बड़ा बढ़िया चोदते हो, बाबू जी

मेरा नाम है कम्मो , मैं इस समय 22 साल की हो गयी हूँ , जवानी छा गयी हैं मुझ पर खुदा कसम बड़ी खूबसूरत हो गयी हूँ मैं आगे से भी और पीछे से भी , मेरी माँ ने एक दिन कहा कम्मो अब तुम ताहिर साहेब का काम पकड़ लो , मुझे दो घर और मिल गए है . ताहिर साहेब अच्छा पैसा देते है और अकेले ही रहते है . इसलिए उनका काम नहीं छोड़ना है ? मैं जब पहली बार उनसे मिली तो उन्हें दिल दे बैठी ? मैंने मन में कहा वाह क्या मस्त नौजवान आदमी है हट्टा कट्टा गोरा चिट्टा ? इसका लौड़ा भी इसी तरह हट्टा कट्टा होगा ? मैंने पहले दिन ही ठान लिया की मैं एक न एक दिन इसको अपने बस में कर लूंगी .
एक दिन ताहिर साहेब बाथ रूम ने नहाने चले गए . मैं कमरे में झाडू लगा रही थी . मैंने देखा की बेड पर तौलिया पड़ा है . मैं समझ गयी की वह तौलिया बाहर ही भूल गया है और इसे उठाने जरुर बाहर आएगा . मैं छुप छुप कर झाडू लगाने लगी और उसके आने का इंतज़ार करने लगी . थोड़ी में वह बाहर तौलिया उठाने के लिए निकला . वह बिलकुल नंगा था . उसका नहाया हुआ लण्ड मैंने देख लिया . लम्बा लटकता हुआ लण्ड बड़ा खूबसूरत लग रहा था . लण्ड का सुपाडा एकदम खुला हुआ था . लण्ड से पानी टपक रहा था . उसे देखते ही मेरे तन बदन में आग लग गयी . मेरी जहाँ एक तरफ चूंचियाँ मचल उठी वही दूसरी तरफ मेरी चूत भी चुलबुलाने लगी . मेरा मन हुआ की मैं बाथ में घुस कर अभी उसका लण्ड पकड़ लूं पर मैं रुक गयी .
उसके बाद तो उसका लौड़ा मेरी आँखों में बस गया . मैं सोते जागते लेटे बैठते बस उसके लण्ड के बारे में ही सोचा करती थी .वास्तव में मैं जब आँख बंद करती तो मेरे सामने वही लटकता हुआ लण्ड दिखाई पड़ता . मैं सोचने लगी हाय अल्ला, वह कौन सा दिन होगा जब उसका लण्ड मेरे हाथ में आएगा ? मैं हर दिन दुआ करती की आज कुछ कर्शिमा हो जाये मुझे लण्ड पकड़ने को मिल जाये ? इधर मैं भी हर दिन बन ठन कर जाने लगी . गहरे गले का ब्लाउज पहनने लगी . अपनी चूंचियाँ खूब दिखा दिखा कर काम करने लगी . झुक कर साहेब को चाय नास्ता देती . तब मैंने देखा की साहेब की नज़र मेरी चूंचियों पर अन्दर तक पड़ जाती है . एक दिन उसने कहा कम्मो, तुम बहुत अछि लड़की हो . बड़ी खूबसूरत हो ? मैंने कहा आप भी तो बहुत अच्छे है बाबू जी ? मैं उस दिन से उसे तिरछी और सेक्सी नज़र से देखने लगी .
