मिनी का वीडियो

मैं रजत एक हृष्ट-पुष्ट लड़का हूँ, मेरी उम्र साढ़े उन्नीस की वर्ष है। मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ और आज आप सबको अपने जीवन का एक ऐसा सच बताने वाला हूँ जिसे अधिकतर सब गुप्त ही रखते है। पाठकों को मैं यह बताना चाहूँगा कि इस लेख की रचना तो मैंने ज़रूर की है लेकिन मेरी बहन मीनाक्षी ने ही मेरी इस कहानी को संपादित किया है और वही इस कहानी की प्रेषिका भी है। मैं अपनी इस रचना को अपनी बहन मीनाक्षी को समर्पित कर रहा हूँ क्योंकि वह ही इसकी असली हकदार है।

यह घटना लगभग पाँच माह पहले की है जब गर्मियों की छुट्टियाँ शुरू ही हुई थी और एक महीने की छुट्टियों पर मेरी इक्कीस साल की बहन मीनाक्षी (मिनी) हॉस्टल से घर आई हुई थी। मिनी दिल्ली के एक मेडिकल कॉलेज में ऍम बी बी एस के तीसरे वर्ष की छात्रा है, वह मुझे से लगभग डेढ़ वर्ष बड़ी है लेकिन फिर भी अभी तक हम दोनों की एक दूसरे से बिल्कुल नहीं बनती थी, हम दोनों हर वक्त दो छोटे बच्चों की तरह एक दूसरे लड़ते झगड़ते और मार-पीट करते रहते थे।

क्योंकि मिनी के लड़की होने के नाते और घर से दूर हॉस्टल में रहने के कारण मेरे माँ और पापा, हमेशा उसका पक्ष ही लेते थे और उसे नहीं बल्कि हमेशा मुझे ही डांट देते थे, इसी कारण मैं हमेशा मिनी से बदला लेने की फिराक में रहता था और उसकी कोई न कोई कमजोरी ढूँढने में लगा रहता था लेकिन वह बहुत ही चालाक थी और मेरे को किसी बात का भी पता नहीं लगने देती थी।

मिनी को घर आये दूसरी रात ही हुई थी जब यह घटना घटित हुई जिसने हमारी लड़ाई झगडों को दूर कर हम दोनों के बीच में एक अटूट प्रेम की नींव डाल दी जो आज भी कायम है।

उस रात को बारह बज चुके थे, घर में सब सो रहे थे, अचानक हाल में से फ्रिज का दरवाज़ा बंद होने की आवाज़ से मेरी नींद खुल गई। मैंने उठ कर हाल में जाकर देखा लेकिन वहाँ किसी को भी नहीं पाया। मैंने घर के सामने और पीछे के दरवाज़ों का निरीक्षण किया और उन्हें भी बंद पाया। इसी असमंजस में कि वह आवाज़ किसने की होगी, मैं अपने सिर खुजलाता हुआ अपने कमरे की ओर चल दिया। जब मैंने माँ और पापा के कमरे के बाहर खड़े होकर उनकी आहट सुनने के चेष्टा की तो पापा के खर्राटे सुनाई दिए। तब मैंने मिनी के कमरे के बाहर खड़े होकर आहट सुनने की कोशिश की लेकिन मुझे कुछ ठीक से सुनाई ही नहीं दिया। आखिर में जब मैं अपने कमरे की तरफ बढ़ने लगा तभी मुझे मिनी के दरवाज़े के नीचे से बाहर आती हुई रोशनी पर नजर पड़ी तो मेरे पाँव वहीं रुक गये।

जैसे ही मैंने दरवाज़े को हाथ लगाया तो उसे खुला हुआ पाया और मेरा हाथ लगते ही वह थोड़ा सा खुल भी गया। मैंने दरवाज़ा को हल्का सा धकेल कर थोड़ा और खोल कर अंदर झाँका तो दंग रह गया !

मैंने देखा कि मिनी अपने बिस्तर पर बिल्कुल नग्न, दोनों टांगें चौड़ी कर के लेटी हुई थी और उसके हाथ में एक आठ इंच लंबा और डेढ़ इंच मोटा बैंगन था जिस पर वह कंडोम चढ़ा कर अपनी चूत के अंदर बाहर कर रही थी !

