दोस्त की माँ ने चुदाई करवाई

आंटी ने भी निचे देख के कहा, आई लव यु टू!

फिर क्या था मैंने आंटी के होंठो के ऊपर अपने होंठो को रख दिया और उसे स्मूच करने लगा. आंटी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. मैंने उन्हें 10 मिनिट तक जोर जोर से किस किया. और फिर हम अलग हुए और मैंने  आंटी के बूब्स पकड लिया. आंटी थोड़ी पीछे हटी और बोली, नहीं अभी नहीं!

मैं: क्या हुआ आंटी, अभी मौका तो हे हमारे पास!

आंटी: नहीं ऐसे नहीं यार, बहुत लोग घर में ही हे अभी, कोई आ गया तो प्रॉब्लम होगा.

मेरे खड़े लंड के ऊपर धोखा दे के आंटी चली गई. मैंने अपने दोस्त के बेड के ऊपर उसके मम्मी के नाम की ही मुठ मारी!

ऐसे ही एक हफ्ता और निकल गया और आंटी को चोदने का कोई मौका मुझे मिला नहीं. आंटी जब भी मैं उसे अकेले में पकड़ता था तो वो कहती थी अभी नहीं, फिर! और फिर मुझे आंटी के अथ एक मौका मिला. आंटी और मेरे दोस्त को छोड़ के सब लोग एक फंक्शन में अहमदाबाद जा रहे थे.

दुसरे दिन मैं कोलेज नहीं गया. और मेरे दोस्त को बोला की मुझे कुछ काम हे. और मैं उसके कोलेज के जाने के बाद चुपके से उसके घर पर चला गया. मैं आंटी के साथ लिविंग रूम में बैठ गया. मैंने आंटी के हाथ को पकड के अपनी तरफ खिंच लिया और वो मेरे ऊपर आके गिर गई सोफे के ऊपर.

आंटी: इतनी भी क्या जल्दी हे शाम तक तुम और मैं यही तो हे!

आंटी ने आज भी अपना नियमित ड्रेस कुरता पजामा पहना हुआ था. फिर मैं और आंटी बेडरूम में चले गए. मैंने आंटी के होंठो के ऊपर किस दे दिया. और आंटी भी मुझे बहुत अच्छी तरह से चूस रही थी. मैं और आंटी दोनों एक दुसरे को जोर जोर से चूस रहे थे. आंटी को भी काफी टाइम के बाद सेक्स का चांस मिला था इसलिए वो भी भूखी शेरनी लग रही थी. उसके बाल खुले हुए थे और आगे चहरे के ऊपर आ जाते थे. मैं उसे पीछे कर के उसके होंठो का रस पिए जा रहा था.

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फिर मैं नीता आंटी का कुरता और पजामा उतार दिया और आंटी ने तो अन्दर ब्रा पेंटी पहनी ही नहीं थी. वो सेक्स के लिए एकदम ही तैयार थी. आंटी ने मेरा पेंट और शर्ट निकाल दिया और चड्डी भी. मैं भी पूरा नंगा था उसके सामने. आंटी ने मेरा लोडा हाथ में ले के जोर जोर से चुसना चालू कर दिया. और मुझे बहुत मजा आ रहा था उसके कोक सकिंग से. नीता आंटी पुरे जोश में थी और मेरे को उनकी चूत चाटने का मन हुआ. मैंने आंटी को कहा तो वो 69 पोज में आ गई. और हम दोनों एक दुसरे को होंठो से चोदन का मजा दे रहे थे. आंटी के मुहं में मेरा पानी छुट गया जिसे वो एकदम आराम से गटक गई. और मैं चूत में ऊँगली कर के उसका पानी भी छुड़ा दिया. हम दोनों ही बहुत हल्का महसूस आकर रहे थे.

आंटी और मैं बिस्तर में लेटे रहे कुछ देर के लिए. और फिर आंटी ने वापस मेरे लंड को अपने हाथ में लिया और हिलाने लगी. उसने मेरे लंड को फिर से खड़ा कर दिया और बोली, अब मेरे को चोदो अपने इस बड़े लोडे से और मेरी चूत की सब आग को आज शांत कर दो इस से|!

मैंने भी देर नहीं की और आंटी को बिस्तर में लिटाया और उन्के पैरो को फैला दिया और लंड को सेट कर के जोरदार धक्का दे दिया. आंटी के मुहं से चीख निकल पड़ी, अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह!

अभी तो आधा ही लंड आंटी की चूत में गया था. मैंने दूसरा एक धक्का लगाया तो मेरा पूरा लंड अंदर चला गया. और वो चीखने लगी अह्ह्ह अह्ह्ह्ह फाड़ दी मेरी चूत अह्ह्ह अह्ह्ह धीरे से प्लीज़!

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मैं आंटी को धीरे धीरे से चोदने लगा. और वो अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह ओह ओह उईई ऐसी आवाजे निकाल रही थी. और फिर कुछ देर के बाद मैंने जोर जोर से झटके देने चालू कर दिया. आंटी भी मेरा पूरा साथ दे रही ती चोदने में. और वो अपनी गांड को उठा उठा के जोर जोर से आह अहह माँ अह्ह्ह उईइ अह्ह्ह कर के चुदने लगी थी. पुरे कमरे के अन्दर चुदाई की पच पच की आवाजे आ रही थी. और वो आवाजे हमें और भी मदहोश कर रही थी.

ऐसे ही 20 मिनिट तक मैंने आंटी की चुदाई की और आंटी मेरे लंड के ऊपर अपनी चूत का पानी छोड़ बैठी. और मैं आंटी के ऊपर पूरा चढ़ गया और उसे जोर जोर से चोदने लगा. मैं आंटी के बूब्स को चोद के जोर जोर से लंड को लडवा रहा था उसकी चूत कर साथ.

और फिर मेरा भी छुट गया आंटी की चूत के अन्दर ही. मैं निढाल हो गया तो आंटी ने कहा, क्या हुआ थक गए क्या?

मैंने कहा नहीं आज तो शाम तक चोदुंगा तुमको मेरी जान!

आंटी मुझे किचन में ले गई और दूध में बादाम का पावडर डाल के पिलाया. फिर मैंने नीता आंटी को किचन का प्लेटफोर्म पकडवा के खड़ा कर दिया और उसको चोदा. उस दिन तो मैंने आंटी को दिन भर में 6 बार चोदा और हर बार अलग अलग जगह में.

फिर मेरे दोस्त के कोलेज के आने से पहले मैं नाहा के अपने घर चला गया. आंटी को आज भी जब मौका मिलता हे तो वो मुझे बुला के मेरा लंड लेती हे.

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