मा और अंकल के चुदाई संबंध-4

हेलो गाइस स्वागत है आपका “मा और अंकल के चुदाई संबंध पार्ट 4” मे. पिछले पार्ट मे हुँने देखा की कैसे अंकल मा को छोड़ने के लिए तड़प रहे थे और पापा का जाने का इंतेज़ार कर रहे थे.

अब आयेज…

आज पापा जाने वेल थे और अंकल पापा को ड्रॉप करने के लिए गये. मई भी अंकल मे साथ गया था. हुँने पापा को ड्रॉप किया और वापस आते समय अंकल एक सलून मे रुक गये.

अंकल ने अपनी दाढ़ी की और हेर और चेहरे का मसाज भी किया. आज मानो अंकल चमक ही रहे थे जैसे कोई दूल्हा चमकता है. ऐसा लग रहा था की अंकल रात की तैयारी कर रहे थे. अंकल बहोट ही खुश लग रहे थे.

आज तो मानो वो अलग ही अंदाज मे थे और क्यू ना हो आज से रात भर मा को छोड़ने के उनके सपने हक़ीकत मे आने वेल थे. हम अब घर चले गये. अब शाम हो गयी थी और हम सबने खाना खाया और दादी टीवी देख रही थी. और हमारा सोने का भी समय हो गया था.

लेकिन अंकल को कोई काम आ गया शायद और वो बाहर चले गये. मा ने अंकल को कॉल नही किया शायद कोई इंपॉर्टेंट काम होगा तो मा ने भी कोई दखलंदाज़ी नही की.

अब रात के 10. 30 भाज गये थे और मई और मा सोने को गये मा ने मुझे सुलाया और वो कुछ मोबाइल पे कर रही थी. तभी मों की मोबाइल की घंटी भाज गयी. वो अंकल का ही कॉल था.

अंकल – हेलो, क्या कर रहे हो आप, सो तो नही गये क्या

मों – नही अभी नही, बोलो ना

अंकल – आज आपको मालूम है जो मई मागुंगा आपको देना है.

मों- हा देखते है आ जाओ पहले घर. जल्दी नही आए तो कुछ भी नही मिलेगा.

अंकल – ऑश ऐसा क्या अभी आता हो. लेकिन मुझे वो आप ब्लॅक स्लीप मे बहोट आक्ची लगती हो, क्या आज आप पहन सकती हो आज मेरे लिए.

मों – हा, आजओ देखती हो.

अंकल – ओहक कहा और कॉल क्ट किया.

मा ने फोन साइड मे रहा और अपना कपबोर्ड खोला और ब्लॅक कलर की स्लीप निकली. और मा ने रेड कलर की ब्रा और पनटी भी निकली.

मा ने एक बड़े मिरर के सामने खड़े होके फले अपनी सदी उतरी. अब मा पूरी नंगी हो गयी थी. मा का वो नज़ारा देख के ऐसा लग रहा था मानो कोई कामदेवता ही आई हो रूम मे. मा ने अपने बॉडी को सॉफ किया और पर्फ्यूम लगा या.

उनका पेरफूयं मुझे महसूस हो रहा था. क्या सुगंध था वो. अगर कोई सुंग ले उसका जगह पे खड़ा हो जाए. मा ने ब्रा और पनटी पहनी और उसपे ब्लॅक स्लीप पहें ली और बेड पे आके शायद अंकल आने का इंतेज़ार करने लगी.

तभी थोड़ी देर बाद हमारे गाते की आवाज़ आ गयी साथ मे हुमारा कुत्ता भी बाहर भागते हुए गया और अंकल की गाड़ी की आवाज़ आ गयी. मा और मई दोनो समाज गये थे की अंकल आ गये है.

मई चुपचाप सोने का नाटक कर रहा था. और मा को ढयन से देख रहा था पूरे रूम मे दीं लाइट थी. तो मुझे सॉफ सॉफ दिख रहा था. की क्या हो रहा है.

अब 11 भाज गये थे और अंकल आके पहले उनके रूम मे चले गये और शायद दादी भी अंकल के आने इंतज़ार कर रही थी और अभी सोई नही हुई थी और टीवी देख रही थी. अंकल ने अपने कपड़े चेंज कर लिए और. अब दादी के सोने का इंतेज़ार कर रहे थे.

अब दादी ने भी टीवी ऑफ किया और सोने को चली गयी. हुमारा डॉगी जो एक कुटा था वो बाहर ही हॉल मे बैठा था शायद वो भी अब सो रहा था. अंकल ने जैसे ही दादी को उनके रूम मे जाते देखा. तो कुछ समय बाद हमरे रूम का डोर ओपन हुआ और अंकल अंदर आ गये.

अंकल ने मा को स्माइल दी. मा बेड पे बैठी थी. मा को ऐसे ज़्ज धज के देख कर उनकी बोलती बंद हो गयी. वो आए और बेड पे बैठ गये उन्होने शायद कुछ लाया था. उन्होने एक शॅंपेन लाई थी और साथ मे दो ग्लास भी लाए थे.