यह सब देख कर मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ कि अब मुझे मिनी से बदला लेने का मौका मिल गया था। मैं भाग कर अपने कमरे में गया और अपना हैंडी-कैम ले आया और उस थोड़े से खुले दरवाज़े में से मिनी के उस करतूत की वीडियो बनाने लगा। वीडियो बनाते समय मैंने कुछ दूर के और कुछ क्लोज-अप नज़ारे भी रिकार्ड किये। क्लोज-अप सीन में जो मैंने देखा था उससे हुई उत्तेजना के कारण मेरा साढ़े सात इंच लंबा और दो इंच मोटा लौड़ा एकदम तन गया था। मैं मिनी के गुप्तांगों को पहली बार देख रहा था इसलिए उत्तेजित होना तो स्वभाविक था, लेकिन उस समय मेरे मन में आ रहे विचारों का उस उत्तेजना में ज्यादा सहयोग था।

लगभग बीस मिनट तक मैं मिनी का वीडियो बनाता रहा और जब उसने बैंगन निकल कर एक तरफ़ रख दिया और चादर औढ़ कर बैड-स्विच से लाईट बंद करने लगी तब मैं वहाँ से हट गया।

उसके बाद मैंने अपने कमरे में जाकर उस वीडियो को अपने लैपटॉप में डाउनलोड किया और उस वीडियो को तीन सी.डी. में भी रिकॉर्ड कर दी। दो सी.डी. तो मैंने अपनी अलमारी के लॉकर में छुपा कर रख दीं और एक सी.डी. को मैंने अपनी मेज़ के दराज़ में रख दिया। इसके बाद मैंने उस वीडियो को दो बार चला कर देखा और बढ़िया क्लोज-अप सीन देख कर इतना उत्तेजित हुआ कि दो बार मुठ भी मार ली। वीडियो बहुत ही बढ़िया बनी थी, बिल्कुल इंटरनेट में दिखने वाली वीडियो की तरह थी। मैं यह सोच कर रोमांचित हो रहा था कि जब यह वीडियो मिनी देखेगी तो उसकी क्या प्रतिक्रिया होगी।

रात के तीन बज चुके थे, मैंने लाईट बंद की और यह सी.डी. मिनी को कैसे दिखाऊँ इस के बारे में सोचते सोचते सो गया। सुबह नौ बजे मेरी नींद खुली तो मैं हाल में गया और वहां मिनी को देख कर मुझे रात का सारा दृश्य मेरी आँखों के सामने घूम गया और मैं वह सी.डी. मिनी को कैसे दिखाऊँ के बारे में फिर से सोचने लगा।

इसी उलझन में मैं तैयार होकर जब नाश्ते के लिए मेज़ पर आया तो माँ ने बताया कि वह और पापा उसी दिन कुछ देर के बाद शहर से बाहर जा रहे थे और अगले दिन रात तक ही वापिस आयेंगे। जाते जाते माँ ने कई निर्देश दिए कि हम दोनों बहन भाई कोई झगड़ नहीं करेंगे और कामवाली को भी तंग नहीं करेंगे तथा कामवाली को रात के लिए बिस्तर देकर रसोई में ही सुला देंगे।

मैं बहुत खुश था कि आज से लेकर अगले दिन रात के बीच में मुझे कभी न कभी तो मिनी को वह सी.डी. दिखाने का मौका मिल ही जायेगा।

दस बजे माँ और पापा जी चले गए, तब मिनी ने कहा- मैं शॉपिंग के लिए बाज़ार जा रही हूँ, दो तीन घंटे में वापिस आऊँगी, तू घर में ही रहना !

मिनी के जाने के बाद मैं कुछ देर तो हॉल में बैठा सोचता रहा और फिर मैंने मेज़ के दराज़ से सी.डी. निकाल कर मिनी के कमरे गया और उस वीडियो को उसके लैपटॉप में लोड कर दिया, फिर लैपटॉप को ऐसे सेट कर दिया कि जब भी मिनी लैपटॉप को चलाएगी तो वह सी.डी. चालू हो जाए और वह वीडियो अपने आप चलने लगेगा !

