रजिया फंसी गुंडों में पार्ट -1

मेरा नाम नीति है. मैं देहरादून की रहने वाली हूँ. मैं 23 साल की हो चुकी हूँ. मेरी शादी हो चुक्की है. मेरा पति एक बिज़्नेस्मेन है और इसीलिए वो काम की वजह से काफ़ी दीनो तक घर से बहार रहते है. मेरी सेक्षुयल नीड्स बहुत बढ़ी हुई रहती है बट कोई होता ही नही उसको सॅटिस्फाइ करने वाला. ऐसा नही है की मेरे पति में इतनी काबिलियत नहीं. वो एक नॉर्मल इंसान की तरह चोद सकते है. बट मेरी ज़िंदगी में एक ऐसी घटना घटी थी जिसके बाद कोई भी लड़की शरम के मारे मर जाएगी या तो एक रंडी बन जाएगी.

यह बात कुच्छ साल पहले की है जब मैं देल्ही में रहती थी अपने मामा मामी के साथ उनके घर पे. घर ग्राउंड फ्लोर पे था और काफ़ी छ्होटा था जिसमे दो रूम दा. उस्स टाइम मैं 17 साल की थी और मेरे बोर्ड्स के एग्ज़ॅम पास आ रहे थे. मैं आपको अपने बारे में बता दू . मेरा रंग गोरा है और मेरी हाइट 5 6 है. मेरा फिगर एक नॉर्मल इंडियन गर्ल की जैसा ही था. और मैं काफ़ी अच्छी दिखती थी. मैं काफ़ी शरीफ लड़की थी और मुझे अपने तन को ढकना आता था. एक शाम मेरी फ्रेंड्स का मुझे कॉल आया.

उन्न लोगो ने डिसाइड किया की हम रात में क्लब जाएँगे पार्टी के लिए. जैसे की मैने बताया की मैं काफ़ी शरीफ थी इसीलिए मैने माना कर दिया जाने के लिए. मैने उनको कहा की मेरे ममाजी मुझे आने की पर्मिशन नही देंगे. और उन्होने मुझे कहा की तू अपनी बाल्कनी से कूद के आ जाना और हम तुझे पिक कर लेंगे. उनके काफ़ी फोर्स करने की वजह मैने उनको हां के दिया. मैने सोचा एब्ब स्कूल ख़तम होने के बाद हम कहा मिल पाएँगे इसीलिए मैने हां कह दी. और यही मेरी सबसे बड़ी ग़लती थी. जब रात के 11 बजे दा और मेरे मामा मामी सो गये दा तब मैं बाल्कनी से निकल गई. मैने पार्टी के जीन्स और एक त-शर्ट पहनी थी और उसके अंदर ब्रा और पनटी.

सबसे पहले हम अपनी दोस्त के घर गये जोकि क्लब के पास ही रहती थी. हम 3 लड़किया के अलावा और 2 लड़के थे साथ में. मेरी दोस्तो ने मुझे कहा की इनफॉर्मल ड्रेस में एंट्री नही होगी क्लब में तो इसीलिए उन्होने कुच्छ और पहनने को कहाँ. मैने अपनी दोस्त की एक ड्रेस पहन ली जो की रेड कलर का थी और नी लेंग्थ तक था. वो ड्रेस काफ़ी टाइट और इसी वजह से मेरे बूब्स और बूम काफ़ी शेप में दिख रहे दा. सब तयार होके क्लब की तरफ निकल गये. मैं काफ़ी अकेली थी अपने दोस्तो के साथ क्यूंकी वो कपल्स दा. रास्ते में काफ़ी छेड़ छाड़ और चुम्मा छाती हो रही इन सब के बीच और मैं यह देखके घबरा सी रही थी.

