हॉट सेक्स स्टोरी अब आयेज-
मैं अर्जुन और रेशमा की चुदाई देख कर बहुत हॉर्नी हो गयी थी. मैं जब भी मेरी आँखें बंद करती, मुझे अर्जुन का तगड़ा लंड दिखाई दे रहा था. रात को मैं मेरे शौहर को स्माइल देते हुए नहाने चली गयी. मेरी स्माइल देख कर वो समझ गये की आज मैं छुड़वाने के मूड में थी.
मैने बातरूम में जेया कर अपनी छूट के बाल सॉफ कर दिए. मेरे शौहर को छूट चाटना इतना पसंद नही है, और मुझे बिना छूट चटवाए चुदाई करवाने में मज़ा भी नही आता.
मेरे शौहर का नाम अय्यूब है. उनकी उमर 39 है. वो दिखने में आवरेज है, और तोड़ा पेट निकला हुआ है, जो आवरेज इंडियन मर्दों का होता है. उनके आधे से ज़्यादा बाल सफेद हो चुके है. उनको देखो तो उनकी आगे 45 के उपर की लगती है. हम दोनो जब मार्केट में घूमते है तो लोगों को मैं उनकी बेटी लगती हू.
मैं जब तक नहा कर बाहर निकली, मैने देखा उन्होने ने दोनो बच्चो को सुला दिया था. मैने सॅटिन पिंक कलर की मॅक्सी पहनी थी. मैं रात को ब्रा नही पहनती, मुझे ऐसे ही बिना ब्रा के सोना पसंद है. और उस दिन तो मैं वैसे भी बहुत गरम थी. मैने शौहर को सेडक्टिव स्माइल देते हुए बिस्तर सही कर रही थी. उन्होने मेरा इरादा समझ लिया था और मुझे पीछे से पकड़ लिया.
अय्यूब: क्या बात है जान, आज तो बड़े रोमॅंटिक मूड में लग रही हो?
मैं: नही तो, आपको क्यूँ ऐसा लग रहा है? ज़रा हटिए, मुझे मेरा काम करने दीजिए (मैं उनको तोड़ा तडपा रही थी, ताकि मैं उनसे छूट चटवा साकु).
अय्यूब: अर्रे वो सब कल करना. आज तो तुम बहुत मस्त लग रही हो. आज तुम्हे बहुत प्यार देने का मॅन कर रहा है.
मैं: अछा? आज मेरे शौहर को मेरे उपर प्यार आ रहा है.
अय्यूब: इतनी मस्त बेगम हो तो किसी को भी प्यार आएगा?
मैं: आप कैसी बातें कर रहे हो? मैं आपकी बेगम हू, आपके अलावा और किसी को मेरे पर क्यूँ प्यार आएगा (मैं हासणे लगी)?
अय्यूब: पागल, मैं नही पूरा मोहल्ला तेरे पर पागल हो गया है. मुझे पता है तुमको देख कर सब मेरे से जलते होंगे.
मैं: आप तो कैसी बहकी-बहकी बातें कर रहे हो.
अय्यूब: अर्रे जान, मैं तो मज़ाक कर रहा था. आज सच में तुम बहुत मस्त लग रही हो.
अय्यूब ने मेरे जिस्म से खेल ना शुरू कर दिया. मैं भी कब से चुदाई की आग में जल रही थी. मैं मदहोश हो कर उनकी आगोश में चली गयी. हम दोनो एक-दूसरे को किस करने लगे. उस दिन मेरा इतना मूड बन गया था, की मैं मेरे शौहर के लिप्स को चूज़ जेया रही थी.
मैने उनका त-शर्ट निकाल दिया, और उनके बदन पर टूट पड़ी. सच काहु दोस्तों, मैं चाहे अपने शौहर की बाहों में थी. लेकिन मेरे सामने अर्जुन का जिस्म और उसके लंड के ख़याल आ रहे थे.
मेरे शौहर ने मेरा निघट्य निकाल दी. मैने नीचे पनटी पहनी थी. मैने वो खुद से उतार दी, और अपनी चिकनी मक्खन जैसी छूट दिखा रही थी.
