दोस्तों मेरा नाम ललित हे और मैं मुंबई का रहनेवाला हूँ. मेरी ये पहली सेक्स कहानी हे. वैसे ये कोई कहानी नहीं हे पर मेरी लाइफ का सच्चा सेक्स अनुभव हे. हां मैंने कहानी के अन्दर के किरदारों के नाम और जगह को बदल दिया हे ताकि जिसको मैंने चोदा उसकी प्राइवेसी की भी रिस्पेक्ट हो. पहले मैं अपने बारे में बता दूँ. मेरी हाईट 5 फिट और 7 इंच हे और मेरी बॉडी फिट हे. मेरा छोटा भाभी 6 इंच का हे और उसके अन्दर किसी को भी औरत को खुश करने की ताकत हे. मैं अभी 20 साल का हूँ और अभी बी.टेक कर रहा हूँ!
चलिए अब स्टोरी के ऊपर आता हूँ. ये आज से कुछ महीनो पहले की बार हे. उसका नाम सुमी आंटी हे. वो हमारे घर के पास में ही रहती हे. आंटी और मेरी माँ की अच्छी बनती थी. वो डेली हमारे घर पर आती थी. आंटी का फिगर 36-28-38 हे और उसे देख के किसी का लंड भी खड़ा हो जाए. मैं अक्सर आंटी के बारे में सोच के लंड हिला लेता था और मुझे बहुत सुकून मिलता था.
एक दिन मेरे मम्मी पापा चाचा जी के नए घर के वास्तु में पूना जा रहे थे. और वो लोग एक विक रहने वाले थे. मेरे एक्साम्स थे इसलिए मैं नहीं गया था. आंटी ने अपनी सहेली सुमी आंटी को मेरी देखभाल रखने के लिए कहा. आंटी ने कहा तुम मेरे घर आ जाओ ललित. मैंने कहा आंटी आप के तिन बच्चे हे और आप के सास ससुर भी मेरा पढ़ाई में ध्यान नहीं रहेगा. आंटी ने कहा फिर मैं यही रहूंगी तुम्हारे साथ में.
आंटी हमेशा साडी पहनती हे. पहले दो दिन तो ऐसे ही निकल गए. मेरे हार्ड पेपर्स भी निकल गए थे और अब बस टाइम पास जैसी एग्जाम रही थी बाकी. एक दिन मैं आंटी के नाम की ही मुठ मार रहा था और उसने दरवाजा खोल के कहा चलो खाना बन गया हे! मेरे लंड को हाथ में पकड़ा हुआ देख लिया आंटी ने! मैं श्रम और डर से पानी पानी हो गया. मैंने जल्दी से अपने लंड को अन्दर किया. और फिर आंटी बहार निकल गई. मैं आंटी के पीछे भागा और आंटी को कहा, आंटी सोरी किसी को बोलना मत प्लीज़!
आंटी एक मिनिट के लिए कुछ नहीं बोली, पर फिर उसने कहा ओके.
खाने के वक्त भी मेरा दिल जोर जोर से धडक रहा था. खाने के बाद हम दोनों टीवी देख रहे थे. आंटी मेरे पास आई और बोली, कब से ये सब कर रहे हो?
मैंने कहा, क्या?
वो बोली, हाथ से हिलाने का काम.
मैं: सोरी आंटी.
आंटी: घबराओ मत मैं एकदम फ्रेंडली पूछ रही हूँ.
मैं: दो साल से ऊपर हो गया!
आंटी: पोर्न वोर्न भी देखते हो?
मैंने कहा, हां देखता हूँ.
वो बोली, अभी हे कुछ?
मैंने कहा, हां मेरे बेडरूम में हे.
आंटी: मेरे साथ देखोगे?
उसके ऐसा कहते ही मैं चौंक गया. आंटी की आँखों में अलग सी चमक थी. मैंने कहा चलो.
हम दोनों मेरे बेडरूम में आ गए. और वो मेरे बिस्तर के ऊपर लेट गई. उसने उस वक्त यलो साडी पहनी हुई थी जिसे उसने अपनी कमर में खोसी हुई थी. मैंने अपने लेपटोप के ऊपर एक साउथ इंडियन पोर्न मूवी लगाईं सेक्सी मल्लू आंटी की, और वो भी साडी वाली. आंटी मेरे एकदम करीब थी और उसकी साडी खोसी हुई थी इसलिए उसकी कमर मुझे दिख रही थी. पोर्न मूवी के अन्दर आंटी का ध्यान था और बिच बिच में वो मेरी तरफ देख रही थी. शायद वो चाहती थी की मैं कुछ पहल करूँ!