मैंने सी.डी. को इसीलिए मिनी के लैपटॉप के सी.डी. प्लयेर में ही छोड़ दी और उसको बंद करके वहीं रख दिया तथा अपना लैपटॉप ले कर हॉल में आ कर बैठ गया और गेम खेलने लगा !

लगभग एक बजे मिनी वापिस आई, बाजार से खरीदा हुए सामान अपने कमरे में रख कर वापिस हाल में आ कर बैठ गई ! जब काम वाली मिनी को पानी पिलाने के लिए आई तो उसने उसको को खाना परोसने को कह दिया और फिर हम दोनों ने एक साथ बैठ कर खाना खाया !

खाना खाकर मैं तो अपना लैपटॉप उठा कर अपने कमरे में चला गया और मिनी अपने कमरे में चली गई !

मैं अपने कमरे में जा कर अपने कपड़े उतार कर सिर्फ जांघिये में ही बैठ गया और मिनी के आने का इंतज़ार करने लगा। मुझे वह इंतज़ार का हर एक क्षण एक घंटे का लग रहा था। लगभग एक घंटे के बाद मुझे जिस की आशा थी वही हुआ !

मिनी गुस्से से मेरे कमरे में आई और मुझे पूछने लगी कि क्या मैंने उसके लैपटॉप को छुआ था तो मैंने साफ़ मना कर दिया।

वह कहने लगी कि किसी ने बहुत ही बेहूदी हरकत की थी और उसके लैपटॉप में गन्दी वीडियो की सीडी लोड कर दी !

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मैंने जब उसे वह वीडियो दिखाने के लिए कहा तो वह थोड़ा झिझक गई ! मेरे बार बार कहने पर वह वीडियो दिखाने को राज़ी हो गई और अपने कमरे से अपना लैपटॉप ले आई और मुझे देकर कमरे से बाहर जाने लगी तो मैंने उसे पकड़ कर वहीं बिठा दिया और उसे कहा कि वह खुद ही उस वीडियो चला के दिखा दे, वर्ना बाद में तो यही कहेगी कि मैंने उसके लैपटॉप में कुछ कर दिया है !

मेरे जोर देने पर वह बैठ गई और वीडियो चला कर मुँह दूसरी ओर कर के बैठ गई। वीडियो देखने के बाद मैंने उसे बताया कि यह वीडियो तो उसी का है और उसके कमरे में ही बनाया हुआ है?

मैंने उसे कहा कि वह उस वीडियो को एक बार फिर देख ध्यान से देख ले। मिनी ने उस वीडियो को एक बार ध्यान से देख कर मेरी ओर थोड़ा असमंजस से देखने लगी। फिर थोड़ा झेंप कर कहा कि यह वीडियो तो उसी का है और उसी के कमरे में कल रात को ही बनाया गया लगता है।

मिनी की बात सुन कर मैंने झट से कह दिया- मुझे तो लगता है कि यह वीडियो तूने खुद ही बनाया है?

तो वह गुस्सा हो गई!

जब मैंने मिनी से पूछा कि क्या सच में वह ऐसे खेल भी खेलती है तो वह झेंप कर वहाँ से चली गई।

कुछ देर बाद अपनी झेंप मिटाने के बाद मिनी मेरे कमरे में वापिस आई और उस वीडियो का रहस्य जानने के लिए वह बिल्कुल मेरे पास आ कर बैठ गई और मेरी नंगी जांघों पर हाथ फेरते हुए पूछती रही कि क्या वह वीडियो रात को मैंने ही बनाया था! लगभग आधा घंटे तक मिनी को तंग करने के लिए मैं टालमटोल करता रहा और उसके बाद मैंने उसे रात वाली सारी बात विस्तार से बता दी! तब उसके पूछने पर कि ऐसा करते हुए क्या मुझे शर्म नहीं आई थी, तो मैंने जवाब में कह दिया कि ना तो मैं नंगा था और ना ही मैं बैंगन से खेल रहा था, इसलिए मुझे क्यों शर्म आनी थी!

