बाप बेटी का अनोखा प्यार

हेलो दोस्तो मैं पुजारा आपके लिए ले कर आया हूँ एक नयी सीरीस जिसका टाइटल आप लोग पढ़ ही चुके है लेकिन. यह कहानी मेरी दोस्त पूजा की है जो पहले एक लड़का हुआ करता था. लेकिन बाप के हवस के करब उसको लड़की बनना पड़ा. और वो चाहती थी की मैं यह कहानी आप सभी लोगो तक पोचौ.

पहले वो बहुत घबराई हुई थी पर मेरे बरोसे के वजह से उसने मुझे यह कहानी पब्लिश करने की इज़ाज़त दी. तो कृपया इसको पढ़ कर आप लोग एंजाय करे ना की जड्ज करे शुखरिया.

तो चलो अब कहानी की शुरुवत करता हूँ:

इश्स कहानी में टीन लोग है:

मेरी दोस्त पूजा (पुराना नाम शाश्वत है): 28 साल (करेंट आगे) फिगर. 34द-30-32 फेर कलर और बाल कमर तक.

बाप: हरी 52 साल और बॉल्ड बाल काले से और लंड का साइज़ 8इंच लंबा और 3.5 इंच मोटा बिज़्नेसमॅन इंसान है.

मा: कमला 42 साल गोरा बदन चुचियो तक बाल और बदन का साइज़ 36द-32-34 और चुड़क औरत रंडी सोसाइटी की.

जिसका अंदाज़ा आपको आयेज मालूम पढ़ ही जाएगा.

तो अब शुरू करता हूँ कहानी.

यह यूयेसेस वक़्त की कहानी है जब मेरी दोस्त पूजा 18 साल की हुई थी. और कैसे वो अब 10 साल के सफ़र मेी अपने आप को एक लड़की के रूप में देख कर खुश है. 2 बचे की मा बनने के बाद साउत आफ्रिका में अपने नये हज़्बेंड के साथ जिसका राज़ आयेज बतौँगा. तो अब यह कहानी अब आप उसके ज़ुबानी ही सुनिए.

हेलो दोस्तो मेरा नाम पूजा उर्फ्फ़ शाश्वत. यह कहानी मेरी है और अब आपको बोर नही करती और बताती हूँ.

तो बात यूयेसेस वक़्त की है जब मैं 18 साल का हुआ था. और घर पर मेरे पापा और मा के बीच काफ़ी झगड़ा होने लगा था किसी वजह से. जिसका मुझे कारण कुछ दिन बाद पता चला. मैने जस्ट अपनी स्कूल की एग्ज़ॅम कठाम ही की थी. तब अचानक पापा ने मुझे पढ़ने से माना कर दिया आयेज तो मैं रोने लगा.

मैं: पापा क्यूँ मैने ऐसा क्या किया है जो आप मुझे पढ़ने से रोख रहे हो. मेरे तो एग्ज़ॅम भी आचे गये है और आयेज मुझे आचे से पढ़ कर ज़िंदगी बनानी है.

पापा: मूह मत चला बोला ना तुझे की अब तू पढ़ाई नही करेगा और क्या करेगा कमा कर. चुप छाप घर पर रह और घर संभाल समझा ना! बहेस करने की ज़रूरत नही है तुझे मुझसे, कल से पढ़ाई भांड तेरी!

मैं: पर पापा..?

पापा: बोला ना तुझे मैने बस अब और बहेस नही. मैं नही चाहता की तू भी बाहर रहे तेरी मा तो रंडी निकली जब देखो तब सोसाइटी के घेर मर्दो से चुड्ती रहती है!

यह सुनते ही मेरे पैरो तले ज़मीन किसाक गयी और शॉक्ड हो गया सुन्न के.

मैं: क्या? मा ऐसा करती है मैं नही मानता!

पापा: (गुस्से में) अगर तुझे यकीन नही होता तो जेया और किचन की खिड़की से देख!

