अंजान लड़कों ने दिया मम्मी को चुदाई का मज़ा

मम्मी सेक्स स्टोरी के लास्ट पार्ट में आपने पढ़ा की मम्मी और वनिता आंटी उनके ब्फ से मिलने फार्महाउस पर जाती है. और मुझे डाउट था की मम्मी वहाँ छुड़वा कर आई थी. मैं रात से मम्मी का मोबाइल मॉनिटर कर रहा था, पर मुझे कोई ऐसा क्लू नही मिला जिससे मुझे पता चले की आख़िर वहाँ क्या हुआ था.

नेक्स्ट दे मैं ऑफीस पर मेरे लॅपटॉप कर काम कर रहा था. लेकिन मेरा मॅन तो मम्मी और वनिता आंटी के बीच कुछ बात हो उस पर था. मैं लगातार देख रहा था की मम्मी कब ऑनलाइन होती है. दोपहर का टाइम था, तब मम्मी ऑनलाइन दिख गयी. मेरी धड़कने बढ़ रही थी. मैं स्पाइ अप से मम्मी का मोबाइल लिव मॉनिटर करने लगा. कुछ टाइम बाद मम्मी ने वनिता आंटी को कॉल किया. और मैं उनकी बातें सुन सकता था.

मम्मी: कहाँ है? अभी तक आई नही?

वनिता आंटी: आज बहुत तक गयी हू. आज आराम करना है.

मम्मी: क्यूँ कल अंकित ने तका दिया क्या?

वनिता आंटी: उसने तो कल मेरी जान निकाल दी. ऐसा तो आज तक हब्बी ने भी नही पेला है. जवान लड़के की बात ही अलग है. और भावना तुम तो बड़ी च्छूपी रुस्तम निकली. मुझे अंकित ने सब बताया.

मम्मी: क्या बताया?

वनिता आंटी: तुम तो बड़ी शरीफ बन रही थी. तरुण ने सब कुछ अंकित को बता दिया, की कल तुमने कैसे अपनी चुदाई करवाई.

मम्मी: ये सब ना तेरी वजह से हो रहा है. मैं ये सब करना नही चाहती थी. तुम तो अंकित के साथ कमरे में चली गयी. उसके बाद वो मुझे अप्रोच करता रहा. फिर उसने मुझे छ्छूना शुरू किया, और मैं माना नही कर पाई.

वनिता आंटी: हा मुझे पता था तेरी छूट लंड माँग रही थी. इसीलिए मैने अंकित से कहा था की अपने किसी दोस्त को लेकर आना. चल बता कैसी रही तेरी चुदाई?

मम्मी: मैं तो दर्र गयी थी जब उसने मुझे पकड़ कर किस कर लिया तब. मैं तो उससे डोर होने की कोशिश कर रही थी, पर उसने बहुत ज़ोर से पकड़ लिया, और मैं फिर…

वनिता आंटी: तुम्हे मज़ा आया ना?

मम्मी: मज़ा क्या, मैं कितना दर्र गयी थी पता है!

वनिता आंटी: चल अब नखरे किए बिना सच बता. तुमने कल एंजाय किया या नही?

मम्मी: एंजाय तो किया. वैसे तरुण को देख कर ही मैने मॅन बना लिया था. उसकी पर्सनॅलिटी से मैं इंप्रेस हो गयी थी.

वनिता आंटी: हा मैं भी उसको देख कर सोच रही थी की काश ये मेरे साथ होता.

मम्मी: वैसे अंकित हॅंडसम है. और तुम्हे जो चाहिए था वो मिल गया ना.

वनिता आंटी: हा वो तो मिल रहा है. वैसे तरुण चुदाई कैसी करता है?

मम्मी: यार पूच ही मत. मैं कल कितनी बार झड़ी हू मुझे खुद याद नही है. यार तुमने तो मुझे उसकी याद दिला दी.

वनिता आंटी: अंकित बोल रहा था की तरुण तुमसे बहुत खुश था. और अंकित भी तुम्हे छोड़ना चाहता है.

मम्मी: तो तुम क्या चाहती हो, मैं अंकित से भी?

वनिता आंटी: हा. अंकित का स्टॅमिना बहुत है. मेरी छूट सूजा दी थी. मुझे तो अभी भी चलने में परेशानी हो रही है.

मम्मी: हा मैं तो उसके लंड की फोटो देख कर ही समझ गयी थी, की तेरी छूट का बाजा बजने वाला है.