मेरी यह बात सुन कर वह चुप हो गई और मुझे उस वीडियो को कैमरे से मिटाने को कहा।

कुछ देर बाद अपनी झेंप मिटाने के बाद मिनी मेरे कमरे में वापिस आई और उस वीडियो का रहस्य जानने के लिए वह बिल्कुल मेरे पास आ कर बैठ गई और मेरी नंगी जांघों पर हाथ फेरते हुए पूछती रही कि क्या वह वीडियो रात को मैंने ही बनाया था! लगभग आधा घंटे तक मिनी को तंग करने के लिए मैं टालमटोल करता रहा और उसके बाद मैंने उसे रात वाली सारी बात विस्तार से बता दी! तब उसके पूछने पर कि ऐसा करते हुए क्या मुझे शर्म नहीं आई थी, तो मैंने जवाब में कह दिया कि ना तो मैं नंगा था और ना ही मैं बैंगन से खेल रहा था, इसलिए मुझे क्यों शर्म आनी थी!

मेरी यह बात सुन कर वह चुप हो गई और मुझे उस वीडियो को कैमरे से मिटाने को कहा।

यह सुन कर मैंने उसके सामने एक शर्त रख दी कि माँ और पापा के वापिस आने तक अगर वह मेरा सब कहा मानेगी तभी मैं उस वीडियो को कैमरे से मिटा दूँगा !

मेरी शर्त सुन कर वह पहले तो चुप रही लेकिन थोड़ी देर के बाद मेरा कहा मान गई और मुझसे पूछने लगी कि उसे क्या करना होगा !

उसकी हाँ सुन कर मुझे बहुत खुशी हुई और मैंने उसे कह दिया कि मैं उसे अपने सामने बिल्कुल नंगा देखना चाहता था ! वह पांच मिनट तक मिनी वहीं खड़ी खड़ी कुछ सोचती रही और फिर कहा कि उसे शर्म आ रही थी और वह चाहती थी कि मैं खुद ही उसके कपड़े उतार दूँ !

तब मैंने आगे बढ़ कर पहले उसकी कमीज़ और सलवार उतार दी और उसके बाद उसकी ब्रा और पैंटी के ऊपर से ही उसके गुप्तांगों को अच्छी तरह मसल दिया। फिर मैंने उसकी ब्रा उतार दी और उसके मम्मों को दबाने लगा। उसने इस पर जब एतराज़ किया तो मैंने उसे शर्त की याद दिलाई तो वह चुपचाप जैसा मैं कहता वैसा ही करती रही।

फिर मैंने मिनी को अपनी गोद में बिठाया और दस मिनट तक उसके मम्मे चूसे तथा उसकी चूचुक को अंगूठे और उंगली के बीच में ले कर मसलता रहा। इसके बाद मैंने मिनी को बिस्तर पर लिटा दिया, उसके होंटों को चूमता तथा चूसता रहा और वह चुपचाप लेटी मेरे चुम्बनों का सकारात्मक उत्तर देती रही।

कुछ देर उसके मखमली बदन को मसलने के बाद मैंने उसकी गीली पैंटी उतार दी और उसकी प्यारी चूत पर हाथ फेरने लगा। तब मैंने मिनी से पूछा कि अब उसे शर्म क्यों नहीं आ रही थी, तो उसने कहा कि मैं रात को भी और वीडियो में भी उसे ऐसी ही हालात में देख ही चुका था, इसलिए अब वह कैसी शर्म करे !

थोड़ी देर के बाद मैंने उसकी टाँगें चौड़ी की और उसकी चूत पर अपना मुँह रख दिया। मैं उसकी चूत में जीभ डाल कर अंदर बाहर करने लगा, उसकी चूत के होंटों को चूसता रहा और उसके भग-शिश्न को जीभ से रगड़ता रहा। वह सी.. सी.. अंहह्ह्ह… अंहह्ह्ह… करती रही और देखते ही देखते उसकी चूत का पानी छूट गया, मैंने वो सारा पानी पी लिया और उसकी चूत को भी चाट चाट कर साफ़ कर दिया !