पार्टी में जब मैं पहुचि तो एक डम नया सा बाड़िया सा लगा. पार्टी में सब मस्ती में झूम रहे थे. काफ़ी लड़के लड़किया साथ में मस्ती भी कर रहे दा जैसे की किस्सिंग आंड टचिंग. मेरे दोस्तो ने मुझे एक ग्लास बियर का पीला दिया था. मैं आधी नशे में और आधी नॉर्मल थी. बियर पीने के बाद मैने भी काफ़ी डॅन्स किया लड़को के साथ. सबने मेरे मूमें और चूत को छुने की पूरी क़ोस्सिष की. एक ने तो मेरी ड्रेस के अंदर हाथ डालके भी मेरी चूत से खेला. मुझे ना चहके वे भी यह सब अच्च्छा लग रहा था. एक अजीब सा नशा चढ़ गया था मेरे दिमाग़ में. यह सब करते करते ना जाने कब 3 बाज गये दा. मुझे डर था की अगर मेरे घर में कोई जग्ग गया तो आयेज से मेरा घर से निकलना मुश्किल हो जाएगा. इसीलिए मैं अपने दोस्तो के पास गयी जो की पूरी तरह से टल्ली हुए पड़े थे.

उन्होने मुझसे कहा की वो एब्ब सुबह ही जाएँगे और मुझे भी रोकने की ज़िद्द की. बट मामा मामी के डर से मैं पार्टी से निकल गई और घर जाने के लिए कोई पब्लिक ट्रांसपोर्ट ठूँदने लगी. मैने बस नही लेनी चाही क्यूंकी बस इतनी रात में खाली ही होती है और उनमें सारे आदमी की होते है. रोड पे कई ऑटो दिखे बट सब बहुत हाइ चार्ज कर रहे दा बट मैने अपने कुच्छ पैसे बचाने के चक्कर में उनको माना कर दिया. मैने क्लब आते समय एक ऑटो स्टॅंड देखा था और मैं वही पे चली गई. जब 3:30 होगआया तब मुझे लगा एब्ब काफ़ी लाते हो गया है. ऑटो स्टॅंड पे सिर्फ़ एक ऑटो था और उसने बहुत कम रते लगाया जाने का. बट एक ही परेशानी थी की यूयेसेस ऑटो वाले के साथ उसका एक दोस्त था. उसने कहा मुझे की व्हो पीछे बैठेगा क्यूंकी आयेज की सीट बहुत छ्होटी है. कम रुपये खर्च होने की वजह से मैं यूयेसेस ऑटो में बैठ गई.

इतनी रात में ऑटो में दो आद्मीो के साथ जाना काफ़ी अनकंफर्टबल था. व्हो दो आदमी काफ़ी घिनोने लगते थे . दोनो ही मोटे और गंजे दा और आगे में काफ़ी बड़े भी दा. मेरी टाँगें उनको बहुत अच्च्ची तरह से दिख रही थी क्यूंकी मेरा ड्रेस नीस तक था. मेरे साइड में जो आदमी बैठा हुआ था वो तिरच्चि नज़रो से मेरे बदन को देखे ही जेया रहा था. मैं पुर रास्ते दुआ करके चल रही थी की कुच्छ ग़लत ना हो. यही सोचते सोचते अचानक मेरे मूह पे एक हाथ आया और उसके बाद मैं बेहोश हो गई. उसके बाद पता नही मुझे ये दो आदमी कहा लेके चले गये.

जब मेरी आँख खुली तो मैं उससी ऑटो में लेटी हुई थी. मेरे हाथ दोनो हाथ बँधे हुए थे ऑटो के दो ऑपोसिट हॅंडल्स से. मेरा बदन पे अभी भी वोही ड्रेस था और मैं खुश थी क्यूंकी इन्होने मुझसे कोई छेड़ खानी नि की. दूर दूर तक कोई नज़र नही आ रहा था और ऑटो रोड से भी दूर खड़ा हुआ था. यहा सिर्फ़ पेड़ पौधे ही नज़र आ रा रहे थे. मैने काई बार कोशिश की मेरे हाथ खुल जायें मगर मेरी मेहनत से मुझे कुच्छ नही मिला. मुझे काफ़ी ठंड भी लग रही थी उस्स ड्रेस में. कुच्छ देर बाद मुझे वो दो आदमी आगे दिखे ऑटो की तरफ बदते हुए. मुझे लग रहा था की दोनो ने शराब पीवी है क्यूंकी काफ़ी झूम के चल रहे थे.

