बाप ने दिया बेटी को चुदाई का दर्द और मज़ा

पापा: लो बेटा, अब तुम्हारी छूट लूब्रिकॅंट हो गयी है, तो तुम्हे दर्द कूम होगा. अब बेटा मैं तुम्हारी छूट में अपना लंड डालने जेया रहा हू. इसके बाद हमारा रिश्ता पूरा चेंज हो जाएगा. क्या तुम रेडी हो?

मैं कुछ आन्सर देती उससे पहले ही गाते पे नॉकिंग हुई. मैं और पापा एक-दूसरे को देखने लगे. हम दोनो की आँखों में जो चुदाई की हवस छाई हुई थी, वो जैसे गायब हो गयी.

पापा अपना खड़ा लंड हाथ में पकड़े हुए मेरे अंदर डालने को रेडी थे. और नीचे लेती हुई मैं अपनी टांगे फैला कर अपनी छूट में पापा का लंड सामने के लिए रेडी थी. उधर गाते पे नॉकिंग हो रही थी, और हम दोनो की तो जैसी फॅट गयी थी.

हमने कुछ देर तक आवाज़ नही की. फिर बाहर से ही आवाज़ आई, “मेडम, आपका खाने का पार्सल.” उतने में से बाजू के रूम का गाते खुलने की आवाज़ आई, और उसमे से एक लेडी की आवाज़ आई, “अर्रे भैया इस रूम का पार्सल है. ज़रा रूम नंबर तो देख लिया करो.”

पार्सल वाला: सॉरी माँ, वो ध्यान नही रहा. (और उसके कदमो की आवाज़ डोर होती सुनाई दी)

ये सुन कर मेरी और दादी की नज़र एक-दूसरे से मिली, और हम हासणे लगे. तभी हेस्ट हुए दादी ने मेरे होंठो को अपने होंठो में भर लिया, और मुझे किस करने लगे, और अपना लंड मेरी छूट के उपर रगड़ने लगे. मैने भी एक हाथ से उनका लंड पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी.

मे: डॅडी, अब वेट नही होता. जल्दी से मेरी छूट का उद्घाटन कर दो. जल्दी से अंदर डालो (और वापस उन्हे किस करने लगी).

पापा (मेरी किस को तोड़ते हुए): हा बेटी, उस दिन तेरी मों, और आज ये पार्सल वाला, लगता है की पूरी काएनत तुम्हे मुझसे चूड़ने से बचाने को पीछे पड़ी है.

मे: ह्म, पर मुझे तो आज चुड कर ही रहना है. तो डाइलॉग-बाज़ी छ्चोढो, और अपनी वर्जिन बेटी को छोड़ने पे कॉन्सेंट्रेट करो.

ये सुन कर पापा ने साइड के ड्रॉयर में से एक पॅकेट निकाला, और उसमे से कॉंडम बाहर निकाल के अपने लंड पे चढ़ने लगा. तो मैने उन्हे रोक लिया.

मे: दाद, ये क्या कर रहे हो? मैं कोई पराई थोड़ी ना हू.

पापा: ऐसी बात नही है बेटा, वो तो बस आदत से मजबूर हू.

मे: क्या मतलब?

पापा: कुछ नही, छ्चोढो उसे. क्या तुम रेडी हो अपने पापा का लंड लेने के लिए? इस घड़ी के बाद हमारा रिश्ता पूरा चेंज हो जाएगा. क्या तुम रेडी हो?

मे: एस दाद, प्लीज़ फक मे.

ये सुनते ही पापा ने अपने लंड का टोपा मेरी छूट के उपर रखा, और उसे दबाया. लंड तोड़ा फिसल गया, और मैं तोड़ा झटपताई. मैने अपनी आँखें बंद कर ली थी, और मैने जैसे अपने आप को पापा के हवाले कर दिया था.

पापा ने फिर तोड़ा कुछ गेल्ली टाइप सा मेरी छूट के उपर और अंदर लगाया, और फिरसे अपने लंड को मेरी छूट के उपर सेट किया. जब थोड़ी देर हुई तो मैने अपनी आँखें खोली और देखा तो पापा ने मेरी जांघों को अपने पैरों से जाकड़ लिया, और एक टाँग को अपने हाथ से पकड़ लिया.

फिर लेफ्ट हॅंड से अपने लंड को मेरी छूट के उपर उस तरह से सेट किया जैसे कोई मिज़ाइल को लॉंच करना हो. और वो नीचे झुकने लगे, और मेरी छूट पे उनके लंड का टिप का टच महसूस होने लगा. मैं अपनी आँखें वापस बंद करके उस मोमेंट को फील करने लगी.

