मैं: चल अब तू बेड पर आ जेया. तेरी गांद बजा देता हू.
रूपाली मुझे देख कर हासणे लगी, और मेरे लंड पर हल्के से मारने लगी. और वो मुस्कुराते हुए बेड पर जाने लगी.
अब आयेज की सेक्स कहानी-
अभी रात के 9 बजे थे. मैं अनिल की मा को रात भर छोड़ने वाला था. उसकी 32″ की कड़क सील्ड गांद को छोड़ने वाला हू. रूपाली बेड पर घोड़ी बन गयी थी. मेरा लंड उसकी गोरी गांद को देख कर उछाल रहा था.
रूपाली के नंगे गोरे जिस्म को देख कर और उसकी गरम सेक्सी गांद को देख कर किसी का भी लोड्ा लोहा हो जाएगा. मैने उसकी गांद पर दोनो तरफ 2 से 5 छानते मारे. शत शत शत की आवाज़ उसके बेटे के कानो तक जेया रही थी.
अनिल बाहर अपनी मा को चूड़ते हुए देख रहा था. मैं अब लंड लेके बेड पर गया. रूपाली की गांद के च्छेद को अपनी गरम ज़ुबान से चाट रहा था. जिससे उसकी गरम सिसकियाँ निकालने लगी.
रूपाली: उहह श बेबी ऑश और छातो मेरी गांद. क्या चरम सुख मिल रहा है.
एक हाथ से मैं गांद को मसल भी रहा था. एक उंगली उसकी गांद में अंदर-बाहर कर रहा था. गांद का च्छेद बहुत छ्होटा था. आज उसकी गांद से पक्का ब्लड निकालने वाला था. रूपाली को भी आज अपनी गांद छुड़वाने थी.
मैं बोला: श वाउ मेरी जान. बहनचोड़ क्या मखमल जैसी गांद है. आज तेरे गांद का भोंसड़ा बना दूँगा.
रूपाली: ह्म उम्म्म हा मेरे राजा. बना दो जो बनाना है. सब आपका ही है अब. इस जिस्म पर आपका ही हक़ है.
10 मिनिट तक उसकी गांद को खूब छाता, और थप्पड़ मार-मार कर गांद को गोरी से लाल कर दिया. मेरे हर थप्पड़ पर वो चीख जाती थी.
रूपाली: आह आह मा. ऑश नही आह बाबा धीरे.
मैं: साली रंडी. चुप रह. 40 की उमर में तूने ऐसी ग़ज़ब गांद कैसे च्छूपा ली?
रूपाली: आप जैसा कोई मिला ही नही इस तरह प्यार देने वाला. आपके लिए ही है ये अब.
अब मैं अपने गरम खड़े लंड को उसकी गांद के च्छेद पर ले गया. लंड को गांद के च्छेद पर सहलाने लगा. लंड के टोपे को गांद पर धीरे से पटक रहा था, जिससे उसकी सिसकियाँ निकालने लगी.
रूपाली: ष्ह उम्म्म रोहित जी उहह. बहुत अछा लग रहा है. प्लीज़ अब डाल दो ना.
एक हाथ से मैं उसकी छूट को मसल रहा था. छूट उसकी चुदाई से फटत चुकी थी. छूट का छिलका बाहर लटक रहा था. मैं उससे ज़ोर से मसला तो उसकी चीख निकल गयी.
रूपाली: आह मत करो ना. प्लीज़ बेबी आह मा.
अनिल गाते के बाहर से हमे देख रहा था. उसकी मा नंगी घोड़ी बनी हुई थी. गरम-गरम सिसकियाँ पुर रूम छा रही थी. रूपाली और मुझसे अब रहा नही गया.
मैने अब लंड का एक झटका गांद में दिया. तो गांद टाइट होने की वजह से लंड अंदर नही गया. रूपाली की उहह निकल रही थी. मैने 3 से 4 बार ट्राइ किया, पर लंड गांद में जेया ही नही रहा था. तो वो बोली-
रूपाली: क्या हुआ बेबी? डालो ना यार. मुझसे अब रहा नही जेया रहा है. छोड़ो ना मुझे.
