क्या जरूरत है| मैंने भी धीमे स्वर में कहा कि दीदी अब प्लीज मान भी जाओ ना आपको सब कुछ पता है आप दूसरे के साथ कर सकती हो मेरे साथ क्यों नहीं| बड़ी दीदी 2 मिनट के लिए लगभग शांत हो गई और कुछ सोच विचार करने के बाद मुझसे बोली, छोटे भाई तू मान ही नहीं रहा है यदि हम दोनों को किसी ने इस अवस्था में देख लिया तो अनर्थ हो जाएगा हम गांव में मुंह दिखाने के लिए नहीं रहेंगे हमारी बहुत बदनामी होगी| मैं इस तरह से खुले में करने के लिए कभी तैयार नहीं होंगे प्लीज तू मान जा| मैं पहले से ही डरी हुई हूं पता नहीं इस बार कौन आकर हम दोनों को पकड़ ले| इस पर मैंने दीदी को ट्यूबवेल की चाबी दिखाई और बोला कि हम खुले में नहीं करेंगे सब कुछ कमरे के अंदर होगा| मैंने आगे बोलते हुए बोला कि दीदी हमारे घर में इस तरफ रात को कोई नहीं आता जाता यह हमारी प्राइवेट प्रॉपर्टी है| मैंने तो आपको इस तरफ आते हुए देखा था जिससे मुझे पता लग गया था| और रही बात किसी को पता चल जाएगी, ना तो जीवन भर में इस बात को किसी से शेयर करूंगा और ना ही आप करना हम दोनों के अलावा यह बात किसी को पता नहीं चल पाएगी| आपकी इज्जत मेरी इज्जत है हमारे घर की इज्जत है मैं आपको धोखा नहीं दूंगा और ना ही आप मुझे धोखा दोगी| बड़ी दीदी कुछ समय के लिए चुपचाप रहीं, थोड़ा सोचने के बाद बोलेंगे ठीक है भाई लेकिन यह बात किसी को पता नहीं चलनी चाहिए जैसा तू चाहे वैसा कर ले| अब मैं बड़ी दीदी को गले लगाना चाहता था किंतु मैं ऐसा नहीं कर सका क्योंकि मेरे दोनों हाथों में रजाई और गद्दा था| मैंने तुरंत बड़ी दीदी को ट्यूबवेल की तरफ चलने का इशारा किया और दीदी भी चुपचाप धीरे-धीरे उसी दिशा में चलने लगी| अब मैं बहुत खुश था और मैंने छेड़ते हुए दीदी से कहा कि दीदी मेरे पास वियाग्रा की गोली नहीं है| मेरी यह बात सुनकर धीरे धीरे धीरे हंसने लगी और मुझसे धीमे स्वर में बोली कि तुझको उसकी कोई जरूरत नहीं है तुझको तो यह पैदाइश भगवान ने दिया है| कुछ ही समय में हम दोनों ट्यूबवेल पर पहुंच गए| तुरंत ही मैंने फोन की टॉर्च ऑन की और चाबी दीदी को दी, ताला खोलने के लिए| ट्यूबवेल के अंदर जाते ही हम दोनों ने गेट बंद कर दिया और अंदर की लाइट ऑन की| मैंने मोबाइल में देखा तो लगभग 12:00 का समय हो चुका था| हम दोनों ने तुरंत ट्यूबवेल के अंदर पड़े तखत पर रजाई और गधे को सेट किया| अब मैं और बड़ी दीदी बिल्कुल फ्री हो चुके थे प्यार करने के लिए| मैं तुरंत ही दीदी के सामने घुटनों के बल बैठ गया|
मैं – आई लव यू दीदी मुझे आपको बहुत प्यार करना है आप मुझे बहुत प्यारी हो प्लीज मुझे जी भर के प्यार करने दो|
बड़ी दीदी मुस्कुराते हुए – भाई अब तो मैं तेरी हो गई सिर्फ तेरी तुझे जो करना है कर जी भर के कर जितना प्यार करना है उतना कर|
मैं – बड़ी दीदी क्यों आप मेरी सुहागन बनोगी क्या मैं आपके साथ सुहागरात मना सकता हूं|
बड़ी दीदी – हां भाई अब तो मैं तेरी हो गई|
मैं – बड़ी दीदी क्या आपको पता है आपका छोटा भाई आपको आज बहुत बुरी तरह से चोदने वाला है|
बड़ी दीदी -अच्छी तरह से मालूम है|