एक दिन मैंने एक चाल चली . मैं मोबाईल पर अपने सहेली से बात करने लगी . हां खुल कर और बिंदास बात करने लगी . मैं भूल गयी की मैं मालिक के घर पर हूँ मैं अपनी तरफ की बातें आपको सुना रही हूँ . मैंने कहा हां रूपा बोल …. क्या हुआ बहन चोद ? …… अच्छा वो था …….. तू चिंता न कर उसकी तो मैं माँ चोदूंगी एक दिन . …..? हां हां ठीक है …….? अगर न हो तो बताना मैं उसकी अच्छी तरह मारूंगी गांड ………? उसकी माँ का भोषडा ………. ? और सब ठीक है न ? …… हाय अल्ला, क्या कह रही हो उसका भोषडी वाले का इतना मोटा लण्ड . …….? अच्छा उसके देवर का भी लण्ड ……….? मैं ये बातें एक कोने में खड़े हो कर कर रही थी लेकिन मुझे अपने मुह की गालियाँ उसे सुनानी थी . मैं जानती हूँ की लडको को लड़कियों के मुह से गालियाँ सुन कर बड़ा मज़ा आता है हां गालियाँ उसके लिए न हो तो ? मेरी जब बात ख़तम हुई तो मैंने देखा की बाबू जी मेरे पास खड़े है ? मैंने कहा बाबू जी मुझे माफ़ करना आगे से ऐसी गलती नहीं होगी ? मैंने बड़ा गन्दा गन्दा बोला है ? क्या करती मेरी सहेली ने मुझे गुस्सा दिला दिया ? वह मुस्करा कर बोला कम्मो तुम गुस्से में बड़ी हसीं लगती हो ? मैंने थोडा शर्मा कर जबाब दिया हटो न बाबू जी ?
मैं सवेरे सवेरे उसके घर काम करने जाया करती थी . मैं घंटी बजाती तो वह दरवाजा खोलता तो.मैं अन्दर जाकर अपना काम करने लगती ? एक दिन ऐसा हुआ की मैं जब पहुंची तो देखा की दरवाजा अन्दर से खुला है हां उढ़का हुआ जरुर था . इतवार का दिन था . मैं दरवाजा अन्दर से बंद करके दबे पाँव भीतर चली गयी और अपना काम चुपचाप करने लगी . जब काम ख़तम हो गया तो मैं बाबू जी के कमरे में यह कहने गयी की दरवाजा बंद कर लो मैं जा रही हूँ लेकिन मैं तुरंत रुक गयी . मैंने देखा की वह बेड पर नहीं ज़मीन पर लेटा है बिलकुल नंगे बदन है लुंगी खुली हुई है और उसका लौड़ा तम्बू की तरह तना हुआ है . लण्ड टन्ना कर खड़ा हुआ है और उसके ऊपर लुंगी का कोना चदा हुआ है इसलिए लौड़ा दिख नहीं रहा है . मैं यह सीन देख कर सोचने लगी हाय दईया कितना लम्बा है इसका लण्ड ? ऐसा लौड़ा तो बड़े बड़े मर्दों का नहीं होगा ? अब मैं लण्ड देखने के लिए ललचा गयी मेरी चूत में पानी आ गया . मेरे बदन में सिरहन होने लगी . मैंने सोचा की मैं अगर लुंगी का कोना हटा दूं तो लौड़ा पूरा दिख जायेगा. मैंने हिम्मत की और धीरे से आहिस्ते आहिस्ते लुंगी हटा दी . वाओ, अब टन टनाता लौड़ा मेरे सामने खड़ा था .लण्ड की झांटें बिलकुल नहीं थी . चिकना लण्ड सुपाडा टना टन्न ? मैं बड़ी देर तक लण्ड देखती रही . . मैंने ब्लाउज की बटन खोल दी . दोनों चूंचियाँ बाहर निकाल लीं . फिर हिम्मत करके ; लौड़ा छू लिया . उसका सुपाडा फूला हुआ था उसे देख कर मेरी लार टपकने लगी . मन कर रहा था की लौड़ा पूरा मुह में लेकर चूसू . खैर मैंने धीरे से लण्ड को अपनी मुठ्ठी में ले लिया . साला बहन चोद इतना मोटा था की मेरी एक मुठ्ठी में आ भी नहीं रहा था . पर मैंने पोले पोले लण्ड सहलाना शुरू किया . जबान निकाल कर लण्ड का सुपाडा छुआ . जबान से लण्ड छूना मज़ा देने लगा . मैं बड़ी खुश थी की आज बहुत दिनों के बाद किसी मर्दाने लण्ड का दीदार हो रहा है . मैंने दूसरे हाथ से पेल्हड़ भी छुए . बड़ा मज़ा आया . मैं सोच ही रही थी की कहीं बाबू जी जग न जाये ? लेकिन मैं पीछे नहीं हटी और लण्ड थोडा जोर से पकड़ कर हिलाने लगी . तब मुझे अहसास हुआ की बाबू जी भी नीचे से उचक उचक कर जोर लगा रहे है . इसका मतलब बाबू जी जग गए है . मैंने लण्ड और जपोर से पकड़ा और कई बार उसकी चुम्मी ली . फिर दनादन्न ऊपर नीचे करने लगी . मुझे यकीं हो गया की बाबू जी जग गए है और वो भी मज़ा लेने लगे है .