मैं: तेरी गांद सच में बहुत ज़्यादा टाइट है. लंड पर आयिल लगाना ही पड़ेगा.
रूपाली: लगा लो ना. जल्दी करो बेबी.
मैं: लेके आ ना आयिल.
रूपाली जल्दी से बेड से उठी, और रूम में हेर आयिल था. उसे लेके वो मुझे देने लगी. मैने उसका निपल ज़ोर से दबा दिया. जिससे उसके मूह ज़ोर की आह आ मा निकल गया.
मैं: बेहन की लोदी साली रंडी. तू लगा ना आयिल लोड पर. मुझे क्यूँ दे रही है?
रूपाली: श बाबा, आप ये बात प्यार से भी कह देते ना. दर्द हुआ मुझे यार.
मैं: तुझे खुद को सोचना चाहिए ना.
फिर मैने रूपाली को प्यार से किस किया. वो मुस्कुराने लगी. हेस्ट हुए उसने जल्दी से लंड पर हेर आयिल लगाया. 7 इंच के गरम लंड पर उसने ढेर सारा आयिल लगाया. आयिल लगा के वो अब जल्दी से बेड पर घोड़ी बन गयी. मुझे प्यार से कहने लगी.
रूपाली: बेबी अब डाल दो ना. अपने इस शैतान से फाड़ दो मेरी गांद अब.
मैने अब लंड गांद के च्छेद पर रखा. उसकी कमर को ज़ोर से पकड़ कर एक ज़ोरदार धक्का दिया. जिससे एक बार लंड 5 इंच तक गांद में चला गया. लंड के अंदर जाते ही गांद ने लंड को अंदर पकड़ लिया. रूपाली की ज़ोरदार दर्द भारी चीख निकल गयी.
रूपाली: ह ह मा ऑश निकालो प्लीज़. ऑश ष्ह दर्द हो रहा है.
रूपाली की चीख पुर घर में चली गयी थी. मैं रुका नही, और एक और धक्का दिया. जिससे पूरा लोड्ा गांद में अंदर तक चला गया. रूपाली की हालत खराब हो गयी.
रूपाली: आह मा नही ष्ह मॅर गयी मा. प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ निकल लो ना. वरना मैं मॅर जौंगी आज.
मैं: बस मेरी जान. थोड़ी देर रुक जेया, दर्द चला जाएगा.
रूपाली तकिये के अंदर मूह दबा के ज़ोर से रोने लगी. रोते हुए बोली-
रूपाली: आह मा मुझे मत छोड़ो ना. छूट में कर लो, आपका लंड बहुत बड़ा है. मेरी गांद फाड़ दी है. ऑश ना ना आह मम्मी.
वो तकिये को ज़ोर से पकड़ कर रोने लगी. मैने उसकी कमर टाइट पकड़ रखी थी. एक हाथ से उसके बूब्स हल्के से दबा रहा था. जिससे उसका दर्द सेक्स की आग में जल जाए, और वापस से गरम हो जाए.
रूपाली की गांद से मैने लंड को धीरे से बाहर निकाला. तो गांद से खून निकालने लगा था. आज उसकी गांद की सील टूट गयी थी. मैने उसे लंड पर लगा खून दिखाया. फिर कहा-
मैं: देख रूपाली बेबी. तेरी गांद की सील तोड़ दी.
मैने लंड उसके बेटे को भी दिखाया, और वो मुझे बेस्ट ऑफ लक बोल के खुश हो गया. रूपाली ने लंड को देखा और बोली-
रूपाली: बाप रे, तुमने गांद फाड़ दी आज. मार डाला मुझे. प्लीज़ रहने दो ना. बहुत दर्द हो रहा है.
मैं उसके होंठो को चूमने लगा. उसके होंठो को चूस्टे हुए छूट धीरे से रब करने लगा था. इससे उसके दर्द भारी चीख गरम सेक्सी सिसकियों में बदल गयी.
रूपाली: उम्म्म उहह ऑश श.