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एक आदमी मेरे सीधी तरफ खड़ा हो गया और दूसरा मेरे उल्टे हाथ की तरफ खड़ा हो गया. मैने दोनो से कहा की मुझे छ्चोड़ दे, मैने आप लोगो का क्या बिगरा है मैं बहुत छ्होटी सी शरीफ सी बच्ची हूँ. ये सुनके उनमें से किसीने कुच्छ नही बोला. दोनो मुझे उपर से नीचे घूर रहे था जैसे की मुझे खा जाएँगे. मैने फिर कहा प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मुझे छ्चोड़ दो आपको मैं 1000 रुपये दे दूँगी जिट्नी मेरे पास है. फिर उनमें से एक बंदे ने कहा की हम तुझे 2000 रुपये देंगे तुझे आज रात की मस्ती के लिए,

आजा मेरी रानी. दोनो ने एक दूसरे को हस्ते हुए आँख मारी और फिर अपने गंदे हाथ मेरे मूमें पे रख दिए. दोनो मेरे मूमें पे हाथ फेरने लगे उनसे खेलने लगे. एक आदमी ने दूसरे को कहा बिशन यार कितनी पटाखा लड़की है यार यह. देख कैसे गुबारे की तरह इसके मूमे झूल रहे है. दूसरे ने यह सुनके कहा मेरा तो मॅन कर रहा है इस्पे सर रखके मैं सो जाऊ, तकिओ से भी मुलायम है यह तो. वो दोनो काफ़ी देर टक्क मेरे मूमें को नौचते रहे और मैं उनसे भीक मांगती रही की मुझे जाने दो. फिर उनमें से भिसन ने अपना हाथ मेरे उपर से हटा दिया ऑरा आगे जाके अपने ऑटो में कुच्छ ढूँदने गया और इसी बीच दूसरा वाला बंदा अपने दोनो हाथो से मेरे मूमओं का मज़ा लूटता. मेरी चीखे काफ़ी तेज़ थी मगर उसने मुझे धमकी डी की व्हो मुझे जान से मार देगा इसीलिए मैं चुप हो गई. बिशन जब मेरी ओर बड़ा तो मैने उसके हाथ एक कैची देखी और मैं समझ गई यह मेरी ड्रेस फाड़ देंगे.

यह सोचके मैं और भी ज़्यादा डर गई थी. मेरे कुच्छ बोलने से पहले ही बिशन ने मेरे उल्टे हाथ का स्ट्रॅप काट दिया और उसने कैची अपने दोस्त को डेडी. उसने मेरे सीधे हाथ स्ट्रॅप भी काट दिया. दोनो अपनी तरफ देख कर मेरी ड्रेस नीचे की तरफ खीच दी और मेरी पिंक ब्रा को देखा. गुस्से में आके दोनो ने मेरी ब्रा को खीच दिया जिसकी वजह से उसका स्टर्प टूट दिया और उन दोनो ने पहली बार मेरे नंगे मूमओं को देखा. उन्हे देखते ही बिशन ने अपनी गंदी ज़ुबान से उनको चाटने लगा और उसका दोस्त मेरेको होतो को चूम रहा था. मैने बहुत कोशिश करी की मेरे हाथ खुल जाए बट मुझ में इतनी हिम्मत नही थी.