अय्यूब: क्या बात है बेगम. आज पूरी तैयारी के साथ आई हो.
मैं: हा, प्लीज़ तोड़ा चख लो ना. आज आपने तोड़ा मूड बना दिया है.
मेरे शौहर ने स्माइल किया, और मेरी छूट के उपर मूह रखा. मैं उनके बालों को सहला रही थी. वो अपना मूह बनाते हुए मेरी छूट के उपर ज़ुबान लगा रहे थे. मुझे पता था की उनको वो पसंद नही था, फिर भी मैं उनसे चटवा रही थी. उसके बाद मैं झाड़ गयी, और वो खड़े हो गये. उन्होने अपनी लूँगी निकाल दी और अंडरवेर में आ गये. मैने उनकी अंडरवेर को खींच कर निकाला, तो उनका लोड्ा आधा खड़ा हुआ था.
फिर मैने अपने हाथो से लंड हिला कर पूरा खड़ा कर दिया. मैने ठीक से लंड चिकना कर दिया और उसको आयेज-पीछे कर रही थी. अब उनका लोड्ा पूरा तंन कर खड़ा हो गया था. मैने अपनी टाँगें फलाई, और उन्होने झट से लंड छूट में उतार दिया.
मेरी उनसे रेग्युलर चुदाई होती है, तो लंड आसानी से चला गया. और वो ऐसे ही मुझे छोड़ते हुए 2-3 मिनिट में मेरी छूट में वीर्या निकाल दिए. मैं ठीक से झाड़ भी नही पाई. वो थकावट से हाँफ रहे थे. उनकी सास बढ़ गयी थी, और वो ऐसे ही मेरे उपर 2-3 मिनिट पड़े रहे, और फिर मेरे पास सो गये.
मैं उस रात भी प्यासी रह गयी. मैं बातरूम में गयी, और अर्जुन को याद करते हुए उंगली करने लगी. पता नही मेरे साथ क्या हो रहा था, जब से अर्जुन का लोड्ा और उसकी रेशमा के साथ चुदाई देखी थी. मैं उसी के बारे में सोचती रहती थी.
दूसरे दिन मैं स्कूल जाने के लिए रेडी हो रही थी. मैने सोचा आज मुझे अर्जुन मेरी ऑफीस में मिलने आने वाला था, तो मैने उस दिन रेड टॉप और वाइट लेगैंग्स पहनी. टॉप काफ़ी टाइट था, और मेरी चुचियो के बीच की दरार भी आचे से दिख रही थी. फिर मैने एक अछा सा पर्फ्यूम लगाया. मैं चाहती थी की वो मुझे नोटीस करे.
दोपहर को अर्जुन मेरे कॅबिन में आया. मैने जान-बूझ कर मेरा दुपट्टा मेरे गले पर उपर कर दिया, ताकि उसको मेरी क्लीवेज दिखे. मैने नोटीस किया की उसकी नज़र बार-बार मेरी क्लीवेज पर जेया रही थी. मैं मॅन ही मॅन मुस्कुरा रही थी.
मैं: बोलिए कल क्या काम था?
अर्जुन: वो मेडम जी तोड़ा पेमेंट कर देते तो अछा होता. कल मज़दूरों को खर्चा भी देना है. और मार्केट में मेटीरियल की उधारी भी चुकानी है.
मैं: ह्म. आप हिसाब करके लाए है ना? अभी कितना काम हुआ है? और उसके सामने आपने कितना पेमेंट लिया है?
अर्जुन: हा मेडम. देख लीजिए आप.
मैं आपको बता देती हू, की अर्जुन चाहे जैसा हो. लेकिन अपने काम में बहुत ईमानदार था. उसका हिसाब बहुत क्लियर रहता था. और काम में फोकस भी था. मैने जान-बूझ कर 2-3 जगह क्वीरी निकली. मैं वो हिसाब लेकर उसके सामने झुक गयी. मैं उसको झुक कर मेरे बूब्स दिखा रही थी. अर्जुन का फोकस उसके हिसाब में था.
