मेरी पत्नी यही तो चाहती थी

अब प्रदीप जी के मुख से ही आगे की दास्ताँ सुनिये।

मेरा नाम प्रदीप है.. उम्र 37 वर्ष है। पत्नी का नाम दीपशिखा है.. उसकी भी उम्र 37 वर्ष है। हम दोनों की शादी को 17 वर्ष हो चुके हैं। आपने मेरी पिछली समस्या सेक्स में पत्नी का अजीब व्यवहार पढ़ी और उसका समाधान भेजा.. उसका बहुत बहुत धन्यवाद।

उसके बाद मैंने मेरे दो बिल्कुल करीबी दोस्तों से भी बात की.. जो कि हम सभी बात आपस में खुलकर एक-दूसरे को बताते थे।
उन्होंने भी कहा कि तू एक बार उसके जबरदस्ती कर.. शायद बात बन जाए।

मैंने भी ठान लिया था
मैंने भी उनकी बात मान ली और अपने काम पर चला गया।
फिर रात का इंतज़ार करने लगा।

आज दीप का मूड नहीं था.. पर फिर भी मैंने उसे जैसे-तैसे मना लिया।
वो तुरंत ही पूरी नंगी हो गई और मुझे किस करने लगी, मेरे हाथ पता नहीं कब उसकी चूत और उसके दूध पर पहुँच गए।

वो मुझे बिस्तर पर लेटाकर 69 की पोजीशन में आ गई। लगभग 20 मिनट तक हम ऐसे ही रहे।
इस दौरान वो पानी निकाल चुकी थी। जब मेरा पानी निकलने वाला था.. तो मैंने उसे वहीं पर रोक दिया और उठकर उसे किस करने लगा।

वो भी मेरे बाल सहलाते हुए मुझे किस करने लगी।
किस करते हुए मैं उसके दोनों मम्मों को पागलों की तरह काटने लगा.. वो भी मजे से सिसकारियाँ भरने लगी ‘आअह्ह अह्ह्ह उम्म्म..’

मुझे भी पता नहीं क्या जोश आया कि मैं उसके मम्मों को और भी जोर से काटने लगा, वो और भी ज्यादा बदहवास होने लगी।
कुछ मिनट तक ऐसे ही सब चलता रहा।

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दीप बोली- अब रहा नहीं जाता..
लेकिन मैं कहाँ मानने वाला था, मैं फिर उसकी चूत चाटने लगा उसे और भी ज्यादा आनन्द आने लगा था।
इस बार तो वो 3-4 मिनट में ही झड़ गई।

वो अचानक गिड़गिड़ाने लगी और कहने लगी- प्लीज मत तड़पाओ ना।
मैं- अभी नहीं मेरी जान..

मैं अपना लण्ड उसके मुँह के पास ले गया तो उसने मना कर दिया।
फिर यहाँ से मेरा असली काम शुरू हुआ।

मैंने उसके बाल पकड़ कर उसके दोनों गालों पर लगातार 10-15 थप्पड़ लगाए.. उसके बाद जबरदस्ती उसके मुँह में मेरा लण्ड डाल दिया और मुँह को चोदने लगा।
उसके मुँह से सिर्फ ‘गुप्पप्प.. गुप्पप्प..’ की आवाज आ रही थी।

जब भी मेरा लन्ड उसके मुँह से बाहर आता.. मैं उसके दोनों गालों पर थप्पड़ मार देता और बोलता- माँ की लौड़ी.. चूस इसे।
वो फिर मेरे लौड़े को चूसने लगती।

मुझे इस तरह की हरकत करने में बड़ा मजा आ रहा था, उसके मुँह को चोदते-चोदते थूक भी बाहर आ रहा था।
वो थूक उसके मुँह पर ही पोंछ देता और फिर उसके गाल पर तमाचा मार देता।

थप्पड़ खाकर उसका पूरा गाल लाल पड़ गया था, वो भी इतनी गर्म हो गई थी कि उससे सब्र नहीं हो पा रहा था।
जब उसके सब्र की सीमा टूटी तो मुझे गाली देते हुए बोली- भोसड़ी के जब चोदना ही नहीं था.. तो इतना गर्म क्यों किया।

सिर्फ इतना सुनकर मेरा पारा गर्म हो गया गुस्से में मैंने दोनों गालों पर 10-12 थप्पड़ और जमा दिए और उसके बाल पकड़ कर उसे बिस्तर पर उल्टा पटक दिया।

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