नेपाल में भाभी की चुदाई

nepal mai bhabhi ki chudai मैं नेपाली हूं और ग्रेजुऐशन के बाद एक सरकारी दफ़्तर में नौकरी करता हूं। मेरा घर राजधानी काठमांडु में है और नौकरी के दौरान मुझे देश के अलग अलग हिस्सों में जाना पड़ता है। ये एक दस साल पुरानी हकीकत है जो मैं आपके साथ बांट रहा हूं। ऐसे ही मेरा नेपाल के पूरवी शहर बिराट नगर तबादला हुआ। मैं शहर के बीचों बीच एक घर में डेरा लेकर रहने लगा। वो घर तीन मंजिला था और सबसे ऊपर घरवाला रहता था बीच में मैं और सबसे नीचे एक व्यापारी था। घरवाला इंजीनियर था और वो अपनी बीवी और दो बच्चों के साथ रहता था। मैं इंजीनियर को भाई और उसकी बीवी को भाभी कहकर बुलाता था। हम शाम के वक्त छत पर बैठ कर गप्पे मारते थे और इंजीनियर की बीवी कभी चाय तो कभी शरबत पिलाकर हम लोगों का सत्कार करती थी। उसकी बीवी का नाम गौरा था और लगभग सत्ताइस साल की थी लेकिन इंजीनियर देखने में पचास साल का लगता था। इंजीनियर से उसके बारे में मैंने कभी नहीं पूछा और जरुरत भी नहीं समझी। वो घर से बहुत दूर नौकरी करता था और महीने दो महीने में एक बार दो चार दिन के लिये घर आता था। मैं अकेले रहता था और मेरी शादी भी नहीं हुई थी। उनके दो बेटे थे एक आठ साल का और दूसरा पांच साल का। दोनों स्कूल जाते थे और मैं फ़ुरसत के समय में उन लोगों को होमवर्क करने में हेल्प कर देता। मुझे उन लोगों के घर में या किसी कमरे में जाने में रोकटोक नहीं थी। गौरा अपनी नाम के तरह गोरी थी और देखने में बहुत सुंदर थी। बड़ी बड़ी काजल लगी हुई आंखें और काले लम्बे बाल उसको और सेक्सी बना देते थे।

यह कहानी भी पड़े  सग़ी छोटी बहन के साथ मज़े

गर्मियों का महीना था और शाम का वक्त था मैं हवा खाने छत पर निकल गया। गौरा ढेर सारे कपड़े लेकर धो रही थी और मैं एक कुर्सी खींचकर गप्पे मारने के लिये उसके सामने बैठ गया। जैसे ही मेरी नजर उसपर पड़ी, मैं सन्न रह गया वो पतला सफ़ेद रंग का टाइट ब्लाउज़ पहने हुए थी और तीन चौथाई से ज्यादा चूचियों का हिस्सा बाहर उबलने को तैयार था। उसने बरा नहीं पहनी हुई थी। मेरे लंड ने हरकत करना शुरु किया और कुछ ही देर में तनकर खड़ा हो गया। उसकी चमकीली चूचियां गोल गोल थी और उसके बारूद ने मुझे हिलाकर रख दिया। मेरा दिल तो करता था अभी उठकर जाउं और गन्ने की तरह सारा रस पी जाउं या यूं कहूं उसकी घाटी के बीच खुद को समा लूं। मेरा ६.५ ” लम्बा और २.५ ” मोटा लंड सनसनाकर खड़ा हो गया था और मैं उसको ठंडा करने के बारे में सोच रहा था । मैं अपने भाग्य को कोस रहा था कि क्यों मैंने पहले ऐसा नजारा नहीं देखा। सफ़ेद रंग के ब्लाउज़ से निकलता स्तन बेचैनी कर रहा था। मैं अपने शरीर में गर्मी महसूस करने लगा। मेरे दिमाग में एक आइडिया आया और मैं भाभीजी को बोला “भाभीजी आप कपड़े धोइए मैं पानी डाल देता हूं”। उसने हाँ कहा और मैं पानी डालने लगा। मैं पानी डालते समय दो चार छींटे उसके ब्लाउज़ पर जानबूझकर डाल देता था और वो मुस्कुरा देती। मैं एक हाथ से अपना लंड पकड़ रहा था और दूसरे हाथ से पानी डाल रहा था। कुछ देर बाद भाभी का सारा ब्लाउज़ भीग गया और मैं सकते में आ गया। उसके भीगे ब्लाउज़ से लाल लाल निप्पल साफ़ दिखाई देने लगे या यूं कहूं कि वो ऊपर से पूरी तरह नंगी हो गई।

यह कहानी भी पड़े  मेरी पत्नी मिनी और डोली भाभी--2

Pages: 1 2 3 4



error: Content is protected !!