बिशन ने कहा संतोष यार यह तो बिजली की तरह मचल रही है नज़ाने इसकी चूत कितना पानी छ्चोड़ रहा होगा. संतोष मुझे चूमते हुए उसको कहा यार मेरी गांद तो खंबे की तरह खड़ी हो गई मैं तो और बर्दाश्त नही कर सकता. संतोष ने अपनी पॅंट और अपने गंदा सा अंडरवेर उतारके मेरे मूह पे मारा. उसका मोटे पेट पे नाज़ाने कितने बॉल होंगे और वो मेरे साथ आके बैठ गया. उसने बिशन को आँख मारी और उसने अचानक से मेरी दोनो टाँगें पकड़ली और उन्हे आगे की तरफ खीच लिया. एब्ब मैं ऐसी पोज़िशन में थी जैसे हवा में लेटी हुई हो. मेरे नीचे संतोष आ गया और उसने मेरी कमर को अपने हाथो से नीचे की तरफ खीच लिया. पहली बार किसीने अपना लॅंड मेरी चूत में डाला. उसका लॅंड इतना मोटा था की मेरी आँखों से आँसू निकल गये.

मेरी कमर को पकड़ते हुए वो उपर नीचे करता रहा. कभी एक डम धीरे तो कभी बिल्कुल तेज़. साथ ही साथ बिशन ने भी अपने कपड़े उतार दिए और अपनी लॅंड मेरे मूह मह घुसा दी. बिशन मुज्ज़े देख के बोला चूस मेरे लॅंड को. मैं जानते हूँ की तू बहुत बड़ी रॅंड है ना जाने कितने आशिक़ होंगे तेरे. साली कभी लॉलिपोप नही खाई क्या बचपन में. ढंग से चूस नही तो काट के फेक देंगे. यह सुनके मैं दर्र सी गयी और जैसा व्हो कह रहे वैसे ही करने लगी. संतोष का लॅंड मेरे अंदर और बड़ा होता ही जा रहा था वो मुझे 10 मीं से चोदे ही जेया रहा था. उसने मुझसे कहा आज मैं तेरे अंदर अपना बच्चा डालता हूँ. ये निशानी तुझे हुमेशा मेरी याद दिलाई गी साली. और उसने अपना सारा पानी मेरे अंदर छ्चोड़ दिया. मेरी चूत में से पानी के साथ साथ खून भी बह रहा था.

मैं काफ़ी थक्क गई थी मगर बिशन को अपनी प्यास भुजानी थी और उसने मेरे हाथ खोल दिया. मैं भागने की कोशिश करी मगर उसके एक तपद ने मेरेको नीचे गिरा दिया. बिशन और संतोष ने मुझे ऑटो के नीचे ख़ासिता और मुझे पेट के पल लिटा दिया. दोनो ने मेरी चूत पे कई थप्पड़ मारे. और बिशन ने अपना लॅंड मेरी गांद में डाल दिया. मुझे इतना दर्द कभी भी ज़िंदगी में नही हुआ था. वो मुझे भूके शेर की तरह खा जेया ना चाहता था. वो अपनी स्पीड बदाए ही जेया रहा था.

मुझमें एब्ब चिल्लाने की भी ताक़त नही बची थी. बिशन ने संतोष से कहा आब्बी चूतिए अपनी लॅंड डाल इसके मूह में कहीं छिला ना दे. बिशन ने भी अपने लॅंड का पानी मेरे गेंड में डाल दिया. 5 मिनिट तक दोनो ज़मीन पे मेरे पास लेट गये थे. जैसी सुबह की किरण दिखी दोनो उठे और मेरे पे पिशब करने लगे. मेरा पूरा जिस्म उनके पिशाब से गंदा हो गया था. दोनो ने मेरी ड्रेस मेरे साइड में फेक दी और एक दूसरे से कहने लगे की इससे बाड़िया रांड़ कहीं नहीं मिलेगी. भगवान ने इससे हमारे लिए ही बनाया है. और यही कहके चले गये. स्कूल की लड़की फसि एक गाओं में –02

जब मेरी आँख खुली तो मैं उससी ऑटो में लेटी हुई थी. मेरे हाथ दोनो हाथ बँधे हुए थे ऑटो के दो ऑपोसिट हॅंडल्स से. मेरा बदन पे अभी भी वोही ड्रेस था और मैं खुश थी क्यूंकी इन्होने मुझसे कोई छेड़ खानी नि की. दूर दूर तक कोई नज़र नही आ रहा था और ऑटो रोड से भी दूर खड़ा हुआ था. यहा सिर्फ़ पेड़ पौधे ही नज़र आ रा रहे थे. मैने काई बार कोशिश की मेरे हाथ खुल जायें मगर मेरी मेहनत से मुझे कुच्छ नही मिला. मुझे काफ़ी ठंड भी लग रही थी उस्स ड्रेस में.

