झलक की पहली झलक

मैंने अहमदाबाद में नया रेस्तराँ खोला था जहाँ पर वो आया करती थी। उसकीउम्र करीब 19 साल के रही होगी और वो एक छरहरे बदन वाली पतली और लम्बी सीलड़की थी। वो हमेशा बहुत उदास लगती थी और बड़ी मुश्किल से उसके चेहरे परहंसी देखने मिलती थी।एक दिन वो अकेली ही आई और रोने लगी तो मुझसे रहा नहीं गया और मैं उसके पासगया। मैंने उससे उसका नाम पूछा और उसके रोने की वजह भी। तब तक मेरे मन मेंउसके लिए कोई सेक्स के विचार नहीं थे. मैं तो बस इंसानियत के नाते ही उसकीमायूसी की वजह पूछने यूं ही उसके पास चला गया था। मेरे पूछने पर उसने अपनानाम झलक बताया और वो मुझसे लिपट कर रोने लगी। मैंने उसे तब तो दूर हटा दियालेकिन फ़िर उसे बाहर बुलाकर अपनी गाड़ी में बिठाकर उसके रोने की वजह पूछी तोउसने बताया कि किसी जॉनी नाम के लड़के ने उसका दिल दुखाया था जिससे वो कभीबहुत प्यार करती थी।

जबकि वो लड़का अब दूसरी लड़की के साथ घूम रहा है। जोउससे बर्दास्त नहीं हुआ और वो उस दिन से उदास रहने लगी थी।मुझसे उसका रोना नहीं देखा गया तो मैंने ऐसे ही उसे कह दिया कि वो दुखी नहो और जो हुआ उसे भूल जाए क्योंकि आगे भी बहुत लम्बी जिंदगी पड़ी है, उसकीकिस्मत में कोई और अच्छा लड़का लिखा होगा। मैंने गाड़ी में ही उसका बदनसहलाया और उसे सांत्वना देने लगा। अनजाने में ही मेरा हाथ उसकी पीठ पर चलागया जहां पर उसके ब्रा की पट्टी मेरे हाथों को छू रही थी। वो मुझे कहनेलगी- आप बहुत अच्छे हैं ! मुझे आपकी कंपनी बहुत अच्छी लगती है।तो मैंने उसे कहा- जब भी मायूसी महसूस हो तो मुझसे फ़ोन पर कर लिया करना।और हम दोनों ने अपने फ़ोन नंबर का आदान प्रदान किया।

अब वो मुझे अक्सर फ़ोनकरने लगी और मैं भी उसे बच्ची समझ कर उसे खुश रखने के चक्कर में उससेबातें करने लगा।एक दिन मैं उसे फ़िल्म दिखने ले गया जिसका नाम था किलर। इमरान हाशमी केचुम्बन दृश्य देखकर मैं पलभर के लिए भूल गया कि वो मेरे सामने एक छोटीबच्ची है और मुझे उस नजर से नहीं देखती। पर मुझसे नहीं रहा गया और मैंनेउसे बाहों में लेकर उसके होठों का गहरा सा चुम्बन ले डाला। तो वो मुझसेनाराज हो गई और कहने लगी- आप मुझसे उम्र में बहुत बड़े है और मैं आपकी बहुतइज्जत करती हूँ, ऐसी गिरी हुई हरकत की मैंने आपसे उम्मीद नहीं की थी।तो मैं सकते में आ गया और पूरी मूवी उससे एक निश्चित अन्तर बनाकर बैठा रहाऔर उससे कोई बात नहीं की। फ़िल्म ख़त्म होते ही मैंने उसे गाड़ी में बिठायाऔर एक बार सॉरी बोलकर फ़िर उसके साथ कोई बातचीत नहीं की। पूरे रास्ते हमचुप ही रहे।

मैंने उसे उसके घर उतरने के समय पर फ़िर एक बार सॉरी कहा औरसोचने लगा कि मुझसे ऐसी छोटी हरकत कैसे हो गई। मुझे उसका चुम्बन याद आनेलगा। दो दिन तक उसका फ़ोन नहीं आया तो मैं समझा कि झलक मुझसे उस दिन की बातको लेकर नाराज़ हो गई है और मुझसे रिश्ता तोड़ दिया है, लेकिन फ़िर एक दिनवो मेरे रेस्तराँ पर आई और मेरे पास बैठ गई। मैं उसे देखकर बहुत खुश हुआलेकिन बहुत ही सावधानी बरतने लगा कि कहीं फ़िर से कोई गलती ना हो जाए ताकिवो मुझसे फ़िर से नाराज ना हो जाए।अचानक वो बोली- क्या मुझे अपनी कार में लॉन्ग ड्राइव पर नहीं ले जाओगे?

