अजब ग़ज़ब परिवारिक रिवाज-1

दोस्तों मे एक गाओं से हू जहा के रिवाज कुछ अजीब और मज़ेदार है अपने लंड छूट और गांद को टायर रखे और मज़े ले.

मेरा नाम रोहित है मे 20 साल का हू मे सहर मे रहता था पढ़ाई के लिए. मेरे परिवार मे मेरा बड़ा भाई नाम दीपक आगे 24, पापा आगे 46 नाम जगन और एक छोटा भाई है आगे 19 यियर्ज़ नाम कारण. और एक बेहन भी है जिस की आगे 21 यियर्ज़ है, मों नही थी.

अब स्टोरी पर आता हू, मे बचपन से ही सहर मे रहा हू हॉस्टिल मे रहता था और कभी कभी ही गाओं जाता था. एक दिन पापा का फोन आया और उन्होने बोला की मेरे बड़े भाई की शादी फिक्स होने वाली है और मुझे घर बुलाया.

मई गाओं के लिए निकल गया. गाओं जाने के बाद मुझे पता चला की इस गाओं मे लड़कियों की तादात बहोट ज़डा है मगर लड़के कम है.

ये बात मुझे थोड़ी अजीब लगी और मैने और चीज़े जानना चाहा. मेरा छोटा भाई कारण मुझ से आछा रहता था. मैने उसको पूछा तो उसने बताया की और भी बहोट रीति रिवाज़ है जो बहोट ही मज़ेदार है. मे समझा नही की ऐसा क्या है. तो उसने मुझे बताया की भैया की एंगेज्मेंट मे देख लेना.

एंगेज्मेंट एक ग्राउंड मे होनी थी. मुझे बताया गया की मई भैया के सात वाहा शाम 4 भजे पिचाई मे पोछ गया.

वाहा जाने के बाद मैने देखा की स्टेज पर 15 चेर्स लगाई हुई है. जिस मे से एक सीट पर भैया बेत गये और दूसरे लड़के भी बेते हुए थे. मई नीचे बेता हुआ था और मैने देखा की लड़किया जो शादी के लायक है वो लाइन मे खड़ी हुई है.

वाहा कम से कम 90 लड़किया थी. सब फॅमिली वेल नीचे बेते हुए थे. तभी सरपंच जी ने बोला की चलो अब शुरू करते हैं. उन्होने लड़को से कहा की अपना पेजमा खोल के बेत जाओ और लड़कियों को कहा की एक एक कर स्टेज पर आ जाओ.

मई शॉक हो गया की ये सब क्या हो रहा है. और मैने ऐसा सीन आज तक नही देखा था. लड़किया एक एक कर स्टेज पर चाड रही थी और लड़के उनके हाट पकड़ पकड़ के अपना लंड उनको दिखा रहे थे.

ताभ मैने कारण से पूछा ये सब क्या है? तो उसने बोला की ये रिवाज है की लड़के को जो लड़की पसंद आए वो उसको स्टेज पर अपना लंड चुस्वा के एंगेज्मेंट फिक्स कर सकता है. और वो चाहे तो स्टेज पर ही लड़की की छूट चाट भी सकता है.

भैया ने एक लड़की को पसंद किया और उसको अपना लंड चुसवाने लगे. और स्टेज पर उस लड़की के बूब्स भी चूस रहे थे. ये सब देख क मेरा लंड खड़ा हो गया.

दूसरे दिन शादी करवाने का था. शादी नॉर्मल तरीके से हुई जिस मे लड़की की मा और 2 बहने आई हुई थी. भाभी का नाम जयश्री था, उनकी बहनो का नाम प्रिया 20 यियर्ज़ और गीता 21 यियर्ज़ था.

शादी होने के बाद घर मे भाभी आई और शुरू हुआ मज़ेदार रिवाजों का दौर.