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कुच्छ देर बाद मुझे वो दो आदमी आगे दिखे ऑटो की तरफ बदते हुए. मुझे लग रहा था की दोनो ने शराब पीवी है क्यूंकी काफ़ी झूम के चल रहे थे. एक आदमी मेरे सीधी तरफ खड़ा हो गया और दूसरा मेरे उल्टे हाथ की तरफ खड़ा हो गया. मैने दोनो से कहा की मुझे छ्चोड़ दे, मैने आप लोगो का क्या बिगरा है मैं बहुत छ्होटी सी शरीफ सी बच्ची हूँ. ये सुनके उनमें से किसीने कुच्छ नही बोला. दोनो मुझे उपर से नीचे घूर रहे था जैसे की मुझे खा जाएँगे. मैने फिर कहा प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मुझे छ्चोड़ दो आपको मैं 1000 रुपये दे दूँगी जिट्नी मेरे पास है. फिर उनमें से एक बंदे ने कहा की हम तुझे 2000 रुपये देंगे तुझे आज रात की मस्ती के लिए, आजा मेरी रानी.

दोनो ने एक दूसरे को हस्ते हुए आँख मारी और फिर अपने गंदे हाथ मेरे मूमें पे रख दिए. दोनो मेरे मूमें पे हाथ फेरने लगे उनसे खेलने लगे. एक आदमी ने दूसरे को कहा बिशन यार कितनी पटाखा लड़की है यार यह. देख कैसे गुबारे की तरह इसके मूमे झूल रहे है. दूसरे ने यह सुनके कहा मेरा तो मॅन कर रहा है इस्पे सर रखके मैं सो जाऊ, तकिओ से भी मुलायम है यह तो. वो दोनो काफ़ी देर टक्क मेरे मूमें को नौचते रहे और मैं उनसे भीक मांगती रही की मुझे जाने दो. फिर उनमें से भिसन ने अपना हाथ मेरे उपर से हटा दिया ऑरा आगे जाके अपने ऑटो में कुच्छ ढूँदने गया और इसी बीच दूसरा वाला बंदा अपने दोनो हाथो से मेरे मूमओं का मज़ा लूटता.

मेरी चीखे काफ़ी तेज़ थी मगर उसने मुझे धमकी डी की व्हो मुझे जान से मार देगा इसीलिए मैं चुप हो गई. बिशन जब मेरी ओर बड़ा तो मैने उसके हाथ एक कैची देखी और मैं समझ गई यह मेरी ड्रेस फाड़ देंगे. यह सोचके मैं और भी ज़्यादा डर गई थी. मेरे कुच्छ बोलने से पहले ही बिशन ने मेरे उल्टे हाथ का स्ट्रॅप काट दिया और उसने कैची अपने दोस्त को डेडी. उसने मेरे सीधे हाथ स्ट्रॅप भी काट दिया. दोनो अपनी तरफ देख कर मेरी ड्रेस नीचे की तरफ खीच दी और मेरी पिंक ब्रा को देखा. गुस्से में आके दोनो ने मेरी ब्रा को खीच दिया जिसकी वजह से उसका स्टर्प टूट दिया और उन दोनो ने पहली बार मेरे नंगे मूमओं को देखा.