मुझे पहले लंड का सॉफ्ट टच महसूस हुआ, जिसे दाद मेरी छूट के उपर गोल-गोल घुमा रहे थे. फिर अचानक से मुझे सॉफ्टनेस की जगह पे हार्डनेस फील होने लगा. पापा ने शायद अपने लंड को घूमना बंद करके मेरी छूट में डालना शुरू किया था.

मेरी छूट की दीवारो को चीरते हुए जैसे कोई गरम लोहे का सालिया किसी ने मेरी छूट के अंदर उतार दिया हो, ऐसा फील हो रहा था. मैं झटपटाने लगी. मेरी चीख निकले उससे पहले दाद ने मेरे होंठो को वापस अपने होंठो में भर लिया. मेरी छूट में से कुछ बाहर निकलता हुआ महसूस हुआ, पर मेरी आँखें बंद थी.

मेरे साथ पापा भी हाँफ रहे थे. वो भी ज़ोर लगा कर मेरी छूट में अपना लंड घुसा रहे थे. वो जितना प्रेशर मेरे में डालते, उतना मुझे पाईं हो रहा था. मैं अब करहने लगी. मैने पापा को निकालने को बोला.

पापा: तुझे क्या लगा, पहली चुदाई इतनी आसान होगी क्या? तेरे को शौंक था चूड़ने का, तो मैं तेरे सिर से आज चुदाई का भूत उतारता हू.

फिर पापा ने अपना लंड और मेरी छूट में डाल दिया. उनका हाथ मेरे मूह पे था, इसलिए मैं सिर्फ़ कराह सकती थी. फिर पापा के दिमाग़ में क्या आया की उन्होने अचानक अपना लंड मेरी छूट में से जैसे निकाल दिया. मेरी छूट तो जैसे रिलॅक्स हो गयी, पर उसे थोड़ी ना पता था की ये तूफान के पहले की शांति थी.

मैं तोड़ा कुछ रिलॅक्स कर पाती इससे पहले पापा ने फिरसे एक ही झटके में अपना पूरा लंड मेरी छूट में उतार दिया. मेरी छूट की दीवारो से सताता हुआ लंड मेरी छूट में पूरा समा गया. मेरे मूह से चीख सी निकल गयी.

मे: क्या कर रहे हो बेटीचोड़ (मेरे मूह से गाली सुन कर पापा भी जोश में आ गये)?

पापा: बेहन की लोदी, तुझे ही बहुत खुजली थी लंड लेने की. तो आज तेरी खुजली मिटाता हू.

और वो अपने लंड को अंदर बाहर करने लगे. अब मुझे भी दर्द कूम महसूस हो रहा था, और एंजाय ज़्यादा हो रहा था. अब मुझे मज़ा आने लगा था. छूट में लंड की रगदाई, वो लॉड की छूट में गर्माहट, वो लंड का छूट में अंदर धक्के मारना ये सब मुझे अब मज़ा देने लगा.

अब मैं ने भी पापा की कमर को पकड़ कर उनके धक्को को पुश देने लगी, और अपनी गांद उठा कर उनके धक्को से ताल मिलने लगी.

पापा: अब आई ना कुटिया लंड के नीचे. अब मज़े से चुड रही है ना. उस दिन जब तू फोन पे तेरी मों और मेरी चुदाई को सुन रही थी ना, मैं तभी समझ गया की तेरी छूट में बहुत आग लगी हुई है. और तू ज़्यादा दिन तक बिना चुड़े नही रहती. इसलिए मैने सोचा की क्यूँ ना मैं ही तुझे छोड़ डालु. आख़िर घर का माल घर में ही खर्च होगा. और आज तू मुझसे चुड रही है.

मे (पापा की बात सुन कर मुझे तोड़ा गुस्सा आया): तो आपको क्या लगता है, की अगर आप मुझे आज नही छोड़ते तो क्या मैं यहा-वाहा किसी से भी चुड्ती फिरती? आ… (पापा ने ज़ोर से अंदर पुश किया). क्या मैं कोई बेज़ार की रंडी हू बहनचोड़? ये तो मुझे तुम पर तरस आया की बेचारे मर्द को बीवी से प्यार नही मिलता, तो थोड़ी हेल्प कर डू. और यहा पे तुम मुझे रंडी समझ रहे हो बेटीचोड़. आ… आ… आराम से कर ना. दिमाग़ लंड में चला गया है क्या?

ये सुन कर पापा हासणे लगे. जिसे देख कर मैं हैरान हो गयी.

मे: क्यूँ हस्स रहे हो?

पापा: उपर आ जाओ, फिर बताता हू.