रिवाज़ ये था की जयश्री को घर मे कपड़े नही पहनना था और दिन भर नंगे ही घर मे घूमना था. मई मेरे रूम मे बेता हुआ था.

तभी भाभी मेरे लिए छाई लेके आई वो बिल्कुल नंगी थी, उसने कुछ नही पहना हुआ था. ये देख क मेरा लंड खड़ा हो गया. दोफर मे भैया उसको हॉल मे लेके आए और हम सब को बाहर बुलाया. और कहा की ये सिर्फ़ मेरे लिए ही नही सब के लिए है, इस के खूब मज़े लो.

मई हैरान हो गया. भाभी ने कहा आओ छोटे ड्यूवर जी आप भी आओ रोहित, आप सब की सेवा मेरा काम है. मई तुम सब की रंडी हू. तुम सब को खुश रखना मेरा काम है.

तभी मेरा भाई कारण उसके पास जाके उसके बूब्स मसल रहा था. और भैया ने मुझे भी वेसए ही करने को कहा. तभी पापा वाहा आ गये और बोले की तुम लोग शुरू भी हो गये..

मई दर गया और उन्होने जयश्री के पास आके किस करने लगे. और बोले तुम लोग अभी मज़े करो मई बाद मे आता हू.

तभी भैया ने अपने कपड़े खोले और जयश्री को गोद मे बिता के उसकी छूट मे लंड डालने लगे. वो भी साथ दे रही थी जैसे की काई सालों का एक्सपीरियेन्स हो.

बेहन सिमरन ये सब देख रही थी और मई भाभी के बूब्स चूस रहा था. जयश्री ने कहा की सिमरन आओ तुम वाहा अकेली क्यू खड़ी हुई हो. सिमरन वाहा आके भाभी को किस करने लगी और भाभी उसको बूब्स प्रेस कर रही थी.

भाभी ने कारण का पंत खोल के उसका 8 इंच लंबा लंड मूह मे लेके चूसने लगी. और भैया का लंड छूट मे ले ही रखी थी. मैने भी पंत उतार दी और उसको लंड चुस्वा रहा था.

वो खुशी खुशी तीनो लंड संभाल रही थी. तभी बेहन सिमरन ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और भैया का लंड भाभी की छूट से निकल के चूसने लगी.

मई हैरान हो गया की ये सब क्या हो रहा है. भैया ने सिमरन की छूट पर हाथ फेरा और कहा की आज आछा दिन है इसको खोल देने का. और उन्होने सिमरन को लेटया और उसकी छूट मे अपना लंड डाल दिया. ऐसे सिमरन की सील टूट गयी थी.

मैने भैया से पूछा की यहा ये सब केसे होता है? तो उन्होने बताया की इस गाओं मे सेक्स फ्री है. जब चाहे जिससे छाए छोड़ सकते हैं.

ऐसे ही चुदाई चलती रही और रात हो गयी. भाभी और सिमरन दोनो का हाल बुरा हो गया था. मैने सिमरन को अपने रूम मे बुलाया और उसकी छूट को सॉफ किया गरम पानी से नीट किया. उसको थोड़ी देर आराम मिला फिर मैने उसको बेड पर लेता दिया और वो सो गयी.

मुझे नींद नही आ रही थी. मैने सिमरन की छूट चाटना शुरू किया जिससे उसकी भी नींद खुल गयी. फिर मैने अपना लंड उसको चूसने को कहा. वो मज़े से चूसने लगी और मैने सिमरन को छोड़ा, बहोट बार छोड़ा और उसकी छूट मे ही झार गया.

उधर भाभी पापा के रूम मे चुदाई का मज़ा ले रही थी. भैया और कारण ने हमे आवाज़ दी. हम भी वाहा गये. पापा का लंड 10 इंच का था.