यह सुनते ही मैं गया और देखा तो मैं रोने जैसे हो गया. क्यूंकी मेरी मा हुमारे पड़ोसी जो सोसाइटी के सेक्रेटरी भी है वो उनका बिस्तेर गरम कर रही थी पूरी नंगी हुए. उनका लंड भी चूस रही थी आचे से.

और कह रही थी की श मेरे राजा छोड़ो मुझे आचे से आहह ह.. आहह छोड़ो छोड़ो उहह.. शाश्वत के पापा से कुछ होता नही है आपका 11 इंच का लंड लेने का अलग ही मज़ा है.. उफ़फ्फ़ आज आह आह उहह अहह यअहह एसस्स आह उहह उहह..

यह चुदाई का खेल चलता रहा पर मुझसे देखा नही गया. तो मैं वाहा से वापिस पापा के पास आया और उनको हग कर के रोने लगा.

पापा: गुस्से को तोड़ा शांत करते हुए अरे बस बस तू क्यूँ रो रहा है.

मैं: वो मुझे बुरा लगा की मा सोसाइटी में ऐसा करती है पापा च्ीी! में नही रह पौँगा उनके साथ. अब मेरी नज़र में वो पूरी तरह से बदल गयी है और रोने लगा ज़ोर ज़ोर से.

पापा: मेरे आँखों से आँसू पोछते हुए: बस बस तुझे इसलिए कहा मैने की पढ़ाई छ्चोड़ दे क्यूंकी अपने पास पैसो की कमी नही है. पर घर संभालना एक बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है और तू जानता है ना बेटा मुझे बाहर का खाना झांता नही.

मैं: हन जानता हूँ पापा.

पापा: तो इसलिए तुझे कहा मैने की पढ़ाई छ्चोड़ और अब घर संभाल ले. वैसे भी तुझे घर के सारे काम तो पता हैं सीखना कुछ पड़ेगा नही.

मैं: तो मा क्या ऐसे ही बाहर मूह मारेगी?

पापा: मारने दे बेटा मुझे फराक नही पड़ता. वैसे भी सोच रहा हूँ की उसको तलाक़ डेडू और हम दूसरे देश जाके सेट्ल हो जाए.

मैं: दूसरे देश क्यूँ?

पापा: क्यूंकी इधर अब मेरा मॅन नही लगेगा इसलिए बेटा. वैसे भी हुमारा जो काम है वो हम आफ्रिका में जाके भी संभाल सकते है, वाहा इश्स बिज़्नेस का बहुत स्कोप है.

मैं: हा सही है पापा चलेगा मुझे पर मैं मा के साथ नही रहूँगा बिल्कुल भी.

पापा: लेकिन बेटा तलाक़ होने तक ह्यूम एक घर में रहेना पड़ेगा, तुझे चलेगा ना?

मैं: तोड़ा सोच के मैने हा कर दी और पापा खुश हो गये और मुझे हग कर लिया प्यार से खुशी से.

उनकी खुशी में एक अलग अंदाज़ था जो मुझे पहले कभी नही हुआ. फिर हम दोनो अलग हुए और पापा ने वकील को कॉल लगाया और सब बता के डाइवोर्स के पेपर रेडी कर दिया.

जब मा घर आई शाम को तो पापा ने फिर उनसे झगड़ा किया और घंटो की बहेस के बाद मा ने कहा ठीक है डेडॉ तलाक़. पर मेरा लंड लेना रूखेगा नही क्यूंकी यह हरकत मैं आपके वजह से कर रही हूँ. अगर आप वो नही होते तो मैं ऐसा नही करती समझे ना आप!

मैं: बीच में आते हुए पापा वो है मतलब?

मा: हा पूछ इन से यह क्यूँ मुझसे तलाक़ ले कर अलग दुनिया क्यूँ बसाना चाहते है, पूछ इनसे पूछ शाश्वत!

मैं: यह क्या कह रही है पापा मा मुझसे क्या छुपाया है आपने मुझसे?

पापा: आहं कुछ नही तू जेया अंदर और तुम यह लो तलाक़ के पेपर्स और साइन करो और मुझे और बेटे को आज़ाद करो. हम दोनो नही रहना चाहते टुमरे साथ.