वनिता आंटी: मैं तो कहती हू तुम भी एक बार अंकित से छुड़वा कर देखो. बहुत मस्त चुदाई करता है.

मम्मी: ह्म. अंकित तो मुझे छोड़ना चाहता है, पर क्या तरुण तुम्हे छोड़ना चाहता है?

वनिता आंटी: नही, अभी तक ऐसा कुछ कहा नही है.

मम्मी: हा तो तरुण तुम्हे छोड़ना चाहे, तब उसके साथ कर लेना. लेकिन तब तक तुम उसको भूल जाओ.

वनिता आंटी: तुम तो अभी से पोज़ेसिव हो रही हो. एक ही बार में ऐसा क्या जादू कर दिया उसने.

मम्मी: वनिता तरुण को भूल नही पौँगी, क्या बंदा मिला है यार. काश वो भी मुझे इतना ही पसंद कर रहा हो.

वनिता आंटी: श क्यूँ? अब किसी अजनबी पर इतना भरोसा कैसे आ गया? पहले तो मुझे कहती थी किसी पर इतना भरोसा करना ठीक नही है. अब क्या हुआ?

मम्मी: पता नही पर अब उसके बिना कुछ अछा नही लग रहा.

वनिता आंटी: ठीक है, पर बता तो सही कल क्या हुआ?

मम्मी: तुम्हे तो पता है वो कितना हॅंडसम है. उपर से उसकी बातें और वो क्यूट सी स्माइल. वो बेड में बहुत प्लेषर देता है. मेरा तो अब उसके बिना मॅन नही लग रहा.

वनिता आंटी: ऑश. मेरी बेबी को उससे प्यार तो नही हो गया?

मम्मी: पता नही यार. अंकित से उसका नंबर लेकर देना प्लीज़.

वनिता आंटी: मैं तुम्हे अंकित का नंबर देती हू. तुम ही उससे पूच लेना.

मम्मी: अर्रे यार ऐसा क्यूँ करती है? मेरे लिए इतना नही करेगी?

वनिता आंटी: अर्रे तुम्हे कोई प्राब्लम है अंकित से बात करने में?

मम्मी: ठीक है चल उसका नंबर भेज.

वनिता आंटी: ठीक है भेजती हू. साली तुम बहुत लकी हो. तरुण के साथ सेक्स करने का मौका मिला. मैं सोच रही थी उसको पत्ता कर उससे चुड जौ.

मम्मी: थॅंक्स यार. अगर तुम मुझे अपने साथ नही लेकर जाती, तो मैं लाइफ का असली मज़ा कभी नही ले पाती.

वनिता आंटी: मैने तो पहले ही कहा था, जवान लड़कों की बात ही कुछ अलग होती है.

मम्मी: ह्म.. चल अब मुझे अंकित का नंबर भेज. मैं उससे बात करती हू. बाइ.

दोस्तों मम्मी और वनिता आंटी की बात सुन कर मेरे पैरों से ज़मीन खिसक गयी. मैं बिल्कुल टूट गया अंदर से. मैने सोचा था मम्मी को मैं दुनिया की सारी खुशी दूँगा. लेकिन वो तो किसी और मैं अपनी खुशी ढूँढ रही थी. मेरे उपर क्या बीट रहा था वो कोई नही समझ सकता.

मैं जिसके लिए मेरी गर्लफ्रेंड छ्चोढ़ दिया. मेरे जिस किसी लॅडीस के साथ सेक्षुयल रीलेशन थे, उन सब को छ्चोढ़ दिया. मैने ऑस्ट्रेलिया में मिल रहा अछा जॉब छ्चोढ़ दिया. हा दोस्तों, मैं चाहता तो वहाँ मेरी लाइफ आचे से सेट हो जाती. जॉब बहुत अची थी, बस मैं मम्मी की वजह से रुक गया था. और मेरा मम्मी से रीलेशन खराब हुआ, उस टाइम गुस्से में अपना जॉब छ्चोढ़ दिया.

मैं मम्मी के लिए बहुत क्रेज़ी था. उस दिन मुझे एहसास हो रहा था की मैने अपनी लाइफ में कितनी बड़ी ग़लती करी थी. मेरी अची ख़ासी ज़िंदगी को बर्बाद कर दिया था. मैने अपने पैर पर कुल्हाड़ी को मारा था. लेकिन अब पछताने से कोई फ़ायदा नही था.