और पापा मेरे उपर से खड़े हो गये. छूट में से लंड बाहर निकालने से तोड़ा आराम सा लगा. मैने भी खड़े हो कर देखा तो जो एक्सट्रा कपड़ा नीचे डाला था, वो रेड हो गया था, और मेरी छूट के साइड में भी खून लगा था. ये शायद मेरी सील टूटने की वजह से था.

मैने खड़े हो कर अपने नीचे सॉफ किया, और देखा तो पापा वाहा बेड की दूसरी साइड अपनी टांगे फैला कर लेट चुके थे. उन्होने भी अपने लंड पर लगा खून सॉफ कर लिया था. मैं खड़ी हो कर जैसे गिरने सी लगी, तो पापा ने साइड के टेबल पे पड़ी जूस की बॉटल मुझे दी, और मैने उसमे से तोड़ा जूस पिया. इससे मुझे अछा फील होने लगा.

पापा का लंड अभी भी मेरी छूट की गहराई नापने को वैसे ही खड़ा था, जैसे मेरी सील तोड़ते वक़्त खड़ा था. उन्होने मुझे अपनी और आ कर अपने खड़े लंड पे बैठने का इशारा किया.

पापा: आओ बेटा, और बैठ जाओ अपने पापा के लंड पे अपनी छूट रख कर. ये तुम्हारी मों की फेवोवरिट पोज़िशन है चुदाई के लिए. ई होप तुम्हे भी ये पसंद आएगी.

और पापा ने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी और खींचा. फिर मुझे अपने उपर बिता कर मुझे अपनी और झुकाया और मुझे किस करने लगे. फिर अपने लेफ्ट हॅंड से लंड को पकड़ कर अपने लंड को उसकी मंज़िल में डाल दिया. मेरे मूह से आ निकल गयी.

थोड़ी देर पैरों में अकड़न महसूस हुई, पर जब इस पोज़िशन में चूड़ना ही था, तो मैने अपनी बॉडी को अड्जस्ट किया, और पापा की इस नयी पोज़िशन को फील करने लगी, एंजाय करने लगी. हर स्ट्रोक के साथ मेरे छ्होटे से बूब्स उछाल रहे थे. पहली बार मैने महसूस किया अपने बूब्स को. पापा इन्हे अपने हाथो से दबाते, और अपने मूह में भर कर इन्हे चूस्टे भी.

पापा बहुत ही हॅपी थे मुझे छोड़ते हुए. ये खुशी उनके चेहरे पे सॉफ दिखाई दे रही थी. वो मुझे अपने लंड के उपर बिता कर लंड के झटको से उछाल रहे थे, और मैं भी जैसे सातवे आसमान में उडद रही थी. छूट में लंड की रग़ाद और बूब्स को हाथो से मसला जाना, और क्या चाहिए एक लड़की को? पापा बार-बार मुझे किस किए जेया रहे थे. वो बहुत ही एग्ज़ाइटेड थे.

पापा: आ बेटी, आज तो मज़ा आ गया तुम्हे छोड़ते हुए. जब लास्ट टाइम मैं तुम्हारी मों को छोड़ रहा था, और तुम फोन पे ऑनलाइन थी. ये देख कर उस टाइम मैं तुम्हारी मों को छोड़ते हुए इमॅजिन कर रहा था की मैं तुम्हे छोड़ रहा हू. और आज कुद्रट का करिश्मा देखो की तुमने सच मैं अपनी मों की जगह ले ली है, आ.

मे: एस डॅडी. मैने भी नही सोचा था उस टाइम. पर मेरे नसीब में शायद लिखा ही था आप से चूड़ना, और आप से अपनी सील तुड़वाना.

पापा: एस बेटी, वो तो है. आ… फक योउ डार्लिंग. चूड़ो मेरे लंड से.

मे: एस, फक में दादी. फक युवर डॉटर. फक मे हार्डर.

और पापा भी मुझे ज़ोर-ज़ोर से छोड़ रहे थे. कुछ देर और चुदाई के बाद पापा क्लाइमॅक्स तक पहुँच गये.

पापा: मेरा अब होने वाला है बेटी. तुम लेट जाओ, मैं तुम्हारे बूब्स पे पानी निकालता हू.

ये बोल कर वो खड़े हो गये, और मुझे वापस बेड पे लिटा दिया. बेड पे लेट-ते ही मैने उनका लंड पकड़ कर अपनी छूट पे वापस सेट किया.

पापा: बेटी, पर ये रिस्की है.

मे: पापा, ये रिस्क तो तब से चालू हो गया था, जब मैने बिना कॉंडम के अंदर डलवाया था. और मैं चाहती हू की आप मेरे अंदर तक लंड डाल कर मेरी छूट को अपने पानी से भरे. मैं इस मोमेंट को फील करना चाहती हू. और रही बात रिस्क की, तो आप मुझे वो मेडिकल से 72 अवर्स वाली टॅबलेट ला देना. मैने देखा था नेट पे.