इतनी प्यारी चूत को चूसने के कारण मेरा लौड़ा तन कर फौलाद का हो गया था इसलिए मैंने अपने जांघिये को उतार दिया और तना हुआ लौड़ा मिनी के हाथ में दे दिया। मिनी कुछ देर मेरे साढ़े सात इंच लंबे और दो इंच मोटा लौड़े तथा ढाई इंच मोटे टट्टों को अपने हाथों में पकड़ कर मसलती रही, फिर मेरे अनुरोध करने पर उसने मेरे लौड़े को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी और अगले दस मिनट तक वह मेरे लौड़े को बहुत ही प्यार से चूसती रही तथा मुझे इतना उत्तेजित कर दिया कि मेरा कुछ वीर्य उसके मुँह में ही छूट गया ! मिनी ने बड़े चाव के साथ मेरा वह वीर्य पी लिया और फिर मेरे लौड़े को चाट चाट कर चमका दिया। अब हम दोनों ठण्डे पड़ गए थे इसलिए मैंने मिनी को अपनी बाहों में भर कर उसे अपने पास लिटा लिया और उसके होंटों पर अपने होंट रख दिए। हम दोनों एक दूसरे के होंटों को चूसते रहे, अपनी अपनी जीभ को एक दूसरे के मुँह ने घुमाते और चूसते रहे!

पांच मिन्ट के बाद हम अलग हुए और सेक्स के बारे में बातें करने लगे। जब मैंने मिनी से पूछा कि उसने पहले भी कोई लौड़ा देखा है तो उसने बताया कि डॉक्टरी की पढ़ाई में तो उसने बहुत से लौड़े देखे थे।

मैंने पूछा कि मेरा लौड़ा कैसा लगा तो उसने कहा कि सामान्य से लंबा है, मोटा है और ताकतवर भी लगता है लेकिन जब तक इसका प्रदर्शन नहीं देख लेगी तब तक कुछ नहीं कह सकती थी। मेरे पूछने पर कि क्या उसने कभी किसी के साथ संभोग किया, तब उसने कहा कि चुदाई तो नहीं की थी लेकिन लौड़े जरूर चूसे थे और उसमें से निकला हुआ वीर्य भी पिया था।

फिर मैंने पूछने पर कि मेरे वीर्य और दूसरों के वीर्य के स्वाद में क्या अंतर था तो उसने बताया कि मेरा वीर्य गाढ़ा है कुछ ज्यादा नमकीन और थोड़ा खट-मीठा है !

जब मिनी ने अपनी चूत के पानी का स्वाद के बारे में पूछा तो मैंने बता दिया कि नमकीन था लेकिन अच्छा लगा तभी तो पी गया था।

इसके बाद मिनी ने मुझसे पूछा कि मैंने पहले किसी की चूत देखी है तो मैंने बताया कि इंटरनेट के इलावा दो माह पहले माँ की चूत देखी थी !

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उसके बार बार पूछने पर मैंने बताया कि एक दिन जब मैं अचानक माँ के कमरे में गया था तो देखा था कि माँ अपनी चूत के बाल साफ़ कर रही थी और मैंने उसकी वीडियो भी बना ली थी। जब मिनी ने वह वीडियो देखने के लिए बहुत अनुरोध किया तब मैंने वह वाली सीडी निकाल कर लैपटॉप पर लगा दी और हम दोनों उसे देखने लगे।

माँ की चूत पर से काले बाल साफ़ होने के बाद वह बिल्कुल सफ़ेद और चिकनी हो गई थी जिसे देख कर मेरा लौड़ा एकदम खड़ा हो गया। मिनी की चूत भी गीली हो गई थी और वह उसे खुजाने लगी थी। विडियो के अंत होने तक मिनी को तो बहुत ही जोश आ गया और वह मेरा लौड़ा पकड़ कर हिलाने लगी, मैं भी मिनी के मम्मों और चुचुकों को मसलने लगा था और उसकी चूत में उंगली करने लगा।

कुछ ही देर में हम दोनों उत्तेजना की चरम सीमा पर पहुँच गए तो मैंने मिनी तो बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी टाँगें उठा कर अपने कंधे पर रख ली और उसकी चूत के होंटों को फैला कर अपने लौड़े का सुपारा उनके बीच में रख दिया। मेरे लौड़े के सुपारे का स्पर्श अपनी चूत पर महसूस करते ही मुझे लगा कि मिनी के सारे बदन में बिजली सी कौंध गई थी और उसके शरीर में सनसनी सी होने लगी थी !