इसके पश्चात में खड़ा हुआ और सीधे दीदी को अपनी बाहों में भर लिया उनकी होठों पर अपने होंठ रख दिए और उन्हें पूरी तरह से चूमने लगा| मैं उनके होठों को पीने के लिए बहुत दिनों से बेकरार था| थोड़ी देर के पश्चात दीदी भी मेरा साथ देने लगी| अब हम दोनों के बीच से शर्म गायब होती जा रही थी| और अब हम दोनों खुलकर एक दूसरे के होठों को पी रहे थे| दीदी के होठों का रसपान करने में एक अलग ही नशा था| एक तरफ मैं दीदी के होठों को पी रहा था तो दूसरी तरफ मेरा लिंग उफान पर था| मैंने अभी भी दीदी के होठों को नहीं छोड़ा मैं अभी भी उन्हें बुरी तरह से चूस रहा था| हम दोनों का चुंबन के लगभग 10 मिनट लंबा चला| जैसे ही हम दोनों एक दूसरे से अलग हुए दीदी ने तो मुझसे पूछ लिया कि
बड़ी दीदी – क्या यह तेरा पहला चुंबन है|
मैं – हां बड़ी दीदी आज से पहले किसी को नहीं किया|
बड़ी दीदी – मतलब मेरा छोटा भाई एक भूखा शेर है|
मैं – बिल्कुल सही कहा दीदी आपने|
मैंने अपनी जेब की तेल की शीशी और वैसलीन की डिब्बी निकालकर तख्त पर रख दी| यह सामान देखते ही बड़ी दीदी तपाक से बोल.
बड़ी दीदी – इसमें क्या है यह सब क्या लेकर आया है|
मैं – बड़ी दीदी यह सरसों का तेल और वैसलीन की डिब्बी है|
बड़ी दीदी – इसका क्या करेगा|
मैं – बड़ी दीदी मैं आपको तेल लगाकर बहुत बुरी तरह से चूत करूंगा|
बड़ी दीदी – भाई एक बात बोलूं बुरा तो नहीं मानेगा|
मैं – हां बोलो दीदी क्या बात है मैं आपकी बात का बिल्कुल भी बुरा नहीं मानूंगा|
बड़ी दीदी – भाई तू तो पूरी तैयारी के साथ है तू तो बहुत बड़ा हरामि है|
इसके बाद एक बार फिर से मैंने अपनी बड़ी-दीदी को अपनी बाहों में ले लिया और उनके होंठों पर अपने होंठ रख कर पीने लगा| बड़ी दीदी दी इस समय मेरा पूरा साथ देने लगी| मैंने महसूस किया कि दीदी की जैकेट और कपड़े हम दोनों के प्यार के बीच रहे थे|मैंने तुरंत बड़ी दीदी के होठों को छोड़ा और उनसे कहा कि आपके कपड़े मुझे आपको अच्छी तरह से प्यार नहीं करने दे रहे हैं मुझे आपको नंगा करना है| क्या मैं आपके सारे के सारे कपड़े उतार दो प्लीज| बड़ी दीदी जल्दी मुझे आज्ञा दो अब मुझसे नहीं रहा जाता|…….
दोस्तों यह कहानी का दूसरा भाग था कहानी तीसरे भाग में जारी रहेगी, जोकि इसका अंतिम भाग होगा……
कृपया कहानी पर कमेंट करके मुझे जरूर बताएं कि आपको कहानी कैसी लगी|
इसके अलावा जो भी हमारी प्यारी प्यारी भाभी, जिनकी प्यास उनका हमसफ़र नहीं बुझा सकता और हॉस्टलों इत्यादि में रहने वाली लड़कियां, जिनके पास बॉयफ्रेंड नहीं है और बहुत शर्मीली टाइप की है| मैं उनकी प्यास को बुझा सकता हूं| मैं सभी की प्राइवेसी का ख्याल रखूंगा|
मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मैं केवल आपके साथ कुछ हसीन पल बताऊंगा, मैं आपसे शादी इत्यादि का कोई वादा नहीं करूंगा| मैं आपकी प्राइवेसी, पहचान गुप्त रखूंगा और आप मेरी रखना|
जो भी लड़कियां और भाभियों इस में इंटरेस्टेड है, मेरी नीचे दी गई मेल आईडी पर संपर्क कर सकती हैं|
केवल लड़कियां और भाभियों ……..
में किसी आंटी के साथ सेक्स नहीं करूंगा|
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