मा: हा हा मुझे कौनसा टुमरे साथ रहना है. अब इधर सोसाइटी में खुश हूँ मैं बहुत. कही लोग है जो मुझे खुश रखते है जब चाहू तब अजाएँगे मेरे लिए.

पापा: ची ची च्ीी बेटे के सब सुन्न रहा है लेकिन तुम्हे कोई फराक नही शीत!

करीब ऐसे ही 1-2 घंटे बहेस के बाद मम्मी घर छ्चोड़ के चले गयी सेक्रेटरी के घर पर. क्यूंकी उनकी बीवी को मारे काफ़ी साल हो गये और वो मेरी मा के साथ रहना चाहते है अपनी बची हुई ज़िंदगी के लिए.

इधर पापा साधमे में रहे और मैने एक उनका लाड़ला बेटा होने के करब उनका ख़याल रखने लगा. उनका खाना पीना कपड़े धोना सॉफ सफाई वगेरा वगेरा सब कुछ.

देखते ही देखते करीब 6 मंत्स निकल गये और पापा कोर्ट में तलाक़ का केस जीत गये और मेरी कस्टडी उनके पास आ गयी. पापा बहुत खुश हुए क्यूंकी मैं उनके साथ रहूँगा अब हमेशा और मा को जो करना है करे.

हम लोग कोर्ट से बाहर आ रहे ते तो पापा वकील के पास गये. और मैं साइड में उनका आने का इंतज़ार कर रहा था. तभी मा मेरे पास आई-

मा: सुन्न बेटा.

मैं: हा बोलो?

मा: देख तेरे पापा और हुमारे बीच इन्न दीनो जो हुआ वो अलग कहानी है. लेकिन मेरे पास सबूत नही था बुत शायद भगवान की इचा यही थी. बुत तू इतने दीनो से जो देख रहा है वो पूरा सच नही है बेटा.

मैं: मतलब?

मा: देख तेरे पापा आ रहे है तू यह लेटर पकड़ और इसको तू अकेले में पढ़ना इसमे सब लिखा है. शायद इसको पढ़ कर तुझे यकीन होगा मुझ पर ई आम सॉरी बेटा अपना द्‍यान रखना बाइ.

जैसे ही पापा पास आए मा वाहा से चले गयी और मैं उनके साथ कार में घर आ गया और घर के खाने के लिए त्यारी करने लगा. तभी पापा नहा कर टवल में लपते हुए अचानक किचन में आए और मुझे पीछे से चिपक के कहने लगे-

पापा: क्या बना रहा है बेटा?

मैं: (टवल में कुछ उभर का एहसास होते हुए जिस पर मैने रिक्ट नही किया): कुछ ख़ास नही पापा बस वो रोटी सब्ज़ी बना रहा हूँ.

पापा: अछा ठीक है जल्दी बना मुझे भूक लगी है बहुत.

मैं: ठीक है पापा.

मैने फिर फटाफट खाना बनाया और डिन्निंग टेबल पर सर्व किया. तब पापा शॉर्ट्स और टशहिर्त में आए और बेते और हम दोनो खाना खाने लगे. तभी पापा ने फिर मुझसे कहा-

पापा: बेटा तू खुश तो है ना इस फ़ैसले से?

मैं: (तोड़ा डाउट में) हा खुश हूँ पापा पर हम यह घर छ्चोड़ के घर कब जेया रहे है?

पापा खाना खाते हुए: बस 1 मंत में शिफ्ट हो जाएँगे ,मैने वाहा घर में आउटर एरिया में घर देख लिया है जो काफ़ी है हम दोनो के लिए .और तब तक इश्स फ्लॅट को साले करके पैसे भी मिल जाएगा.

मैं थोड़े खुशी मेी: यह वाउ, वैसे में घर में पूरा दिन करूँगा क्या बोर हो जौंगा क्यूंकी आप तो काम करोगे ना?