अंकल ने मा से खा सर्प्राइज़. ये आपके लिए

मों- ऑश थॅंक्स, तो खोलो इसे.

अंकल ने बॉटल खोली और दो ग्लास भर दिए और दोनो ने चियर्स करके एक एक घूँट पी लिया और अब दोनो कुछ इधर उधर की बाते करने लगे.

अंकल – आज तो हुस्न की पारी ही आई है घर मे. आज आप बहोट ही सुंदर लग रहे हो.

मों- तो तुम्हारा क्या मतलब है मई डेली सुंदर नही लगती.

अंकल – ंहज ऐसा तो मैने नही खा, लेकिन आज तो आप लाजवाब लग रही हो. ऐसा लग रहा है की आपको देखता ही राहु और आपके इन ओठो को चूमता ही र्हू

मों – आज तो बहोट तारीफ के पुल बँधे जा रहे है. समाज आ रहा हज ह्यूम. ऐसा क्यूँ

अंकल – आप हो ही तारीफ के काबिल. मई ही क्या सारा मोहला आपकी एक ज़लाक के लिया तरसता है.

मों – अब कुछ जाड़ा ही हो गया ना.

अंकल – सच मे, इस मोहल्ले मे आप जैसा सुंदर कोई नही है. लेकिन मेरी किस्मत नही है की आप मेरी बीबी नही हो.

मों – ऐसा क्या, ये तो सही है. लेकिन तुम्हे बुरा नही लगता क्या, ज्ब लोग तुम्हारी भाभी को तड़ते है बुरी नज़र से.

अंकल – मुझे बहोट बुरा लगता है ज्ब लोग आपको तड़ते है लेकिन अब कर भी क्या सकते है. हम किसी की आँख भी तो बंद नही कर सकते है. और उसमे उनका क्या दोष, कोई भी हुस्न की पारी को देखना ही चाहेगा.

मों – ऐसा क्या

अंकल – लेकिन हुस्न की पारी सबके नाशिब मे ंहज होती, वो देखकर ही अपना दिल बहलाते है. सिर्फ़ किस्मत वालो को ही हुस्न की देवी की सेवा करने का मौका मिलता है.

मों- तो फिर तो आपकी किस्मत बड़ी
है. जो ये मौका आपको मिला है.

अंकल – हा है ना, बोलिए महारानी जी ये आपका गुलाम आपकी क्या सेवा कर सकता है. आप जो कहोगी वही होगा. बंदा हुमेशा आपकी सेवा मे मौजूद है.

मों- ओहक, तो आप बॉडीबिल्डिंग करते है, स्टेज पे जाके अपनी बॉडी के पोज़ देते है. आज ह्यूम दिखाओ कैसे करते हो आप.

अंकल – सिर्फ़ इतना ही, लेकिन इनाम हम म्न चाहा लेंगे.

मों- ठीक है, अगर ह्यूम पसंद आई आपकी पोज़ तो. च्लो अब अपने कपड़े उतरो और शुरू हो गाओ.

अंकल ने अपने कपड़े उतरे और बेड के सामने आके कुछ बॉडीबिल्डिंग के पोज़ करने लगे. मा बेड पे बैठ के एक हाथ मे वाइन का क्लास लेके मज़े से अंकल को घूर रही थी.

अंकल का शरीर भोथ गतिला था और छाती बड़ी चौड़ी. अंकल एक बॉडीबिल्डर थे और वो हमेशा से ही प्रतियोगिता मे बॉडीबिल्डिंग के लिया भाग लेते थे.

अब मा ने कहा ठीक है. अब अपनी चड्डी ुअतरो और कुछ करके दिखाओ मज़ा नही आया.

अंकल -. ये काम तो आपको ही करना होगा भाभी जी, भाभिजी बहोट पुराना लगता है आप पर सूट नही करता आप पे, क्या मई आपको निक्की कह सकता हू प्यार से.

मों – ऑश, लेकिन सिर्फ़ अकेले मे, समझ गये? तो निकालो अपनी चड्डी.

अंकल – ये तो आप को ही निकलना होगा और बिना हाथ के सिर्फ़ अपने मूह से.
मा अंकल का इशारा स्माज गयी थी तो मा ने भी हा खा और अंकल मा के सामने आके खड़े हो गये.

मा अपनी जीभ से अंकल की नाभि से चाटते हुए नीचे ट्के आ गयी और अपने डटो से अंकल की चड्डी नीचे खींच दी.

अंकल का मोथा सा 7. 5 इंच लंबा लंड मा के सामने था. मा ने अंकल को बोला चलो अब कुछ करो.

अंकल नंगे ही कुछ पोज़ करने लगे. अंकल का ताना हुआ लंड हिल रहा था और मा को ये नज़ारा बहोट आछा लग रहा था. मा अंकल के बॉडी को देख के अपनी हवस को और जाड़ा जगा रही थी. मा अंकल को देख के अपने ओठो को डटो से काट रही थी.