मैने सोच लिया की मैं फिर से मेरी लाइफ को बेहतर बनौँगा. लेकिन उससे पहले मुझे मम्मी से बदला लेना था. और वो मुझे कैसे करना था वो मैने सोच लिया. मैने देखा की मम्मी ने अंकित को मेसेज किया.

मम्मी: ही तीस इस भावना. हाउ अरे योउ?

अंकित: ई आम फाइन डियर. और क्या बात है, आज मुझे सेक्सी लेडी का सामने से मेसेज आया.

मम्मी: हा तुमसे कुछ बात करनी थी. क्या ये सही समय है क्या?

अंकित: कैसी बातें कर रही हो बेबी. तुम्हारे लिए टाइम ही टाइम है. बताओ क्या बात थी?

मम्मी: मुझे तरुण से बात करनी है. और उसका नंबर चाहिए था.

अंकित: मैं पहले उससे बात कर लेता हू. फिर तुम्हे उसका नंबर देता हू.

मम्मी: श ऐसे डाइरेक्ट नंबर नही दे सकते क्या?

अंकित: तरुण ईज़िली अवेलबल नही होता. उसको पसंद नही है ऐसे कॉल्स और मेसेजस पर टाइम पास करना. उसके पीछे कॉलेज की बहुत लड़कियाँ पागल है. पर मेरा भाई अपनी मस्ती में घूमता रहता है.

मम्मी: तो क्या अब वो मुझे फिर से मिलने नही आएगा?

अंकित: पता नही, लेकिन वो बोल रहा था की तुम्हारे साथ उसने बहुत एंजाय किया. वैसे उसने जो बताया वो सुन कर तो मैं भी तुमसे इंप्रेस हो गया हू.

मम्मी: क्या बताया था?

अंकित: बेबी वो बोल रहा था की भावना में बहुत आग है. चुदाई के टाइम बहुत अछा रेस्पॉन्स देती है, और सेक्सी आवाज़े निकालती है. और भी बहुत कुछ बताया.

मम्मी: क्या अंकित, तुम भी नॉटी हो रहे हो.

अंकित: यार तरुण ने जब मुझे कहा की तुम कॉंडम उसे करने में बहुत एक्सपीरियेन्स्ड हो. तुम ब्लोवजोब देते हुए लंड पर कॉंडम फिट कर देती हो. मुझे भी वो फील करना है.

मम्मी: लेकिन…

अंकित: यार प्लीज़ एक बार. जब से तुम्हे देखा है ना, तब से तुम्हे छोड़ने के सपने देख रहा हू. ई स्वेर तुम भी मेरे साथ बहुत एंजाय करोगी.

उसने पंत के उपर का फोटो खींच कर भेजा. उसकी पंत में तंबू बन गया था.

अंकित: देखो तुम्हारी याद में ये हाल हो गया है.

मम्मी: ठीक है, पर मुझे प्रॉमिस करो, की तुम मुझे तरुण के करीब लाने में हेल्प करोगे.

अंकित: जानेमन ये हुई ना बात. मैं तुम्हे प्रॉमिस करता हू.

मम्मी: हम दोनो के बीच जो भी कुछ होगा, वो सिर्फ़ हम दोनो के बीच में रहेगा. वनिता को कुछ नही बताना है. ओक?

अंकित: ठीक है. जान मेरा बहुत मॅन कर रहा है तुमसे मिलने का. कब मिलने आ रही हो?

मम्मी: अभी कहाँ पर हो?

अंकित: मैं कॉलेज में हू.

मम्मी: अभी मिल सकते हो क्या? मेरा अभी जिम का टाइम है, और आज वनिता जिम आने वाली नही है.

अंकित: क्यूँ वनिता क्यूँ नही आ रही?

मम्मी: तुम्हारी वजह से. बोल रही थी तुम जानवर की तरह कर रहे थे. उसको अभी भी दर्द हो रहा है.

अंकित: हहा.. मैं ऑनलाइन रूम बुक कर रहा हू. और तुम्हे पिक करने आ रहा हू.

मम्मी: ठीक है. जल्दी आना, मेरे पास बस शाम के 5 बजे तक का टाइम है. उससे पहले मुझे घर वापस आना होगा.

अंकित: ओक, और आज क्या पहन कर आ रही हो? तुम कल सारी में बहुत मस्त लग रही थी.