पापा: अर्रे वाह बेटी. तेरी तो बड़ी अची ख्वाहिशे है. और मेरी भी कुछ ख्वाहिश है (मेरी कमर की और देखते हुए).

मे: वो क्या पापा?

पापा: पहले तू अपनी पूरी कर. मेरी तुझे बाद में बतौँगा.

मे: ओक डॅडी.

और फिर पापा ने मुझे वापस छोड़ना शुरू किया. फिर धीरे-धीरे से उन्होने मेरी दोनो टाँगो को अपने कंधे पे लिया, जिससे मेरी छूट और टाइट हो गयी, और पापा ने अब अंदर तक स्ट्रोक लगाना शुरू किया. मैं अपनी छूट में लंड की पूरी चहल-पहल महसूस कर रही थी.

फिर कुछ ही देर में मुझे अपनी छूट में सैलाब जैसा महसूस हुआ. जैसे किसी ने हल्के गरम पानी से छूट को तार-बतर कर दिया हो. पापा ने जहा तक हो सका, रिस्ते हुए पानी के साथ स्ट्रोक मारने चालू रखे. फिर कुछ देर बाद वो भी साइड में बेड पे गिर पड़े.

आज सच में मैने बड़े आचे से चुदाई को एंजाय किया. वो लंड का छूट के सील को तोड़ते हुए छूट की दीवारो को घिसते हुए छूट में समा जाना. वो लंड का छूट के अंदर-बाहर होते हुए स्ट्रोक लगाना. बूब्स को एक आदमी के हाथो से मसलवाना. अपनी निपल्स को मूह में भरवा कर चुसवाना. और लास्ट में गरम लावे जैसे पानी से अपनी छूट को तार-बतर करना.

इन सब फीलिंग्स को मैं वापस फील करने लगी और उन्हे अपनी मेमोरी में फिट करने लगी. लोग कहते है ना की फर्स्ट चुदाई स्पेशल होनी चाहिए. पर मेरी तो सूपर स्पेशल रही. क्यूंकी मुझे जिस आदमी के साथ सेक्स करना था, जिससे अपनी सील तुड़वणी थी (पापा से), जिस प्लेस पे करना था (रोड पे बिके से लोंग ड्राइव करके एक डोर जगह पे, जहा कोई रिस्ट्रिक्षन ना हो), और जिस कंडीशन (बिना कॉंडम के अपनी छूट में पानी डलवा के) में करना था, वो मैने किया था. अपनी मर्ज़ी से, और अपनी टर्म्ज़ पे.

मैं और भी एग्ज़ाइटेड थी, क्यूंकी पापा मुझे न्यू स्मार्ट फोन दिलाने वाले थे. पर मेरी ये एग्ज़ाइट्मेंट के गुब्बारे में पापा ने पिन मार दी. मैं ये सब सोच रही थी. तब पापा ने मेरी कमर और गांद पे हाथ फेरते हुए मुझसे कहा-

पापा: बेटा, तूने पूछा था की मेरी ख्वाहिश क्या है?

मे: एस पापा.

पापा: बेटा, मैं अगर तुम्हे बता डू, तो क्या तुम वो पूरी करने में हेल्प करोगी?

मे: एस पापा, अगर मेरे बस में होगी तो ज़रूर हेल्प करूँगी.

पापा: बेटा, सच काहु तो वो सिर्फ़ तुम्हारे बस में ही है?

मे: पापा, घुमा फिरा के मत बताइए. डाइरेक्ट कहिए ना.

पापा: बेटा मेरी ख्वाहिश है की (मेरी गांद को फिरसे सहलाते हुए, और इस बार तोड़ा मसालते हुए) तेरी छूट की तरह तेरी गांद का उद्घाटन मैं ही करू. बेटा जी, मैं तुम्हारी गांद मारना चाहता हू.

मे: क्या? (ये सुन कर मेरा सेक्स का सारा नशा उतार गया)

सो गाइस, ये स्टोरी आपको कैसी लगी आप कॉमेंट्स कर सकते है. आप लोग स्टोरी रेड तो करते है, पर कॉमेंट्स में कंजूसी करते है. तो इस बार अगर ज़्यादा कॉमेंट्स आएँगे, तभी मैं अगला पार्ट जल्दी पोस्ट करूँगी. मीनवाइल आप हमसे गमाल/ग-छत (लज़्यलीहास@गमाल.कॉम) पे कनेक्ट कर सकते है. इस बार ज़्यादा कॉमेंट्स की उमीद है. ई होप की आप मुझे निराश नही करोगे.

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