मैंने हाल ही में एक नई इम्पोर्टेड कार ली थी सो उसे ले गया। बारिश का मौसमथा और वो मेरी ड्राइविंग सीट के बाजू में बैठी थी, उसने मुझसे कहा- उस दिनकी घटना के बारे में मैंने बहुत सोचा और फ़िर मुझे लगा कि तुमने कोई गलतीनहीं की थी और काफ़ी सोचने के बाद मुझे सिर्फ़ आपका मेरे लिए प्यार ही दिखाईदिया। मैं यह भूल गई हूँ कि तुम मुझ से उम्र में इतने बड़े हो, मैं भी अबतुमसे प्यार करने लगी हूँ। बातों बातों में ही वो आप से तुम पर उतर आई थी, यह मुझे अच्छा लगा और मैंनेउसे अपनी बाहों में भर लिया और जोर से उसे चूमने लगा। इस बार उसने कोईविरोध नहीं किया बल्कि मेरा साथ देने लगी।मैंने बहुत ही लड़कियाँ चोदी थी लेकिन उसके जैसा चुम्बन का मज़ा मुझे कभी भीनहीं आया था सो मैं उसे करीब बीस मिनट तक चूमता रहा।

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कार एक साइड पर रुकीहुई थी और बारिश की वजह से हाइवे पर भी कोई नजर नहीं आ रहा था तो मैंने उसेकार की पिछली सीट पर जाने को कहा और मैं भी पीछे चला गया। इम्पोर्टेड कारकी पिछली सीट एक बड़ा सा बेड बन जाती है सो मैंने उसे बड़ा करके उसे अपनीबाँहों में ले लिया और फ़िर उसके होंठ चूसने लगा।इस बार उसने भी अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी और मुझे बेसब्री से चूमनेलगी। मेरे हाथ धीरे-धीरे उसके बदन पर रेंगने लगे थे। मैंने उसकी टी-शर्टऊपर उठा दी और उसके स्तन एक हाथ से दबाने लगा तो वो मेरे और भी करीब आ गई, उसके मुँह से अब आहें निकलने लगी थी, उसका मुँह लाल हो गया था, उसकी आंखेंबंद हो गई थी और वो मुझसे ऐसे लिपट गई थी जैसे कि कोई बेल पेड़ से लिपटीहो।आखिर मैंने उसकी टी-शर्ट और ब्रा दोनों निकाल दिए।

ओह माय गोड ! उसके स्तन क्या खूबसूरत थे ! छोटे से लेकिन बहुत ही ठोस !अब उससे भी सब्र नहीं हो रहा था तो वो मुझे कहने लगी कि उसे कुछ हो रहा है।उसका यह पहली बार था तो उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उसे क्या हो रहा है।मेरा भी वैसे तो इतनी कम उम्र की लड़की के साथ यह पहली बार ही तो था।मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया जो फ़ूल कर एक सख्त लोहे की छड़जैसा हो गया था। पहले तो उसने उसे पकड़ने से मना किया लेकिन बाद में वो मानगई और उस पर हाथ लगाया। लेकिन वो अभी भी शरमा रही थी और हाथों को कोई हरकतनहीं दे रही थी। सो उसकी शर्म दूर करने के लिए मैंने आखिर में अपनी पैंटऔर अन्डरवीयर खोल कर पूरा लंड निकाल कर उसके हाथ में दे दिया जो कि अब तनकर करीब साढ़े सात इंच का हो गया था और फ़ूल कर तीन इंच के लोहे के पाइप जैसेसख्त भी हो गया था। वो अभी भी हिचकिचा रही थी सो मेरे लंड पर हाथ रखकरबैठी रही।अब मैंने देर न करते हुए उसकी जींस उतार दी। उसने थोड़ी सी ना-नुकुर की,

बादमें सहमत हो गई तो मैंने उसकी अन्डरवीयर भी निकाल दी। अब हम दोनों नंगेथे। मैंने उसके ठोस स्तनों को चूसना शुरू किया। अचानक मैंने अपने लंड परउसके हाथ का दबाव महसूस किया तो मेरे रोंगटे खड़े हो गए। मैंने उसकी चूत केदर्शन करने के लिए अपना सर नीचे किया- क्या चूत थी उसकी ! हल्के से सुनहरेरोएँ ही आए थे उसके ऊपर ! और इतनी कसी हुई थी की मुश्किल से मेरी एक उंगलीभी उसमें न जा सके।मैंने उसकी चूत को एक हाथ से रगड़ना शुरु किया तो दूसरे हाथ से उसके स्तनदबाने लगा और मेरे होंठ अभी भी उसके होठों को चूस रहे थे। वो भी मुझे बराबरका साथ दे रही थी। उसकी आंखें नशे में बंद हो गई थी और वो बेसब्री से मेरेलंड को हाथों मे लिए अपनी चूत पर रगड़ने लगी। मैंने लंड को चूत से छूनेदिया तो मुझे वहाँ पर गीलापन महसूस हुआ। मैंने उंगली से देखा तो उसकी चूतपानी छोड़ कर एक दम चिकनी और मस्त हो गई थी। मैंने अब देर न करते हुए उसेलिटा दिया और उसके ऊपर आ गया।मैंने उसे पूछा- कभी सेक्स किया है?मैंने उसे पूछा- कभी सेक्स किया है?