मेरे लंबे, मोटे और दमदार लौड़े का मिनी की चूत के होंठों से छूने भर से ही जैसे वह जोश में आ गई थे और चुदने के लिए उसने अपने चूतड़ ऊपर उठा दिये ! उसकी उठी हुई चूत को निशाना लगा कर मैंने एक जोरदार धक्का मारा तो वह दर्द के मारे चिल्ला उठी क्योकि इस धक्के से मेरे लौड़े का ढाई इंच मोटा सुपारा एक झटके से उसकी संकरी सी चूत में घुस गया था! वह चिल्लाई और दर्द से तड़प उठी थी, उसकी चूत में से खून भी निकलने लगा था !

इससे पहले कि मिनी अपने आप को संभाल पाती, मैंने एक जोरदार धक्का और लगा दिया तथा अपना आधा लौड़ा मिनी की चूत में घुसेड़ दिया !

उसने एक बहुत ही जोर से चीख मारी और दर्द के मारे तड़पने लगी थी, उसके चेहरे पर पसीना आ गया था, उसकी आँखों में से आँसू निकल पड़े थे। जब मैंने मिनी से उसके रोने का कारण पूछा तो उसने बताया कि वह पहली बार चुद रही थी और मैंने इतनी जोर से धक्का मार कर उसकी चूत ही फाड़ दी थी इसलिए वह रोये नहीं तो क्या करे !

पांच मिनट तक वह चीखती, चिल्लाती और रोती रही थी, लेकिन कुछ देर के बाद वह थोड़ी शांत हो गई और मेरे पूछने पर कि अब दर्द कम हुआ, तब उसने कह दिया कि अब वह ठीक है और मैं बाकी का लौड़ा उसकी चूत में डाल सकता हूँ !

यह सुन कर मैंने लौड़े को थोड़ा सा बाहर निकला और एक जोरदार धक्का लगा कर अपने पूरा लौड़ा उसकी चूत में फिट कर दिया। मिनी दर्द के मारे बहुत जोर से चिल्लाई और हाथ पैर पटक कर तड़पने लगी, उसका सारा बदन पसीने से नहा गया था, उसकी आँखों में से आँसुओं की धारा बह निकली थी। कुछ देर के लिए मैं उसी तरह उसके ऊपर लेट गया और उसके शांत होने का इंतज़ार करने लगा !

पांच मिनट के बाद मैंने थोड़ा ऊपर हो कर मिनी के मम्मों और चुचूक को चूसना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से उसकी चूत में हलचल होने लगी थी और वह गीली भी होने लगी थी।

तब मिनी ने बताया के उसका दर्द अब कम होने लगा था और मैं चुदाई की क्रिया को आगे बढ़ा सकता हूँ !

मैंने लौड़े को चूत में पांच-छह बार आहिस्ता आहिस्ता अंदर बाहर किया और फिर तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए और पांच मिनट में ही उसकी चूत के पानी की पहली किश्त निकल गई ! मिनी को भी अब आनन्द आने लगा था इसलिए वह मेरे धक्कों का उछल उछल कर ज़वाब देने लगी थी। अगले दस मिनट में उसकी चूत ने पानी की तीन किश्तें और निकाल दी तथा उसके अंदर की आग को और बढ़ा दिया!

मिनी उंहह्ह्ह… उंहह… अह्ह… अह्हह… करते हुए मुझे बताया कि उसके अंदर की आग धूं धूं कर के भड़क उठी थी और अब उसको बुझाने के लिए मुझे उस पर बौछार कर देनी चाहिए थी ! यह सुन कर मैंने अपनी रफ़्तार बहुत ही तेज कर दी, हम दोनों की साँसें फूलने लगी और पसीने से नहा गए थे ! अगले पाँच मिनट में जैसे ही उसकी चूत दूसरी बार सिकुड़ी तभी मेरा लौड़ा भी फूल गया !