मैंने धीरे से आंटी की कमर को टच कर लिया. उसने कुछ रेस्पोंड नहीं किया. मैंने समझ गया की उसका भी इलू इलू करने का मन हे. वो उलटी सोयी हुई थी और मैंने उसके ऊपर चढ़ गया. मेरा लंड आंटी की गांड की फांक में घुस चूका था. उसने हलके से आह निकाली. मैंने आंटी के कान की लोब के ऊपर चुम्मी दे दी. और वो जोर से सिसकी लेने लगी. मैंने उन्के फेस को पीछे घुमाया और होंठो के ऊपर किस कर ली. आंटी और मैं 10 मिनिट तक एक दुसरे को चूसते रहे.
फिर मैंने आंटी की साडी खोल दी और उसके पुरे बदन के ऊपर किस करने लगा. आंटी अभी सिर्फ ब्रा पेंटी में थी और पूरी क़यामत लग रही थी. मैंने ब्रा पेंटी को भी उतार फेंका और फिर उसकी चूत के ऊपर चला गया. आंटी को चूत के ऊपर किस दिया तो वो उछल सी पड़ी. मैं कुत्ते के जैसे जबान से उसकी चूत को चाटने लगा था. 5 मिनिट के अन्दर तो मैंने उसे झडवा दिया और उसकी चूत का सब रस पी लिया मैंने.
और फिर आंटी ने मेरे लंड को अपने मुहं में भर लिया और सक करने लगी. वो पुरे लोडे को मजे से अन्दर तक भर के चुस्से दे रही थी. आंटी के चूसने से लंड ऐसे खड़ा हुआ था की पहले कभी इतना टाईट नहीं हुआ था. फिर मैंने सुमी आंटी को लिटा के उसकी टाँगे खोल दी. मैंने लंड उसकी चूत में डाल के मिशनरी पोस में उसे चोदना चालू कर दिया. वो भी उचक उचक के मेरे साथ संभोग में लगी हुई थी.
फिर मैंने आंटी को घोड़ी बनाया और पीछे से अपने लंड को उसकी चूत में डाला. इस पोज में भी मैंने आंटी को 5 मिनिट चोदा. मेरा वीर्य निकलने को था उस वक्त मैंने अपने लंड को आंटी के मुहं में भर दिया. आंटी ने सब वीर्य चाट लिया और लंड को चूस के उसे एकदम साफ़ और क्लीन कर दिया. हम दोनों एक दुसरे को लिपट के फिर से पोर्न मूवी देखने लगे.
पांच मिनिट के अन्दर फिर से अन्तर्वासना उमड़ पड़ी. वो मेरे लंड को हिलाने लगी. सोये हुए लंड को आंटी ने हाथ का जादू चला के खड़ा कर दिया. आंटी की गांड के ऊपर उंगलियाँ चलाते हुए मैंने धीरे से एक ऊँगली को अंदर डाली. आंटी की आह निकल पड़ी. मैंने दूसरी ऊँगली को चूत में डाल दी. अब एक ऊँगली से गांड और दूसरी से चूत को टटोलने लगा.
आंटी बोली, पीछे डालना हे?
मैंने कहा, हां ट्राय करते हे!
वो घोड़ी बन गई और उसने अपनी गांड को खोल दी. मैंने आंटी के छेद पर सुपाडे को रख दिया. एक धक्के में सिर्फ सुपाड़ा ही अन्दर घुस पाया. आंटी को एकदम से दर्द हुआ. मैंने लंड ऐसे ही रखा. और फिर कुछ देर के बाद एक झटके में आधे लंड को अन्दर कर दिया. आंटी की गांड बड़ी गरम थी. उसे भी गांड मरवाने की मजा आती लग रही थी. उसने दोनों हाथ से कूल्हों को फाड़ा और मैंने मौका देख के फट से लंड को अन्दर मारा. पूरा लंड अन्दर डाल के मैंने अपने बदन के पुरे वजन को आंटी के ऊपर कर दिया. टट्टे बहार थे बाकी पूरा लंड आंटी की एस में था मेरा!
वो भी आह्ह्ह अहह कर के गांड को हिलाने लगी थी. उसने कहा, बहुत मजा आ रहा हे!
मैंने कहा, पहले मरवाई हे आप ने?
वो बोली, मैं तो छोटी थी तो अंकल से मरवाती थी अपने. और तुम्हारे अंकल ने भी बहुत मारी हे इसको
मैं समझ गया की सुमी आंटी बड़ी आला ग्रांड रांड हे! मैंने लंड को और भी जोर जोर से आंटी की गांड में चलाया और कुछ ही देर में मेरे लंड से पानी निकला. मैंने फट से आंटी की गांड से लंड को निकाल के उसकी कमर के ऊपर सब माल छोड़ दिया!
मम्मी पापा के आने तक तो आंटी ने मुझे बहुत सब सिखा दिया था डीपथ्रोट, बटरफ्लाय सेक्स पोज़, बाथटब में 69 सेक्स, चूत के ऊपर बटर लगा के चोदना वो सब आंटी के दिमाग की ही उपज थी..
मम्मी पापा के आ जाने के बाद हम दोनों दूर हो गए. लेकिन अभी भी कभी कभी मैं आंटी को उसके घर में चोद आता हूँ!