मम्मी: अब सारी पहन कर निकलूंगी तो घर पर शक होगा की मैं जिम नही कहीं और जेया रही हू. घर से तो ट्रॅक पंत और त-शर्ट पहन कर आ रही हू. लेकिन होटेल में रेडी हो जौंगी. तुम्हारे लिए सर्प्राइज़ सोचा है.

अंकित: वाउ बेबी, मैं अभी रूम बुक कर रहा हू. लोवे योउ डार्लिंग.

उसके बाद मैं समझ गया की मम्मी आज फिर से चूड़ने जाने वाली थी. मैं ऑफीस से बहुत फास्ट घर की तरफ गया. मैने फिर मम्मी को फॉलो किया. हमारे घर से तोड़ा डोर एक सड़क है, वहाँ दोपहर को कोई भीड़ नही होती. मम्मी ने अपने फेस पर दुपट्टा बाँध लिया था. उसके बाद उसने किसी को कॉल किया.

फिर एक लड़का बिके लेकर उसके पास आ गया. उसने हेल्मेट पहना था, तो मैं उसकी शकल नही देख पाया. मम्मी उसकी बिके पर बैठ गयी. मैं समझ गया की वो पक्का अंकित होगा. मैने डिस्टेन्स मेनटेन करके मम्मी को फॉलो किया. वो लोग हमारे टाउन से कुछ 5 मिनिट की दूरी पर हाइवे के होटेल में गये.

कुछ 1-2 अवर्स के बाद वो दोनो होटेल से बाहर निकले. मैं वहाँ से मम्मी से पहले घर पर पहुँच गया. मम्मी उस दिन भी बहुत खुश लग रही थी. मम्मी जब नहाने गयी, तब मैने उनके जिम का बाग खोल कर चेक किया. मैने देखा उसमे सेक्सी ब्रा पनटी सेट और रोब था जो मैने उनको गिफ्ट किया था.

साला इतना गुस्सा आ रहा था की अब मम्मी दूसरे लड़कों से मेरे दिए गिफ्ट को उसे करके मज़े कर रही थी. मॅन तो कर रहा था की अभी मम्मी के पास जेया कर पूचु की मेरे से अब क्या प्राब्लम हो रही थी, जो बाहर के लड़कों से छुड़वा रही थी. लेकिन मैने अपने आप पर बहुत कंट्रोल किया, और दिमाग़ ठंडा रखने का सोचा.

मैने गुस्से में आ कर बहुत ग़लत डिसिशन लिए थे. अब मैं वो ग़लती दोबारा नही करना चाहता था. मैने लंबी-लंबी साँस ली, और मेरे अंदर चल रहे गुस्से को शांत किया. मम्मी जब नहा कर निकली, तब उसने मस्त पिंक सारी पहनी थी. मम्मी का चेहरा खिल गया था. अक्षर औरतें अची चुदाई के बाद खुश हो जाती है. और मम्मी के फेस पर वो खुशी सॉफ दिखाई दे रही थी. पहले वो खुशी मेरे से चूड़ने के बाद होती थी. लेकिन मुझे अब वो खुशी देख कर दुख हो रहा था, की अब उनके चेहरे की खुशी मेरी चुदाई से नही पर औरों की चुदाई से थी.

मम्मी उनके मोबाइल में कुछ देख कर स्माइल कर रही थी, और उसने कुछ रिप्लाइ किया. तो मैं समझ गया की वो किसी से छत कर रही थी. मैने बाद में चेक किया तो वो अंकित का मेसेज था.

अंकित: आज तो मज़ा आ गया. ऐसा एक्सपीरियेन्स तो मैने आज तक किसी के साथ नही किया. थॅंक योउ बेबी.

मम्मी: ह्म…

अंकित: सच कहूँ तो ऐसा मज़ा वनिता के साथ भी नही आया. तुम उससे भी मस्त हो यार.

मम्मी: मुझे भी बहुत अछा लगा.

अंकित: सच में बेबी?

मम्मी: ह्म… चलो बाद में बात करूँगी. फिलहाल तो घर के काम करने है. बाइ.

अंकित: बाइ त्क, लोवे योउ.

उस दिन के बाद मम्मी और अंकित के बीच बात-चीत का सिलसिला चालू हो गया. मैं डेली उनकी छत पढ़ने लगा. मम्मी और 2 बार वहीं होटेल में अंकित के साथ गयी. लेकिन ये बात से वनिता आंटी अंजान थी.

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