अब अंकल भी समाज गये थे के मा मूड मे आ गयी है. तो अंकल आयेज आए और मा के सामने उनका लंड लेके खड़े हो गये. जैसे ही माने अंकल का लंड उनके मूह के नज़दीक देखा माने ज़तक से लंड को हटो मे पकड़ा और अपने जिव्हा से चाटने लगी.

मा अब बड़े प्यार से लंड को चूस रही थी और अंकल के मूह सी कामुक आवाज़ आ रही थी. ये नज़ारा देख के मे तो पागल हो रहा था. अंकल का लंड मा के मूह मे पूरा नही जा रहा था. और उसे चूसने की आवज़ मा के मूह से बाहर आ रही थी.

मा की कोमल जीभ और ओत अंकल के लंड को ज़ोर ज़ोर से चूस थे थे. अब अंकल ने मा के सिर को पकड़ा और मा के मूह मे अपना लंड आयेज पीछे करने लगे. शायद वो मम्मी के मूह को छोड़ना चाहते हो. लेकिन मा ने माना किया और मा बेड पे लेट गयी.

अब अंकल ने मा की स्लिप उतरी और मा को कुत्ते की तरहा चूमने लगे. अंकल का 94 क्ग वेट मा के 55 क्ग वेल शरीर पे था और इससे मा को तोड़ा दर्द भी हो रहा था लेकिन अंकल ने अब मा की ब्रा निकल दी. और मा के बूब्स को चूसने लगे. अंकल मा के बूब्स को निचोड़े रहे थे.

अंकल ने मा के बूब्स को लाल कर दिया और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगे. मा के मूह से सिसकिया आने लगी.

मों – ऑश बाबू धीरे से डाब्बाओ, दर्द होता है ऑश ह्म आउच

अब अंकल ने मा के शातिर को चाटते हुए मा की छूट ट्के पहुँच गये और मा की पनटी निकल दी. अब मा की नाज़ुक से छूट अंकल की जिव्हा का इंतेज़ार कर रही थी. मा ने अंकल के सिर को पकड़ा और छूट मे घुसा दिया. अंकल अब मा की छूट को छत रहे थे. मा की छूट से चाटेने की आवाज़ आ रही थी.

और मा की मूह से भी आवज़े आ रही थी. नीचे अंकल का लंड टाइट होके मा की छूट मे जाने को तरस रहा था. और इधर मे मा और अंकल की चुदाई का मज्जा ले रहा था. अब मुझे भी ये देखना अक्चा लग रहा था.

अब अंकल ने अपने लंड को मा की छूट पे सेट किया और अपने कमर से ज़ोर का ज़टका दिया. पहले तो अंकल का आधा लंड अंदर गया और मा की चींखे बाहर आ गयी और अंकल आयेज पीछे करने लगे.

अब अंकल और एक झटका लगाया और अपना पूरा लंड मा की नाज़ुक सी छूट मे घुसा दिया. और अंकल अब मा को ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगे. मा की हालत खराब होने लगी. अंकल का ह्र एक धक्का ब्डा जोरदार था.

ऐसा लग रहा था की लोहार अपने हतोड़े से किसी मुलायम रब्बर पे मार रहा हो. ह्र एक धक्के के साथ मा की छूट से फट फट और अंदर से पूछ पूछ की आवाज़ आ रही थी. और उसी के साथ मा की मूह से भी दर्द और कामुकता भारी आवाज़ आ रही थी.

मों – ऑश बाबू फूच फक मे, औच्च ह्म

मा की मूह से निकली आवाज़ और उनकी छूट से निकली पूछ पक की आवाज़ मिक्स हो गयी थी और पूरे रूम मे एक माधहोषी सी च्चाई थी.

अंकल ने अब पोज़ बदल दी और मा को अपने उपर बिता दिया और लंड को छूट मे डालके नीचे से उपर मा को छोड़ने लगे. मा भी अंकल के लंड पर उछाल कूद कर रही थी और मजे ले रही थी. अब मा और अंकल ज़दने वेल थे.

और मा ने पहले ही बताया था की अंदर ंहज डालनेका तो अब अंकल ने पोज़ बदल दी और मा के उपर आ गये और ज़ोर ज़ोर से मा को छोड़ने लगे. ऐसे ही छोड़ते छोड़ते कुछ समय बाद मा ने एकदम से अंकल को अपने हटो से ज़ख़्ड़ लिया और मा ज़ड़ गयी.

अंकल फिर बजी मा को छोड़ थे थे और अब अंकल की धक्को की स्पीड बढ़ गयी और अंकल ने एकदम से लंड को बाहर निकाला और कॉंडम पहें लिया और फिरसे छूट मे लंड डाला और ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगे. थोड़ी देर मे अंकल एक ज़ोर के धक्के से ज़ड़ गये और उसी त्रहा मा की उपर प्ड गये.

फिर अंकल ने मा को किस किया और अपना कॉंडम उतार दिया और वही टवल से अपने लंड को सॉफ किया और वही मा के बगल मे पड़े रहे.

तो बे कंटिन्यूड…

आपको ये कहानी कैसे लगी बताईएएगा ज़रूर

यह कहानी भी पड़े  कज़िन के साथ चुदना ओर चुदाना


error: Content is protected !!