पापा: एक बार वाहा चल तो धीरे धीरे आदत पढ़ जाएगी तुझे और घर संभालने बेथेगा तो फिर तुझे पता ही नही चलेगा की टाइम कब निकल गया.

ऐसे ही बाते चलती रही और हम दोनो का खाना हुआ तब में प्लेट्स उठा के किचन की तरफ झा रहा था तब पापा ने कहा-

पापा: अछा सुन अब तुझे तेरे कमरे मेी सोने की ज़रूरत नही है तुम अब मेरे साथ सोएगा ठीक है ना? (और यह कहते हुए उनके चेहरे पर एक शैतानी वाली हसी थी).

मैं: ठीक है पापा.

और अंदर आते ही मुझे याद आया की मा ने एक लेटर दिया था वो अकेले में पढ़ना है. तभी झक कर देखा पापा कमरे में जेया चुके थे. क्यूंकी रात के 12 बाज गयी थी कोर्ट के चक्कर में. तभी बर्तन ढोने के बाद मैने लेटर पढ़ा जिस में लिखा था-

(बेटा यह सच है की मैं सोसाइटी में दूसरो के साथ बिस्तर गरम करती हूँ. लेकिन उसका कारण तेरे पापा है उनको शुरू से अपने से कूम उमर की औरत के साथ बिस्तर गरम करना पसंद है और यह कही सालो तक चला. उन्होने मेरे पीठ पीछे या सामने काई बार काई लड़कियो का बिस्तर गरम किया और चुदाई की जिसको मैं अब सहें नही कर पा रही थी. मेरी भी कुछ ज़रूरते थी जो तेरे पापा करना नही चाहते थे. इसलिए मेने दूसरो के साथ चुदाई करना चालू कर दिया और तुझसे छुपाया, उसके लिए सॉरी बेटा मुझे माफ़ कर देना.

पर तेरा यह सच जान ना ज़रूरी है क्यूंकी तेरे पापा चाहते है की वो मुझसे अलग हो कर एक तेरे उमर की लड़की को घर लाए शादी करके और बचे पैदा करे. जब मुझे इसका मालूम चला तो हुमारे बीच लधाई होने लगी और अब रिज़ल्ट टुमरे सामने है. पर वो जवान लड़कियो के इतने शौकीन है की उन्होने ज़रा भी नही सोचा समझ में क्या असर होगा हम लोगो का.

तो उन्होने फ़ैसला लिया की वो तेरी पढ़ाई बाँध करवा के तुझे एक प्रॉपर लड़की बना के रखेंगे और तेरा ऑपरेशन करवा कर तुझे लड़की बना कर तुझसे शादी करेंगे. इसलिए मैं तुझे अपने साथ रखना चाहती थी पर तू ज़िद्द में मेरी एक नही सुनी. अब सब कुछ तेरे हाथ में है तुझे जो ठीक लगे वो ही करना बेटा टके केर बाइ.)

जैसे ही मैने यह लेटर पूरा पढ़ा मेरी हालत ही करब हो गयी. मैने जब नीचे देखा तो महसूस हुआ की मेरा अभी जवान हुआ लंड खड़ा हो गया पापा के बारे में सोच कर. उफ़फ्फ़ तभी अचानक कमरे से आवाज़ आई-

पापा: शाश्वत कितनी देर सोना नही है क्या चल आजा तेरा इंतज़ार कर रहा हूँ मैं.

मैं: आया पापा 2मिनिट बस.

ठीक 2 मिनिट बाद मैं कमरे में गया तो कमरा एकद्ूम नॉर्मल था. लेकिन लाइट की जगह कॅंडल्स झल रहे ते और एसी चालू था ताकि गर्मी ना लगे और पापा कामभाल के अंदर थे. मैं समझ गया था पापा नंगे थे अंदर से बिल्कुल पर कुछ बोला नही.

पापा: ऐसे खड़ा क्यूँ है आजा मेरे पास सोने.

मैं: उम्म आया पापा.

