हेलो मैं राज, आप सभी का स्वागत करता हू अपनी सेक्स स्टोरी के अगले पार्ट में. आपके प्यार के लिए शुक्रिया. आप अपना प्यार यू ही बनाए रखे. अब देर ना करते हुए चलते है अपनी सेक्स स्टोरी की अगली मस्तियों पर, जिसका आप सभी को इंतेज़ार है.
अब मैने मा के कानो को किस किया जो उनसे कंट्रोल नही हुआ, और उन्होने अपने हाथो को मेरे हाथो में और जाकड़ दिया. ये पल किसी भी औरत या लड़की के लिए बहुत ही यादगार होते है, ख़ास कर जब कोई बहुत दीनो से प्यासी हो. और अब उनका बदन सेक्सी तो था, लेकिन उन्होने कभी ये प्यार वाला सेक्स नही किया था.
क्यूंकी गाओं में तो पहले बस कपड़े भी नही निकाले जाते थे एक औरत के शरीर पर से, और सेक्स हो जाता था. उन्होने कभी रियल सेक्स को फील ही नही किया. वो सेक्स के लिए तड़प रही थी. पर मैं बड़ी मा की प्यास शांत के साथ-साथ उन्हे असली सेक्स क्या होता है, वो बताने वाला था आज.
अब मैने उनकी गर्दन पर किस किया, और उनको देखा. उनकी आँखें अब बंद थी, और वो बस अब इस पल को जी रही थी. उनकी सिसकियाँ और धड़कन अब तेज़ हो गयी थी. मैने फिरसे गर्दन पर उसी जगह किस किया और हॅट गया. ऐसा मैने गर्दन पर 8 या 10 बार किया होगा. अब उनको भी उधर मस्ती के साथ तोड़ा सा दर्द हुआ, और अपनी आँखें खोली और मुझे बोली-
बड़ी मा: इसके अल्वा भी मेरा जिस्म है बेटा.
ऐसा सुनने के बाद मेरे चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ गयी, और मैने मा की नाक को अपने हाथो से सहलाया और कहा-
बड़ी मा: मेरी सेक्सी बड़ी मा, इसे लोवे बीते बोलते है.
बड़ी मा: लोवे बीते, वो क्या होता है बेटा? लगता है तुमने इधर काट ही दिया है मेरी गर्दन को.
मे: मा इस काटने को ही लोवे बीते बोलते है.
बड़ी मा: हॅप पागल! ऐसा भी कोई करता है? देख तो सही कोई निशान तो नही बना मेरी गर्दन पर?
मे: अर्रे मा निशान पड़ने पर ही लोवे बीते बोला जाता है.
बड़ी मा: ऐसा क्यूँ करते है बेटा?
मे: मा जब दो प्रेम करने वाले प्राइवेट में टाइम निकाल कर प्यार करते है, तो उस पल को याद रखने के लिए लोवे बीते किया जाता है. इससे आपको दर्द के साथ साथ प्यार भी महसूस होता है.
बड़ी मा: पता नही मुझे इस उमर में अब क्या-क्या सीखना बाकी है. बुत जो भी हो बेटा, लेकिन मुझे मज़ा बहुत आ रहा है. तू जो करना चाहता है, कर ले. तेरी मा आज से तेरी गुलाम है, बस तू अब मुझे प्यासी मत छ्चोढना.
मैं मॅन ही मॅन खुश था की अब मा पर सेक्स का नशा हावी होने लगा था, और वो अब अपनी शरम को छ्चोढ़ चुकी थी, और इस पल को एंजाय करना चाहती थी. अब मैने फिरसे उनको होंठो को किस किया. अब वो टाइम आ गया था जब मैं उनको नंगा करके छोड़ने वाला था, और उनकी छूट की प्यास सदा-सदा के लिए मिटाने वाला था.
इस बाद बारी आई उनके कान के पास किस करने की. मैं अपनी सुहग्रात ही माना रहा था उनके साथ, और मैं कोई जल्दी नही करना चाह रहा था. ये बात वो प्यासी औरत ही समझ सकती है, जो सालों से प्यार और शरीर की हवस में जल रही हो.
इधर मैं आपको भी एक बात बता डू दोस्तों, ख़ास कर मर्द, जिसको बस लंड खड़ा होते ही छोड़ने की पड़ी होती है. उसे जल्दी नही करनी चाहिए. उसे अपनी लॅडीस पार्ट्नर की खुशी को ध्यान में रखना चाहिए. सेक्स को प्यार से करो तो अछा रहता है. और आपका पार्ट्नर आपसे कनेक्ट भी होगा. वरना जानवर वाला सेक्स तो जानवर ही बनाएगा आपको डाइरेक्ट सेक्स.