इधर मिनी की चूत ने मेरे लौड़े को जैसे ही कस के जकड़ा और अंदर की ओर खींचा तो उसमें वीर्य की बौछारें निकली और उधर उसकी चूत के अंदर से भी पानी की बाढ़ छूटी !

इस आनन्दमयी क्षण में मेरी और मिनी की दुश्मनी समाप्त हो गई तथा हम दोनों के बीच में अटूट प्रेम की नींव रख दी गई थी !

मैंने अपने लौड़े को मिनी की चूत में ही रहने दिया और निढाल हो कर उसके ऊपर ही लेट गया। अब मिनी भी शीतल पड़ गई थी और मेरे होंटों और चेहरे को बार बार चूमती रही !

बीस मिनट ऐसे ही लेटे रहने के बाद मिनी के कहने पर मैं उसके मम्मों और चूचुकों चूसने लगा ! तब उसकी चूत में हलचल होने लगी और मेरे लौड़े का आलस्य भी दूर हो गया और वह चूत के अंदर ही तन गया ! मिनी ने अपने चूत को सिकोड़ कर मेरे लौड़े की कठोरता को परखा और मुझे एक बार फिर उसे चोदने का आग्रह करने लगी।

यह सुन कर मैं आहिस्ता आहिस्ता लौड़े को चूत के अंदर बाहर करने लगा। लगभग पांच मिनट वैसे ही चुदने के बाद मिनी ने तेज़ी से चुदाई करने को कहा !

उसकी बात मान कर मैं तेज़ी से धक्के मारने लगा जिसकी वजह उसके चूत सिकुड़ कर मेरे लौड़े से चिपक गई थी और मेरे लौड़े को भरपूर रगड़ लगाने लगी थी !

दस मिनट की तेज़ चुदाई के कारण मिनी की चूत में से तीन बार पानी की लहरें छूटीं ! मिनी को शायद संतुष्टि नहीं मिल रही थी इसलिए वह बार बार तेज़, बहुत तेज धक्के देने को कहती रही ! मैं मिनी की बात मान कर बहुत तेज धक्के लगाने लगा जिसकी वजह से उसकी चूत तेज़ी से सिकुड़ने लगी और मेरा लौड़ा फड़कने लगा। पाँच मिनट के बाद देखते ही देखते मिनी चूत एकदम से सिकुड़ गई और उसका बदन भी अकड़ गया तथा मेरा लौड़ा भी फूल गया और मेरा बदन भी ऐंठ गया !

हम दोनों एक साथ ही छूट गए और मिनी की चूत में उसका पानी और मेरे वीर्य का अमृतरस घुल गया।

मिनी और मैं पसीने से सरोबार एक दूसरे से चिपके हुए हांफ रहे थे ! हमारे बदन की अकड़ और ऐंठ समाप्त हो गई थी, मिनी की चूत ढीली पड़ गई थी तथा मेरा लौड़ा निढाल हो गया था ! कुछ समय के बाद मैंने अपना लौड़ा, जो मिनी की चूत में लगभग एक घंटा पहले घुसेड़ा था, को बाहर निकाला तो मिनी ने लपक के उसे पकड़ लिया और मुँह में लेकर चूस और चाट कर साफ़ कर दिया। फिर मिनी के आग्रह पर मैंने उसकी चूत को चूस तथा चाट कर साफ़ कर दिया।

शाम के पाँच बज चुके थे इसलिए हम दोनों उठ कर बाथरूम में गए और एक साथ स्नान कर तथा तैयार हो कर चाय पी और बाहर घूमने निकल गए ! दो घंटे घूमने के बाद हम दोनों आठ बजे घर पहुँचे तब मिनी ने कामवाली को रात का खाना बना कर मेज़ पर लगाने को कहा और अपने कमरे में चली गई !

मैं वहीं हाल में बैठा उसके आने का इंतज़ार करता रहा और रात को क्या होगा इसके बारे में सोचता रहा !



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