अजनबी भाभी के साथ ट्रेन मई सेक्स

और ऐसा बोलते हुए उसने मेरे लंड अपने हाथ से ही अपनी चूत में डाल लिया और ऊपर निचे करने लगी. चूत ज्यादा टाईट नहीं थी गीली हद से ज्यादा थी. मेरा पूरा लंड उसकी रस से भीग गया था. वो ऊपर निचे करती ही जा रही थी. ऊपर वाली बर्थ की वजह से वो आगे बेंड हुई और फिर बाउंस कर रही थी मेरे लंड के ऊपर. मैंने भी उसके बूब्स को दबाये और कभी कमर पकड़ के उसे उछलने में मदद की. 10-15 धक्को के बाद वो फिर से झड़ गई और मुझे किस करने लगी.

मैं: बहुत रस हे. और ये कह के मैंने उसे आँख मार दी.

फिर मैंने कहा: अब तुम निचे लेट जाओ थक गई हो.

सबीना: देखो अंदर नहीं निकालना, कंट्रोल कर लोगे ना!

मैं: हां बाबा डोंट वरी.

और फिर मैं उसके ऊपर आक उसके बूब्स दबाते हुए उसकी चुदाई करने लगा. ट्रेन की स्पीड के साथ साथ तेज तेज धक्के भी लग रहे थे. वो अपने लिप्स को बाईट कर रही थी आवाज रोकने के लिए और मेरी पीठ में उसके नेल्स घुसे जा रहे थे. फाइनली जब मेरा निकलने वाला था तो मैंने लंड बहार निकाला. सबीना ने मेरे लंड को अपने हाथ में ले लिया और उसे हिलाने लगी.

सबीना: तुमने मेरा पिया हे मुझे नहीं पिलाओगे!

और ये कह के उसने अपने मुहं में लंड रखा और मैं झड़ गया. वो सारा रस पी गई और फिर हम एक दुसरे के ऊपर ही पड़े रहे. सुबह होने लगी थी तो मैंने कर्टेन खिंचा और दोनों ने कपडे पहन लिए.

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वो फ्रेश होने चली गई और मैं भी पानी पी कर बैठ गया.

थोड़ी देर में तो मुह धो के आई और पास में बैठ गई और गाल पर किस करते हुए उसने मुझे थेंक यु बोला!

मैं हंसा और बोला दोनों के लिए ही मजे थे फिर थेंक यु कैसा!

एक किस किया उसने और फिर हम थोड़ी देर के लिए सो गए.

उसका स्टेशन आने से 5 मिनिट पहले उसने मुझे उठाया और किस किया और बोला अभी मन नहीं भरा हे मेरा.

और फिर उसने मेरा मोबाइल नम्बर लिया और अपने नम्बर से मेरे नम्बर पर मिस कॉल किया.

सबीना: काल घर पर आना हे तुमको, ना नहीं बोलना. और हाँ कल जब सेक्स के लिए आओ मेरे घर पर तो कंडोम ले के आना.

हम दोनों हंसने लगे और फिर उसने मुझे हग किया.

उसने बेबी को उठाया और मैंने उसकी बेग उतारन दी. स्टेशन के ऊपर वो मुझे चुदासी नजरों से बाय कर रही थी. जैसे वो कह रही हो की कल मेरे घर पर आ के चोदना जरुर!

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