जयश्री भाभी उसको आंदार तक ले रही थी अपनी छूट मे. तभी भैया ने सिमरन को बुलाया और उसको लंड चूसने को कहा. कारण सिमरन की गांद पर हाट फेरा रहा था. मई समझ गया की वो अब सिमरन की गांद मरेगा.

ऐसे ही चलता रहा कुछ दीनो तक और 3 महीने हो गये थे भैया की शादी को. भाबी जयश्री और बेहन सिमरन दोनो प्रेग्नेंट हो गयी थी. ऐसे मे घर का काम करने जयश्री की मों गिरजा और जयश्री की बहने प्रिया और गीता भी आती थी.

पापा ने एक दिन गिरजा को किचन मे पीछे से पकड़ लिया और उसकी गांद पर हाथ फेरने लगे. गिरजा भी चुड़दकड़ थी, उसने तुरंत पापा का लंड मूह मे लेने लगी. और बोली भैसाब आपका लंड बहोट बड़ा है.

पापा उसको अपने रूम मे ले जाकर छोड़ने लगे. उसकी छूट मे लंड डाल कर तेज़ झटके लगाने लगे. मैने देखा की मेरे पीछे जयश्री भाभी की बेहन प्रिया भी खड़ी हुई है. और पापा और गिरजा की चुदाई देख रही है.

तभी मैने उसको पूछा मुझसे चूड़ेगी क्या? तो उसने तुरंत हन कर दिया. मैने उसको पापा के रूम मे ही ले गया और बोला पापा ये मा बेटी दोनो ही बड़ी रंडियाँ है. क्या मे इसको आपके सामने छोड़ सकता हू?

पापा और गिरजा ने हेस्ट हुए हन की और मे प्रिया की मस्त निपल चूसने लगा, उसको काटने लगा. तभी वाहा भैया और छोटा भाई कारण भी आ गये.

उन्होने अपने साथ गीता को भी लाया था और कहा चलो सभ यही पर मज़े लेते हैं और चुदाई शुरू कर दी. एक रौंद होने के बाद भैया गिरजा को पीछे से छोड़ने लगे.

अब गिरजा दो लंड एक साथ ले रही थी, पापा और भैया का. मई प्रिया की छोड़ के गीता के पास गया जहा कारण ने उसकी गांद मे लंड डाला हुआ है. मैने भी उसकी गांद पर अपने लंड रखा और उसमे घुसने लगा.

गीता चीक उठी, उसकी गांद का छेड़ बहोट बड़ा हो गया था और सब हास पड़े. फिर मैने गीता की गांद से लंड बाहर निकाला और उसकी छूट मे डाला, खूब चुदाई की.

उसके बाद कारण ने भी मेरे साथ ही उसकी छूट मे लंड डाल दिया. और दोनो भाई एक साथ गीता की छूट मे झार गये.

वाहा पापा ने अपने सारा रस गिरजा की छूट मे डाल दिया. भैया ने उसके बाद प्रिया की छूट मे लंड डाला और बहोट तेज छोड़ने लगे. और बोले की ये रंडी को भी पेट से करना है, इसको भी छोड़ते है.

भैया उसकी छूट मे झार चुके थे. फिर मैने और कारण ने भी उसकी छूट मे बारी बारी झारा. लास्ट मे पापा ने भी प्रिया की छूट मे चुदाई किया और झार गये.

ऐसे 15 दिन हो गये और पता चला की प्रिया और गीता दोनो भी पेट से हो गयी है. हम सब बहोट खुश हुए और सब गिरजा को ही छोड़ देते थे. क्यू की एक पेट से नही हो सकती थी. उसको हम सब ने मिलकर इतना छोड़ा की उसका छूट का साइज़ बहोट बड़ा और गांद तो अन्य टाइम ढीली रहती थी.

अब नेक्स्ट पार्ट मे बटौगा की कैसे गीता और प्रिया से मैने और मेरे छोटे भाई ने शादी की. और 20 साल बाद स्टोरी मे क्या होता है. [email protected]

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