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तो उसने मुझे ना कहा। मैंने अब हल्के से अपने लंड का सुपारा उसकी चूत मेंघुसेड़ा तो वो दर्द के मारे तिलमिला उठी और मुझे अपने ऊपर से धकेलने लगी।लेकिन मैंने उसे ठीक से पकड़ रखा था इसलिए वो हिल नहीं सकी। अब मैं ज्यादालंड अन्दर करने की बजाये उतना ही डाले हुए उसके स्तन दबाने लगा, साथ मेंउसे चूमने लगा।थोड़ी देर में ही उसकी चूत के पानी की वजह से लंड के सुपारे ने उसकी चूत मेंजगह बना दी तो वो नीचे से अपने कूल्हे ऊपर नीचे करने लगी। अब मेरे तर्जुबेने मुझे कहा कि चूत तैयार है, पेल दो।तो मैंने हल्का सा धक्का मारा और मेरा आधा लंड उसकी पनियाई चूत में घुस गयाऔर वो जोर से चिल्लाई। मैंने नीचे देखा तो उसकी चूत की ज़िल्ली फट गई थी औरउसमें से खून की दो बूंदे छलक आई थी।

पर मैंने उसका मुँह अपने होठों सेफ़िर एक बार बंद किया और आधा ही लंड उसकी चूत में डाले फ़िर से अपने मोटे लंडके लिए जगह बनाने लगा।उफ़ क्या कसाव था उसकी चूत में ! ऐसा लगता था कि मेरा लंड छिल जाएगा। एकदमकस के उसकी चूत की दोनों फ़ांकों ने उसे जकड़ रखा था। उसकी चूत बुरी तरह सेचौड़ी होकर फ़ैल गई थी और वो मेरे बाहों में से निकलने के लिए छटपटा रही थीलेकिन मैं कहाँ उसे छोड़ने वाला था अब।आहिस्ता से उसके प्यारे और मासूम से चेहरे पर से दर्द की लकीरें कम होनेलगी और वो अपनी गांड उछाल बैठी तो मैंने कस के जो एक धक्का मारा कि मेरापूरा लंड उसकी चिकनी चूत में समां गया और उसकी बच्चेदानी से जा टकराया।

उसने फ़िर एक बार चिल्लाने की कोशिश की लेकिन मेरे होठों ने उसे रोक दिया।अब मैं उसके ऊपर बिना कोई हरकत किए पड़ा रहा। थोड़ी देर के बाद जब वो सामान्यहुई तो मैंने धक्के मारने चालू किए। वो भी अब अपने दांतों को अपने होठोंसे भींच कर होने वाले दर्द को बर्दाश्त करने लगी। फ़िर उसे दर्द का एहसास कमहुआ तो उसने अपना मुँह खोल दिया और अपनी आंखें बंद कर ली और प्यार से अपनीगांड उचकने लगी।अब मैंने भी धक्के थोड़े से तेज कर दिए थे। थोड़ी देर में ही उसने मुझे जोरसे जकड़ लिया और गहरी सांसें लेने लगी तो मुझे पता चला कि उसका पानी निकलगया है।उसे उसकी चूत मे बुरी तरह से फंसे मेरे मोटे लंड का एहसास फ़िर एक बार होनेलगा और वो मुझसे अपना लंड निकालने को कहने लगी। मैंने उसे ढांढस बंधाया किथोड़ा सा दर्द होगा, पहली बार है इसलिए,

लेकिन फ़िर मज़ा आएगा।वो बहुत छटपटारही थी लेकिन मैंने उसे कस के रखा हुआ था जिससे वो निकल नहीं सकती थी। मेरालंड अभी भी उसकी चूत में बहुत कस के आ-जा रहा था। इतनी टाइट चूत मुझे बहुतअरसे के बाद मिली थी और इधर मेरा लंड था कि पानी छोड़ने का नाम ही नहीं लेरहा था। इधर झलक की हालत बहुत ही ख़राब हो रही थी। मैंने अब जोर से धक्केमारने शुरू कर दिए। मेरे धक्कों से वो और मेरी कार दोनों बुरी तरह से हिलरहे थे। 60 से 70 धक्कों के बाद आखिर में मेरे लंड ने पानी उगलना शुरू कियातो जैसे कि उसकी चूत में सैलाब ही आ गया। मेरे लंड ने इतना सारा पानीछोड़ा कि उसकी टाइट चूत से भी रिस कर बाहर आकर उसकी गांड के ऊपर से बहनेलगा। मेरा लंड अभी भी टाइट था और सिकुड़ने का नाम नहीं ले रहा था……



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