ट्रक ड्राईवर और क्लीनर ने माँ को चोदा

कुछ ही मिनटों में मैंने आँखे बंद कर के सोने की एक्टिंग की. और बुलाराम फिर धीरे से खड़ा हुआ. वो आगे ट्रक के केबिन में झाँकने लगा एक छेद से. मैंने भी सोचा की लाओ मैं भी देखूं माँ को चुद्वाते हुए. मैंने खड़ा हुआ तो बुलाराम की हवा निकल गई. मैंने हाथ को मुहं पर रख के उसे चूप रहने का इशारा किया. बुलाराम कुछ नहीं बोला.

एक दुसरे छेद से मैंने आँख लगा के देखा तो अन्दर रतन ने अपनी लुंगी उतार दी थी. वो गियर के शाफ़्ट के ऊपर की जगह के ऊपर बैठा हुआ था. मम्मी के बाल खुले हुए थे और वो उसका लंड पकड़ के हिला रही थी. फिर रतन ने उसे खिंच के अपना लोडा उसके मुहं में दे दिया. रतन सिंह का लंड कम से कम 8 इंच लम्बाई में और 3 इंच चौड़ाई में था. शायद मम्मी को इतना बड़ा लंड देख के और भी चुदास चढ़ गई थी.

मम्मी आधे लंड को ही अपने मुहं में ले पा रही थी. लेकिन आधे लंड को भी वो एसे सेक्सी ढंग से चूस रही थी जिस से रतन के होश ही उड़े हुए थे. वो आँखे बंद कर के आह्ह अह्ह्ह्ह ओह ओह कर रहा था.

कुछ देर तक मम्मी ऐसे ही लंड को चुस्से लगाती रही. फिर रतन ने उसे अपने पास लिया और उसके कमीज को ऊपर से खोला और मम्मी के बूब्स को चूसने लगा. मम्मी ने उसके लंड को अपने हाथ में पकड़ा हुआ था और वो उसे हिला रही थी. रतन की आह निकलती हुई सुनी जा सकती थी पीछे भी. बुलाराम ने अपने लंड को बहार निकाल दिया था और वो उसे हलके हलके से मल रहा था. वैसे मम्मी की ये क्सक्सक्स फिल्म को देख के खड़ा तो मेरा भी हो गया था!

रतन ने अब मम्मी की सलवार का नाडा खोला और उसे ड्राईवर की सिट के पीछे की सिट के ऊपर लम्बा कर दिया. मैं और बुलाराम उन दोनों से एक डेढ़ फिट ही दूर थे लेकिन बिच में केबिन की दिवार होने की वजह से वो हमें नहीं देख सकते थे.

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रतन ने मम्मी की पेंटी को फाड़ दिया और उसे कुत्ते के जैसे सूंघने लगा. फिर उसने उस पेंटी को अपने कडक लंड के ऊपर घिसी. मम्मी के बूब्स को पकड़ के उसने कहा. तुम को देख के ही मैं समझ गया था की तुम बहुत टाइम से चुदी नहीं हो और प्यासी हो.

मम्मी ने कहा. तुमने जब लुंगी में हाथ डाल के लंड को खुजाया तभी मैंने भी तय कर लिया था की इस बड़े लंड को मैं ले लुंगी अपनी बुर में.

रतन मेरी माँ के ऊपर झुका और उसने अपने लंड को चूत के ऊपर लगा दिया. मम्मी के मुहं से एक जोर की आह निकल गई जिसे रतन सिंह ने अपने हाथ से दबा दी. उसका लंड माँ की चूत में बवाल मचाते हुए घुसा था. वो सरदार का लंड सच में काफी बड़ा था और किसी भी चूत को वो दर्द दे सकता था.

मम्मी को पकड़ के वो जोर जोर से धक्के देने लगा और बोला, साली क्या कडक चूत हे तेरी चोदने में मजा आ रहा हे. मम्मी भी अपनी कमर वाले हिस्से को हिला हिला के उसके लंड को एन्जॉय कर रही थी.

कुछ देर ऐसे निचे लिटा के चोदने के बाद मम्मी को इस ड्राईवर ने घोड़ी बना दिया. फिर पीछे से अपना लोडा उसने मम्मी की चूत में पेल दिया. मम्मी अपनी हॉट बड़ी एस को हिला रही थी और रतन सिंह उसे जोर जोर से चोदने लगा था. रतन सिंह माँ के बूब्स को मसल रहा था और उसको कंधे से पकड के जोर जोर से अपने लंड के ऊपर खिंच के हिला रहा था.

कुछ देर की चुदाई के बाद उसके लंड से ढेर सारा वीर्य निकल के मम्मी की चूत में ही निकल गया. मम्मी शांत हो गई और रतन ने धीरे से अपना लोडा निकाल लिया. रतन ने अपने शर्ट से पांच सो का नोट निकाला तो मम्मी ने कहा, नहीं नहीं मुझे पैसे नहीं चाहिए.

रतन ने कहा, ले लो कोई बात नहीं हे.

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मम्मी ने कहा, मैं रंडी नहीं हूँ, सिर्फ लंड की भूखी थी.

रतन ने कहा, फिर एक काम और करो मेरा.

मम्मी ने कहा क्या?

रतन ने कहा, मेरे क्लीनर का भी बड़ा लंड हे, तुम चाहो तो मैं पीछे जा के उसे भेजता हूँ.

मम्मी ने कहा, वो तो काफी गन्दा हे.

रतन ने कहा, उसके सिर्फ कपडे गंदे हे लंड तगड़ा हे.

मम्मी बोली, मैं उसे बिना कंडोम के नहीं चोदने दूंगी.

रतन ने कहा, अरे कंडोम लगा लेगा वो. उसकी जेब में एक पेकेट होता ही हे हमेशा.

फिर रतन अपने कपडे ठीक कर के निचे उतरा. मम्मी ने सलवार नहीं पहनी थी सिर्फ कमीज से अपने बूब्स को और पेट को ढंक लिया था. रतन पीछे से ऊपर चढ़ा उतने में मैं और बुलाराम सोने की एक्टिंग करने लगे थे. रतन ने बुलाराम को हिलाया और बोला, जा अब तू हवा पानी चेक कर आ मैं यहाँ सोता हूँ.

बुलाराम खुश होते हुए निचे उतरा. मैं जानता था की वो मेरी माँ की चूत की ही हवा पानी चेक करने के लिए गया था.

आधे घंटे के बाद वो वापस आया. रतन ने मुझे हिलाया और बोला, चलो अब हम निकलेंगे बेटा.

मैने कहा, वो जो गाड़ियां आने वाली थी वो आ गई.

रतन ने कहा नहीं लेकिन आज कोई मंत्री इस रास्ते से जा रहा हे इसलिए रस्ते पर बहुत पुलिस वाले हे इसलिए कोई चोर डाकू नहीं आयेंगे.

अब मैं उसे कैसे कहता की मुझे पता है की जो दो डाकू को आ के मेरी माँ की चूत मारनी थी वो तो अपना काम कर के निकल चुके हे. हम सब लोग आगे चढ़े. मम्मी को और मुझे हाईवे पर ऑटोस्टेंड पर छोड़ के वो निकल रहे थे तो माँ ने उसे अपना नम्बर दिया और कहा, आप इधर से गुजरो तो फोन कर देना मुझे.

मैं समझ गया की माँ को इस बूढ़े सरदार का लंड पसंद आ गया था और वो आगे भी उसके लंड से अपनी चूत को चुदवाने की चाह रखती थी!!!

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