मैं: ठीक से दिखा आपको यहाँ क्वीरी है?
अर्जुन मेरे सामने देखने गया, तो उसकी नज़र मेरे बूब्स पर गयी. मैने भी शरीफ बनते हुए मेरे दुपट्टा सही किया. अर्जुन को तो एंबॅरसमेंट फील हुआ, और मैं यहीं चाहती थी. मैं उसको मेरी और ललचाना चाहती थी, पर ऐसा भी नही करना था की वो मेरे को रेशमा जैसी समझे.
मैं: ठीक है आप ये स्चेक लेकर जाओ. बाकी की पेमेंट नेक्स्ट वीक होगी (मैने उसको जान-बूझ कर हाफ पेमेंट दी, ताकि वो मेरे आयेज-पीछे घूमता रहे).
अर्जुन: मेडम प्लीज़ समझो. आपका काम हो गया है, और मैं जितना बिल रखा हू उसमे भी 70 पर्सेंट माँग रहा हू.
मैं: अर्रे मैं कहाँ माना कर रही हू? मैने तो अभी ठीक से इनस्पेक्षन भी नही की है. फिर भी आपको हाफ पेमेंट दे रही हू.
अर्जुन (अपनी शकल बनाते हुए): ठीक है, लेकिन नेक्स्ट वीक पक्का कर देना. मार्केट में मेरी क्रेडिट खराब हो जाएगी. और आपको मैं सब काम दिखा देता हू.
मैं: आज नही. आज मुझे बहुत काम है, आप कल आना.
अर्जुन मेरी कॅबिन से मूह लटकाते हुए चला गया. शायद उसको पेमेंट की सख़्त ज़रूरत थी. मुझे तोड़ा बुरा भी लगा, की मैने उसके साथ ग़लत किया. मैने भी किसी के साथ आज तक ऐसा बर्ताव नही किया था, तो मैं घर जेया कर भी गिल्ट फील कर रही थी. रात को भी मुझे नींद नही आ रही थी. मुझे अपनी ग़लती पर अफ़सोस होने लगा.
मैं नेक्स्ट दे फिर से आचे से तैयार हो कर गयी. उस दिन मैने ब्लॅक सलवार-कमीज़ पहना था. मैं जब स्कूल पहुँची तब मेरे पीछे ही अर्जुन अपनी बुलेट से स्कूल में इनस्पेक्षन करने आया.
उस दिन उसने वाइट हाफ स्लीव शर्ट और ब्लू जीन्स पहना था. उसने शर्ट के उपर के 2 बटन खुल्ले रखे थे. उसके मसल्स बहुत मस्त दिख रहे थे. मैं अपनी आँखों के सामने एक असली मर्द को देख रही थी. उसने मुझे गुड मॉर्निंग कहा, और अपने मज़दूरों को काम बताने लगा.
मैं उस दिन दोपहर होने का वेट करने लगी. मैं खुद से बिल्डिंग का इनस्पेक्षन करने गयी. अर्जुन ने मुझे सारा कम दिखा दिया. मेरी जो उमीद थी, उससे भी अछा वो काम कर रहा था. मैने उसको थोड़ी देर बाद अपने कॅबिन में बुलाया.
मैं: आपने काम तो बहुत अछा करके दिया है. और मैने सिर से बात कर ली है. मैने सिर से रिक्वेस्ट भी किया है की आपको 70 पर्सेंट नही लेकिन फुल पेमेंट करना है (ये सुनते ही वो खुश हो गया. उसके फेस से सारा टेन्षन जैसे गायब हो गया हो).
अर्जुन: थॅंक योउ सो मच मेडम. आपने तो मेरा सारा काम निकाल दिया.
मैं: थॅंक योउ से काम नही चलेगा. आपको मेरा एक काम करना पड़ेगा.
अर्जुन: बोलिए ना मेडम, आपका क्या काम है?
मैं: मेरे घर मैं एक छ्होटा सा रेपेरिंग है. आप कर दोगे?