मैने उससे 10 मिनिट तक खूब चूमा, और उसके बूब्स को चूसा. तब जाके उसका दर्द कम हुआ. अब मैने कहा-
मैं: चल अब घोड़ी बन जेया. तुझे छोड़ना है. लंड तेरी गांद का दीवाना हो गया है.
रूपाली: हाथ जोड़ के कहती हू. प्लीज़ धीरे से करना. मेरे अंदर इतनी ताक़त नही है, की आपका लंड से लू.
मैने उसे घोड़ी बनाया, और लंड वापस गांद में एक ही धक्के में घुसा दिया. मुझे उसके बेटे अनिल की बात याद आई. उसने कहा था की मम्मी की चीखें निकाल देना. इसलिए मैने अब गांद में लोड्ा अंदर तक घुसा दिया.
रूपाली फिर से दर्द में चीखी, उसकी चीख रूम से बाहर उसके बेटे तक गयी. मैं अब बिना रुके गांद मारने लगा. एक हाथ उसके कंधे पे, और दूसरा कमर पर रखा. फिर ज़ोर-ज़ोर से धक्के देने लगा.
रूपाली: ह आह मा, नही-नही मा, बस करो. धीरे प्लीज़ ऑश आह ष्ह ह.
रूपाली ऐसे ही दर्द में चिल्ला रही थी, और उसकी आँखों से आँसू भी निकल रहे थे. मैं बस बिना ध्यान दिए गांद को फाड़ने में लगा था. लंड की स्पीड थोड़ी बढ़ा दी.
उसकी गांद से खून बह रहा था जो मेरी बॉल्स पर भी लग गया था. ठप ठप ठप की आवाज़ गांद मारने की निकल रही थी. मेरा लोड्ा गांद में जाता तो गांद का च्छेद लंड की शेप में चौड़ा हो जाता था.
चुदाई से गांद का च्छेद लाल होने लगा. उस पर खून भी लगा हुआ था. रूपाली तकिये में मूह दबा कर बस चुदाई के दर्द को से रही थी. 10 मिनिट ऐसे ही उसे छोड़ा. अब उसकी गांद काफ़ी खुल गयी थी.
मैने अब उसे बेड के किनारे किया. मैं बेड से नीचे उतार गया. रूपाली बेड के कॉर्नर पर घोड़ी बनी हुई थी. मैं उसकी छूट को चूमने लगा. इससे उसके मूह से श श उम्म्म निकल रहा था. उसकी छूट भी गीली हो चुकी थी. अब उसे भी मज़ा आने लगा था. मैने कहा-
मैं: क्या मेरी रानी. तेरी छूट गीली हो गयी. तू भी अब चुदाई का मज़ा ले रही है.
रूपाली: क्या मज़ा, दर्द से बदन टूट गया है. अभी तोड़ा अछा फील हुआ है.
मैं: मेरी जान. शुरुवत में तोड़ा दर्द होता है. तेरी गांद काफ़ी टाइट थी, इसलिए तुझे इतना दर्द हुआ है.
रूपाली: हा लेकिन आपका लंड बड़ा भी है. गांद के अंदर तक उसने दर्द दिया है. चलो कोई बात नही. वैसे भी अब सब कुछ आपका ही है.
मैने उसकी छूट को चूम लिया. तो उसके मूह से ष्ह बेबी निकल गया. मैं उसकी गोरी कमर और गांद को भी खूब छाता था. जिससे वो गरम हो गयी.
मैने अब खून लगा लंड उसकी गांद के च्छेद पर मसल रहा था. लंड पर लगा खून गांद पर लग गया, और साथ में रूपाली भी सिसक गयी. उसके मूह उहह उम्म्म निकालने लगा.
दोस्तो कहानी अभी बाकी है. अगले भाग में ज़रूर पढ़ना. और मुझे गम0288580@गमाल.कॉम पर अपना मैल भेजना.
किसी भाभी हाउसवाइफ या हाइ प्रोफाइल लेडी को सेक्यूर्ली सेक्स या रिलेशन्षिप चाहिए, तो मुझे मैल ज़रूर करना. आप मुझसे गूगले छत पर भी बात कर सकते है.
थॅंक्स ड्के.