दोस्तो, आज मैं आप लोगों को ये बताऊँगा कि कैसे मैंने अपनी सेक्सी नौकरानी को चोद दिया।
बात उस समय की है.. जब मैं अपने शहर से बहुत दूर दिल्ली में पढ़ाई करने आया था।
लगभग एक साल बाद मैं अपने घर होली की छुट्टियों में वापस गया। रात को तीन बजे मैं घर पहुँचा और थके होने के कारण सो गया।
सुबह सात बजे मुझे लगा कि कोई मेरे कमरे में है तो मैंने कंबल के अन्दर से झाँक कर देखा कि हमारी नौकरानी झुक कर झाड़ू लगा रही थी और उसके स्तन दिख रहे थे।
मैं उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों को छुप कर देखने लगा।
आपको अपनी नौकरानी के बारे में बता दूँ उसका नाम रामा था उसकी उमर 34 साल होगी.. थोड़ी सांवली थी.. पर उसका 36-30-38 का फिगर गजब का था।
मैं जब भी घर जाता था.. तो उसके लाजवाब जिस्म को देख कर अपने हाथ से अपना माल निकाल देता था।
तो दोस्तो, मैंने उठने का बहाना किया और ऐसा नाटक किया कि जैसे मैंने उसको देखा ही नहीं है और मैं कम्बल हटा कर बिस्तर से नीचे खड़ा हो गया।
मैंने सिर्फ़ बॉक्सर पहने था और उसकी मस्त चूचियाँ देख कर मेरा लण्ड पहले से ही खड़ा हो गया था। मैंने उसको देख कर चौंकने का नाटक किया और बोला- अरे तुम यहाँ?
पर वो कुछ नहीं बोली.. उसकी नज़र मेरे लण्ड पर थी।
मैंने अपने लण्ड को जिसने मेरे बॉक्सर को तंबू बना दिया था.. अपने हाथ से छुपाने का नाटक किया.. तो वो हल्के से मुस्कुरा दी और मैं भी मुस्कुरा कर बाथरूम में चला गया।
जब मैं बाथरूम से वापस आया तो वो मेरे कमरे में पोंछा लगा रही थी, मैंने उससे बात करना शुरू कर दिया, मैं बोला- और रामा कैसी हो?
वो बोली- ठीक हूँ बाबू.. आप अपनी पढ़ाई ख़त्म करके आ गए या अभी फिर वापस जाओगे?
मैं बोला- नहीं रामा मैं तो बस दो हफ्ते की छुट्टी ले कर आया हूँ।
वो थोड़ा निराश होकर बोली- तो फिर आप 2 हफ्ते बाद वापस चले जाओगे?
मैंने कहा- हाँ..
फिर मैंने उससे पूछा- घर में सब ठीक है.. पति की ठेकेदारी कैसी चल रही है?
तो उसकी आँखों में आँसू आ गए और वो रोने लगी।
वो बोली- मेरे पति को पीलिया हो गया था और सही इलाज ना होने की वजह से 8 महीने पहले उसकी मौत हो गई।
मैंने उसके कंधे पर हाथ रख कर उसको चुप कराया और उसके आँसू पोंछे।
ऐसे ही दो-तीन दिन निकल गए और हमारी बातों का सिलसिला चलता रहा।
एक दिन मेरे घर वालों को होली की शॉपिंग के लिए मार्केट जाना था.. तो उन्होंने मुझसे बोला- हम बाजार जा रहे हैं.. काम वाली आएगी तो दरवाजा खोल देना और घर का काम करा लेना।
मैं तो कब से इस मौके की तलाश में था कि कब मुझे काम वाली के साथ अकेले में समय बिताने को मिले।
मैंने घर वालों के जाते ही दरवाजा बंद कर दिया और कुण्डी नहीं लगाई और अपने कमरे में आ कर चड्डी उतार कर सिर्फ़ तौलिया लपेट कर लेट गया और उसके आने का इंतज़ार करने लगा।
दस-बारह मिनट बाद मुझे दरवाजा खुलने की आवाज़ आई.. तो मैंने सोने का नाटक कर लिया।
वो आ कर मेरे कमरे में सफाई करने लगी और जब वो मेरे बिस्तर के पास आए तो मैंने करवट बदल दी.. जिससे मेरी चादर हट गई और तौलिए के अन्दर से मेरा लंड दिखने लगा।