अर्जुन: मेडम आपका काम तो करने आए है. ज़रूर करेंगे.
मैं: ठीक है, शाम को मेरे शौहर आएँगे, तब मैं आपको कॉल करूँगी.
शाम को मेरे शौहर आए, तब मैने अर्जुन को कॉल किया, और वो 10 मिनिट में घर आ गया. मैने उसको छाई के लिए पूछा तो उसने माना कर दिया.
मैं (मैने उसको फोर्स किया): अर्रे ऐसा थोड़ी होता है. आप पहली बार आए है, और ऐसे ही नही जेया सकते.
अय्यूब: हा मुस्कान छाई बना दो. ये पहली बार आए है.
अर्जुन: रहने दीजिए भाई साहब, मैं छाई नही पीटा. सिर्फ़ दूध पीटा हू.
अय्यूब: ठीक है मुस्कान, मसाला वाला दूध बना दो.
अर्जुन: अर्रे मेडम रहने दीजिए. मैं सुबह एक टाइम ही दूध पीटा हू, प्लीज़ समझिए. और थॅंक योउ.
मैने उनको कोल्ड ड्रिंक दिया. वो भी माना कर दिया तो मैने कहा: अब इसमे क्या है? आपको ये पीना पड़ेगा. मैने उनको ज़बरदस्ती पिलाया. उसके बाद हमने जो रेपेरिंग का काम था, वो दिखा दिया.
अय्यूब: अर्जुन, अब बताओ इसमे कितना खर्चा होगा?
अर्जुन: आप उसकी चिंता ना करो, मैं ठीक कर दूँगा.
मैं: अर्रे पर आप बताओ तो सही कितना खर्चा होगा? हमे पता चले हमे आपको कितना पैसा देना है.
अर्जुन: मैने कहाँ पैसे माँगे? मुझे इसका कुछ नही चाहिए. मैं लेबर लगा कर ठीक कर दूँगा.
मैं: अर्रे ऐसा है तो हमे कुछ काम नही करवाना.
अर्जुन: अर्रे…!
मैने अपने शौहर से कहा: आप ही कहो कुछ.
अय्यूब: हा ऐसा नही होता. आपको पैसे तो लेने पड़ेंगे.
अर्जुन: अब इतने छ्होटे से काम का क्या काहु?
मैं: जो होता है वो कहो. नही तो मुझे काम नही करवाना.
अर्जुन: ठीक है मैं मेटीरियल लिख कर दे दूँगा. आप मार्केट से ला देना. और लेबर को उसकी दिहाड़ी दे देना. और आपके पास टाइम ना हो तो मैं मेटीरियल ला कर आपको उसका बिल दे दूँगा.
मैं: आप ऐसा क्यूँ बोल रहे हो? हमे इतना तो भरोसा है आप पर. बिल की ज़रूरत नही है, बस अमाउंट बता देना (मैने उसको स्माइल दी).
अर्जुन के फेस पर भी स्माइल आ गयी. उन्होने दूसरे दिन ही मेरे घर का काम स्टार्ट कर दिया, और 2-3 दिन में ख़तम कर दिया. मुझे और मेरे शौहर को जितनी एक्सपेक्टेशन्स थी, उससे अछा काम हुआ था. मेरे शौहर ने अर्जुन को उनके ऑफीस का भी काम दिलाया. उस दिन से हमारे रिश्ते आचे हो गये. मैं भी अर्जुन को कहीं ना कहीं लीके करने लगी थी. मैं कोई ना कोई बहाना बना कर दिन में एक बार उससे बात कर लेती.
मैने उसको ऐसा बिज़ी बना दिया की उसको मज़दूरों की चुदाई करने का मौका नही मिल रहा था. जिस दिन वो स्कूल पर नही आता तब मैं बेचैन हो जाती. दिन में एक बार उसका दीदार ना हो तब तक मुझे चैन नही पड़ता था. अब मैने उसके साथ कैसे नज़दीकियाँ बधाई, वो आपको नेक्स्ट पार्ट में बतौँगी.