मैंने कहा :- बड़ा मस्ताना लौड़ा है आपका बाबू जी ? मुझे बहुत पसंद आ गया है ?
बाबू जी ने बस मुझे अपनी तरफ खींच लिया और मेरी चूंचियाँ मसलने लगे
बाबू जी ने कहा :-मुझे भी तेरी चूंचियाँ बहुत पसंद है कम्मो ? जबसे मैंने तेरी बड़ी बड़ी चूंचियाँ देखि है तबसे मेरे मन में उथल पुथल हो रही है . मेरा लण्ड तेरे नाम से ही खड़ा होने लगा . इसलिए आज मैंने एक प्लान बनाया की आज मैं तुझे अपना लण्ड पकड़ा दूंगा ?
मैंने कहा :- हाय अल्ला, मैं तो जाने कबसे तेरा लण्ड पकड़ने के मूड में हूँ . आपने कहा होता तो मैं पहले ही पकड लेती ? उस दिन जन मैंने आपको नंगे बाथ रूम से आते हुए देखा तो मेरी नज़र आपके लण्ड पर टिक गयी थी . तबसे और आज तक मेरे आँखों के सामने बस आपका लण्ड ही घूमा करता है आज मेरे मन की तमन्ना पूरी हुई ?
बाबू जी बोला :- लेकिन मेरी तमन्ना नहीं पूरी हुई ?
मैंने कहा :- हाय दईया, अब बताओ न मैं क्या करू ? आपको तमन्ना कैसे पूरी होगी ?
बाबू जी बोला :- मेरा लण्ड जब तेरी बुर में जायेगा तब ?
मैंने कहा :- तो चोदो न मुझे बाबू जी ? मेरी चूत बड़ी देर से तड़प रही है . पर पहले मुझे लण्ड प्यार से चाट लेने दो चूस लेने दो इस भोषडी वाले मुस्टंडे लण्ड को ?
ऐसा कह कर मैं लण्ड चाटने लगी . मुझे बाबू ही के पेलहड़ भी बहुत अच्छे लग रहे थे . मैं अपनी जबान से पेल्हड़ से लेकर सुपाड़े तक बार बार ऊपर नीचे करके चाटने लगी . कभी लण्ड का सुपाडा पूरा मुह में लेती कभी लण्ड चूंची पर रगडती कभी लण्ड का चुम्मा लेती कभी सुपाडे पर चारों तरफ जबान घुमाती ? मैं लण्ड का भर पूर मज़ा लेने में जुटी थी . मैं अपनी चूत बाबू जी के मुह पे रख दिया था . बाबू जी भी मेरी चिकनी बुर का पूरा मज़ा ले रहे थे . मैं सवेरे सवेरे ही झांट बना कर आयी थी . पिछले कई दिनों से मैं हर रोज़ यह सोंच कर झांटें बना कर आती हूँ की पता नहीं कब बाबू जी मेरी बुर देख ले ? और आज वो दिन आ गया जब मेरी बुर बाबू जी के मुह में है और उसका लण्ड मेरे मुह में .