और आ कर कामभाल अपनी बदन पर औड लिया और लेट गया तभी-

पापा: मेरा राजा बेटा कितना ख़याल रखता है तू इतना तो तेरी मा भी नही रखती थी मेरा (मुझसे चिपकते हुए).

मैं तोड़ा अनकंफर्टबल होते हुए पापा यह क्या कर रहे हो आप प्लीज़!

पापा: क्या हुआ?

मुझसे कंट्रोल नही हुआ तो मैने कह दिया पापा मुझे सब पता है. मा ने लेटर में बता दिया की अपने मेरी पढ़ाई क्यूँ च्छुडवाई और क्यूँ घर संभालने को कहा ऐसे. फिर वो किचन मेी आ कर मुझसे चिपकना च्िी..!

पापा: ऑश तो तुझे पता चल गया उहह, अब तुझे पता चल चुका है तो बेटा फिर तूने क्या सोचा?

मैं: कुछ नही.

पापा: पर बेटा देख तुझे अछा लगेगा मैं तेरी उमर की लड़की घर लाओ उसको तेरी मा बनौ ह्म?

मैं: नही बिल्कुल अछा नही लगेगा.

पापा: इसलिए तो मैने डिसाइड किया की तू ही क्यूँ ना मेरी बीवी की तारा रह जीवन भर.

मैं: पर पापा यह ग़लत है मैं 18 साल का और आप 52 साल के उपर से मैं लड़का हूँ.

पापा: अभी लड़का है लेकिन तू चाहे तो लड़की बन सकता है शाश्वत बेटा.

मैं: नही पापा प्लीज़..

पापा: (एकद्ूम से कामभाल हटा के) यह देख तुझे लगता है तू इश्स से खुश नही हो पाएगा कभी?

मेरी नज़र पापा के लंड से हट थी ही नही बिल्कुल भी 1 सेकेंड के लिए भी.

पापा इश्स चीज़ को बांप लेते है और मेरा हाथ उनके लंड पर रख कर कहते हैं. बेटा तुझे फोर्स नही करूँगा तू वक़्त लेले तेरा पूरा जितना चाहिए उतना फिर अपना फ़ैसला सुना देना लेकिन..

मैं: लेकिन क्या पापा?

पापा: अभी बेटा मुझे निंध नही आएगी अगर तुझे ऐतराज़ ना हो तो तू क्या मेरा एक बार लंड चूस देगा

मैं चुप रहता हूँ बिल्कुल. पापा मेरी चुप्पी समझ जाते है तभी वो धीरे से मेरे सिर को नीचे धकेल ने लगते है. मेरे होंठ के लंड के सूपदे के करीब होता है. फिर वो कहते है चुसले बेटा खुश रखूँगा तुझे में बहुत जीवन में आहह..

मैं धीरे से अपनी जीब बाहर निकली और सूपदे पर घुमा दी जिस पर पापा के मूह से मदहोश आवाज़ आई-

पापा: आहह बेटा चुस्स उम्म मुआः…

मैं: यह मेरा पहली बार था तो एक दूं से ज़ोर से चूसने लगा मूह में ले कर लंड को अंदर बाहर करने लगा.. उम्म उम्म उम्म उम्म उम्म यूम्म उम्म आह उम्म्म उम्म…

पापा: आहह बेटा मज़ा आ रहा हैं तुझे अब भी सीखना है काफ़ी कुछ उफफफ्फ़… चुस्स मेरा लॉडा आहह उहह आह आहह ओह ह अहह यअहह..

करीब 10 मिनिट पापा ने लंड चूस वाया और फिर वो मेरे मूह में फारिग हो गये और शांत हुए. मुझे उपर किंच के अपने से चिपका के सो गये बिना कुछ बोले शांति से और मुझे भी नींद आ गयी.

तो दोस्तो यह कहानी का पहला पार्ट इधर ही कठाम होता है. उमीद करता हूँ आप लोगो को मेरी दोस्त पूजा की कहानी अची लगी होगी. आप लोग पढ़ के देर सारा प्यार दीजिए और अगले पार्ट का इंतज़ार कीजिए, तब तक के लिए शुखरिया.

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