तिन कुंवारी सहेलियां और मेरा लंड

सीमा और तृप्ति किसी सेक्सी पोर्नस्टार के जैसे हम दोनों को देख रही, जब मैं मुहं को लंड से पम्प कर रहा था. मैंने कहा, चुसो इसे जोर जोर से मेरी रंडी.

अंजलि ने पूरा जोर लगा के मेरे लंड को चूसा. बाप रे कितना मजा आ रहा था मुझे उसे लंड चूसा के. उसका ब्लोवजोब इतना हॉट था की मेरी आँखे बंद हो गई थी और मेरे हाथ उसके बूब्स को जोर जोर से दबा रहे थे. उसने मेरे हेरी बॉल्स को पकड़ के उन्हें दबाये. मुझे देर नहीं लगी अपने वीर्य से उसके मुहं को भरने में. मैंने उसे पिला दिया अपना मुठ. उसने आधा पिया और बाकि के आधे को अपनी सहेलियों के साथ शेयर किया. वो इंग्लिश पोर्न मूवी के जैसे एक दुसरे के मुहं में वीर्य की अदलाबदली कर रही थी.

मेरा लंड ढीला पड़ रहा था जिसे मैंने वापस से अंजलि के मुहं में भर दिया ताकि वो उसे चूस के साफ़ कर सके. तृप्ति और सीमा ने एक दुसरे के बूब्स को और उनके होंठो के उपर लगे हुए मेरे वीर्य को चुसना चालू कर दिया. तृप्ति और सीमा की किस देख के लंड फिर से कडक हो गया और अंजली की साँसे घोटने लगा था.

मैंने तृप्ति और सीमा को अलग किया. फिर मैने तृप्ति के मुहं में लंड दे के कहा, चूस इसको. सीमा अपनी उंगलियाँ मेरी छाती के ऊपर सेक्सी ढंग से चला रही थी. मैंने कहा, तेरी बारी भी आएगी मेरी छिनाल जरा रुक तो! वो अपनी हिला के हमारा शो देखने लगी थी.

अंजलि ने निचे बैठ के मेरे बॉल्स को लिक करना चालू कर दिया था. मैं तृप्ति के एकदम बड़े बूब्स को मसलने लगा था. वो मेरे हाथ से भी बड़े थे. अंजलि के हाथ अब तृप्ति की जांघो के बिच में होते हुए उसकी चूत के दाने को सहला रही थी. तृप्ति के चूत के दाने को उसने इतनी जोर से हिलाया की उसके बदन में कम्पन हुई और वो झड़ गई.

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मैं और अंजलि अभी रुके नहीं थे और एक दुसरे को चरम बिंदु के ऊपर ले जा के प्लीजर देने लगे थे. अंजलि ने तृप्ति की चाटी और उसे देख के मेरा पानी निकल गया. अंजलि की प्यासी जबान ने मेरे वीर्य का केच कर लिया. उसे आधा वीर्य चटा के बाकी का आधा मैंने प्यासी सीमा के मुहं में निकाला.

मेरा लंड अभी भी कडक था जिसे मैंने अब सीमा की सेक्सी चूत के अन्दर डाल दी. उसकी चूत की झिल्ली की पकड़ से मैं समझ गया की वो एकदम वर्जिन माल थी. लंड अन्दर घुसते ही उसके मुहं से अह्ह्ह्ह निकल गया. और वो रोने लगी. मैंने एक झटका और दे दिया उसके दर्द की परवाह किये बिना. उसकी चूत के मसल मेरे लंड के ऊपर टाईट ग्रिप बना चुके थे.

तृप्ति मेरी गांड को सहला के जैसे झटके देने में मदद कर रही थी. अंजलि मेरे बॉल्स को चाट रही थी जब मैं सीमा की चूत पेल रहा था. मैं तृप्ति के बूब्स को चूसते हुए अपनी कमर को हिला रहा था. मैं जोर जोर के झटके देने लगा था. और फिर मेरे बदन से फिर से वीर्य की पिचकारी निकली. इस बार भी बहुत सब वीर्य निकला था. मैं सोफे के ऊपर धंस गया और इन तीनो ने वापस से मेरे वीर्य को एक दुसरे के मुहं में घुमाया और एक दुसरे के बूब्स चुसे और चूत को ऊँगली से हिलाई.

मेरा लंड लुल्ल हो चूका था और लाल भी. सच में एक आदमी को चोदने में इतना सब मजा आता हे वो मुझे खुद को पता नहीं था. मेरा लंड सूजन सा हो चला था.

पांच मिनिट तक हम नंगे ही एक दुसरे के बदन को सहलाते रहे. और मेरा लंड फिर से कडक हुआ. मैंने कहा, अंजलि.

अंजलि और बाकी की लडकियां भी जान चुकी थी की अब किसकी चूत में मेरा लंड जाना हे. अंजलि धीरे से मेरे पास आई और उसने लंड को पकड़ा और अपनी चूत के ऊपर सेट कर दिया. मैंने धक्का दिया और मेरा लंड उसकी सेक्सी मखमल सी चूत में जा घुसा. उसकी चूत के मसल मेरे लंड को जैसे धीरे से गिरफ्तार कर रहे थे. मैंने उसकी गांड पकड ली और उसको निचे की और धक्का दे के लंड को पूरा अन्दर तक घुसा दिया.

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सीमा और तृप्ति दोनों ने अपने बूब्स मेरे फेस पर डाले और वो एक दुसरे को किस करने लगी. मैं एक एक कर के उन चारो बूब्स को चूसने लगा था. अंजलि की झिल्ली ने कोई अवरोध सा नहीं किया और मेरे लंड की गर्मी से जैसे वो पिगल ही गया था. मेरा लोडा अब आराम से उसकी चूत में अन्दर बहार होने लगा था. उसने मस्त ग्रिप बनाई हुई थी और हिल हिल के वो मेरे लंड को ले रही थी. मैंने अब अंजलि के बूब्स पकडे और उसे एकदम जोर जोर से चोदने लगा. वो और मैं कुछ ही पल में एक साथ झड़ गये और झड़ते हुए उसके मुहं से जोर जोर की मोअनिंग हुई.

फिर से वो तीनो लड़कियों ने मेरे वीर्य को शेयर किया. अब की अंजलि की चूत को सीमा और तृप्ति ने चाटा. उन्होंने चूत के रस को भी शेयर किया.

और फिर आखरी वाली लड़की की बारी आई. मेरा लंड इस बार 10 मिनिट खा गया खड़ा होने में. लेकिन जब खड़ा हुआ तो मैंने तृप्ति को घोड़ी बना दिया. पीछे से उसकी बिग एस देखते ही मैंने उसकी चूत को चोदा. वो भी जोर जोर से अपनी गांड को हिला के मेरे लंड को ले रही थी.

वीर्य निकलने पर फिर से वो तीनो खास सहेलियों ने उसको शेयर कर लिया.

मैं निढाल हो चूका था और मेरा लंड दुखने सा लगा था. हम चारों नंगे ही सोफे के ऊपर पड़े हुए थे. मेरे लंड के ऊपर और इन तीनो लड़कियों की चूतों के ऊपर रस सुख चूका था!

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