अब मैने सबसे पहले मों को नंगा करने की सोची. मैने उनके कपड़े निकाल दिए. उनका जिस्म “बिपाशा बसु” जैसा था. सच में यार क्या किस्मत है की मुझे एक से एक बढ़ के औरत को छोड़ने को मिला. उनके जिस्म को देख कर मेरा लंड फिर फटने को तैयार था. और अब वो भी मुझे नंगा कर चुकी थी.
मैं बस अंडरवेर में था, और वो बस बिकिनी में ही थी, वो भी मेरी मॅन-पसंद रेड कलर की. सच में आज बहुत ही आनंद आने वाला था उनको छोड़ने में. अब मैं उनके पुर जिस्म को प्यार करने लगा. सबसे पहले मैने उनके पावं की उंगलियों को किस किया, और फिर अपनी जीभ से उनके तलवे को छाता.
क्या सॉफ्ट स्किन थी मा की, और उधर मा भी अब मज़े में बस सिसकारियाँ ले रही थी. उनको बहुत मज़ा आ रहा था.
मैने पूछा: मा कैसा लग रहा है?
उन्होने गुस्से में मेरी तरफ देखा और मानो कह रही हो, “जो करना है कर, पर रुक मत. मुझे बहुत मज़ा आ रहा है”. मैं उनका इशारा समझ गया, और मैं भी अब पुर तरीके से उनको अपना बनाने में लग गया.
अब मैने उनको पीठ के बाल लिटा दिया, और उनके कानो में जाके बोला-
मैं: जो अब आपके साथ आपके जिस्म को प्यार दूँगा, वही आपको रिटर्न में देना होगा.
उन्होने हा में गार्डेन हिला दी, और स्माइल देके आँख मारी.
फिर बोली: चल हो जेया शुरू मेरे शेर.
बस फिर क्या था, मैं उनकी पीठ के उपर ही लेट गया, और मैने पहले उनको किस किया. फिर गार्डेन पर किस किया, और मा बस अब फिरसे आहें भरने लग गयी थी. अब मैने धीरे-धीरे उनके कान पर किस और अपनी जीभ से उनकी पीठ को सक करना शुरू कर दिया था.
फिर मेरे सामने उनकी ब्रा का हुक आ गया, और मैने उसको खोल के उनको उससे आज़ाद कर दिया. फिर मैने उनकी संगमरमर की पीठ पर हाथ फेरा, और फिरसे मैं उनकी पीठ को किस करने लगा, और लोवे बीते के निशान बनाने लगा.
उधर अब मा की गांद की दरार में मेरा लंड पूरी तरह फ़ासस चुका था. अगर नीचे हम दोनो नंगे होते तो अब तक मेरा लंड का कुछ हिस्सा शायद उनकी गांद में जेया चुका होता, और वो दर्द से तड़प रही होती. लेकिन हम अभी पुर नंगे नही हुए थे.
मा हल्का-हल्का लंड पर दबाव बनाने लगी, और मेरी जीभ के कमाल के कारण अब मा आ आ अफ कर रही थी. साथ ही गांद को लंड से रग़ाद रही थी. अब मेरे हाथ अपने आप ही उनकी चुचियो को हाथ में ले लिया. बहुत सॉफ्ट थी उनकी चुचिया. फिर मैने अपनी जीभ उनकी गांद के बिल्कुल पास वाले हिस्से पे रख दी, और उनको किस करने लगा.
बड़ी मा बोली: बेटा क्या मज़ा दे रहे हो.
और उन्होने अपना पानी छ्चोढ़ दिया एक बार. अब वो बहुत ज़ोर से हाँफ रही रही, और अब उनकी सिसकियाँ धीरे-धीरे और उनके शरीर की अकड़न धीरे-धीरे कमज़ोर पद गयी. मैने भी उनको अब कुछ देर शांत रखा. 2 मिनिट के बाद मैने फिरसे उनकी पीठ पे किस करना सार्ट कर दिया. 3 मिनिट के बाद उन पर फिरसे असर शुरू हुआ.
बड़ी मा: तू सच में बहुत अछा है, और तेरा लंड भी बहुत टाइट है, जो मेरी गांद फाड़ने के लिए तुला हुआ है. इसका टच ही इतना गरम है की मैं झाड़ गयी. जब मैं इसे अंदर लूँगी तो पता नही कितनी बार मेरी छूट तेरे लंड की वजह से पानी छ्चोढ़ देगी.
बड़ी मा: अब मुझे पूरा यकीन हो गया है की बरसों से ताप रही इसकी आग और प्यास तू बुझाने में कोई कसर नही छ्चोढेगा. तू मुझे छोड़ के निहाल कर देगा रे.
तो क्या मैं मा की कर कामना पूरी कर पौगा? ये स्टोरी का फीडबॅक आप मुझे एमाइल हॉटमास्ती190@गमाल.कॉम पर सेंड कर सकते है.