उन्हे देखते ही बिशन ने अपनी गंदी ज़ुबान से उनको चाटने लगा और उसका दोस्त मेरेको होतो को चूम रहा था. मैने बहुत कोशिश करी की मेरे हाथ खुल जाए बट मुझ में इतनी हिम्मत नही थी. बिशन ने कहा संतोष यार यह तो बिजली की तरह मचल रही है नज़ाने इसकी चूत कितना पानी छ्चोड़ रहा होगा. संतोष मुझे चूमते हुए उसको कहा यार मेरी गांद तो खंबे की तरह खड़ी हो गई मैं तो और बर्दाश्त नही कर सकता. संतोष ने अपनी पॅंट और अपने गंदा सा अंडरवेर उतारके मेरे मूह पे मारा. उसका मोटे पेट पे नाज़ाने कितने बॉल होंगे और वो मेरे साथ आके बैठ गया. उसने बिशन को आँख मारी और उसने अचानक से मेरी दोनो टाँगें पकड़ली और उन्हे आगे की तरफ खीच लिया. एब्ब मैं ऐसी पोज़िशन में थी जैसे हवा में लेटी हुई हो. मेरे नीचे संतोष आ गया और उसने मेरी कमर को अपने हाथो से नीचे की तरफ खीच लिया. पहली बार किसीने अपना लॅंड मेरी चूत में डाला. उसका लॅंड इतना मोटा था की मेरी आँखों से आँसू निकल गये. मेरी कमर को पकड़ते हुए वो उपर नीचे करता रहा. कभी एक डम धीरे तो कभी बिल्कुल तेज़.

साथ ही साथ बिशन ने भी अपने कपड़े उतार दिए और अपनी लॅंड मेरे मूह मह घुसा दी. बिशन मुज्ज़े देख के बोला चूस मेरे लॅंड को. मैं जानते हूँ की तू बहुत बड़ी रॅंड है ना जाने कितने आशिक़ होंगे तेरे. साली कभी लॉलिपोप नही खाई क्या बचपन में. ढंग से चूस नही तो काट के फेक देंगे. यह सुनके मैं दर्र सी गयी और जैसा व्हो कह रहे वैसे ही करने लगी. संतोष का लॅंड मेरे अंदर और बड़ा होता ही जा रहा था वो मुझे 10 मीं से चोदे ही जेया रहा था. उसने मुझसे कहा आज मैं तेरे अंदर अपना बच्चा डालता हूँ. ये निशानी तुझे हुमेशा मेरी याद दिलाई गी साली. और उसने अपना सारा पानी मेरे अंदर छ्चोड़ दिया. मेरी चूत में से पानी के साथ साथ खून भी बह रहा था. मैं काफ़ी थक्क गई थी मगर बिशन को अपनी प्यास भुजानी थी और उसने मेरे हाथ खोल दिया.

मैं भागने की कोशिश करी मगर उसके एक तपद ने मेरेको नीचे गिरा दिया. बिशन और संतोष ने मुझे ऑटो के नीचे ख़ासिता और मुझे पेट के पल लिटा दिया. दोनो ने मेरी चूत पे कई थप्पड़ मारे. और बिशन ने अपना लॅंड मेरी गांद में डाल दिया. मुझे इतना दर्द कभी भी ज़िंदगी में नही हुआ था. वो मुझे भूके शेर की तरह खा जेया ना चाहता था. वो अपनी स्पीड बदाए ही जेया रहा था. मुझमें एब्ब चिल्लाने की भी ताक़त नही बची थी. बिशन ने संतोष से कहा आब्बी चूतिए अपनी लॅंड डाल इसके मूह में कहीं छिला ना दे. बिशन ने भी अपने लॅंड का पानी मेरे गेंड में डाल दिया. 5 मिनिट तक दोनो ज़मीन पे मेरे पास लेट गये थे. जैसी सुबह की किरण दिखी दोनो उठे और मेरे पे पिशब करने लगे. मेरा पूरा जिस्म उनके पिशाब से गंदा हो गया था. दोनो ने मेरी ड्रेस मेरे साइड में फेक दी और एक दूसरे से कहने लगे की इससे बाड़िया रांड़ कहीं नहीं मिलेगी. भगवान ने इससे हमारे लिए ही बनाया है. और यही कहके चले गये.



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