मैं दुबारा पेल्हड़ से चाटना शुरू करती और सुपाडा तक चली जाती और वापस सुपाडे से पेल्हड़ तक आ जाती . मैंने कई बार ऐसा किया . मुझे लण्ड का पूरा मज़ा मिल रहा था . अचानक मेरी बुर चुलबुला उठी . फिर मैं नहीं रुकी .फैला दी अपनी चूत और लण्ड पकड़ कर उसपर रगड़ने लगी . फिर बाबू जी से न रहा गया . उसने पेल दिया लण्ड मेरी चूत में पूरा का पूरा ? उसका लण्ड घुसते ही मैं चिल्ला पड़ी अरे भोषडी के क्या आज ही फाड़ डालोगे मेरी बुर ? साले धीरे धीरे पेलो न लौड़ा ? तेरा लण्ड बड़ा हरामी है बड़ा बेरहम है मादर चोद ? इसको बुर फट जाने की कोई परवाह नहीं है . मैं आज इसकी गांड मारूंगी .
ऐसा कह कर मैं भी जोश में आ गयी . मुझे भी मज़ा आने लगा . मैं अपनी गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी भकाभक ? मैंने मन में कहा हां आज मिला है मुझे कोई मर्द ? कोई चोदने वाला लण्ड ? थोड़ी देर में मैं उसके ऊपर चढ़ बैठी . उसके लण्ड पर चढ़ बैठी . मैं कूद कूद कर चुदाने लगी . मेरी चूंचियाँ उसके सामने उछल उछल रही थी . वह मेरी चूंचियाँ देख देख कर मेरी बुर चोदे चला जा रहा था . फिर मैंने कहा हाय बाबू जी अब पीछे से भी चोदो न मुझे . बस मैं बन गयी कुतिया और चुदाने लगी . मैंने कहा बाबू जी तुम बड़े चोदू हो . लगता है की तुम कई लड़कियां चोद चुके हो ? बाबू जी बोले हां मुझे चोदने का शौक है मैं जहाँ पाता हूँ बुर चोद लेता हूँ . पर तुम भी कम नहीं हो कम्मो ? तुम भी कई मर्दों से चुदवा चुकी हो ? मैंने कहा आपने सही कहा बाबू जी ? मैं लण्ड की दीवानी हूँ जहाँ मिल जाता है लण्ड वहां घुसेड लेती हूँ अपनी चूत में . अभी पिछले हफ्ते मैं लाल वाली कोठी के बाबू जी से चुदवा कर आयी हूँ . लेकिन उसका लौड़ा इतना बड़ा नहीं है जितना बड़ा आपका है ?
बाबू जी बोले :- उसकी तो बीवी है . वह भी साथ रहती है .
मैंने कहा :- हां है लेकिन उस दिन नहीं थी . पर एक बात है बाबू जी उसकी बीवी बड़ी मस्त औरत है . उसकी बुर लोगे बाबू जी ?
बाबू जी बोले :- हां कम्मो, मैं उसको जरुर चोदना चाहता हूँ . ससुरी बड़ी सेक्सी लगती है मुझे ? जब मैं उसे चलते हुए देखता हूँ तो मन करता ही की घुसेड दूं लण्ड इसकी चूत में ? पर क्या मुझे बुर दे देगी वो ?
मैंने कहा :- हां देगी क्यों नहीं बुर चोदी ? मैं दिलवाऊँगी तुम्हे उसकी बुर ? अगर नहीं देगी तो मैं उसका भंडा फोड़ कर दूँगी . मैं उसकी माँ चोद दूँगी . मैं जानती हूँ की वह भोषडी वाली किस किस से चुदवाती है ?
बाबू जी ने कहा :- तो उसको मेरा लौड़ा पसंद आएगा ?
मैंने कहा :- हां बाबू जी, बिलकुल पसंद आएगा . ऐसा लौड़ा तो बड़े मुश्किल से मिलता है . उसके मर्द का लौड़ा इतना मोटा कहाँ है ?
और एक बात बताऊँ ” तुम बड़ा बढ़िया चोदते हो बाबू जी”

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